Bihar Board Class 6 Social Science Chapter 10 Solutions are available here. Here you will get complete questions and answers of Chapter 10 – “आधारभूत लोकतंत्र – भाग 1: शासन”, from the new book (Samaj ka Adhyayan). All solutions are in hindi medium and follow the updated syllabus.
यह अध्याय आपको शासन के बारे में बताता है, यानी कि लोग अपने जीवन से जुड़े फैसले कैसे लेते हैं। आप समझेंगे कि नियम, अधिकार और नागरिकों की जिम्मेदारियां क्या होती हैं। यह अध्याय यह भी सिखाएगा कि शासन की शुरुआत हमारे समुदाय से ही होती है और यह शांतिपूर्ण समाज के लिए क्यों जरूरी है। आप नागरिकों के अधिकार, उनकी जिम्मेदारियों और निष्पक्षता व समानता के महत्व के बारे में भी जानेंगे। इस अध्याय के प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं।

Bihar Board Class 6 Social Science Chapter 10 Solutions
| Class | 6 |
| Subject | Social Science (Samaj ka Adhyayan) |
| Chapter | 10. आधारभूत लोकतंत्र – भाग 1: शासन |
| Board | Bihar Board |
महत्वपूर्ण प्रश्न
1. ‘शासन’ का अर्थ क्या है?
उत्तर:- ‘शासन’ का अर्थ है समाज को नियमों और कानूनों द्वारा व्यवस्थित रूप से चलाने की प्रक्रिया। इसमें नीतियाँ बनाना, निर्णय लेना और उन्हें लागू करना शामिल है। शासन कई स्तरों पर होता है – जैसे देश का शासन, राज्य का शासन, या स्कूल का प्रबंधन। एक अच्छा शासन नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है और सामाजिक विकास सुनिश्चित करता है। शासन के बिना, समाज में अराजकता फैल सकती है और लोगों के हित की सुरक्षा नहीं हो सकती।
2. हमें सरकार की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:- हमें सरकार की आवश्यकता कई कारणों से होती है। सरकार कानून बनाकर समाज में व्यवस्था और शांति बनाए रखती है। यह पुलिस और सेना के माध्यम से नागरिकों और देश की सुरक्षा करती है। सरकार सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ और स्कूल, अस्पताल जैसी सेवाएँ प्रदान करती है। आपदाओं के समय राहत कार्य और गरीबों की सहायता भी सरकार का महत्वपूर्ण कार्य है। सरकार अन्य देशों से संबंध बनाए रखकर विकास और सहयोग को बढ़ावा देती है।
3. ‘लोकतंत्र’ का अर्थ क्या है? यह क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:- ‘लोकतंत्र’ का अर्थ है “जनता का शासन”, जहाँ सत्ता जनता में निहित होती है। इसमें नागरिक अपने प्रतिनिधियों को चुनकर शासन में अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेते हैं। लोकतंत्र इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हर नागरिक को समान अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। यह सरकार को जवाबदेह बनाता है और अन्यायपूर्ण नीतियों का विरोध करने का अधिकार देता है। लोकतंत्र में विविधता का सम्मान होता है और अल्पसंख्यकों के हितों की भी रक्षा होती है। यह सत्ता के केंद्रीकरण को रोककर तानाशाही से बचाता है।
प्रश्न, क्रियाकलाप और परियोजनाएं
1. स्वयं परखिए – लोकतंत्र का क्या अर्थ है? प्रत्यक्ष लोकतंत्र और प्रतिनिधि लोकतंत्र के बीच क्या अंतर है?
उत्तर:- लोकतंत्र का अर्थ है “जनता का शासन”, जहाँ शासन की शक्ति आम लोगों के हाथों में होती है। प्रत्यक्ष लोकतंत्र में नागरिक स्वयं सीधे निर्णय लेते हैं, जैसे प्राचीन एथेंस में या आज के स्विट्ज़रलैंड के कुछ हिस्सों में जनमत संग्रह द्वारा। प्रतिनिधि लोकतंत्र में, जैसा भारत में है, लोग अपने प्रतिनिधि चुनते हैं जो उनकी ओर से नीतियाँ बनाते और निर्णय लेते हैं। मुख्य अंतर यह है कि प्रत्यक्ष लोकतंत्र में हर नागरिक प्रत्येक निर्णय में सीधे भाग लेता है, जबकि प्रतिनिधि लोकतंत्र में चुने हुए प्रतिनिधि जनता की ओर से कार्य करते हैं। बड़े देशों में प्रत्यक्ष लोकतंत्र व्यावहारिक नहीं होता, इसलिए अधिकतर लोकतांत्रिक देश प्रतिनिधि लोकतंत्र का पालन करते हैं।
2. सरकार के तीन अंग कौन-से हैं? उनकी क्या अलग-अलग भूमिकाएँ हैं?
उत्तर:- सरकार के तीन प्रमुख अंग हैं: विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। विधायिका (जैसे संसद) कानून बनाती है, बजट पारित करती है और सरकारी नीतियों पर बहस करती है। कार्यपालिका (जैसे प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल) इन कानूनों को लागू करती है, सरकारी विभागों का संचालन करती है और दैनिक प्रशासन की देखरेख करती है। न्यायपालिका (अदालतें) कानूनों की व्याख्या करती है, विवादों को सुलझाती है और यह सुनिश्चित करती है कि सरकार संविधान के अनुसार काम करे। इन तीनों अंगों के बीच ‘शक्तियों का बंटवारा’ किसी एक अंग के अत्यधिक शक्तिशाली बनने से रोकता है और संतुलन बनाए रखता है।
3. भारत के परिप्रेक्ष्य में हमें त्रिस्तरीय सरकार की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:- भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में त्रिस्तरीय सरकार आवश्यक है क्योंकि यह प्रभावी शासन सुनिश्चित करती है। केंद्र सरकार राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे जैसे सुरक्षा, विदेश नीति और मुद्रा प्रणाली संभालती है। राज्य सरकारें क्षेत्रीय मुद्दों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि पर ध्यान केंद्रित करती हैं। स्थानीय सरकारें (पंचायत, नगरपालिका) स्थानीय समस्याओं जैसे जल आपूर्ति, सफाई और सड़कों का रखरखाव संभालती हैं। यह संरचना स्थानीय ज़रूरतों के अनुसार निर्णय लेने की अनुमति देती है, लोगों की भागीदारी बढ़ाती है, और शक्ति का विकेंद्रीकरण करके लोकतंत्र को मज़बूत बनाती है। इससे तेज़ी से समस्या समाधान और बेहतर सेवा वितरण संभव होता है।
4. परियोजना – 2019 की कोविड महामारी के दौरान लगा लॉकडाउन आपको याद होगा। उस समय उठाए गए सभी कदमों की सूची बनाइए। उस स्थिति को संभालने में सरकार के कौन-कौन से स्तर सम्मिलित थे? उसमें सरकार के प्रत्येक अंग की क्या भूमिका थी?
उत्तर:- कोविड-19 महामारी के दौरान उठाए गए प्रमुख कदमों में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन, सामाजिक दूरी के नियम, अनिवार्य मास्क पहनना, कोरोना जांच और वैक्सीनेशन अभियान, आवश्यक सेवाओं की निरंतर आपूर्ति, और गरीबों के लिए मुफ्त राशन वितरण शामिल थे। तीनों स्तर की सरकारें इस संकट से निपटने में सक्रिय थीं – केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय नीतियां बनाईं और आर्थिक पैकेज घोषित किए, राज्य सरकारों ने स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाईं और क्वारंटाइन केंद्र स्थापित किए, जबकि स्थानीय निकायों ने सैनिटाइजेशन और राहत वितरण का काम किया।
विधायिका ने आपातकालीन कानून और नियम बनाए, कार्यपालिका ने इन्हें लागू किया और संसाधनों का प्रबंधन किया, जबकि न्यायपालिका ने नागरिक अधिकारों की रक्षा करते हुए सरकारी कदमों की निगरानी की। इस पूरी प्रक्रिया में त्रिस्तरीय सरकार की प्रभावशीलता स्पष्ट रूप से दिखाई दी।