Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 8 Solutions – रहीम के दोहे (Vasant)

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 8 Solutions available here. Get complete question answers of chapter 8 – “रहीम के दोहे” from new Hindi book – वसंत (Vasant).

“रहीम के दोहे” बिहार बोर्ड कक्षा 7 हिंदी पाठ्यक्रम का आठवाँ अध्याय है, जिसमें महान कवि अब्दुर्रहीम खानखाना (रहीम) के प्रसिद्ध दोहों का संकलन है। अकबर के नवरत्नों में से एक रहीम के दोहे सरल भाषा में गहरे जीवन मूल्यों और नैतिक शिक्षाओं को प्रस्तुत करते हैं। इस अध्याय में विद्यार्थी विनम्रता, दया, कर्तव्य और मानवीय संबंधों के महत्व जैसे विषयों पर रहीम के विचारों से परिचित होंगे। “रहीम के दोहे” अध्याय के सभी प्रश्नोत्तर यहाँ उपलब्ध हैं।

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 8 Solutions Vasant

Bihar Board Class 7 Hindi Chapter 8 Solutions

SubjectHindi – वसंत (Vasant)
Class7
Chapter8. रहीम के दोहे
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दोहे से

प्रश्न 1. पाठ में दिए गए दोहों की कोई पंक्ति कथन है और कोई कथन को प्रमाणित करनेवाला उदाहरण। इन दोनों प्रकार की पंक्तियों को पहचान कर अलग-अलग लिखिए।

उत्तर: रहीम के दोहों में कुछ पंक्तियाँ कथन (मुख्य बात) बताती हैं और कुछ पंक्तियाँ उस कथन को समझाने के लिए उदाहरण देती हैं। इन्हें नीचे अलग-अलग लिखा गया है:

कथन वाली पंक्तियाँ:

“कहि रहीम संपति सगे, बनते बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत।।1।।”

अर्थ: रहीम कहते हैं कि सच्चा मित्र वही है जो मुश्किल समय में साथ दे। अच्छे समय में तो कई लोग दोस्त बन जाते हैं, लेकिन मुसीबत में जो साथ दे, वही असली मित्र है।

“जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।।2।।”

अर्थ: मछली को पानी से इतना प्यार है कि वह पानी के बिना जी नहीं सकती। पानी छूटते ही वह मर जाती है।

उदाहरण वाली पंक्तियाँ:

“तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।
कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान।।3।।”

अर्थ: पेड़ अपने फल नहीं खाता, तालाब अपना पानी नहीं पीता। उसी तरह अच्छे लोग अपनी संपत्ति का उपयोग दूसरों की भलाई के लिए करते हैं। यह उदाहरण बताता है कि हमें निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करनी चाहिए।

“थोथे बाद क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।।4।।”

अर्थ: आश्विन के महीने में बादल सिर्फ गरजते हैं, बारिश नहीं करते। उसी तरह कुछ लोग गरीब होने के बाद भी अपनी पुरानी अमीरी की बातें करके दिखावा करते हैं। यह उदाहरण दिखावे की आदत को दर्शाता है।

“धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह।
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।।5।।”

अर्थ: धरती ठंड, गर्मी और बारिश को चुपचाप सहन करती है। उसी तरह हमें भी सुख-दुख को धैर्य के साथ सहना चाहिए। यह उदाहरण धैर्य की महत्ता बताता है।

प्रश्न 2. रहीम ने क्वार के मास में गरजने वाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजनेवाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?

उत्तर: रहीम ने आश्विन (क्वार) महीने के बादलों की तुलना उन लोगों से की है जो पहले अमीर थे, लेकिन अब गरीब हो गए हैं। जैसे आश्विन के बादल सिर्फ गरजते हैं और बारिश नहीं करते, वैसे ही ये लोग अपनी पुरानी अमीरी की बातें करके दिखावा करते हैं, पर अब उनके पास कुछ नहीं होता। उनकी बातें खोखली होती हैं, क्योंकि वे मौजूदा हालात में कुछ कर नहीं पाते।

दोहे के आधार पर सावन के बादल और आश्विन के बादल में फर्क है। सावन के बादल बारिश करते हैं, यानी वे उपयोगी हैं और धनी लोगों की तरह दूसरों को लाभ पहुँचाते हैं। वहीं, आश्विन के बादल केवल गरजते हैं, बारिश नहीं करते, यानी वे निर्धन लोगों की तरह सिर्फ दिखावा करते हैं। सावन के बादल फलदायी हैं, जबकि आश्विन के बादल बेकार।

दोहों के आगे

प्रश्न 1. नीचे दिए गए दोहों में बताई गई सच्चाइयों को यदि हम अपने जीवन में उतार लें तो उसके क्या लाभ होंगे? सोचिए और लिखिए

(क) तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियत न पान।
कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान।

(ख) धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह।
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह।

उत्तर:

(क) इस दोहे में रहीम कहते हैं कि पेड़ अपने फल नहीं खाता और तालाब अपना पानी नहीं पीता। उसी तरह अच्छे लोग अपनी संपत्ति का उपयोग दूसरों की भलाई के लिए करते हैं। अगर हम इस बात को अपने जीवन में अपनाएँ, तो हम निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करेंगे। इससे समाज में प्यार और भाईचारा बढ़ेगा। लोग एक-दूसरे का सहारा बनेंगे और हमारा समाज खुशहाल होगा। साथ ही, हमारा मन भी संतुष्ट और शांत रहेगा।

(ख) इस दोहे में रहीम कहते हैं कि धरती की तरह हमें हर स्थिति को सहन करना चाहिए। धरती ठंड, गर्मी और बारिश को चुपचाप सहती है। उसी तरह हमें सुख-दुख को धैर्य के साथ स्वीकार करना चाहिए। अगर हम ऐसा करें, तो हमारा मन शांत रहेगा। हम छोटी-छोटी बातों से परेशान नहीं होंगे। मुश्किल समय में भी हम हिम्मत नहीं हारेंगे और हर परिस्थिति में खुश रहना सीखेंगे।

भाषा की बात

प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित हिंदी रूप लिखिए-

जैसे: परे-पड़े (रे, डे)
बिपति, बादर, मछरी, सीत

उत्तर:

रहीम की भाषाप्रचलित हिंदी शब्द
बिपतिविपत्ति
बादरबादल
मछरीमछली
सीतशीत

प्रश्न 2. नीचे दिए उदाहरण पढ़िए

(क) बनत बहुत बहु रीत।
(ख) जाल परे जल जात बहि।

उपर्युक्त उदाहरणों की पहली पंक्ति में ‘ब’ का प्रयोग कई बार किया गया है और दूसरी में ‘ज’ का प्रयोग, इस प्रकार बार-बार एक ध्वनि के आने से भाषा की सुंदरता बढ़ जाती है। वाक्य रचना की इस विशेषता के अन्य उदाहरण खोजकर लिखिए।

उत्तर: जब किसी वाक्य में एक ही ध्वनि बार-बार आती है, तो उसे सुनने में अच्छा लगता है। इसे हिंदी में अनुप्रास अलंकार कहते हैं। नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

  1. संपति-सचहिं सुजान। (‘स’ ध्वनि की आवृत्ति)
  2. तर तमाल तरुवर बहु छाए। (‘त’ ध्वनि की आवृत्ति)
  3. रघुपति राघव राजा राम। (‘र’ ध्वनि की आवृत्ति)
  4. कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय। (‘क’ ध्वनि की आवृत्ति)
  5. चारु चंद्र की चंचल किरणें। (‘च’ ध्वनि की आवृत्ति)
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