Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 12 Solutions available here. Get complete question answers of chapter 12 – “भोर और बरखा” from new Hindi book – वसंत (Vasant).
“भोर और बरखा” बिहार बोर्ड कक्षा 7 हिंदी पाठ्यक्रम का बारहवाँ अध्याय है, जो भक्तिकालीन महान संतकवियित्री मीराबाई द्वारा रचित प्रसिद्ध पदों का संकलन है। इस कविता में मीराबाई ने अपने आराध्य श्रीकृष्ण के प्रति अपने अगाध प्रेम और समर्पण को प्रकृति के सुंदर रूपकों के माध्यम से व्यक्त किया है। छात्र इस कविता से भक्तिकाल की काव्य परंपरा, भक्ति रस और प्रकृति के साथ आध्यात्मिक भावों के संबंध को समझेंगे। “भोर और बरखा” अध्याय के सभी प्रश्न-उत्तर यहाँ उपलब्ध हैं।

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 12 Solutions
Contents
| Subject | Hindi – वसंत (Vasant) |
| Class | 7 |
| Chapter | 12. भोर और बरखा |
| Board | Bihar Board |
कविता से
प्रश्न 1. ‘बंसीवारे ललना’ ‘मोरे प्यारे लाल जी’ कहते हुए, यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और कौन-कौन-सी बातें कहती हैं?
उत्तर: यशोदा ‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’ और ‘लाल जी’ कहकर अपने प्यारे बेटे श्रीकृष्ण को जगाने की कोशिश करती हैं। वह प्यार भरे अंदाज़ में उनसे कहती हैं:
- मेरे लाल, अब जाग जाओ, रात बीत गई और सुबह हो गई है।
- गाँव में सबके घरों के दरवाज़े खुल गए हैं।
- गोपियाँ दही बिलो रही हैं और तुम्हारे लिए स्वादिष्ट मक्खन निकाल रही हैं।
- तुम्हारे दोस्त ग्वाल-बाल तुम्हारी जय-जयकार कर रहे हैं और तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं।
- सारे देवता और लोग तुम्हें देखने के लिए खड़े हैं।
इसलिए, हे कृष्ण, अब जल्दी उठो और अपनी मस्ती शुरू करो!
प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए- ‘माखन-रोटी हाथ मँह लिनी, गउवन के रखवारे।’
उत्तर: इस पंक्ति का मतलब है कि श्रीकृष्ण के दोस्त, जो गायों की रखवाली करते हैं, अपने हाथों में मक्खन और रोटी लिए इंतज़ार कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि कृष्ण जल्दी उठें और उनके साथ गाय चराने चलें। यह पंक्ति कृष्ण को प्यार से जगाने और उनके दोस्तों की उत्सुकता को दिखाती है।
प्रश्न 3. पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।
उत्तर: ब्रज में सुबह का नज़ारा बहुत सुंदर और जीवंत होता है। जैसे ही भोर होती है, गाँव में हलचल शुरू हो जाती है। गोपियाँ अपने घरों में दही बिलोने लगती हैं, और उनकी चूड़ियों की खनक से मधुर आवाज़ गूँजती है। हर घर में सुबह की पूजा और मंगल गीत गाए जाते हैं। ग्वाल-बाल गायों को चराने के लिए तैयार होकर जंगल की ओर चल पड़ते हैं। चारों तरफ खुशी और उत्साह का माहौल होता है, जैसे पूरा ब्रज कृष्ण के जागने का इंतज़ार कर रहा हो।
प्रश्न 4. मीरा को सावन मनभावन क्यों लगने लगा?
उत्तर: मीरा को सावन बहुत प्यारा लगने लगा क्योंकि सावन की बारिश की बूँदें उनके मन में खुशी और उमंग भर देती थीं। सावन का सुहावना मौसम और बारिश की फुहारें उन्हें ऐसा महसूस कराती थीं जैसे श्रीकृष्ण उनके पास आने वाले हों। इस मौसम में उनकी भक्ति और प्रेम श्रीकृष्ण के लिए और गहरा हो जाता था, इसलिए सावन उन्हें बहुत मनभावन लगता था।
प्रश्न 5. पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: सावन का मौसम बहुत सुहावना और खूबसूरत होता है। इसकी खास बातें हैं:
- आसमान में काले बादल इधर-उधर घूमते हैं और बारिश लाते हैं।
- बिजली चमकती है, जो आसमान को और रोमांचक बनाती है।
- छोटी-छोटी बारिश की बूँदें पड़ती हैं, जो धरती को ताज़ा कर देती हैं।
- ठंडी और सुहानी हवाएँ बहती हैं, जिससे मौसम बहुत अच्छा लगता है।
- चारों तरफ हरियाली छा जाती है, और प्रकृति खुशी से झूमने लगती है।
कविता के आगे
प्रश्न 1. मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उसकी एक एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर: मीरा भक्तिकाल की एक महान कवयित्री थीं। इस काल के कुछ अन्य प्रसिद्ध कवियों और उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं:
- कबीरदास – बीजक (उनके दोहे और साखियाँ बहुत प्रसिद्ध हैं)
- सूरदास – सूरसागर (श्रीकृष्ण की भक्ति से भरे भजन और कविताएँ)
- तुलसीदास – रामचरितमानस (श्रीराम की कहानी को भक्ति के साथ बताया)
- मलिक मुहम्मद जायसी – पद्मावत (अलाउद्दीन और रानी पद्मिनी की प्रेम कहानी)
ये कवि भक्ति और प्रेम को अपनी रचनाओं में सरल और सुंदर तरीके से व्यक्त करते हैं।
प्रश्न 2. सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा ऋतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।
उत्तर: सावन वर्षा ऋतु का सबसे खास महीना है। इसके अलावा दो अन्य महीने जो वर्षा ऋतु से जुड़े हैं, वे हैं:
- आषाढ़ – यह सावन से पहले आता है, जब बारिश शुरू होती है।
- भाद्रपद (भादों) – यह सावन के बाद आता है, जब बारिश कभी-कभी होती रहती है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है?
उत्तर: सुबह जब मैं जागता हूँ, तो मुझे खिड़की से आती ठंडी हवा और पक्षियों की चहचहाहट बहुत अच्छी लगती है। माँ का प्यार भरा आवाज़ देना और गरम चाय की खुशबू भी मुझे खुशी देती है। बाहर सूरज की हल्की रोशनी और ताज़ा हवा देखकर दिन की शुरुआत बहुत अच्छी लगती है।
प्रश्न 2. यदि आपको अपने छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े, तो कैसे जगाएँगे?
उत्तर: अगर मुझे अपने छोटे भाई या बहन को जगाना हो, तो मैं प्यार से उनके पास जाऊँगा। धीरे-धीरे उनके सिर पर हाथ फेरूँगा और उनका नाम लेकर कहूँगा, “उठो, सुबह हो गई! देखो, बाहर कितना अच्छा मौसम है!” अगर वे न उठें, तो उनकी पसंद का गाना हल्के से गुनगुनाऊँगा या कोई मज़ेदार बात बताऊँगा, जैसे “आज माँ तुम्हारा पसंदीदा नाश्ता बना रही है!” इससे वे हँसते-हँसते उठ जाएँगे।
प्रश्न 3. वर्षा में भींगना और खेलना आपको कैसा लगता है?
उत्तर: बारिश में भींगना और खेलना मुझे बहुत मज़ेदार लगता है। जब बारिश की बूँदें चेहरे पर पड़ती हैं, तो ठंडक और ताज़गी महसूस होती है। दोस्तों के साथ पानी में छप-छप करना, कागज़ की नाव बनाकर तैराना, या फुटबॉल खेलना बहुत मजा देता है। बारिश का शोर और हरियाली चारों तरफ खुशी भर देती है। बस, भींगने के बाद माँ की डाँट से थोड़ा डर लगता है!
प्रश्न 4. मीरा बाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है
(क) गाँव, गली या मुहल्ले में
(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर
(ग) नदी या समुद्र के किनारे
(घ) पहाड़ों पर।
उत्तर:
(क) गाँव, गली या मुहल्ले में:
गाँव या मुहल्ले में सुबह बहुत रौनक भरी होती है। सूरज की पहली किरण के साथ पक्षी चहचहाने लगते हैं। लोग जल्दी उठकर काम शुरू कर देते हैं। गाँव में गाय-भैंस रँभाती हैं, और दूधवाले की घंटी सुनाई देती है। गलियों में बच्चे खेलने निकलते हैं, और बड़े मंदिर या पार्क की सैर को जाते हैं। किसान खेतों की ओर चल पड़ते हैं। हर तरफ ताज़गी और खुशी का माहौल होता है।
(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर:
रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर सुबह के समय बहुत चहल-पहल होती है। ट्रेनों की सीटी और यात्रियों की बातें गूँजती हैं। लोग सामान लिए ट्रेन पकड़ने की जल्दी में दिखते हैं। चायवाले और नाश्ते की दुकानों से गरम-गरम खाने की खुशबू आती है। सफ़ाई कर्मचारी झाड़ू लगाते हैं, और स्टेशन पर अनाउंसमेंट की आवाज़ गूँजती है। यहाँ सुबह व्यस्त लेकिन रोमांचक होती है।
(ग) नदी या समुद्र के किनारे:
नदी या समुद्र के किनारे सुबह बहुत शांत और सुंदर होती है। पानी हल्के-हल्के लहराता है, और उसकी आवाज़ मन को सुकून देती है। सूरज की किरणें पानी पर चमकती हैं, जैसे कोई हीरे बिखरे हों। कुछ लोग सैर करने आते हैं, तो कुछ मछुआरे नाव लेकर निकलते हैं। आसपास की हरियाली और ठंडी हवा सुबह को और खूबसूरत बनाती है।
(घ) पहाड़ों पर:
पहाड़ों पर सुबह का नज़ारा जादुई होता है। सूरज धीरे-धीरे पहाड़ों के पीछे से निकलता है, और उसकी सुनहरी किरणें बर्फ या पेड़ों पर चमकती हैं। ठंडी-ठंडी हवा चलती है, और चारों तरफ शांति होती है। पक्षियों की हल्की चहचहाहट सुनाई देती है। दूर-दूर तक फैली हरियाली और बादलों का नाच देखकर मन खुश हो जाता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. कृष्ण को ‘गउवन के रखवारे’ कहा गया जिसका अर्थ है गौओं का पालन करनेवाले। इसके लिए एक शब्द दें
उत्तर: गोपाल
यह शब्द श्रीकृष्ण के लिए इस्तेमाल होता है, क्योंकि वे गायों की देखभाल करते थे और उन्हें बहुत प्यार करते थे।
प्रश्न 2. नीचे दो पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं, और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः उक्ति) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।
‘नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे’ ‘घर-घर खुले किंवारे’
इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोजकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है?
जैसे–मीठी-मीठी बातें, फूल-फूल महके।
उत्तर: पुनरुक्ति का मतलब है एक ही शब्द को दो बार बोलना या लिखना, जिससे बात में जोर और सुंदरता आती है। विशेषण की पुनरुक्ति में चीज़ का गुण (जैसे रंग, स्वाद) ज़्यादा दिखता है, जबकि संज्ञा की पुनरुक्ति में जगह या चीज़ की व्यापकता (हर जगह) ज़्यादा ज़ोर देती है।
विशेषण की पुनरुक्ति (चार उदाहरण):
- नरम-नरम – माँ ने नरम-नरम रोटियाँ बनाईं, जो खाने में बहुत स्वादिष्ट थीं।
- ठंडी-ठंडी – गर्मी में ठंडी-ठंडी लस्सी पीकर मज़ा आ गया।
- चमकीली-चमकीली – दीवाली में चमकीली-चमकीली लाइटें सारी गली को रोशन कर रही थीं।
- हरी-हरी – बगीचे में हरी-हरी घास देखकर मन खुश हो गया।
संज्ञा की पुनरुक्ति (चार उदाहरण):
- घर-घर – गाँव में घर-घर में दीवाली की तैयारियाँ शुरू हो गईं।
- गली-गली – स्वतंत्रता दिवस पर गली-गली में तिरंगा लहरा रहा था।
- पेड़-पेड़ – जंगल में पेड़-पेड़ पर रंग-बिरंगे पक्षी चहचहा रहे थे।
- खेत-खेत – बारिश के बाद खेत-खेत में हरियाली छा गई।
अंतर:
विशेषण की पुनरुक्ति (जैसे नरम-नरम, ठंडी-ठंडी) किसी चीज़ की खासियत को और मज़बूत करती है, जिससे वह ज़्यादा आकर्षक लगे।
संज्ञा की पुनरुक्ति (जैसे घर-घर, गली-गली) यह दिखाती है कि कोई चीज़ हर जगह हो रही है, जिससे उसका दायरा बड़ा लगता है।
कुछ कहने को
प्रश्न 1. कृष्ण को ‘गिरधर’ क्यों कहा जाता है? इसके पीछे कौन सी कथा है? पता कीजिए और कक्षा में बताइए।
उत्तर: श्रीकृष्ण को ‘गिरधर’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उँगली पर उठाया था। ‘गिरधर’ का मतलब है ‘पहाड़ को उठाने वाला’। इसके पीछे एक प्रसिद्ध कहानी है:
ब्रज में एक बार इंद्र बहुत गुस्सा हो गए और भयंकर बारिश शुरू कर दी, जिससे गाँव में बाढ़ का खतरा हो गया। ब्रज के लोग डर गए। तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उँगली पर उठाकर छाते की तरह खड़ा कर दिया। सात दिन तक वे पहाड़ को उठाए रहे, और ब्रज के लोग और गायें इसके नीचे सुरक्षित रहे। इस घटना से इंद्र का घमंड टूटा, और कृष्ण को ‘गिरधर’ या ‘गोवर्धनधारी’ कहा जाने लगा।
यह कहानी कक्षा में बताने के लिए तुम इसे और मज़ेदार बना सकते हो। उदाहरण के लिए, बता सकते हो कि कैसे छोटे-से कृष्ण ने इतना बड़ा पहाड़ उठाया और सबको हैरान कर दिया!