Bihar Board Class 8 Civics Chapter 2 Solutions are available here. This covers the written question answer from the New Civics Book Chapter 2 – “धर्मनिरपेक्षता की समझ”. All solutions are in hindi medium and follow the new syllabus.
यह अध्याय आपको भारत की धर्मनिरपेक्षता के बारे में बताएगा, जो हमारे देश की खासियत है। आप समझेंगे कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब सभी धर्मों का सम्मान करना और सरकार का उनसे अलग रहना है। इस अध्याय से आप जानेंगे कि भारत में सभी लोग अपने धर्म को आजादी से मान सकते हैं।

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 2 Solutions
| Chapter | 2. धर्मनिरपेक्षता की समझ |
| Subject | Civics (सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन) |
| Class | 8th |
| Board | Bihar Board |
अभ्यास
1. अपने आस-पड़ोस में प्रचलित धार्मिक क्रियाकलापों की सूची बनाइए। आप विभिन्न प्रकार की प्रार्थनाओं, विभिन्न देवताओं की पूजा, विभिन्न पवित्र स्थानों, विभिन्न प्रकार के धार्मिक संगीत और गायन आदि को देख सकते हैं। क्या इससे धार्मिक क्रियाकलापों की स्वतंत्रता का पता चलता है?
उत्तर: मेरे आस-पड़ोस में कई तरह के धार्मिक क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं। जैसे:
- हिंदू धर्म: लोग मंदिर में सुबह-शाम भजन गाते हैं, रामायण और गीता पढ़ते हैं, और भगवान शिव, विष्णु या लक्ष्मी की पूजा करते हैं। दीपावली और होली जैसे त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं।
- मुस्लिम धर्म: मस्जिद से रोज़ अजान की आवाज़ आती है। लोग नमाज़ पढ़ते हैं और रमज़ान में रोज़ा रखते हैं। ईद का त्योहार बहुत उत्साह से मनाया जाता है।
- सिख धर्म: गुरुद्वारे में लोग गुरबानी सुनते हैं और लंगर में एक साथ खाना खाते हैं। बैसाखी का त्योहार बड़े उत्सव के साथ मनाया जाता है।
- ईसाई धर्म: लोग रविवार को चर्च में प्रार्थना करते हैं और बाइबल पढ़ते हैं। क्रिसमस और ईस्टर के मौके पर विशेष प्रार्थनाएँ होती हैं।
इन सभी क्रियाकलापों से पता चलता है कि मेरे आस-पड़ोस में हर धर्म के लोग अपने तरीके से पूजा-पाठ और त्योहार मना सकते हैं। यह दिखाता है कि सभी को अपने धर्म को मानने की पूरी आज़ादी है।
2. अगर किसी धर्म के लोग यह कहते हैं कि उनका धर्म नवजात शिशुओं को मारने की छूट देता है तो क्या सरकार किसी तरह का दखल देगी या नहीं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।
उत्तर: हाँ, सरकार इस मामले में दखल देगी। किसी भी धर्म के नाम पर नवजात शिशुओं को मारना गलत और गैरकानूनी है। सरकार का काम सभी लोगों की सुरक्षा करना है, खासकर बच्चों की, जो सबसे कमज़ोर होते हैं। भारतीय संविधान में हर इंसान के जीने का अधिकार है, और हत्या को रोकने के लिए सख्त कानून हैं। अगर कोई धर्म ऐसी प्रथा की इजाज़त देता है, तो सरकार उसे रोकने के लिए कदम उठाएगी, क्योंकि यह मानवाधिकारों और कानून के खिलाफ है।
3. इस तालिका को पूरा कीजिए-
उत्तर:
| उद्देश्य | यह महत्त्वपूर्ण क्यों है? | इस उद्देश्य के उल्लंघन का एक उदाहरण |
|---|---|---|
| एक धार्मिक समुदाय दूसरे समुदाय पर वर्चस्व नहीं रखता | यह सुनिश्चित करता है कि सभी धर्मों के लोग बराबरी और शांति के साथ रहें। | अगर कोई बहुसंख्यक समुदाय अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थल को तोड़ दे या उनकी पूजा में बाधा डाले। |
| राज्य न तो किसी धर्म को थोपता है और न ही लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता छीनता है | यह लोगों को अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने की आज़ादी देता है। | अगर सरकार किसी एक धर्म को अनिवार्य कर दे या किसी धर्म के त्योहार मनाने पर रोक लगा दे। |
| एक ही धर्म के कुछ लोग अपने ही धर्म के दूसरे लोगों को न दबाएँ | यह एक ही धर्म के लोगों में आपसी भाईचारा और बराबरी बनाए रखता है। | अगर एक ही धर्म की ऊँची जाति के लोग निचली जाति के लोगों को मंदिर में प्रवेश करने से रोकें। |
4. अपने स्कूल की छुट्टियों के वार्षिक कैलेंडर को देखिए। उनमें से कितनी छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से संबंधित हैं? इससे क्या संकेत मिलता है?
उत्तर: मेरे स्कूल के वार्षिक कैलेंडर में कई छुट्टियाँ विभिन्न धर्मों से जुड़ी हैं। जैसे:
- हिंदू धर्म: दीपावली, होली, दशहरा, रक्षाबंधन।
- मुस्लिम धर्म: ईद-उल-फितर, ईद-उल-अज़हा।
- सिख धर्म: गुरु नानक जयंती, बैसाखी।
- ईसाई धर्म: क्रिसमस, गुड फ्राइडे।
- अन्य: गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती (जो धर्म से जुड़े नहीं हैं)।
इन छुट्टियों से पता चलता है कि हमारा देश सभी धर्मों का सम्मान करता है। हर धर्म के प्रमुख त्योहारों के लिए छुट्टियाँ दी जाती हैं, जो यह दिखाता है कि भारत में धर्मनिरपेक्षता का पालन होता है और सभी धर्मों को बराबर महत्व दिया जाता है।
5. एक ही धर्म के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोणों के कुछ उदाहरण दें?
उत्तर: एक ही धर्म के लोग अलग-अलग तरीकों से अपनी आस्था को मान सकते हैं। कुछ उदाहरण हैं:
- हिंदू धर्म: कुछ लोग भगवान विष्णु को मानते हैं (वैष्णव) और राम या कृष्ण की पूजा करते हैं, जबकि कुछ लोग भगवान शिव को मानते हैं (शैव) और उनकी पूजा करते हैं।
- मुस्लिम धर्म: मुसलमानों में शिया और सुन्नी दो मुख्य समूह हैं। दोनों अल्लाह और कुरान को मानते हैं, लेकिन उनकी कुछ प्रथाएँ और विश्वास अलग हैं।
- बौद्ध धर्म: बौद्ध धर्म में महायान और हीनयान (थेरवाद) दो प्रमुख शाखाएँ हैं। महायान में बुद्ध को भगवान की तरह पूजा जाता है, जबकि हीनयान में उनके उपदेशों पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है।
- जैन धर्म: जैन धर्म में दिगंबर और श्वेतांबर दो समूह हैं। दिगंबर साधु कपड़े नहीं पहनते, जबकि श्वेतांबर साधु सफेद वस्त्र पहनते हैं।
6. भारतीय राज्य धर्म से फ़ासला भी रखता है और उसमें हस्तक्षेप भी करता है। यह उलझाने वाला विचार लग सकता है। इस पर कक्षा में एक बार फिर चर्चा कीजिए। चर्चा के लिए इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के अलावा आप अपनी जानकारी के अन्य उदाहरणों का भी सहारा ले सकते हैं।
उत्तर: भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्षता का पालन करता है, यानी सरकार किसी एक धर्म को बढ़ावा नहीं देती और न ही किसी धर्म के खिलाफ भेदभाव करती है। लेकिन कुछ खास परिस्थितियों में सरकार धर्म से जुड़े मामलों में दखल देती है। इसे समझने के लिए कुछ बिंदु हैं:
- धर्म से दूरी: सरकार सभी धर्मों को बराबर मानती है। उदाहरण के लिए, किसी भी धर्म के त्योहार को विशेष दर्जा नहीं दिया जाता, और सभी को अपनी पूजा करने की आज़ादी है।
- हस्तक्षेप क्यों: अगर कोई धार्मिक प्रथा गलत या हानिकारक है, तो सरकार उसमें दखल देती है। जैसे:
- सती प्रथा: पहले कुछ लोग सती प्रथा को धर्म का हिस्सा मानते थे, लेकिन यह गलत थी। सरकार ने इसे गैरकानूनी बनाया।
- छुआछूत: हिंदू धर्म में पहले छुआछूत की प्रथा थी, जिसे संविधान ने गलत ठहराया और इसे खत्म करने के लिए कानून बनाए।
- बाल विवाह: कुछ समुदायों में धर्म के नाम पर छोटी उम्र में शादी की जाती थी। सरकार ने इसे रोकने के लिए उम्र सीमा तय की।
- समाज की भलाई: सरकार का मकसद समाज में शांति, बराबरी और न्याय बनाए रखना है। इसलिए, अगर कोई धार्मिक प्रथा लोगों के अधिकारों का हनन करती है, तो सरकार हस्तक्षेप करती है।
यह दिखाता है कि भारत में धर्मनिरपेक्षता का मतलब सिर्फ धर्म से दूरी रखना नहीं है, बल्कि समाज को बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी कदम उठाना भी है।
7. साथ में दिया गया यह पोस्टर ‘शांति’ के महत्त्व को रेखांकित करता है। इस पोस्टर में कहा गया है कि “शांति कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है… यह हमारी आपसी भिन्नताओं और साझा हितों को नज़रअंदाज़ करके नहीं चल सकती।” ये वाक्य क्या बताते हैं? अपने शब्दों में लिखिए। धार्मिक सहिष्णुता से इसका क्या संबंध है?

उत्तर: पोस्टर का यह वाक्य बताता है कि शांति बनाए रखना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। शांति तभी कायम रह सकती है जब हम एक-दूसरे के अलग-अलग विचारों और विश्वासों का सम्मान करें और साथ में उन चीजों पर ध्यान दें जो हमें जोड़ती हैं। अगर हम एक-दूसरे की भावनाओं या हितों को नजरअंदाज करेंगे, तो शांति टूट सकती है।
धार्मिक सहिष्णुता से संबंध: धार्मिक सहिष्णुता का मतलब है कि सभी लोग एक-दूसरे के धर्म और उनकी प्रथाओं का सम्मान करें। उदाहरण के लिए, अगर हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई एक-दूसरे के त्योहारों और रीति-रिवाजों का आदर करें, तो समाज में शांति बनी रहती है। धार्मिक सहिष्णुता हमें यह सिखाती है कि हमारी अलग-अलग मान्यताएँ हो सकती हैं, लेकिन हमें आपस में प्यार और भाईचारे से रहना चाहिए। इससे शांति मजबूत होती है।