Bihar Board Class 7 Sanskrit Chapter 13 Solutions from New Book is available here. Get all question answers of chapter 13 – “लालनगीतम्” with easy hindi explanation.
इस पाठ में एक मधुर लालन गीत के माध्यम से प्रकृति और पशु-पक्षियों का सुंदर चित्रण किया गया है। इसमें सूर्य के उदय से लेकर मंदिर की घंटी, नदी की धारा, फूलों की शोभा और तितलियों की चंचलता का वर्णन है। साथ ही विभिन्न पशुओं जैसे गाय, बाघ, मृग, ऊँट, घोड़ा और भालू की गतिविधियाँ भी आकर्षक रूप में प्रस्तुत की गई हैं। यह गीत बच्चों के मन में प्रकृति और जीवों के प्रति रुचि और स्नेह जाग्रत करता है।

Bihar Board Class 7 Sanskrit Chapter 13 Solutions
Contents
- 1 Bihar Board Class 7 Sanskrit Chapter 13 Solutions
- 1.1 1. गीतम् सस्वरं गायत।
- 1.2 2. एकपदेन उत्तरत
- 1.3 3. रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
- 1.4 4. मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत
- 1.5 5. विलोमपदानि मेलयत
- 1.6 6. उचितकथनानां समक्षम् ‘आम्’, अनुचितकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत
- 1.7 7. अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत
- 1.8 8. चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषातः पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत
| Subject | Sanskrit |
| Class | 7th |
| Chapter | 13. लालनगीतम् |
| Board | Bihar Board |
1. गीतम् सस्वरं गायत।
(गीत को सुर में गाओ)
उत्तर: स्वयं करने के लिए
2. एकपदेन उत्तरत
(एक शब्द में उत्तर दीजिए)
(क) का विहसति? (कौन हंसता है/खिलखिलाता है?)
उत्तर: धरणी (पृथ्वी)
(ख) किम् विकसति? (क्या खिलता है?)
उत्तर: कमलम् (कमल)
(ग) व्याघ्रः कुत्र गर्जति? (बाघ कहाँ दहाड़ता है?)
उत्तर: विपिने (जंगल में)
(घ) हरिणः किं खादति? (हिरण क्या खाता है?)
उत्तर: नवघासम् (नई घास)
(ङ) मन्दं कः गच्छति? (धीरे कौन चलता है?)
उत्तर: उष्ट्रः (ऊंट)
3. रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न बनाइए)
(क) सलिले नौका सेलति। (पानी में नाव चलती है।)
उत्तर: सलिले का सेलति? (पानी में क्या चलती है?)
(ख) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते। (फूलों पर तितलियाँ मंडराती हैं।)
उत्तर: कुत्र चित्रपतङ्गाः डयन्ते? (कहाँ तितलियाँ मंडराती हैं?)
(ग) उष्ट्रः पृष्ठे भारं वहति। (ऊंट अपनी पीठ पर भार ढोता है।)
उत्तर: कः पृष्ठे भारं वहति? (कौन अपनी पीठ पर भार ढोता है?)
(घ) धावनसमये अश्वः किमपि न खादति। (दौड़ते समय घोड़ा कुछ नहीं खाता।)
उत्तर: कदा अश्वः किमपि न खादति? (कब घोड़ा कुछ नहीं खाता है?)
(ङ) सूर्ये उदिते धरणी विहसति। (सूर्य निकलने पर धरती खिलखिलाती है।)
उत्तर: किस्मिन् उदिते धरणी विहसति? (किसके निकलने पर धरती खिलखिलाती है?)
4. मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत
(शब्द भंडार से समानार्थी शब्द चुनकर लिखिए)
पृथिवी, देवालये, जले, मृगः, वने, भयङ्करम्
उत्तर:
- धरणी – पृथिवी (धरती)
- विपिने – वने (जंगल में)
- करालम् – भयङ्करम् (भयानक)
- हरिणः – मृगः (हिरण)
- सलिले – जले (पानी में)
- मन्दिरे – देवालये (मंदिर में)
5. विलोमपदानि मेलयत
(विपरीतार्थक शब्दों का मिलान कीजिए)
उत्तर:
- मन्दम् (धीमा) – शीघ्रम्/क्षिप्रम् (तेज़)
- उच्चैः (ऊँचा) – नीचैः (नीचा)
- कठोरः (कठोर) – स्निग्धम् (कोमल)
- पुरातनम् (पुराना) – नूतनम् (नया)
- अपर्याप्तम् (अपर्याप्त) – पर्याप्तम् (पर्याप्त)
6. उचितकथनानां समक्षम् ‘आम्’, अनुचितकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत
(सही कथन के सामने ‘आम्’ और गलत कथन के सामने ‘न’ लिखिए)
(क) धावनसमये अश्वः खादति। (दौड़ते समय घोड़ा खाता है।) – न
(ख) उष्ट्रः पृष्ठे भारं न वहति। (ऊंट अपनी पीठ पर भार नहीं ढोता।) – न
(ग) सिंहः नीचैः क्रोशति। (शेर धीरे से दहाड़ता है।) – न
(घ) पुष्पेषु चित्रपतङ्गाः डयन्ते। (फूलों पर तितलियाँ मंडराती हैं।) – आम्
(ङ) वने व्याघ्रः गर्जति। (जंगल में बाघ दहाड़ता है।) – आम्
(च) हरिणः नवघासम् न खादति। (हिरण नई घास नहीं खाता।) – न
7. अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत
(नीचे लिखे शब्दों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए)
उत्तर:
| भल्लुक: | (तृतीया −एकवचने) | भल्लुकेन (भालू के द्वारा) |
| उष्ट्र: | (पञ्चमी − द्विवचने) | उष्ट्राभ्याम् (दो ऊंटों से) |
| हरिण: | (सप्तमी बहुवचने) | हरिणेषु (कई हिरणों में) |
| व्याघ्र: | (द्वितीया एकवचने) | व्याघ्रम् (बाघ को) |
| घोटकराज: | (सम्बोधन एकवचने) | हे घोटकराज! (हे घोड़ों के राजा!) |
8. चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषातः पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत
(चित्र देखकर शब्द भंडार से शब्दों का प्रयोग करके वाक्य बनाइए)


उत्तर:
- (क) सूर्य: उदेति। (सूरज उगता है।)
- (ख) खगा: कूजन्ति। (पक्षी चहचहाते हैं।)
- (ग) बाला: क्रीडन्ति। (बच्चे खेलते हैं।)
- (घ) कमलानि विकसन्ति। (कमल खिलते हैं।)
- (ङ) चित्रपतङ्गा: डयन्ते। (तितलियाँ उड़ती हैं।)