Solutions for Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 7 are available here. This provides written answers for all questions of chapter 7 – “भारतजनताऽहम्”. You will also get hindi explanations for better understanding.
‘भारतजनताऽहम्’ पाठ बिहार बोर्ड कक्षा 8 के संस्कृत का एक सुंदर और प्रेरणादायक अध्याय है। यह भारत की जनता के गौरव, स्वाभिमान, और उनकी विविध विशेषताओं को दर्शाता है। इस पाठ में आप भारतवासियों की विनम्रता, ज्ञान, कला, और कर्मठता के बारे में जानेंगे। यह आपको सिखाएगा कि कैसे हमारी संस्कृति और मित्रता की भावना पूरे विश्व में अनूठी है। यह पाठ हर छात्र को अपनी पहचान पर गर्व करना सिखाता है।

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 7 Solutions
| Subject | Sanskrit (रुचिरा-3) |
| Chapter | 7. भारतजनताऽहम् |
| Class | 8th |
| Board | Bihar Board |
अभ्यासः
1. पाठे दत्तानां पद्यानां सस्वरवाचनं कुरुत-
(पाठ्य में दिए गए पद्यों का सस्वर (स्वर के साथ) पाठ करें।)
उत्तर: छात्राः, कृपया स्वयमेव कुरुत। – (विद्यार्थियों, कृपया इसे स्वयं करें।)
2. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-
(प्रश्नों का उत्तर एक शब्द में लिखिए)
(क) अहं वसुन्धरां किं मन्ये? – (मैं पृथ्वी को क्या मानती हूँ?)
उत्तर: कुटुम्बम् – (परिवार)
(ख) मम सहजा प्रकृति का अस्ति? – ( मेरा स्वाभाविक गुण क्या है?)
उत्तर: मैत्री – (मित्रता)
(ग) अहं कस्मात् कठिना भारतजनताऽस्मि? – (मैं किस कारण से कठोर भारत की जनता हूँ?)
उत्तर: कुलिशात् – (वज्र से)
(घ) अहं मित्रस्य चक्षुषां किं पश्यन्ती भारतजनताऽस्मि? – (हिन्दी अर्थ: मैं मित्र के नेत्रों से क्या देखती हूँ?)
उत्तर: संसारम् – (संसार)
3. प्रश्नानाम् उत्तराणि पूर्णवाक्येन लिखत-
(प्रश्नों का उत्तर पूर्ण वाक्य में लिखिए)
(क) भारतजनताऽहम् कैः परिपूता अस्ति? – (मैं भारत की जनता किनसे पवित्र हूँ?)
उत्तर: भारतजनताऽहम् अध्यात्मसुधा-तटिनी-स्नानैः परिपूता अस्ति। – (मैं भारत की जनता आध्यात्मिक ज्ञान और पवित्र नदियों के स्नान से पवित्र हूँ।)
(ख) समं जगत् कथं मुग्धमस्ति? – (पूरा विश्व कैसे मोहित है?)
उत्तर: समं जगत् गीतैः, नृत्यैः, काव्यैश्च मुग्धमस्ति। – (पूरा विश्व गीतों, नृत्यों और काव्यों से मोहित है।)
(ग) अहं किं किं चिनोमि? – (मैं क्या-क्या चुनती हूँ?)
उत्तर: अहं प्रेयः श्रेयश्च उभयं चिनोमि। – (मैं प्रिय और श्रेष्ठ दोनों को चुनती हूँ।)
(घ) अहं कुत्र सदा दृश्ये? – (मैं हमेशा कहाँ दिखाई देती हूँ?)
उत्तर: अहं विश्वस्मिन् जगति सदा दृश्ये। – ( मैं इस पूरे विश्व में हमेशा दिखाई देती हूँ।)
(ङ) समं जगत् कैः कैः मुग्धम् अस्ति? – (पूरा विश्व किन-किन से मोहित है?)
उत्तर: समं जगत् गीतैः, नृत्यैः, काव्यैश्च मुग्धम् अस्ति। – (पूरा विश्व गीतों, नृत्यों और काव्यों से मोहित है।)
4. सन्धिविच्छेदं पूरयत-
(सन्धि विच्छेद पूरा कीजिए)
उत्तर:
(क) विनयोपेता = विनय + उपेता
(ख) कुसुमादपि = कुसुमात् + अपि
(ग) चिनोम्युभयम् = चिनोमि + उभयम्
(घ) नृत्यैर्मुग्धम् = नृत्यैः + मुग्धम्
(ङ) प्रकृतिरस्ति = प्रकृतिः + अस्ति
(च) लोकक्रीडासक्ता = लोकक्रीडा + आसक्ता
5. विशेषण-विशेष्य पदानि मेलयत-
(विशेषण-विशेष्य पदों को मिलाइए)
उत्तर:
| विशेषण-पदानि | विशेष्य-पदानि |
|---|---|
| सुकुमारा | भारतजनता |
| सहजा | प्रकृति |
| विश्वस्मिन् | जगति |
| समम् | जगत् |
| समस्ते | संसारे |
6. समानार्थकानि पदानि मेलयत-
(समान अर्थ वाले पदों को मिलाइए)
उत्तर:
| A | B |
|---|---|
| जगति | संसारे |
| कुलिशात् | वज्रात् |
| प्रकृति | स्वभावः |
| चक्षुषा | नेत्रेण |
| तटिनी | नदी |
| वसुन्धराम् | पृथ्वीम् |
7. उचितकथानां समक्षम् (आम्) अनुचितकथनानां समक्षं च (न) इति लिखत-
(उचित कथन के सामने ‘आम्’ और अनुचित कथन के सामने ‘न’ लिखिए)
(क) अहं परिवारस्य चक्षुषा संसारं पश्यामि। – (मैं परिवार की आँखों से संसार को देखती हूँ।)
उत्तर: आम् (हाँ)
(ख) समं जगत् मया काव्येन मुग्धमस्ति। – (मरे विश्व मेरी कविता से मोहित है।)
उत्तर: आम् (हाँ)
(ग) अहम् अविवेका भारतजनता अस्मि। – (मैं अविवेकी भारत की जनता हूँ।)
उत्तर: न (नहीं)
(घ) अहं वसुन्धरां कुटुम्बं न मन्ये। – (मैं पृथ्वी को परिवार नहीं मानती हूँ।)
उत्तर: न (नहीं)
(ङ) अहं विज्ञानधना ज्ञानधना च अस्मि। – (मैं विज्ञान और ज्ञान से धनी हूँ।)
उत्तर: आम् (हाँ)