Solutions: Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 2 – बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता

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यह पाठ ‘बिलस्य वाणी न कदापि में श्रुता’ एक रोचक कहानी है, जो पञ्चतन्त्र से ली गई है और बुद्धिमानी व सावधानी की सीख देती है। इसमें खरनखर नामक सिंह और दधिपुच्छ नामक गीदड़ की कहानी है, जो एक गुफा के इर्द-गिर्द घूमती है। यह पाठ आपको सिखाता है कि मुसीबत आने से पहले उसका उपाय सोचना कितना जरूरी है। कहानी में गीदड़ की चतुराई और सिंह की भूल को देखकर आप समझेंगे कि बुद्धि और सतर्कता जीवन में कैसे काम आती है।

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 2 Solutions new

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 2 Solutions

SubjectSanskrit (रुचिरा-3)
Chapter2. बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता
Class8th
BoardBihar Board

अभ्यासः

1. उच्चारणं कुरुत-

कस्मिश्चित्, विचिन्त्य, साध्विदम्

क्षुधार्तः, एतच्छ्रुत्वा, भयसन्त्रस्तमनसाम्

सिंहपदपद्धतिः, समाह्वानम्, प्रतिध्वनिः

उत्तर: छात्रों, कृपया इसे स्वयं करें।

2. एकपदेन उत्तरं लिखत

(एक शब्द में उत्तर लिखिए)

(क) सिंहस्य नाम किम्? – शेर का नाम क्या है?

उत्तर: खरनखरः

हिंदी अर्थ: खरनखर (शेर का नाम खरनखर था।)

(ख) गुहायाः स्वामी कः आसीत्? – गुफा का स्वामी कौन था?

उत्तर: दधिपुच्छः

हिंदी अर्थ: दधिपुच्छ (गुफा का मालिक दधिपुच्छ नाम का गीदड़ था।)

(ग) सिंहः कस्मिन् समये गुहायाः समीपे आगतः? – शेर किस समय गुफा के पास आया?

उत्तर: सूर्यास्तसमये

हिंदी अर्थ: सूर्यास्त के समय (शेर सूरज डूबने के समय गुफा के पास आया।)

(घ) हस्तपादादिकाः क्रियाः केषां न प्रवर्तन्ते? – हाथ-पैर की क्रियाएं किसके द्वारा नहीं की जाती हैं?

उत्तर: भयसन्त्रस्तमनसाम्

हिंदी अर्थ: डरे हुए मन वालों के द्वारा (जो लोग डर से परेशान होते हैं, उनके हाथ-पैर काम नहीं करते।)

(ङ) गुहा केन प्रतिध्वनिता? – गुफा किस चीज से गूंजती है?

उत्तर: उच्चगर्जनेन

हिंदी अर्थ: जोरदार गर्जना से (गुफा जोर की गर्जना से गूंजती है।)

3. पूर्णवाक्येन उत्तरत

(पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए)

(क) खरनखरः कुत्र प्रतिवसति स्म? – खरनखर कहाँ रहता था?

उत्तर: खरनखरः एकस्मिन् वने प्रतिवसति स्म।

हिंदी अर्थ: खरनखर एक जंगल में रहता था।

(ख) महतीं गुहां दृष्ट्वा सिंहः किम् अचिन्तयत्? – बड़ी गुफा देखकर शेर ने क्या सोचा?

उत्तर: महतीं गुहां दृष्ट्वा सिंहः अचिन्तयत् यत् रात्रौ कोऽपि जीवः एतस्यां गुहायां आगच्छति, अतः अहम् अत्र छिप्त्वा तिष्ठामि।

हिंदी अर्थ: बड़ी गुफा देखकर शेर ने सोचा कि रात में कोई जानवर इस गुफा में आता होगा, इसलिए मैं यहीं छिपकर रहूंगा।

(ग) शृगालः किम् अचिन्तयत्? – गीदड़ ने क्या सोचा?

उत्तर: शृगालः अचिन्तयत् यत् अस्मिन् बिले सिंहः अस्ति, अतः अहम् विनष्टः अस्मि, किम् करवाणि?

हिंदी अर्थ: गीदड़ ने सोचा कि इस गुफा में शेर है, मैं तो बर्बाद हो गया, अब क्या करूं?

(घ) शृगालः कुत्र पलायितः? – गीदड़ कहाँ भाग गया?

उत्तर: शृगालः दूरं पलायितः।

हिंदी अर्थ: गीदड़ दूर भाग गया।

(ङ) गुहासमीपमागत्य शृगालः किं पश्यति? – गुफा के पास जाकर गीदड़ ने क्या देखा?

उत्तर: गुहासमीपमागत्य शृगालः सिंहस्य पदचिह्नानि गुहायां प्रविष्टानि अपश्यत्, न तु बहिरागतानि।

हिंदी अर्थ: गुफा के पास जाकर गीदड़ ने देखा कि शेर के पैरों के निशान गुफा में जाते हुए दिखाई देते हैं, बाहर नहीं।

(च) कः शोभते? – कौन सुंदर लगता है?

उत्तर: यः अनागतं चिन्तति, सः शोभते।

हिंदी अर्थ: जो भविष्य के बारे में सोचता है, वही सुंदर लगता है।

4. रेखांकितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत

(रेखांकित शब्दों के आधार पर प्रश्न बनाइए)

(क) क्षुधातः सिंहः कुत्रापि आहारं न प्राप्तवान्।

(भूख के कारण सिंह कहीं भी भोजन नहीं प्राप्त कर सका।)

उत्तर: कः कुत्रापि आहारं न प्राप्तवान्?

हिंदी अर्थ: कौन कहीं भी भोजन नहीं प्राप्त कर सका?

(ख) दधिपुच्छः नाम शृगालः गुहायाः स्वामी आसीत्।

(दधिपुच्छ नाम का गीदड़ गुफा का स्वामी था।)

उत्तर: किम् नाम शृगालः गुहायाः स्वामी आसीत्?

हिंदी अर्थ: गीदड़ का क्या नाम था जो गुफा का स्वामी था?

(ग) एषा गुहा स्वामिनः सदा आह्वानं करोति।

(यह गुफा अपने स्वामी को हमेशा बुलाती है।)

उत्तर: एषा गुहा कस्य सदा आह्वानं करोति?

हिंदी अर्थ: यह गुफा किसे हमेशा बुलाती है?

(घ) भयसन्त्रस्तमनसां हस्तपादादिकाः क्रियाः न प्रवर्तन्ते।

(भय से व्याकुल मन वाले व्यक्ति के हाथ-पैर की क्रियाएं नहीं होती हैं।)

उत्तर: कस्य हस्तपादादिकाः क्रियाः न प्रवर्तन्ते?

हिंदी अर्थ: किसके हाथ-पैर की क्रियाएं नहीं होती हैं?

(ङ) आह्वानेन शृगालः बिले प्रविश्य सिंहस्य भोज्यं भविष्यति।

(आह्वान से शृगाल बिल में प्रवेश करके सिंह का भोजन बन जाएगा।)

उत्तर: कः बिले प्रविश्य सिंहस्य भोज्यं भविष्यति?

हिंदी अर्थ: कौन बिल में प्रवेश करके सिंह का भोजन बन जाएगा?

5. घटनाक्रमानुसारं वाक्यानि लिखत

(वाक्यों को घटना के क्रम में लिखिए)

उत्तर:

(क) परिभ्रमन् सिंहः क्षुधार्तः जातः।
हिंदी अर्थ: घूमते-घूमते शेर को भूख लग गई।

(ख) सिंहः एकां महतीं गुहां अपश्यत्।
हिंदी अर्थ: शेर ने एक बड़ी गुफा देखी।

(ग) गुहायाः स्वामी दधिपुच्छः नाम शृगालः समागच्छत्।
हिंदी अर्थ: गुफा का मालिक दधिपुच्छ नाम का गीदड़ वहाँ आया।

(घ) शृगालः अचिन्तयत् यत् गुहायां कोऽपि अस्ति।
हिंदी अर्थ: गीदड़ ने सोचा कि गुफा में कोई है।

(ङ) शृगालः दूरस्थः रवं कर्तुमारब्धः।
हिंदी अर्थ: गीदड़ ने दूर से शोर मचाना शुरू किया।

(च) सिंहः शृगालस्य आह्वानस्य प्रत्युत्तरं अकरोत्।
हिंदी अर्थ: शेर ने गीदड़ के बुलाने का जवाब दिया।

(छ) शृगालः दूरं पलायितः श्लोकमपठत् च।
हिंदी अर्थ: गीदड़ दूर भाग गया और एक श्लोक पढ़ा।

6. यथानिर्देशमुत्तरत

(निर्देशानुसार उत्तर दीजिए)

(क) ‘एकां महतीं गुहां दृष्ट्वा सः अचिन्तयत्’ अस्मिन् वाक्ये कति विशेषणपदानि, संख्यया सह पदानि अपि लिखत?
(‘एकां महतीं गुहां दृष्ट्वा सः अचिन्तयत्’ इस वाक्य में कितने विशेषण शब्द हैं, और संख्याओं के साथ शब्द भी लिखें।)

उत्तर: विशेषणपदानि द्वौ – १. एकाम्, २. महतीम्।
हिंदी अर्थ: दो विशेषण शब्द हैं – १. एक, २. बड़ी।

(ख) ‘तदहम् अस्य आह्वानं करोमि’ – अत्र ‘अहम्’ इति पदं कस्मै प्रयुक्तम्?
(‘तदहम् अस्य आह्वानं करोमि’ में ‘अहम्’ शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?)

उत्तर: ‘अहम्’ इति पदं शृगालाय प्रयुक्तम्।
हिंदी अर्थ: ‘अहम्’ शब्द गीदड़ के लिए प्रयोग किया गया है।

(ग) ‘यदि त्वं मां न आह्वयसि’ अस्मिन् वाक्ये कर्तृपदं किम्?
(‘यदि त्वं मां न आह्वयसि’ इस वाक्य में कर्ता पद कौन सा है?)

उत्तर: कर्तृपदं ‘त्वम्’ अस्ति।
हिंदी अर्थ: कर्ता पद ‘तू’ है।

(घ) ‘सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा दृश्यते’ अस्मिन् वाक्ये क्रियापदं किम्?
(‘सिंहपदपद्धतिः गुहायां प्रविष्टा दृश्यते’ इस वाक्य में क्रियापद कौन सा है?)

उत्तर: क्रियापदं ‘दृश्यते’ अस्ति।
हिंदी अर्थ: क्रियापद ‘दिखाई देता है’ है।

(ङ) ‘वनेऽत्र संस्थस्य समागता जरा’ अस्मिन् वाक्ये अव्ययपदं किम्?
(‘वनेऽत्र संस्थस्य समागता जरा’ इस वाक्य में अव्ययपद कौन सा है?)

उत्तर: अव्ययपदं ‘अत्र’ अस्ति।
हिंदी अर्थ: अव्ययपद ‘यहाँ’ है।

7. मजूषातः अव्ययपदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत

(मजूषा से अव्यय शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरिए)

मजूषा: नीचैः, तदा, कश्चन, परम्, यदि, सहसा, तर्हि, यदा, च, दूरे

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 2

उत्तर:

एकस्मिन् वने कश्चन व्याधः जालं विस्तीर्य दूरे स्थितः। क्रमशः आकाशात् सपरिवारः कपोतराजः तत्र आगच्छत्। यदा कपोताः तण्डुलान् अपश्यन् तदा तेषां लोभो जातः। परन्तु राजा सहमतः नासीत्। तस्य युक्तिः आसीत् यत् वने कोऽपि मनुष्य नास्ति। कुतः तण्डुलानाम् सम्भवः। राज्ञः उपदेशम् अस्वीकृत्य कपोताः तण्डुलान् खादितुं प्रवृत्ताः जाले सहसा निपतिताः। अतः उक्तम् यदि विदधीत न क्रियाम्।

हिंदी अनुवाद (उत्तर सहित):

एक वन में कोई एक शिकारी ने जाल फैलाकर दूर रखा। धीरे-धीरे आकाश से अपने परिवार के साथ कबूतरों का राजा वहाँ आ गया। जब कबूतरों ने चावल देखे तब उनमें लालच जाग गया। लेकिन राजा सहमत नहीं था। उसका तर्क था कि वन में कोई मनुष्य नहीं है। चावल कहाँ से आएंगे? राजा की सलाह को न मानकर कबूतर चावल खाने के लिए जाल में अचानक गिर पड़े। अतः कहा गया है यदि चोरी नहीं करनी चाहिए।

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