Bihar Board class 10 Economics chapter 2 solutions are available here. With this free guide, you will get complete set of question answer of Economics chapter 2 – “राज्य एवं राष्ट्र की आय” in hindi medium.
बिहार बोर्ड कक्षा 10 के अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम का दूसरा अध्याय “राज्य एवं राष्ट्र की आय” आपको एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवधारणा से परिचित कराएगा। इस अध्याय में, आप राज्य और देश के आर्थिक स्वास्थ्य को मापने के तरीकों के बारे में सीखेंगे। यह अध्याय आपको सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), सकल राष्ट्रीय उत्पाद (जीएनपी), और प्रति व्यक्ति आय जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाओं की समझ प्रदान करेगा। साथ ही, आप इन आंकड़ों की गणना कैसे की जाती है और ये किस प्रकार किसी क्षेत्र या देश के विकास को दर्शाते हैं, इसके बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।

Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 Solutions
Contents
- 1 Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 Solutions
- 1.1 Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
- 1.2 Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 रिक्त स्थानों को भरें
- 1.3 Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 सही एवं गलत
- 1.4 Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 संक्षिप्त रूप को पूरा करें
- 1.5 Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- 1.6 Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
| Subject | Economics |
| Class | 10th |
| Chapter | 2. राज्य एवं राष्ट्र की आय |
| Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सन् 2008-09 के अनुसार भारत की औसत प्रति व्यक्ति आय है
(क) 22,553 रुपये
(ख) 25,494 रुपये
(ग) 6,610 रुपये
(घ) 54,850 रुपये
उत्तर- (ख) 25,494 रुपये
प्रश्न 2. भारत में वित्तीय वर्ष कहा जाता है-
(क) 1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक
(ख) 1 जुलाई से 30 जून तक।
(ग) 21 अप्रैल से 31 मार्च तक
(घ) 1 दिसम्बर से 31 अगस्त तक
उत्तर- (ग) 21 अप्रैल से 31 मार्च तक
प्रश्न 3. भारत में किस राज्य का प्रति व्यक्ति आय सर्वाधिक है ?
(क) बिहार
(ख) पंजाब
(ग) हरियाणा
(घ) गोवा
उत्तर- (घ) गोवा
प्रश्न 4. बिहार के किस जिले का प्रति-व्यक्ति आय सर्वाधिक है ?
(क) पटना
(ख) गया
(ग) शिवहर
(घ) नालंदा
उत्तर- (क) पटना
प्रश्न 5. उत्पादन एवं आय गणना विधि आर्थिक दृष्टिकोण से है
(क) सहज
(ख) वैज्ञानिक
(ग) व्यावहारिक
(घ) उपर्युक्त तीनों
उत्तर- (घ) उपर्युक्त तीनों
Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 रिक्त स्थानों को भरें
- बिहार की 41.4 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करती है।
- उत्पादन, आय एवं व्यय एक चक्रीय समूह का निर्माण करते हैं।
- आय में वृद्धि होने से प्रति-व्यक्ति आय में वद्धि होती है।
- राष्ट्रीय आय एवं प्रति-व्यक्ति आय में वृद्धि होने से विकास”की क्रिया पूरी होती है।
- बिहार में वर्ष 2008-09 के बीच कुल घरेलू उत्पाद 11.03 प्रतिशत हो गया।
Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 सही एवं गलत
उत्तर-
- राष्ट्रीय आय एक दिन हुए समय का किसी अर्थव्यवस्था की उत्पादन शक्ति को मापती है। – सही
- उत्पादन आय एवं व्यय एक चक्रीय समूह का निर्माण नहीं करती है। – गलत
- भारत की प्रति-व्यक्ति आय अमेरिका के प्रति व्यक्ति आय से अधिक है। – गलत
- दादा भाई नैरोजी के अनुसार सन् 1968 में भारत की प्रति-व्यक्ति आय 20 रुपये थी। – सही
- बिहार के प्रति व्यक्ति आय में कृषि क्षेत्र का योगदान सर्वाधिक है। – सही
Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 संक्षिप्त रूप को पूरा करें
(i)G.D.P.
उत्तर- Gross Domestic Product
(ii)P.C.I.
उत्तर- Per Capita Income.
(iii) N.S.S.O.
उतर- National Sample Survey Organisation.
(iV) C.S.O.
उत्तर- Central Statistical Organisation.
(v) G.N.P.
उत्तर- Gross National Product
(vi) N.N.P.
उत्तर- Net National Product.
(vii) N.I
उत्तर- National Income.
(viii) E.D.I.
उत्तर- Economic Development of India.
Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. आय से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- जब कोई व्यक्ति किसी प्रकार का शारीरिक अथवा मानसिक कार्य करता है और उसके प्रति उसे उसके कार्यों के बदले जो पारिश्रमिक मिलता है, उसे उसकी आय कहते हैं।
प्रश्न 2. सकल घरेलू उत्पाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- एक देश के अंतर्गत एक वर्ष में उत्पन्न होने वाले सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य सकल घरेलू उत्पाद कहलाता है।
प्रश्न 3. प्रतिव्यक्ति आय क्या है ?
उत्तर- राष्ट्रीय आय का कुल वितरण जनसंख्या से भाग करने पर मिलने वाला भागफल प्रतिव्यक्ति आय कहलाता है। प्रतिव्यक्ति आय का आंकलन इस प्रकार से किया जाता है: (वितरित राष्ट्रीय आय) / (कुल जनसंख्या)
प्रश्न 4. भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय की गणना कब और किनके द्वारा की गई थी?
उत्तर- भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय की गणना 1868 ई. में दादा भाई नौरोजी द्वारा की गई थी।
प्रश्न 5. भारत में राष्ट्रीय आय की गणना किस संस्था के द्वारा होती है ?
उत्तर- भारत में राष्ट्रीय आय की गणना केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा होती है।
प्रश्न 6. राष्ट्रीय आय की गणना में होनेवाली कठिनाइयों का वर्णन करें।
उत्तर- राष्ट्रीय आय की गणना में कुछ कठिनाइयाँ होती हैं जैसे कि आंकड़ों को संग्रह करना, दोहरी गणना का खतरा, और मूल्य के मापन में कठिनाई।
प्रश्न 7. आय का गरीबी के साथ संबंध स्थापित करें।
उत्तर- गरीबी स्तर पर आय का प्रभाव डालती है। गरीबी के कारण बचत कम होती है और पूँजी निर्माण में कमी आती है, जिससे उपभोक्ता विनियोग भी कम होता है, जिससे प्रतिव्यक्ति आय निम्न रहती है।
Bihar Board Class 10 Economics Chapter 2 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारत सरकार ने कब और किस उद्देश्य से राष्ट्रीय आय समिति का गठन किया?
उत्तर: स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, भारत सरकार ने अगस्त 1949 में प्रो. पी. सी. महालनोबिस की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आय समिति का गठन किया। इस समिति का मुख्य उद्देश्य भारत की राष्ट्रीय आय का सटीक अनुमान लगाना और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक आँकड़े एकत्रित करना था। अप्रैल 1951 में, इस समिति ने अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें 1948-49 के लिए भारत की कुल राष्ट्रीय आय 8,650 करोड़ रुपये और प्रति व्यक्ति आय 246.9 रुपये बताई गई। इसके बाद, 1954 में, सरकार ने केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (Central Statistical Organisation) की स्थापना की, जो नियमित रूप से राष्ट्रीय आय के आँकड़े प्रकाशित करता है। यह संगठन अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े आंकड़ों का संग्रहण और विश्लेषण करता है, जिससे देश की आर्थिक नीतियों के निर्माण में सहायता मिलती है।
प्रश्न 2. राष्ट्रीय आय की परिभाषा दें। इसकी गणना की प्रमुख विधि कौन-कौन सी है?
उत्तर: राष्ट्रीय आय से तात्पर्य किसी देश में एक वर्ष के दौरान उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से है। यह आय देश के नागरिकों की आर्थिक गतिविधियों का प्रतिफल होती है। राष्ट्रीय आय की गणना के लिए मुख्यतः तीन विधियाँ प्रचलित हैं:
- उत्पादन विधि: इस विधि में देश में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य का योग किया जाता है। इसमें कृषि, उद्योग, सेवा आदि सभी क्षेत्रों का योगदान शामिल होता है।
- आय विधि: इसमें देश के नागरिकों द्वारा अर्जित कुल आय का योग किया जाता है, जिसमें वेतन, किराया, ब्याज और लाभ शामिल होते हैं। यह विधि नागरिकों की आर्थिक गतिविधियों से प्राप्त आय को मापती है।
- व्यय विधि: इस विधि में देश के नागरिकों द्वारा किए गए कुल व्यय का योग किया जाता है। इसमें उपभोग, निवेश, सरकारी खर्च और शुद्ध निर्यात शामिल होते हैं। इस विधि से यह जाना जा सकता है कि लोग अपनी आय को किस प्रकार खर्च कर रहे हैं।
प्रश्न 3. प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर: राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय दोनों ही देश की आर्थिक स्थिति को मापने के महत्वपूर्ण सूचकांक हैं। राष्ट्रीय आय किसी देश की एक वर्ष में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य का योग है। यह आय पूरे देश की आर्थिक गतिविधियों का प्रदर्शन करती है। दूसरी ओर, प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय को देश की कुल जनसंख्या से विभाजित करके प्राप्त की जाती है। यह सूचकांक यह दर्शाता है कि देश में औसतन प्रत्येक व्यक्ति को कितनी आय हो रही है। उदाहरण के लिए, यदि किसी देश की राष्ट्रीय आय 1,00,000 करोड़ रुपये है और जनसंख्या 10 करोड़ है, तो प्रति व्यक्ति आय 10,000 रुपये होगी। यह दर्शाता है कि देश की आय का औसत स्तर क्या है और इसका प्रभाव आम नागरिकों के जीवन स्तर पर कैसा पड़ रहा है।
प्रश्न 4. राष्ट्रीय आय में वृद्धि भारतीय विकास के लिए किस तरह से लाभप्रद है? वर्णन करें।
उत्तर: राष्ट्रीय आय में वृद्धि का सीधा प्रभाव देश की आर्थिक प्रगति पर पड़ता है। जब राष्ट्रीय आय बढ़ती है, तो इसका मतलब होता है कि देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा बढ़ रही है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आती है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, लोगों की आय बढ़ती है और जीवन स्तर में सुधार होता है। उच्च राष्ट्रीय आय का अर्थ है कि सरकार के पास विकासात्मक योजनाओं के लिए अधिक संसाधन होते हैं, जिससे बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, और सामाजिक सेवाओं में सुधार होता है। इसके अलावा, राष्ट्रीय आय में वृद्धि से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है, जिससे आयात-निर्यात संतुलन में सुधार होता है और मुद्रा की स्थिरता बनी रहती है। कुल मिलाकर, राष्ट्रीय आय में वृद्धि देश के समग्र विकास और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण योगदान करती है।
प्रश्न 5. विकास में प्रति-व्यक्ति आय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर: प्रति-व्यक्ति आय किसी देश के नागरिकों की औसत आय को दर्शाती है और यह देश की आर्थिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण सूचकांक है। यह दर्शाता है कि देश की आर्थिक वृद्धि का लाभ जनता में कैसे बंट रहा है। उच्च प्रति-व्यक्ति आय का मतलब है कि लोग बेहतर जीवन जीने के लिए अधिक संसाधन प्राप्त कर रहे हैं, जैसे कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, और मनोरंजन। यह संकेत करता है कि देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विकास है, जिससे समाज में असमानताओं को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, उच्च प्रति-व्यक्ति आय से उपभोक्ता मांग बढ़ती है, जिससे उत्पादन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है। इस प्रकार, प्रति-व्यक्ति आय न केवल आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि यह समाज की आर्थिक गतिविधियों और जीवन स्तर के सुधार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रश्न 6. क्या प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है? वर्णन करें।
उत्तर: हाँ, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि का सीधा संबंध राष्ट्रीय आय से है। प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय को देश की जनसंख्या से विभाजित करने पर प्राप्त होती है। जब प्रति व्यक्ति आय बढ़ती है, तो इसका मतलब है कि देश में अधिक उत्पादन और आर्थिक गतिविधियाँ हो रही हैं, जिससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है। उच्च प्रति व्यक्ति आय से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ती है, जिससे बाजार में मांग बढ़ती है और उद्योगों का विस्तार होता है। इसके परिणामस्वरूप अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होते हैं और सरकार को टैक्स के माध्यम से अधिक राजस्व प्राप्त होता है। इससे सरकार को विकासात्मक योजनाओं और सामाजिक कल्याण योजनाओं में निवेश करने में मदद मिलती है। इस प्रकार, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी समृद्धि और आर्थिक स्थिरता लाती है, जिससे राष्ट्रीय आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
| Other Chapter Solutions |
|---|
| Chapter 1 Solutions – अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास |
| Chapter 2 Solutions – राज्य एवं राष्ट्र की आय |
| Chapter 3 Solutions – मुद्रा, बचत एवं साख |
| Chapter 4 Solutions – हमारी वित्तीय संस्थाएँ |
| Chapter 5 Solutions – रोजगार एवं सेवाएँ |
| Chapter 6 Solutions – वैश्वीकरण |
| Chapter 7 Solutions – उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण |
Thank you so much . Very helpful ☺️
Thank You Vishal. Keep learning!!
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