Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 14 Solutions available here. Get complete question answers of chapter 14 – “संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज” from new Hindi book – वसंत (Vasant).
“संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज” बिहार बोर्ड कक्षा 7 हिंदी पाठ्यक्रम का चौदहवाँ अध्याय है, जिसमें विनीता पाण्डेय द्वारा लिया गया भारतीय हॉकी खिलाड़ी धनराज पिल्लै का प्रेरणादायक साक्षात्कार है। इस पाठ में धनराज अपने जीवन के संघर्षों, चुनौतियों और खेल के प्रति समर्पण की कहानी साझा करते हैं। छात्र इस साक्षात्कार से जानेंगे कि कैसे एक साधारण परिवार से आने वाला व्यक्ति अपने दृढ़ इरादे, कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त कर सकता है। “संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज” अध्याय के सभी प्रश्न-उत्तर यहाँ उपलब्ध हैं।

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 14 Solutions
Contents
| Subject | Hindi – वसंत (Vasant) |
| Class | 7 |
| Chapter | 14. संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज |
| Board | Bihar Board |
साक्षात्कार से
प्रश्न 1. साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।
उत्तर: धनराज पिल्लै का साक्षात्कार पढ़कर उनकी छवि एक साधारण, मेहनती, और विनम्र इंसान की बनती है। वे एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं और गरीबी में पले-बढ़े, फिर भी हॉकी में बड़ा नाम कमाया। इतनी प्रसिद्धि के बावजूद उनमें ज़रा भी घमंड नहीं है। वे लोकल ट्रेन से सफर करते हैं और आम लोगों की तरह जीवन जीते हैं। धनराज को अपनी माँ से बहुत प्यार है, और उनकी सिखाई विनम्रता को वे हमेशा अपनाते हैं। वे हॉकी के प्रति जुनूनी हैं और मुश्किलों के बावजूद कभी हार नहीं मानी। कुछ लोग उन्हें गुस्सैल समझते हैं, लेकिन असल में उनका दिल बहुत साफ और सरल है।
प्रश्न 2. धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफ़र का वर्णन कीजिए।
उत्तर: धनराज पिल्लै का जीवन मुश्किलों से शुरू हुआ, लेकिन उनकी मेहनत ने उन्हें हॉकी का सितारा बना दिया। वे गरीब परिवार से थे और हॉकी स्टिक खरीदने के पैसे भी नहीं थे। दोस्तों से उधार स्टिक लेकर और बाद में अपने भाई की पुरानी स्टिक से खेलना शुरू किया। उनकी मेहनत रंग लाई, और 16 साल की उम्र में 1985 में मणिपुर में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेलने का मौका मिला। 1986 में वे सीनियर टीम में चुने गए और अपने भाई के साथ मुंबई लीग में शानदार प्रदर्शन किया।
1989 में ऑलविन एशिया कप में जगह बनाई। इसके बाद वे लगातार मेहनत करते रहे और हॉकी में भारत का नाम रोशन किया। उनका यह सफर मेहनत और जुनून की मिसाल है।
प्रश्न 3. ‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है’–धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?
उत्तर: धनराज पिल्लै का कहना है कि उनकी माँ ने उन्हें सिखाया कि चाहे कितनी भी सफलता मिले, कभी घमंड नहीं करना चाहिए। प्रसिद्धि को विनम्रता से अपनाना चाहिए और सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। इस सीख को धनराज ने अपने जीवन में उतारा। चाहे वे कितने बड़े खिलाड़ी बन गए, उन्होंने हमेशा साधारण जीवन जिया और लोगों से प्यार से मिले। यह दिखाता है कि उनकी माँ की सीख ने उन्हें न सिर्फ़ बेहतर खिलाड़ी, बल्कि बेहतर इंसान भी बनाया।
साक्षात्कार से आगे
प्रश्न 1. ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
उत्तर: ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे हॉकी खेलने में इतने माहिर थे कि उनकी चालें जादू जैसी लगती थीं। उनकी स्टिक से गेंद इस तरह चलती थी जैसे वह उनके इशारे पर नाच रही हो। उन्होंने भारत को 1928, 1932, और 1936 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाए। ध्यानचंद गेंद को लेकर ऐसे-ऐसे दाँव खेलते थे कि विरोधी टीमें हैरान रह जाती थीं। उनकी तेज़ी, चतुराई, और गोल करने की कला ने उन्हें दुनिया भर में मशहूर किया। लोग कहते थे कि उनकी हॉकी स्टिक में जादू है!
प्रश्न 2. किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल कहा जाता है?
उत्तर: हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है क्योंकि यह बहुत पुराने समय से देश में खेला जाता रहा है। राजा-महाराजाओं से लेकर गाँव के लोग इसे बड़े शौक से खेलते थे। यह खेल ज्यादा पैसे या सामान की ज़रूरत के बिना खेला जा सकता है—पुराने समय में लोग पेड़ की टहनियों से बनी स्टिक से भी खेल लेते थे। हॉकी में भारत ने दुनिया भर में नाम कमाया, खासकर ध्यानचंद जैसे खिलाड़ियों ने ओलंपिक में कई स्वर्ण पदक जीते। यह खेल पूरे देश में लोकप्रिय है और आज भी शहरों से लेकर गाँवों तक खेला जाता है। इन सब कारणों से हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है।
प्रश्न 3. आप समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को चुनें, उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।
उत्तर: छात्र स्वयं करे।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए-‘क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।
उत्तर: हाँ, मैं धनराज पिल्लै की बात से पूरी तरह सहमत हूँ कि शोहरत हमेशा पैसा नहीं लाती। धनराज ने हॉकी में बहुत नाम कमाया, लेकिन वे लोकल ट्रेन से सफर करते थे और आर्थिक तंगी से जूझे। मेरे पापा ने मुझे बताया कि मशहूर लेखक प्रेमचंद और शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ को भी बहुत प्रसिद्धि मिली, लेकिन उनके पास हमेशा पैसे की कमी रही। मेरे गाँव में एक बहुत अच्छे शिक्षक हैं, जिन्हें सब सम्मान देते हैं, लेकिन उनकी कमाई ज्यादा नहीं है। इससे पता चलता है कि शोहरत और पैसा हमेशा साथ-साथ नहीं आते। मेहनत और अच्छे काम से मिली शोहरत ज्यादा कीमती होती है।
प्रश्न 2. (क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना आसान होता है या मुश्किल?
(ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं?
(ग) माफ़ी माँगना मुश्किल होता है या माफ़ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
(क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमें अपने गलत होने को स्वीकार करना पड़ता है, और कभी-कभी शर्मिंदगी या डर लगता है कि सामने वाला क्या सोचेगा।
(ख) हाँ, मैं और मेरे आसपास के लोग कई बार अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं। मसलन, अगर मैं गलती से अपने दोस्त का सामान तोड़ दूँ, तो माफ़ी माँगता हूँ। लेकिन कुछ लोग गलती मानने से हिचकते हैं और बहस करते हैं, खासकर अगर वे बड़े हों।
(ग) मेरे अनुभव से, माफ़ी माँगना आसान है, लेकिन माफ़ करना ज़्यादा मुश्किल होता है। माफ़ी माँगने के लिए बस एक बार सॉरी बोलना पड़ता है, और अगर दिल से बोला जाए, तो बात खत्म हो जाती है। लेकिन माफ़ करना तब मुश्किल हो जाता है जब कोई हमें बहुत दुख देता है। उदाहरण के लिए, मेरे दोस्त ने एक बार मेरी किताब फाड़ दी और सॉरी बोला, मुझे माफ़ करने में समय लगा क्योंकि मुझे बहुत गुस्सा आया था। माफ़ करने के लिए बड़े दिल की ज़रूरत होती है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिसमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए?
प्रेरणा, प्रेरक, प्रेरित
संभव, संभावित, संभवतः
उत्साह, उत्साहित, उत्साहवर्धक
उत्तर:
(क)
- प्रेरणा: धनराज पिल्लै की कहानी से मुझे मेहनत करने की प्रेरणा मिली।
- प्रेरक: हमारे शिक्षक का भाषण इतना प्रेरक था कि सभी बच्चे पढ़ाई के लिए उत्साहित हो गए।
- प्रेरित: माँ ने मुझे अच्छे काम करने के लिए प्रेरित किया।
(ख)
- संभव: अगर बारिश न हुई, तो आज पिकनिक जाना संभव है।
- संभावित: मौसम विभाग ने बताया कि कल बारिश की संभावित तारीख है।
- संभवतः: संभवतः मेरे दोस्त आज शाम को मेरे घर आएँगे।
(ग)
- उत्साह: हॉकी मैच देखने के लिए बच्चों में बहुत उत्साह था।
- उत्साहित: नया खेल सीखने के लिए मैं बहुत उत्साहित हूँ।
- उत्साहवर्धक: कोच के उत्साहवर्धक शब्दों ने खिलाड़ियों में जोश भर दिया।
प्रश्न 2. तुनुकमिज़ाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे बादल, बादर, बदरा, बदरिया, मयूर, मयूरा, मोर, दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम से कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।
उत्तर: कई शब्दों के अलग-अलग रूप होते हैं, जो बोलचाल या भाषा के आधार पर बदल जाते हैं। यहाँ चार शब्द और उनके रूप दिए गए हैं:
- आग – अग्नि, ज्वाला, आग्नेय
- चाँद – चंद्र, चंदा, चाँदनी
- पानी – जल, नीर, सलिल
- सूरज – सूर्य, रवि, दिनकर
सुझाव: आप शब्दकोश में इन शब्दों को देख सकते हो या अपने शिक्षक से पूछ सकते हो कि इनके और रूप क्या हैं। हिंदी कविताओं या कहानियों में भी ये अलग-अलग रूप मिलते हैं, जैसे ‘जल’ और ‘नीर’ पुरानी हिंदी में ज़्यादा इस्तेमाल होते थे।
प्रश्न 3. हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसे–फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं-गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि।
उत्तर: मुझे क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है। इस खेल से जुड़े कुछ शब्द हैं:
- रन – जब बल्लेबाज़ दौड़कर स्कोर बनाता है।
- चौका – गेंद जब रस्सी तक जाती है और चार रन मिलते हैं।
- छक्का – गेंद जब हवा में सीमा रेखा पार करती है और छह रन मिलते हैं।
- अंपायर – खेल के नियमों का ध्यान रखने वाला व्यक्ति।
- गेंदबाज़ी – गेंद फेंकने की क्रिया।
सुझाव: आप अपने पसंदीदा खेल, जैसे कबड्डी, बैडमिंटन, या खो-खो, के शब्द लिख सकते हो। अपने दोस्तों से पूछो कि उन्हें कौन-सा खेल पसंद है और उसके शब्द क्या हैं।
| Other Chapters |
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| 1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के |
| 2. हिमालय की बेटियाँ |
| 3. कठपुतली |
| 4. मीठाईवाला |
| 5. पापा खो गए |
| 6. शाम – एक किसान |
| 7. अपूर्व अनुभव |
| 8. रहीम के दोहे |
| 9. एक तिनका |
| 10. खानपान की बदलती तस्वीर |
| 11. नीलकंठ |
| 12. भोर और बरखा |
| 13. वीर कुँवर सिंह |
| 14. संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज |
| 15. आश्रम का अनुमानित व्यय |