Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 1 Solutions available here. Get complete question answers of chapter 1 – “हम पंछी उन्मुक्त गगन के” from new Hindi book – वसंत (Vasant).
बिहार बोर्ड कक्षा 7 हिंदी पाठ्यक्रम का पहला अध्याय “हम पंछी उन्मुक्त गगन के” छात्रों को स्वतंत्रता के महत्व से परिचित कराता है। प्रसिद्ध कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ द्वारा रचित यह कविता पक्षियों के माध्यम से मनुष्य को स्वतंत्रता का संदेश देती है। इस कविता में पक्षियों की निर्बाध उड़ान, प्रकृति के साथ उनका संबंध और आत्मनिर्भरता का भाव दर्शाया गया है। छात्र इस कविता से न केवल भाषा और साहित्यिक सौंदर्य का आनंद लेंगे, बल्कि जीवन में स्वतंत्रता के महत्व को भी समझेंगे। “हम पंछी उन्मुक्त गगन के” अध्याय के संपूर्ण समाधान यहाँ उपलब्ध हैं।

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 1 Solutions
Contents
| Subject | Hindi – वसंत (Vasant) |
| Class | 7 |
| Chapter | 1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के |
| Board | Bihar Board |
कविता से
प्रश्न 1. हर तरह की सुख सुविधाएँ पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?
उत्तर – पक्षी चाहे जितनी भी सुख-सुविधाएँ पिंजरे में मिलें, फिर भी वहाँ बंद रहना पसंद नहीं करते। क्योंकि उन्हें आजादी से उड़ना अच्छा लगता है। वे खुले आसमान में उड़ना, बहते झरनों का पानी पीना, नीम की कड़वी निबौरियाँ खाना, पेड़ों की ऊँची शाखाओं पर झूलना और फलों के मीठे दाने चुगना चाहते हैं। उन्हें मौसम के हिसाब से घूमना और उड़ते हुए क्षितिज तक पहुँचना अच्छा लगता है। पिंजरे में रहने से उनकी यह सारी आजादी छिन जाती है। इसीलिए वे पिंजरे में रहना नहीं चाहते।
प्रश्न 2. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन-कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं?
उत्तर – पक्षी खुले रहकर अपनी कई इच्छाएँ पूरी करना चाहते हैं।
(क) वे खुले आसमान में अपनी मर्जी से उड़ना चाहते हैं।
(ख) बहते नदी-झरनों का ताजा पानी पीना चाहते हैं।
(ग) नीम के पेड़ की कड़वी निबौरियाँ खाना चाहते हैं।
(घ) ऊँचे-ऊँचे पेड़ों की फुनगियों पर झूलना चाहते हैं।
(ङ) आसमान में ऊँची उड़ान भरकर फलों के दाने चुगना चाहते हैं।
वे क्षितिज तक उड़कर पहुँचना भी चाहते हैं और पूरी आजादी के साथ जीवन जीना चाहते हैं।
प्रश्न 3. भाव स्पष्ट कीजिए –
या तो क्षितिज मिलन बन जाता / या तनती साँसों की डोरी।
उत्तर – इस पंक्ति में कवि कहना चाहता है कि अगर पक्षी को पूरी आजादी मिलती, तो वह उड़ते-उड़ते क्षितिज तक पहुँच जाता। अगर यह संभव न होता, तो उड़ते-उड़ते उसकी साँसें थम जातीं यानी उसका जीवन खत्म हो जाता। यहाँ आजादी के लिए पक्षी की गहरी इच्छा और पूरी ताकत से कोशिश करने की भावना दिखाई गई है।
कविता से आगे
प्रश्न 1. कई लोग पक्षी पालते हैं
(क) पक्षियों को पालना उचित है अथवा नहीं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर- मेरे विचार से पक्षियों को पालना उचित नहीं है। उन्हें पिंजरे में बंद कर देना उनकी आज़ादी छीन लेना है। पक्षी खुले आसमान में उड़ने के लिए बने हैं। जब हम उन्हें पालते हैं तो उनकी उड़ने की इच्छा, स्वतंत्रता और खुशी छिन जाती है। इसलिए हमें उन्हें पिंजरे में कैद नहीं करना चाहिए। पक्षी प्रकृति के बीच ही सबसे ज्यादा खुश रहते हैं। हमें उनका जीवन स्वतंत्र रहने देना चाहिए।
(ख) क्या आपने या आपकी जानकारी में किसी ने कभी कोई पक्षी पाला है? उसकी देखरेख किस प्रकार की जाती होगी, लिखिए।
उत्तर- मेरे एक पड़ोसी ने एक तोता पाला था। उन्होंने उसे मेले से खरीदकर लाया था। परिवार के सभी लोग उसकी खूब देखभाल करते थे। रोज उसके पिंजरे की सफाई करते थे। खाने के लिए उसे चने, फल और मिर्च दी जाती थी। पानी पीने के लिए अलग कटोरी रखी जाती थी। पड़ोसी घंटों तोते से बातें करते थे और उसे पार्क में घुमाने भी ले जाते थे। तोता घर के सब लोगों के नाम बोलना सीख गया था। लेकिन वह हमेशा उदास दिखता था और पिंजरे से बाहर निकलने की कोशिश करता था।
प्रश्न 2. पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से केवल उनकी आज़ादी का हनन ही नहीं होता, अपितु पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इस विषय पर दस पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर- पक्षियों को पिंजरे में बंद करना उनकी आजादी छीन लेना है। वे उड़ने के लिए बने हैं, न कि कैद होने के लिए। इससे उनका स्वाभाविक जीवन नष्ट हो जाता है। इसके साथ ही पर्यावरण भी प्रभावित होता है। पक्षी पेड़-पौधों के बीज फैलाते हैं और कीटों की संख्या को नियंत्रित करते हैं। अगर पक्षी न हों तो कीड़े-मकोड़े बढ़ जाएंगे और फसलें बर्बाद हो सकती हैं। कुछ पक्षी गंदगी साफ करने में भी मदद करते हैं। उनकी कमी से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ सकता है। हमें पक्षियों को आजाद छोड़कर प्रकृति की सुंदरता बनाए रखनी चाहिए। हमें उनका संरक्षण करना चाहिए।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. क्या आपको लगता है कि मानव की वर्तमान जीवन-शैली और शहरीकरण से जुड़ी योजनाएँ पक्षियों के लिए घातक हैं? पक्षियों से रहित वातावरण में अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? उक्त विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कीजिए।
उत्तर- हाँ, मुझे लगता है कि आज की जीवन-शैली और शहरीकरण पक्षियों के लिए बहुत नुकसानदायक है। शहरों में पेड़ काटे जा रहे हैं और बड़ी-बड़ी इमारतें बन रही हैं। इससे पक्षियों के रहने की जगह कम हो रही है। यदि पक्षी नहीं रहेंगे तो कीड़े-मकोड़े बढ़ जाएंगे और फसलें खराब होंगी। पर्यावरण असंतुलित हो जाएगा। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। पुराने पेड़ों को नहीं काटना चाहिए। पक्षियों के लिए पानी और दाना रखना चाहिए। हमें उनके लिए सुरक्षित जगहें बनानी चाहिए और जागरूकता फैलानी चाहिए।
प्रश्न 2. यदि आपके घर के किसी स्थान पर किसी पक्षी ने अपना आवास बनाया है और किसी कारणवश आपको अपना घर बदलना पड़ रहा है तो आप उस पक्षी के लिए किस तरह के प्रबंध करना आवश्यक समझेंगे? लिखिए।
उत्तर– अगर हमारे घर में किसी पक्षी ने घोंसला बनाया है और हमें किसी कारण से घर छोड़ना पड़ रहा है, तो हम कोशिश करेंगे कि जब तक अंडों से बच्चे बाहर नहीं आ जाते और उड़ने लायक नहीं हो जाते, तब तक घोंसले को न छुएँ। अगर जल्दी घर छोड़ना ज़रूरी हो, तो नए आने वाले परिवार से कहेंगे कि वे उस घोंसले को न हटाएँ और उसका ध्यान रखें। हम उन्हें बताएँगे कि पक्षियों को बिना डर के पलने देना चाहिए ताकि वे सुरक्षित रह सकें।
भाषा की बात
प्रश्न 1. स्वर्ण-श्रृंखला और लाल किरण-सी में रेखांकित शब्द गुणवाचक विशेषण हैं। कविता से ढूँढ़कर इस प्रकार के तीन और उदाहरण लिखिए।
उत्तर–
(क) कनक-तिलियाँ
(ख) कटुक-निबौरी
(ग) तारक-अनार
प्रश्न 2. ‘भूखे-प्यासे’ में द्वंद्व समास है। इन दोनों शब्दों के बीच लगे चिह्न को सामासिक चिह्न (-) कहते हैं। इस चिह्न से ‘और’ का संकेत मिलता है, जैसे- भूखे-प्यासे = भूखे और प्यासे।
इस प्रकार के दस अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर–
- माता-पिता – माता और पिता
- भाई-बहन – भाई और बहन
- चाय-नाश्ता – चाय और नाश्ता
- घर-बाहर – घर और बाहर
- राजा-रानी – राजा और रानी
- ऊँच-नीच – ऊँच और नीच
- धन-दौलत – धन और दौलत
- हार-जीत – हार और जीत
- गंगा-यमुना – गंगा और यमुना
- शीत-ग्रीष्म – शीत और ग्रीष्म