Bihar Board Class 10 Political Science Chapter 4 Solutions – लोकतंत्र की उपलब्धियाँ

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लोकतंत्र की उपलब्धियाँ, बिहार बोर्ड कक्षा 10 की राजनीति विज्ञान पाठ्यपुस्तक का चौथा अध्याय है। यह अध्याय छात्रों को लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की सफलताओं और प्राप्तियों से अवगत कराता है। इसमें आप सीखेंगे कि लोकतंत्र ने किस प्रकार समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान दिया है। यह अध्याय लोकतंत्र द्वारा लाई गई सामाजिक समानता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय शांति जैसी उपलब्धियों पर प्रकाश डालेगा। इसके माध्यम से आप समझेंगे कि कैसे लोकतांत्रिक मूल्य और संस्थाएं नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक होती हैं

Bihar Board class 10 Political Science chapter 4

Bihar Board Class 10 Political Science Chapter 4 Solutions

SubjectPolitical Science
Class10th
Chapter4. लोकतंत्र की उपलब्धियाँ
BoardBihar Board

Bihar Board Class 10 Political Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. लोकतंत्र किस तरह उत्तरदायी एवं वैध सरकार का गठन करता है?

उत्तर- लोकतंत्र उत्तरदायी और वैध सरकार का गठन कई तरीकों से करता है। सबसे पहले, यह नियमित, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के माध्यम से जनता को अपने प्रतिनिधि चुनने का अधिकार देता है। इन चुने हुए प्रतिनिधियों को जनता के प्रति जवाबदेह होना पड़ता है। लोकतंत्र में, सार्वजनिक मुद्दों पर खुली बहस की स्वतंत्रता होती है, जो सरकार को जनता की इच्छाओं के अनुरूप काम करने के लिए मजबूर करती है। सूचना का अधिकार जैसे कानून सरकार की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा, लोकतांत्रिक सरकार जनता द्वारा चुनी जाती है, इसलिए वह वैध होती है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि सरकार जनता के हितों के लिए काम करे।

प्रश्न 2. लोकतंत्र किस प्रकार आर्थिक संवृद्धि एवं विकास में सहायक बनता है ?

उत्तर- लोकतंत्र आर्थिक संवृद्धि और विकास को कई तरह से बढ़ावा देता है। यह जनता की आवाज़ को महत्व देता है, जिससे सरकार जन-कल्याण पर ध्यान केंद्रित करती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में नीतियाँ जनता की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं, जो समावेशी विकास को बढ़ावा देता है। यह व्यवस्था नागरिकों को आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने की स्वतंत्रता देती है, जो नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करता है। लोकतंत्र में शक्तियों का विभाजन होता है, जो आर्थिक नीतियों में स्थिरता लाता है। हालांकि विकास की गति धीमी हो सकती है, लेकिन लोकतांत्रिक विकास अधिक टिकाऊ और समावेशी होता है।

प्रश्न 3. लोकतंत्र किन स्थितियों में सामाजिक विषमताओं को पाटने में मददगार होता है और सामंजस्य के वातावरण का निर्माण करता है?

उत्तर- लोकतंत्र सामाजिक विषमताओं को कम करने और सामंजस्य बनाने में कई तरह से मदद करता है। यह सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो। लोकतंत्र में बहुमत का शासन होता है, लेकिन अल्पसंख्यकों के अधिकारों की भी रक्षा की जाती है। यह व्यवस्था विभिन्न समूहों के बीच संवाद और समझौते को बढ़ावा देती है। लोकतंत्र में नीतियाँ बनाते समय सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा जाता है। यह सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देता है, जो सामाजिक सद्भाव के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 4. लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं ने निम्नांकित किन मुद्दों पर सफलता पाई है ?

(क) राजनीतिक असमानता को समाप्त कर दिया है।
(ख) लोगों के बीच टकरावों को समाप्त कर दिया है।
(ग) बहुमत समूह और अल्प समूह के साथ एक सा व्यवहार करता है।
(घ) समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े लोगों के बीच आर्थिक पैमाना को कम कर दिया

उत्तर- (ख) लोगों के बीच टकरावों को समाप्त कर दिया है।

प्रश्न 5. इनमें से कौन-सी एक बात लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के अनुरूप नहीं है।

(क) कानून के समक्ष समानता
(ख) स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव
(ग) उत्तरदायी शासन-व्यवस्था
(घ) बहुसंख्यकों का शासन

उत्तर- (घ) बहुसंख्यकों का शासन

प्रश्न 6. लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक एवं सामाजिक असमानताओं के संदर्भ में किया गया कौन-सा सर्वेक्षण सही और कौन गलत प्रतीत होता है (लिखें सत्य/असत्य)

उत्तर-

(i) लोकतंत्र ओर विकास साथ-साथ चलते हैं। – सत्य
(ii) लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में असमानताएँ बनी रहती हैं। – असत्य
(iii) तानाशाही में असमानताएँ नहीं होती। – असत्य
(iv) तानाशाही व्यवस्थाएं लोकतंत्र से बेहतर सिद्ध हुई हैं। – असत्य

प्रश्न 7. भारतीय लोकतंत्र की उपलब्धियों के संबंध में कौन सा कथन सही अथवा गलत है-

(i) आज लोग पहले से कहीं अधिक मताधिकार की उपादेयता को समझने लगे हैं। – सही
(ii) शासन की दृष्टि से भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था ब्रिटिश काल के शासन से बेहतर नहीं है। – गलत
(iii) अभिवचित वर्ग के लोग चुनावों में उम्मीदवार नहीं हो सकते हैं? – गलत
(iv) राजनीतिक दृष्टि से महिलाएं पहले से अधिक सत्ता में भागीदार बन रही हैं। – सही

प्रश्न 8. भारतवर्ष में लोकतंत्र के भविष्य को आप किस रूप में देखते हैं?

उत्तर- भारत में लोकतंत्र का भविष्य उज्ज्वल और चुनौतीपूर्ण दोनों दिखाई देता है। पिछले 75 वर्षों में, भारतीय लोकतंत्र ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन इसकी मूल संरचना मजबूत रही है। सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि लोगों में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के प्रति विश्वास बढ़ा है। नियमित और निष्पक्ष चुनाव, स्वतंत्र न्यायपालिका, और मजबूत नागरिक समाज इसके प्रमुख स्तंभ हैं।

हालांकि, कुछ चुनौतियाँ भी हैं। भ्रष्टाचार, जातिवाद, और क्षेत्रीयवाद जैसी समस्याएँ अभी भी मौजूद हैं। राजनीति का अपराधीकरण और धन का प्रभाव चिंता का विषय है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में असमानता को कम करना एक बड़ी चुनौती है।

फिर भी, कई सकारात्मक संकेत हैं। युवा पीढ़ी राजनीति में अधिक सक्रिय हो रही है। डिजिटल तकनीक ने पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा दिया है। महिलाओं और हाशिए के समूहों की भागीदारी बढ़ रही है। सूचना का अधिकार जैसे कानून ने नागरिकों को सशक्त बनाया है।

भविष्य में, भारतीय लोकतंत्र को और अधिक समावेशी और प्रतिनिधिक बनने की आवश्यकता है। शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से मतदाताओं को और अधिक सशक्त बनाना होगा। राजनीतिक दलों को अपने आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करना होगा। आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक न्याय पर भी ध्यान देना होगा।

प्रश्न 9. भारतवर्ष में लोकतंत्र कैसे सफल हो सकता है?

उत्तर- भारत में लोकतंत्र की सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है। सबसे पहले, शिक्षा का व्यापक प्रसार आवश्यक है। जागरूक और शिक्षित नागरिक ही लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सार्थक भागीदारी कर सकते हैं। दूसरा, राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र को मजबूत करना होगा। पार्टियों के भीतर खुली बहस और नेतृत्व चयन की पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए।

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके लिए मजबूत कानून और प्रभावी कार्यान्वयन आवश्यक है। साथ ही, चुनाव सुधारों की आवश्यकता है ताकि धन और बाहुबल का प्रभाव कम हो।

मीडिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना भी जरूरी है। यह जनता को सही जानकारी देने और सरकार पर नज़र रखने में मदद करता है। नागरिक समाज संगठनों को मजबूत करना चाहिए, जो सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करते हैं।

स्थानीय स्वशासन को और अधिक शक्तियां देनी चाहिए। यह ग्राम और नगर स्तर पर लोगों की सीधी भागीदारी बढ़ाएगा। सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि सभी वर्गों के लोग लोकतंत्र का लाभ उठा सकें।

युवाओं और महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए। विविधता का सम्मान करते हुए राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। अंत में, नागरिकों में यह भावना जागृत करनी होगी कि लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं, बल्कि एक जीवन शैली है।

इन उपायों को अपनाकर और लगातार सुधार की प्रक्रिया को जारी रखकर, भारत में लोकतंत्र को और अधिक मजबूत और सफल बनाया जा सकता है।

Other Chapter Solutions
Chapter 1 Solutions – लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी
Chapter 2 Solutions – सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली
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