Bihar Board Class 6 Social Science Chapter 11 Solutions are available here. Here you will get complete questions and answers of Chapter 11 – “आधारभूत लोकतंत्र – भाग 2: ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय सरकार”, from the new book (Samaj ka Adhyayan). All solutions are in hindi medium and follow the updated syllabus.
यह अध्याय ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था के बारे में बताता है। आप सीखेंगे कि ग्राम सभा और पंचायतें कैसे काम करती हैं और गाँव के लोग विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर फैसले कैसे लेते हैं। यह अध्याय यह भी समझाएगा कि चुने हुए प्रतिनिधि और गाँववाले मिलकर क्या भूमिका निभाते हैं। साथ ही, आप यह जानेंगे कि लोकतंत्र में सबकी भागीदारी क्यों जरूरी है। इस अध्याय के प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं।

Bihar Board Class 6 Social Science Chapter 11 Solutions
| Class | 6 |
| Subject | Social Science (Samaj ka Adhyayan) |
| Chapter | 11. आधारभूत लोकतंत्र – भाग 2: ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय सरकार |
| Board | Bihar Board |
महत्वपूर्ण प्रश्न
1. पंचायती राज संस्थाएँ क्या हैं?
उत्तर:- पंचायती राज संस्थाएँ भारत में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था है। इसे 73वें संविधान संशोधन (1992) द्वारा मजबूत किया गया। यह तीन स्तरों पर काम करती है – ग्राम पंचायत (गाँव स्तर पर), पंचायत समिति (खंड या तहसील स्तर पर) और जिला परिषद (जिला स्तर पर)। ग्राम सभा गाँव के सभी वयस्क नागरिकों की सभा होती है जो पंचायत को जवाबदेह बनाती है। इसमें एक तिहाई सीटें महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित होती हैं। पंचायतें गाँव की समस्याओं के लिए स्थानीय समाधान विकसित करने में मदद करती हैं।
2. उनके क्या कार्य हैं?
उत्तर:- पंचायती राज संस्थाओं के मुख्य कार्य हैं ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास जैसे सड़क, नालियां और पेयजल। ये प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छता सेवाएं प्रदान करती हैं। पंचायतें कृषि विकास, छोटे सिंचाई कार्य और पशुपालन में सहायता देती हैं। ये गरीबी उन्मूलन और सामाजिक न्याय कार्यक्रमों को लागू करती हैं। पंचायतें सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन और निगरानी करती हैं। इनका महत्वपूर्ण कार्य छोटे विवादों का निपटारा और सामुदायिक संसाधनों जैसे तालाब, चारागाह और वनों का प्रबंधन भी है। ये योजनाओं का बजट बनाकर विकास कार्यों के लिए धन का आवंटन भी करती हैं।
3. शासन और लोकतंत्र में ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?
उत्तर:- पंचायती राज संस्थाएँ लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करती हैं क्योंकि ये शासन को जनता के नजदीक लाती हैं। ये “जमीनी स्तर के लोकतंत्र” के रूप में कार्य करती हैं, जहां आम नागरिक अपने गाँव के विकास में सीधे भागीदारी करते हैं। पंचायतें निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले समूहों की भागीदारी सुनिश्चित करती हैं। ये स्थानीय मुद्दों के लिए स्थानीय समाधान विकसित करती हैं, जिससे सरकारी नीतियां अधिक प्रभावी होती हैं। पंचायतें नागरिकों को नेतृत्व के अवसर प्रदान करके नए नेताओं को प्रशिक्षित करती हैं। इनकी उपस्थिति से सरकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
प्रश्न, क्रियाकलाप और परियोजनाएं
1. स्वयं को जाँचिए – ऊपर दिए गए पाठ को देखे बिना क्या आप पंचायती राज व्यवस्था के तीन स्तर बता सकते हैं? तीनों स्तरों में प्रत्येक के मुख्य कार्य क्या हैं?
उत्तर:- पंचायती राज व्यवस्था के तीन स्तर होते हैं:-
1. गांव स्तर (ग्राम पंचायत):–
- गांव के विकास कार्यों की योजना बनाना और उन्हें क्रियान्वित करना।
- जल आपूर्ति, सड़क निर्माण, और सफाई जैसे बुनियादी कार्य करना।
- ग्रामीण शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देना।
2. ब्लॉक स्तर (पंचायत समिति):-
- ग्राम पंचायतों की देखरेख और उन्हें सहायता देना।
- क्षेत्रीय विकास योजनाओं का समन्वय करना।
- कृषि, सिंचाई और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना।
3. जिला स्तर (जिला परिषद):-
- जिले के विकास के लिए बड़ी योजनाएं बनाना।
- शिक्षा, स्वास्थ्य, और परिवहन जैसे प्रमुख विषयों पर कार्य करना।
- राज्य सरकार से प्राप्त वित्तीय सहायता को निचले स्तरों तक वितरित करना।
2. गाँव की सड़क के किनारे पड़ी प्लास्टिक थैलियों से संबंधित विषय पर सरपंच को पत्र लिखिए।
उत्तर:-
दिनांक: 23 अप्रैल, 2025
सेवा में,
श्रीमान/श्रीमती सरपंच जी,
ग्राम पंचायत [गाँव का नाम]
विषय: गाँव की सड़कों पर प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या के समाधान हेतु निवेदन
आदरणीय सरपंच जी,
मैं [आपका नाम], [स्कूल का नाम] का छात्र/छात्रा हूँ और हमारे गाँव की पर्यावरण समस्या के बारे में आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता/चाहती हूँ। हमारे गाँव की सड़कों के किनारे बड़ी मात्रा में प्लास्टिक थैलियाँ और कचरा फैला हुआ है, जिससे न केवल गाँव की सुंदरता प्रभावित हो रही है, बल्कि यह पशुओं और पर्यावरण के लिए भी खतरा बन गया है।
मेरा सुझाव है कि इस समस्या के समाधान के लिए गाँव में हर 100 मीटर की दूरी पर कूड़ेदान लगाए जाएँ और सप्ताह में एक बार सामूहिक सफाई अभियान चलाया जाए। स्कूली बच्चों द्वारा गाँव में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया जा सकता है और कपड़े के थैलों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
हम स्कूल के विद्यार्थी इस कार्य में आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं। कृपया अगली ग्राम सभा में इस विषय पर चर्चा करें और उचित कदम उठाएँ।
सधन्यवाद,
भवदीय,
[आपका नाम]
कक्षा 6, [स्कूल का नाम]
[गाँव का नाम]
3. आपके विचार से किस प्रकार का व्यक्ति ग्राम पंचायत का सदस्य हो सकता है?
उत्तर:- ग्राम पंचायत का सदस्य एक ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो गाँव के विकास के प्रति समर्पित हो। उसे गाँव की समस्याओं और संसाधनों की अच्छी समझ होनी चाहिए। एक अच्छा पंचायत सदस्य ईमानदार, निष्पक्ष और मेहनती होता है, जो सभी गाँववासियों के हितों का ध्यान रखे। उसे सरकारी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए और उन्हें लागू करने का कौशल होना चाहिए। उसे अच्छा संवाद कौशल होना चाहिए ताकि वह लोगों की बात सुन सके और उनकी समस्याओं को उच्च अधिकारियों तक पहुँचा सके। पंचायत सदस्य को समस्याओं के समाधान खोजने में कुशल और निर्णय लेने में साहसी होना चाहिए। वह शिक्षित होना चाहिए, लेकिन औपचारिक शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है उसका व्यावहारिक ज्ञान और सेवा भावना।
4. मान लीजिए, आप एक गाँव के स्कूल में पढ़ते हैं। विद्यार्थियों को स्कूल आते-जाते समय सड़क पार करने में कठिनाई होती है। इस समस्या के समाधानों के विकल्प क्या-क्या हो सकते हैं? इसमें पंचायती राज की कौन-सी संस्थाएँ आपकी मदद कर सकती हैं? विद्यार्थी इसमें क्या कर सकते हैं?
उत्तर:- समाधान के विकल्पों में स्कूल के पास ज़ेब्रा क्रॉसिंग और सुरक्षा संकेत बनाना, स्पीड ब्रेकर लगाना, स्कूल के समय वाहनों की गति सीमित करना, और यातायात नियंत्रक या स्कूल सुरक्षा स्वयंसेवक नियुक्त करना शामिल है। इस समस्या के समाधान में ग्राम पंचायत मुख्य भूमिका निभा सकती है, जो स्कूल के पास सुरक्षित मार्ग बनाने के लिए धन आवंटित कर सकती है। पंचायत समिति ब्लॉक स्तर पर योजना बना सकती है और स्थानीय पुलिस से समन्वय कर सकती है। जिला परिषद बड़े बजट वाले समाधानों जैसे सड़क के ऊपर पुल या भूमिगत मार्ग के लिए धन उपलब्ध करा सकती है। विद्यार्थी अपने शिक्षकों के साथ मिलकर ग्राम सभा में
इस मुद्दे को उठा सकते हैं, जागरूकता अभियान चला सकते हैं और एक सुरक्षा समूह बना सकते हैं जो छोटे बच्चों को सड़क पार करने में मदद करे।