Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 5 Solutions – पापा खो गए (Vasant)

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 5 Solutions available here. Get complete question answers of chapter 5 – “पापा खो गए” from new Hindi book – वसंत (Vasant).

“पापा खो गए” बिहार बोर्ड कक्षा 7 हिंदी पाठ्यक्रम का पाँचवाँ अध्याय है, जो प्रसिद्ध मराठी नाटककार विजय तेंदुलकर द्वारा रचित एक मार्मिक नाटक है। इस नाटक में एक छोटे बच्चे की कहानी के माध्यम से बाल मनोविज्ञान और माता-पिता के बीच संवाद की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। छात्र इस नाटक से जानेंगे कि बच्चों को सिर्फ सुरक्षा ही नहीं बल्कि स्नेह, समझ और संवाद की भी आवश्यकता होती है। “पापा खो गए” अध्याय के सभी प्रश्न-उत्तर यहाँ उपलब्ध हैं।

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 5 Solutions Vasant

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 5 Solutions

SubjectHindi – वसंत (Vasant)
Class7
Chapter5. पापा खो गए
BoardBihar Board

नाटक से

प्रश्न 1. नाटक में आपको सबसे बुद्धिमान पात्र कौन लगा और क्यों?

उत्तर- नाटक में सबसे बुद्धिमान पात्र कौआ है। वह बहुत चतुर और समझदार है। वह आसपास की हर घटना पर नजर रखता है और अच्छे-बुरे लोगों को पहचानता है। उसकी सूझबूझ की वजह से ही बच्ची को एक दुष्ट व्यक्ति से बचाया जा सका। कौआ ने सही समय पर सही योजना बनाकर बच्ची की मदद की।

प्रश्न 2. पेड़ और खंभे की दोस्ती कैसे हुई?

उत्तर- पेड़ समुद्र के किनारे अकेला बड़ा हुआ था। कुछ समय बाद वहाँ एक खंभा लगाया गया। पेड़ ने खंभे से दोस्ती करने की कोशिश की, लेकिन खंभा उससे बात नहीं करता था। एक दिन खंभा हवा में हिलकर पेड़ पर गिरने वाला था। पेड़ ने उसे अपने ऊपर रोक लिया, जिससे खंभा बच गया। इस दौरान पेड़ को चोट लगी, लेकिन उसने खंभे को गिरने से बचा लिया। उस दिन से दोनों में गहरी दोस्ती हो गई।

प्रश्न 3. लैटरबक्स को सभी लाल ताऊ कहकर क्यों पुकारते थे?

उत्तर- लैटरबक्स का रंग पूरी तरह लाल था। इसलिए सभी उसे प्यार से लाल ताऊ कहकर बुलाते थे।

प्रश्न 4. लाल ताऊ किस प्रकार बाकी पात्रों से भिन्न है?

उत्तर- लाल ताऊ बाकी पात्रों से अलग है क्योंकि वह बहुत ज्ञानी और शांत स्वभाव का है। वह अकेले में भजन गाता रहता है और समाज की समस्याओं के बारे में सोचता है। भले ही वह निर्जन है, फिर भी वह समाज की चिंता करता है, जो उसे बाकी पात्रों से खास बनाता है।

प्रश्न 5. नाटक में बच्ची को बचानेवाले पात्रों में केवल एक सजीव पात्र है। उसकी कौन-कौन-सी बातें आपको मजेदार लगी? लिखिए।

उत्तर- नाटक में एकमात्र सजीव पात्र कौआ है, और वह बहुत मजेदार है। वह बहुत होशियार है और हर घटना पर नजर रखता है। उसने बच्ची को दुष्ट आदमी से बचाने के लिए चतुराई से काम लिया। सबसे पहले उसने “भूत-भूत” चिल्लाकर दुष्ट को डराया, जिससे वह बच्ची को छोड़कर भाग गया। फिर कौआ ने लैटरबक्स को सलाह दी कि वह बड़े अक्षरों में “पापा खो गए” लिखे, ताकि बच्ची के पापा उसे ढूंढ सकें। अगर पुलिस न आए, तो क्या होगा, इस सवाल पर भी कौआ ने सुझाव दिया कि लोग बच्ची के पापा को लैटरबक्स के पास लाएं। उसकी चतुराई और मजेदार योजनाएं बहुत पसंद आईं।

प्रश्न 6. क्या वजह थी कि सभी पात्र मिलकर भी लड़की को उसके घर नहीं पहुँचा पा रहे थे?

उत्तर- लड़की बहुत छोटी थी और उसे अपने माता-पिता का नाम या घर का पता नहीं पता था। इसलिए, सभी पात्र मिलकर भी उसे उसके घर नहीं पहुंचा पा रहे थे।

नाटक से आगे

प्रश्न 1. अपने-अपने घर का पता लिखिए तथा चित्र बनाकर वहाँ पहुँचने का रास्ता भी बताइए।

उत्तर- यह प्रश्न तुम्हें खुद करना है। अपने घर का पूरा पता लिखो, जैसे-गाँव, शहर, गली का नाम और घर का नंबर। फिर एक चित्र बनाओ जिसमें अपने स्कूल या किसी मुख्य जगह से घर तक का रास्ता दिखाओ। चित्र में 2-3 खास जगहें दिखाओ, जैसे-कोई मंदिर, दुकान, चौराहा या स्कूल। इससे रास्ता समझने में आसानी होगी।

प्रश्न 2. मराठी से अनूदित इस नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ क्यों रखा गया होगा? अगर आपके मन में कोई दूसरा शीर्षक हो तो सुझाइए और साथ में कारण भी बताइए।

उत्तर- नाटक का शीर्षक ‘पापा खो गए’ इसलिए रखा गया क्योंकि छोटी बच्ची अपने पापा से बिछड़ गई थी और उसे अपने पापा का नाम या घर का पता नहीं पता था। यह शीर्षक लोगों का ध्यान खींचता है, जिससे लोग बच्ची को उसके पापा तक पहुँचाने में मदद करते हैं। दूसरा शीर्षक ‘खोई हुई बच्ची’ हो सकता है। यह शीर्षक इसलिए ठीक है क्योंकि नाटक में बच्ची ही खोई है और सभी पात्र मिलकर उसे उसके परिवार तक पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रश्न 3. क्या आप बच्ची के पापा को खोजने का नाटक से अलग कोई और तरीका बता सकते हैं?

उत्तर- बच्ची के पापा को खोजने के लिए दो आसान तरीके हो सकते हैं:

  1. बच्ची का फोटो और उसका ब्योरा अखबार में छपवाना या टीवी पर दिखाना। साथ ही पोस्टर बनाकर गलियों, चौराहों और बस स्टैंड पर चिपकाना। इससे बहुत से लोग बच्ची के बारे में जानेंगे और उसके पापा को ढूंढने में मदद मिलेगी।
  2. बच्ची को पुलिस स्टेशन ले जाना। वहाँ उसकी जानकारी दर्ज करवानी चाहिए। पुलिस अपने तरीके से बच्ची के पापा को जल्दी ढूंढ सकती है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. अनुमान लगाइए कि जिस समय बच्ची को चोर ने उठाया होगा वह किस स्थिति में होगी? क्या वह पार्क/मैदान में खेल रही होगी या घर से रूठकर भाग गई होगी या कोई अन्य कारण होगा?

उत्तर- नाटक के अनुसार, जब चोर ने बच्ची को उठाया, तब वह सो रही थी। शायद वह किसी पार्क या सड़क के किनारे अकेली थी और थककर सो गई थी। हो सकता है वह अपने पापा के साथ कहीं गई हो और भटककर अकेली रह गई हो।

प्रश्न 2. नाटक में दिखाई गई घटना को ध्यान में रखते हुए यह भी बताइए कि अपनी सुरक्षा के लिए आजकल बच्चे क्या कर सकते हैं? संकेत के रूप में नीचे कुछ उपाय सुझाए जा रहे हैं। आप इससे अलग कुछ और उपाय लिखिए।

(i) समूह में चलना
(ii) एकजुट होकर बच्चा उठाने वालों या ऐसी घटनाओं का विरोध करना
(iii) अनजान व्यक्तियों से सावधानीपूर्वक मिलना।

उत्तर- बच्चे अपनी सुरक्षा के लिए ये उपाय कर सकते हैं:

  • हमेशा अपने माता-पिता का नाम, फोन नंबर और घर का पता एक छोटी डायरी में लिखकर रखें। इसे जेब में रखें ताकि जरूरत पड़ने पर काम आए।
  • अकेले सुनसान जगहों पर न जाएं और हमेशा अपने आसपास के लोगों पर न说的: नज़र रखें। अगर कोई अनजान व्यक्ति संदिग्ध लगे, तो तुरंत शोर मचाएं।
  • अगर कुछ गलत लगे, तो तुरंत अपने माता-पिता, शिक्षक या किसी बड़े को बताएं।

भाषा की बात

प्रश्न 1. आपने देखा होगा कि नाटक के बीच-बीच में कुछ निर्देश दिए गए हैं। ऐसे निर्देशों से नाटक के दृश्य स्पष्ट होते हैं, जिन्हें नाटक खेलते हुए मंच पर दिखाया जाता है, जैसे सड़क/रात का समय, दूर कहीं कुत्तों की भौंकने की आवाज़। यदि आपको रात का दृश्य मंच पर दिखाना हो तो क्या-क्या करेंगे, सोचकर लिखिए।

उत्तर- रात का दृश्य दिखाने के लिए मंच पर हल्की नीली रोशनी करेंगे, ताकि अंधेरा लगे। पृष्ठभूमि में चाँद और तारे चमकते हुए दिखाए जा सकते हैं। झींगुरों की आवाज़ और बीच-बीच में कुत्तों के भौंकने की आवाज़ चलाकर रात का माहौल बनाया जाएगा। मंच पर पेड़ या सड़क का छोटा-सा मॉडल भी रखा जा सकता है।

प्रश्न 2. पाठ को पढ़ते हुए आपका ध्यान कई तरह के विराम-चिह्नों की ओर गया होगा। नीचे दिए गए अंश से विराम चिह्नों को हटा दिया गया है। ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उपयुक्त चिह्न लगाइए।

मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी अरे बाप रे वो बिजली थी या आफत याद आते ही अब भी दिल धक धक करने लगता है और बिजली जहाँ गिरी थी वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था खंभे महाराज अब जब कभी बारिश होती है और तो मुझे उस रात की याद हो आती है अंग थर-थर काँपने लगते हैं।

उत्तर- मुझ पर भी एक रात आसमान से गड़गड़ाती बिजली आकर पड़ी थी। अरे बाप रे! वो बिजली थी या आफ़त? याद आते ही अब भी दिल धक-धक करने लगता है। और बिजली जहाँ गिरी थी, वहाँ खड्डा कितना गहरा पड़ गया था, खंभे महाराज! अब जब कभी बारिश होती है, तो मुझे उस रात की याद हो आती है। अंग थर-थर काँपने लगते हैं।

प्रश्न 3. आसपास की निर्जीव चीज़ों को ध्यान में रखकर कुछ संवाद लिखिए, जैसे

चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद
कलम का कॉपी से संवाद
खिड़की का दरवाज़े से संवाद

उत्तर-

चॉक का ब्लैक बोर्ड से संवाद

चॉक: ओह, ब्लैक बोर्ड भाई, हर दिन तुम पर घिसते-घिसते मैं छोटा होता जा रहा हूँ।
ब्लैक बोर्ड: अरे चॉक, तुम तो शिक्षक का हथियार हो! तुम्हारे बिना तो मैं सूना रहता। तुमसे लिखे शब्द बच्चों को इतना कुछ सिखाते हैं।
चॉक: सच में? फिर तो मुझे गर्व होना चाहिए।
ब्लैक बोर्ड: बिल्कुल! हम दोनों मिलकर क्लास को रंगीन बनाते हैं।

कलम का कॉपी से संवाद

कलम: कॉपी, तुम्हें मुझसे लिखा जाना कैसा लगता है?
कॉपी: बहुत अच्छा, कलम! जब तुम सुंदर-सुंदर अक्षरों में मुझ पर लिखती हो, तो मैं खुश हो जाती हूँ।
कलम: लेकिन जब कोई गलती करता है या स्याही फैलाता है, तब?
कॉपी: तब थोड़ा बुरा लगता है, पर तुम्हारे बिना मेरा क्या काम? तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो।

खिड़की का दरवाज़े से संवाद

खिड़की: दरवाज़े भाई, आजकल तुम इतना चरमर-चरमर क्यों कर रहे हो?
दरवाज़ा: अरे खिड़की, क्या बताऊँ, बच्चे मुझे इतने ज़ोर से खोलते-बंद करते हैं कि मेरे कब्ज़े ढीले हो गए।
खिड़की: हा हा, बच्चे तो शरारती होते ही हैं। थोड़ा सब्र रखो।
दरवाज़ा: सही कहती हो, पर तुम तो मज़े में हो, बस हवा का मज़ा लेती रहती हो!

प्रश्न 4. उपर्युक्त में से दस-पंद्रह संवादों को चुनें, उनके साथ दृश्यों की कल्पना करें और एक छोटा सा नाटक लिखने का प्रयास करें। इस काम में अपने शिक्षक से सहयोग लें।

उत्तर- यह प्रश्न तुम्हें खुद करना है। ऊपर दिए गए संवादों में से 10-15 संवाद चुनो। एक छोटी-सी कहानी सोचो, जैसे-क्लासरूम में चॉक, ब्लैक बोर्ड, कलम, कॉपी, खिड़की और दरवाज़ा आपस में बात कर रहे हैं। मंच पर क्लासरूम का दृश्य बनाओ, जहाँ ब्लैक बोर्ड दीवार पर हो, खिड़की से हवा आ रही हो, और दरवाज़ा खुल-बंद हो रहा हो। अपने शिक्षक की मदद से संवादों को नाटक का रूप दो।

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