Bihar Board Class 7 Sanskrit Chapter 5 Solutions – सदाचारः (New Book)

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यह पाठ मनुष्य के उत्तम आचरण और व्यवहार से जुड़ी सीखें देता है। इसमें बताया गया है कि आलस्य से दूर रहना चाहिए और समय पर अपने कार्य पूरे करने चाहिए। हमें सत्य और मधुर वाणी का प्रयोग करना चाहिए तथा दूसरों के साथ सरल और विनम्र व्यवहार रखना चाहिए। माता-पिता और सद्गुणी व्यक्तियों की सेवा करनी चाहिए और मित्रों से झगड़ा नहीं करना चाहिए। यह पाठ अच्छे संस्कारों और सदाचार का महत्व समझाता है।

Bihar Board Class 7 Sanskrit Chapter 5 Solutions new book

Bihar Board Class 7 Sanskrit Chapter 5 Solutions

SubjectSanskrit
Class7th
Chapter5. सदाचारः
BoardBihar Board

1. सर्वान् श्लोकान् सस्वरं गायत।

(सभी श्लोकों को सुर में गाओ।)

उत्तर: स्वयं करने के लिए

2. उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुपयुक्तकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत

(उचित कथनों के सामने ‘आम्’ और अनुचित कथनों के सामने ‘न’ लिखिए)

(क) प्रातः काले ईश्वरं स्मरेत्। (सुबह में ईश्वर को याद करना चाहिए।) – आम्
(ख) अनृतं ब्रूयात। (झूठ बोलना चाहिए।) –
(ग) मनसा श्रेष्ठजनं सेवेत। (मन से अच्छे लोगों की सेवा करनी चाहिए।) – आम्
(घ) मित्रेण कलहं कृत्वा जनः सुखी भवति। (मित्र से झगड़ा करके व्यक्ति सुखी होता है।) –
(ङ) श्वः कार्यम् अद्य कुर्वीत। (कल का काम आज करना चाहिए।) – आम्

3. एकपदेन उत्तरत

(एक शब्द में उत्तर दीजिए)

(क) कः न प्रतीक्षते? (कौन प्रतीक्षा नहीं करता है?)

उत्तर: मृत्युः (मृत्यु किसी की प्रतीक्षा नहीं करती)

(ख) सत्यता कदा व्यवहारे स्यात्? (सत्यता व्यवहार में कब होनी चाहिए?)

उत्तर: सर्वदा (सत्यता हमेशा व्यवहार में होनी चाहिए)

(ग) किं ब्रूयात्? (क्या बोलना चाहिए?)

उत्तर: सत्यम् (सत्य बोलना चाहिए)

(घ) केन सह कलहं कृत्वा नरः सुखी न भवेत्? (किसके साथ झगड़ा करके मनुष्य सुखी नहीं होता है?)

उत्तर: मित्रेण (मित्र के साथ झगड़ा करके मनुष्य सुखी नहीं होता)

(ङ) कः महारिपुः अस्माकं शरीरे तिष्ठति? (हमारे शरीर में कौन सा बड़ा शत्रु रहता है?)

उत्तर: आलस्यम् (आलस्य हमारे शरीर का बड़ा शत्रु है)

4. रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत

(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न बनाइए)

(क) मृत्युः न प्रतीक्षते।
(मृत्यु प्रतीक्षा नहीं करती।)

उत्तर: कः न प्रतीक्षते? (कौन प्रतीक्षा नहीं करता है?)

(ख) कलहं कृत्वा नरः दुःखी भवति।
(झगड़ा करके व्यक्ति दुखी होता है।)

उत्तर: किं कृत्वा नरः दुःखी भवति? (क्या करके व्यक्ति दुखी होता है?)

(ग) पितरं कर्मणा सेवेत।
(पिता की सेवा कर्म से करनी चाहिए।)

उत्तर: कं कर्मणा सेवेत? (किसकी सेवा कर्म से करनी चाहिए?)

(घ) व्यवहारे मृदुता श्रेयसी।
(व्यवहार में नम्रता अच्छी है।)

उत्तर: व्यवहारे का श्रेयसी? (व्यवहार में क्या अच्छा है?)

(ङ) सर्वदा व्यवहारे ऋजुता विधेया।
(हमेशा व्यवहार में सच्चाई रखनी चाहिए।)

उत्तर: कदा व्यवहारे ऋजुता विधेया? (कब व्यवहार में सच्चाई रखनी चाहिए?)

5. पाठे त्रीणि क्रियापदानि सन्ति। तानि प्रयुज्य सार्थकवाक्यानि रचयत

(पाठ में तीन क्रिया पद हैं। उनका प्रयोग करके अर्थपूर्ण वाक्य बनाइए)

उत्तर:

(क) ब्रूयात् (बोले)

उत्तर: अनृतं प्रियं च न ब्रूयात्।
(झूठ और प्रिय बातें नहीं बोलनी चाहिए।)

(ख) स्यात् (हो)

उत्तर: व्यवहारे सर्वदा औदार्यं स्यात्।
(व्यवहार में हमेशा उदारता होनी चाहिए।)

(ग) सेवेत् (सेवा करे)

उत्तर: श्रेष्ठजनं कर्मणा सेवेत्।
(अच्छे लोगों की कर्म से सेवा करनी चाहिए।)

(घ) स्यात् (हो)

उत्तर: व्यवहारे कदाचन कौटिल्यं न स्यात्।
(व्यवहार में कभी भी छल-कपट नहीं होना चाहिए।)

(ङ) ब्रूयात् (बोले)

उत्तर: सत्यम् अप्रियं च न ब्रूयात्।
(सत्य परन्तु अप्रिय बातें नहीं बोलनी चाहिए।)

(च) सेवेत् (सेवा करे)

उत्तर: वाचा गुरुं सेवेत्।
(वाणी से गुरु की सेवा करनी चाहिए।)

(छ) ब्रूयात् (बोले)

उत्तर: सत्यं प्रियं च ब्रूयात्।
(सत्य और प्रिय बातें बोलनी चाहिए।)

(ज) सेवेत् (सेवा करे)

उत्तर: मनसा मातरं पितरं च सेवेत्।
(मन से माता और पिता की सेवा करनी चाहिए।)

6. मञ्जूषातः अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत

(बॉक्स से अव्यय पदों को चुनकर रिक्त स्थानों को भरिए)

मञ्जूषा: तथा, न, कदाचन, सदा, च, अपि

(क) भक्तः _____ ईश्वरं स्मरति।

उत्तर: भक्तः सदा ईश्वरं स्मरति।
(भक्त हमेशा ईश्वर को याद करता है।)

(ख) असत्यं _____ वक्तव्यम्।

उत्तर: असत्यं न वक्तव्यम्।
(झूठ नहीं बोलना चाहिए।)

(ग) प्रियं _____ सत्यं वदेत्।

उत्तर: प्रियं च सत्यं वदेत्।
(प्रिय और सत्य बातें बोलनी चाहिए।)

(घ) लता मेधा _____ विद्यालयं गच्छतः।

उत्तर: लता मेधा च विद्यालयं गच्छतः।
(लता और मेधा विद्यालय जाती हैं।)

(ङ) _____ कुशली भवान्?

उत्तर: अपि कुशली भवान्?
(क्या आप कुशल हैं?)

(च) महात्मागान्धी _____ अहिंसां न अत्यजत्।

उत्तर: महात्मागान्धी कदाचन अहिंसां न अत्यजत्।
(महात्मा गांधी ने कभी भी अहिंसा को नहीं छोड़ा।)

7. चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषातः पदानि च प्रयुज्य वाक्यानि रचयत

(चित्र को देखकर बॉक्स से शब्दों का प्रयोग करके वाक्य बनाइए)

मञ्जूषा: लिखति, कक्षायाम्, श्यामपट्टे, लिखन्ति, सः, पुस्तिकायाम्, शिक्षकः, छात्राः, उत्तराणि, प्रश्नम्, ते

उत्तर:

(क) सः शिक्षकः कक्षायाम् श्यामपट्टे प्रश्नम् लिखति।
(वह शिक्षक कक्षा में श्यामपट्ट पर प्रश्न लिखते हैं।)

(ख) ते छात्राः पुस्तिकायाम् उत्तराणि लिखन्ति।
(वे छात्र अपनी पुस्तिका में उत्तर लिखते हैं।)

(ग) शिक्षकः ‘बालकः’ पदम् लिखति।
(शिक्षक ‘बालक’ शब्द लिखते हैं।)

(घ) केचन छात्राः श्यामपट्टम् पश्यन्ति।
(कुछ छात्र श्यामपट्ट (ब्लैकबोर्ड) को देखते हैं।)

(ङ) तत्र एकं पुस्तकम् मञ्चे अस्ति।
(वहाँ एक पुस्तक मेज पर है।)

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