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यह अध्याय आपको जीवाश्म ईंधनों जैसे कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की उत्पत्ति और उपयोग के बारे में बताएगा। आप इनके निर्माण की प्रक्रिया, हमारे जीवन में इनके महत्व और पर्यावरण पर उनके प्रभावों को समझेंगे। साथ ही, इन सीमित संसाधनों के संरक्षण और सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकता के बारे में सीखेंगे। यह अध्याय आपको ऊर्जा के उपयोग और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन की महत्ता समझाएगा।

Bihar Board Class 8 Science Chapter 3 Solutions
Contents
- 1 Bihar Board Class 8 Science Chapter 3 Solutions
- 1.1 Question Answer
- 1.2 4. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
- 1.3 5. निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए।
- 1.4 6. समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं।
- 1.5 7. कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
- 1.6 8. पेट्रोलियम-निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
- 1.7 ग्राफ द्वारा आलेखित करिए
| Subject | Science (विज्ञान) |
| Class | 8th |
| Chapter | 3. कोयला और पेट्रोलियम |
| Board | Bihar Board |
अभ्यास
Question Answer
1. सीएनजी और एलपीजी का ईंधन के रूप में उपयोग करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर: सीएनजी और एलपीजी के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं:
- ये कम धुआं पैदा करते हैं और हवा को कम गंदा करते हैं
- पेट्रोल और डीजल की तुलना में ये सस्ते होते हैं
- ये आसानी से जल जाते हैं और अधिक गर्मी देते हैं
- घरों में खाना बनाने और गाड़ियों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल हो सकते हैं
- सीएनजी को पाइपों के जरिए सीधे घरों और दुकानों तक पहुंचाया जा सकता है
2. पेट्रोलियम का कौन सा उत्पाद सड़क निर्माण हेतु उपयोग में लाया जाता है?
उत्तर: पक्की सड़कों के निर्माण में पेट्रोलियम से बना बिटुमेन का उपयोग किया जाता है। बिटुमेन एक काला और चिपचिपा पदार्थ है जो सड़कों को मजबूत बनाता है।
3. वर्णन कीजिए, मृत वनस्पति से कोयला किस प्रकार बनता है? यह प्रक्रम क्या कहलाता है?
उत्तर: कोयला बनने की प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
- लगभग 30 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर दलदली जगहों पर घने जंगल थे
- बाढ़ और अन्य प्राकृतिक कारणों से ये जंगल मिट्टी के नीचे दब गए
- समय के साथ इन पेड़-पौधों पर और भी मिट्टी जमती गई
- बहुत अधिक दबाव और गर्मी के कारण ये मृत पेड़-पौधे धीरे-धीरे कोयले में बदल गए
- यह प्रक्रिया लाखों साल तक चलती रही
4. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) _____ तथा _____ जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक करने का प्रक्रम _____ कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन _____ है।
उत्तर:
(क) कोयला तथा पेट्रोलियम जीवाश्म ईंधन हैं।
(ख) पेट्रोलियम के विभिन्न संघटकों को पृथक करने का प्रक्रम परिशोधन कहलाता है।
(ग) वाहनों के लिए सबसे कम प्रदूषक ईंधन सीएनजी है।
5. निम्नलिखित कथनों के सामने सत्य/असत्य लिखिए।
उत्तर:
(क) जीवाश्म ईंधन प्रयोगशाला में बनाए जा सकते हैं। (असत्य)
(ख) पेट्रोल की अपेक्षा सीएनजी अधिक प्रदूषक ईंधन है। (असत्य)
(ग) कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। (सत्य)
(घ) कोलतार विभिन्न पदार्थों का मिश्रण है। (सत्य)
(ङ) मिट्टी का तेल एक जीवाश्म ईंधन नहीं है। (असत्य)
6. समझाइए, जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन क्यों हैं।
उत्तर: जीवाश्म ईंधन समाप्त होने वाले संसाधन हैं क्योंकि:
- इन्हें बनने में लाखों-करोड़ों साल का समय लगता है
- एक बार खत्म होने पर ये दोबारा जल्दी नहीं बन सकते
- आज हम जितनी तेजी से इनका उपयोग कर रहे हैं, उससे ये कुछ ही सालों में खत्म हो जाएंगे
- इसलिए हमें इनका सोच-समझकर उपयोग करना चाहिए और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की तलाश करनी चाहिए
7. कोक के अभिलक्षणों और उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कोक के गुण:
- यह कठोर और काले रंग का होता है
- इसमें छोटे-छोटे छिद्र होते हैं (सरंध्र)
- यह कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है
- यह धुआं रहित जलता है
कोक के उपयोग:
- लोहा और इस्पात बनाने की फैक्ट्रियों में
- अन्य धातुओं को अयस्कों से निकालने में
- घरेलू ईंधन के रूप में (कम धुआं के कारण)
8. पेट्रोलियम-निर्माण के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर: पेट्रोलियम बनने की प्रक्रिया:
- लाखों साल पहले समुद्र में छोटे जीव-जंतु और पेड़-पौधे मरकर समुद्र तल पर जमा हो गए
- इन मृत जीवों पर धीरे-धीरे रेत और मिट्टी की परतें जमती गईं
- समुद्र तल पर बहुत अधिक दबाव और गर्मी के कारण हवा नहीं पहुंच पाती
- इन परिस्थितियों में मृत जीव धीरे-धीरे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में बदल गए
- यह प्रक्रिया लाखों साल तक चलती रही
- आज हम इसे जमीन के नीचे से निकालकर उपयोग करते हैं
ग्राफ द्वारा आलेखित करिए
9. निम्नलिखित सारणी में 1991 से 1997 तक भारत में विद्युत् की कुल कमी को दिखाया गया है। इन आँकड़ों को ग्राफ द्वारा आलेखित करिए। वर्ष में कमी प्रतिशतता को Y-अक्ष पर तथा वर्ष को X-अक्ष पर आलेखित करिए।
| क्र.सं. | वर्ष | कमी (%) |
|---|---|---|
| 1. | 2004 | 7.8 |
| 2. | 2005 | 8.6 |
| 3. | 2006 | 9.0 |
| 4. | 2007 | 9.5 |
| 5. | 2008 | 9.9 |
| 6. | 2009 | 11.2 |
| 7. | 2010 | 10.0 |
- त्रुटि – प्रश्न में दिए गए वर्ष, सारणी से मेल नहीं खाते हैं। इसीलिए हम प्रश्न को सारणी के हिसाब से ही हल करेंगे।
उत्तर:

ग्राफ खींचने के निर्देश:
- X-अक्ष (Horizontal Axis): वर्ष लिखिए – 2004 से 2010 तक।
- Y-अक्ष (Vertical Axis): कमी प्रतिशत (%) दिखाइए – 7% से 12% तक।
- उचित स्केल चुनें:
- X-अक्ष पर प्रत्येक वर्ष के लिए बराबर दूरी रखें।
- Y-अक्ष पर हर 1% के अंतराल पर अंकन करें।
- डेटा प्लॉट करें:
- हर वर्ष के लिए संबंधित प्रतिशत पर बिंदु (रेखाचित्र) या खड़ी पट्टी (बार ग्राफ) बनाएं।
- बिंदुओं को मिलाएँ (रेखाचित्र के लिए): सभी बिंदुओं को सीधी रेखाओं से जोड़ें।