Solutions: Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 12 – क: रक्षति क: रक्षित:

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‘क: रक्षति क: रक्षित:’ बिहार बोर्ड कक्षा 8 के संस्कृत का एक महत्वपूर्ण और संवादात्मक पाठ है। यह पाठ हमें पर्यावरण और स्वच्छता के प्रति जागरूक करता है। आप कुछ दोस्तों की बातचीत के माध्यम से जानेंगे कि नदियों को प्रदूषित करने, वृक्षों को काटने और प्लास्टिक के उपयोग से पर्यावरण को कितना नुकसान होता है। यह पाठ सिखाता है कि अधिक से अधिक पेड़ लगाकर और कूड़ा सही जगह डालकर हम अपनी धरती को हरा-भरा रख सकते हैं।

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 12 Solutions new

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 12 Solutions

SubjectSanskrit (रुचिरा-3)
Chapter12. क: रक्षति क: रक्षित:
Class8th
BoardBihar Board

अभ्यासः

1. प्रश्नानामुत्तराणि एकपदेन लिखत-

(प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए-)

(क) केन पीडितः वैभवः बहिरागतः? (किससे पीड़ित होकर वैभव बाहर आया?)

उत्तरम्: प्रचण्डोष्मणा (तेज गर्मी)

(ख) भवनेत्यादीनां निर्माणाय के कर्त्यन्ते? (भवनों आदि के निर्माण के लिए क्या काटे जाते हैं?)

उत्तरम्: वृक्षाः (पेड़)

(ग) मार्गे किं दृष्ट्वा बालाः परस्परं वार्तालापं कुर्वन्ति? (रास्ते में क्या देखकर बच्चे आपस में बातचीत करते हैं?)

उत्तरम्: अवकरभाण्डारम् (कचरे का ढेर)

(घ) वयं शिक्षिताः अपि कथमाचरामः? (हम शिक्षित होने के बावजूद कैसे व्यवहार करते हैं?)

उत्तरम्: अशिक्षितवत् (अशिक्षितों की तरह)

(ङ) प्लास्टिकस्य मृत्तिकायां लयाभावात् कस्य कृते महती क्षतिः भवति? (प्लास्टिक के मिट्टी में नष्ट न होने के कारण किसे बड़ी हानि होती है?)

उत्तरम्: पर्यावरणस्य (पर्यावरण)

(च) अद्य निदाघतापतप्तस्य किं शुष्कतां याति? (आज गर्मी से तपे हुए का क्या सूख जाता है?)

उत्तरम्: तालुः (ताळु)

2. पूर्णवाक्येन उत्तराणि लिखत-

(पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखिए-)

(क) परमिन्दर् गृहात् बहिरागत्य किं पश्यति? (परमिंदर घर से बाहर आकर क्या देखता है?)

उत्तरम्: परमिन्दर् गृहात् बहिरागत्य वायुं सर्वथा अवरुद्धं पश्यति। (परमिंदर घर से बाहर आकर हवा को पूरी तरह रुका हुआ देखता है।)

(ख) अस्माभिः केषां निर्माणाय वृक्षाः कर्त्यन्ते? (हम लोग किनके निर्माण के लिए पेड़ काटते हैं?)

उत्तरम्: अस्माभिः भवनानां, भूमिगतमार्गाणां, मेट्रोमार्गाणां, सेतूनां च निर्माणाय वृक्षाः कर्त्यन्ते। (हम लोग इमारतों, भूमिगत रास्तों, मेट्रो रास्तों और पुलों के निर्माण के लिए पेड़ काटते हैं।)

(ग) विनयः रोजलिनम्माहूय किं वदति? (विनय रोजलिन को बुलाकर क्या कहता है?)

उत्तरम्: विनयः रोजलिनम् आहूय वदति, “महोदये! कृपया मार्गे अवकरं मा क्षिप।” (विनय रोजलिन को बुलाकर कहता है, “महोदया! कृपया रास्ते में कचरा न फेंकें।”)

(घ) रोजलिन् आगत्य किं करोति? (रोजलिन आकर क्या करती है?)

उत्तरम्: रोजलिन् आगत्य बालैः सह मार्गे विकीर्णं अवकरं संगृह्य अवकरकण्डोले प्रक्षिपति। (रोजलिन आकर बच्चों के साथ रास्ते में बिखरे कचरे को इकट्ठा करके कचरापात्र में डालती है।)

(ङ) अन्ते जोसेफः पर्यावरणरक्षायै कः उपायः बोधयति? (अंत में जोसेफ पर्यावरण की रक्षा के लिए क्या उपाय बताता है?)

उत्तरम्: जोसेफः पर्यावरणरक्षायै उपायं बोधयति यत् पर्यावरणेन सह पशवः अपि रक्षणीयाः। (जोसेफ पर्यावरण की रक्षा के लिए उपाय बताता है कि पर्यावरण के साथ-साथ पशुओं की भी रक्षा करनी चाहिए।)

3. रेखांकितपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-

(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्नों का निर्माण कीजिए-)

(क) जागरूकतया एव स्वच्छताऽभियानमपि गतिं प्राप्स्यति। (जागरूकता से ही स्वच्छता अभियान को गति मिलेगी।)

उत्तरम्: कया स्वच्छताऽभियानमपि गतिं प्राप्स्यति? (किससे स्वच्छता अभियान को गति मिलेगी?)

(ख) धेनुः शाकफलानामावरणैः सह प्लास्टिकस्यूतमपि खादति स्म। (गाय सब्जियों और फलों के छिलकों के साथ प्लास्टिक भी खा रही थी।)

उत्तरम्: धेनुः कैः सह प्लास्टिकस्यूतमपि खादति स्म? (गाय किनके साथ प्लास्टिक भी खा रही थी?)

(ग) वायुवेगः सर्वथाऽवरुद्धः आसीत्। (हवा का वेग पूरी तरह रुका हुआ था।)

उत्तरम्: कः सर्वथाऽवरुद्धः आसीत्? (क्या पूरी तरह रुका हुआ था?)

(घ) सर्वे अवकरं सङ्गृह्य अवकरकण्डोले पातयन्ति। (सभी कचरे को इकट्ठा करके कचरापात्र में डालते हैं।)

उत्तरम्: सर्वे अवकरं सङ्गृह्य कस्मिन् पातयन्ति? (सभी कचरे को इकट्ठा करके किसमें डालते हैं?)

(ङ) अधुना प्लास्टिकनिर्मितानि वस्तूनि प्रायः प्राप्यन्ते। (आजकल प्लास्टिक से बनी वस्तुएँ अधिकतर उपलब्ध होती हैं।)

उत्तरम्: अधुना कानि प्रायः प्राप्यन्ते? (आजकल क्या अधिकतर उपलब्ध होता है?)

(च) सर्वे नदीतीरं प्राप्ताः प्रसन्नाः भवन्ति। (सभी नदी के किनारे पहुँचकर प्रसन्न होते हैं।)

उत्तरम्: सर्वे कुत्र प्राप्ताः प्रसन्नाः भवन्ति? (सभी कहाँ पहुँचकर प्रसन्न होते हैं?)

4. सन्धिविच्छेदं पूरयत-

(संधि-विच्छेद कीजिए-)

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 12

उत्तरम्:

(क) ग्रीष्मकालः – ग्रीष्मः + कालः

(ख) बहिरागत्य – बहिः + आगत्य

(ग) काच्चित्त्वम् – काचित् + त्वम्

(घ) तद्वनम् – तत् + वनम्

(ङ) कलमेत्यादीनि – कलम् + इति + आदीनि

(च) अतीवानन्दप्रदोषयम् – अतीव + आनन्दप्रदः + अयम्

5. विशेषणपदैः सह विशेष्यदानि योजयत-

(विशेषण पदों को विशेष्य के साथ मिलाइए-)

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 12

उत्तरम्:

  • काञ्चित् – शान्तिम् (कुछ शांति)
  • स्वच्छानि – गृहाणि (स्वच्छ घर)
  • पिहिते – अवकरकण्डोले (बंद कचरापात्र)
  • स्वच्छता – स्वास्थ्यकरी (स्वच्छता स्वास्थ्यवर्धक)
  • गच्छन्ति – मित्राणि (जाते हुए मित्र)
  • अन्यत् – अवकरम् (अन्य कचरा)
  • महती – क्षतिः (बड़ी हानि)

6. शुद्धकथनानां समक्षम ‘आम्’ अशुद्धकथनानां समक्षं च ‘न’ इति लिखत-

(शुद्ध कथन के सामने ‘आम’ और अशुद्ध कथन के सामने ‘न’ लिखिए-)

(क) प्रचण्डोष्मणा पीडिताः बालाः सायंकाले एकैकं कृत्वा गृहाभ्यन्तरं गताः। (तेज गर्मी से पीड़ित बच्चे शाम को एक-एक करके घर के अंदर गए।)

उत्तरम्: आम्

(ख) मार्गे मित्राणि अवकरभाण्डारं यत्र-तत्र विकीर्ण दृष्ट्वा वार्तालापं कुर्वन्ति। (रास्ते में मित्र कचरे का ढेर इधर-उधर बिखरा देखकर बातचीत करते हैं।)

उत्तरम्: आम्

(ग) अस्माभिः पर्यावरणस्वच्छतां प्रति प्रायः ध्यानं न दीयते। (हम लोग पर्यावरण की स्वच्छता की ओर प्रायः ध्यान नहीं देते।)

उत्तरम्: आम्

(घ) वायुं विना क्षणमपि जीवितुं न शक्यते। (हवा के बिना एक क्षण भी जीवित रहना संभव नहीं है।)

उत्तरम्: आम्

(ङ) रोजलिन् अवकरम् इतस्ततः प्रक्षेपणात् अवरोधयति बालकान्। (रोजलिन बच्चों को कचरा इधर-उधर फेंकने से रोकती है।)

उत्तरम्: आम्

(च) एकेन शुष्कवृक्षेण दह्यमानेन वनं सुपुत्रेण कुलमिव दह्यते। (एक सूखे वृक्ष के जलने से वन उसी तरह जलता है जैसे अच्छे पुत्र से कुल।)

उत्तरम्: आम्

(छ) बालकाः धेनुं कदलीफलानि भोजयन्ति। (बच्चे गाय को केले खाने को देते हैं।)

उत्तरम्: आम्

(ज) नदीजले निमज्जिताः बालाः प्रसन्नाः भवन्ति। (नदी के जल में डुबकी लगाकर बच्चे प्रसन्न होते हैं।)

उत्तरम्: आम्

7. घटनाक्रमानुसारं लिखत-

(घटनाक्रम के अनुसार लिखिए-)

उत्तरम्:

(क) गृहे प्रचण्डोष्मणा पीडितानि मित्राणि एकैकं कृत्वा गृहात् बहिरागच्छन्ति। (घर में तेज गर्मी से पीड़ित मित्र एक-एक करके बाहर आते हैं।)

(ख) वृक्षाणां निरन्तरं कर्तनेन, ऊष्मावर्धनेन च दुःखिताः बालाः नदीतीरं गन्तुं प्रवृत्ताः भवन्ति। (पेड़ों की निरंतर कटाई और गर्मी बढ़ने से दुखी बच्चे नदी के किनारे जाने को प्रेरित होते हैं।)

(ग) मार्गे यत्र-तत्र विकीर्णमवकरं दृष्ट्वा पर्यावरणविषये चिन्तिताः बालाः परस्परं विचारयन्ति। (रास्ते में इधर-उधर बिखरे कचरे को देखकर पर्यावरण के बारे में चिंतित बच्चे आपस में विचार करते हैं।)

(घ) उपरितः अवकरं क्षेप्तुम् उद्यतां रोजलिन् बालाः प्रबोधयन्ति। (ऊपर से कचरा फेंकने को तैयार रोजलिन को बच्चे समझाते हैं।)

(ङ) बालैः सह रोजलिन् अपि मार्गे विकीर्णमवकरं यथास्थानं प्रक्षिपति। (बच्चों के साथ रोजलिन भी रास्ते में बिखरे कचरे को सही स्थान पर डालती है।)

(च) शाकफलानामावरणैः सह प्लास्टिकस्यूतमपि खादन्तीं धेनुं बालकाः कदलीफलानि भोजयन्ति। (सब्जियों और फलों के छिलकों के साथ प्लास्टिक खाती गाय को बच्चे केले खिलाते हैं।)

(छ) प्लास्टिकस्य विविधान् पक्षान् विचारयितुं पर्यावरणसंरक्षणेन पशूनेत्यादीन् रक्षितुं बालाः कृतनिश्चयाः भवन्ति। (प्लास्टिक के विभिन्न पहलुओं पर विचार करके पर्यावरण और पशुओं की रक्षा के लिए बच्चे दृढ़ निश्चय करते हैं।)

(ज) अन्ते बालाः जलविहारं कृत्वा प्रसीदन्ति। (अंत में बच्चे जलक्रीड़ा करके प्रसन्न होते हैं।)

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