Here you will get complete Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 Solutions. This covers all question answer of chapter 2 – “बस की यात्रा”, from the new book. It follows the updated syllabus of BSEB.
“बस की यात्रा” एक मजेदार और व्यंग्य भरी रचना है, जिसमें लेखक अपनी पुरानी बस में यात्रा के अनुभव को साझा करते हैं। इस पाठ से आप जानेंगे कि कैसे एक साधारण बस यात्रा हास्य और रोमांच से भरपूर हो सकती है। लेखक पुरानी बस की खराब हालत और उसमें होने वाली अजीबोगरीब घटनाओं का वर्णन करते हैं, जो आपको हँसाते हुए सोचने पर मजबूर करेगी। यह पाठ परिवहन की स्थिति पर हल्का-फुल्का व्यंग्य करता है और सिखाता है कि मुश्किल हालात में भी हँसी-मजाक के साथ आगे बढ़ा जा सकता है।

Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 2 Solutions
Contents
| अध्याय | 2. बस की यात्रा |
| लेखक | हरिशंकर परसाई |
| विषय | Hindi (वसंत भाग 3) |
| कक्षा | 8वीं |
| बोर्ड | बिहार बोर्ड |
प्रश्न-अभ्यास
कारण बताएँ
1. “मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा।”
लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई?
उत्तर: लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जगी क्योंकि वे बस की खराब हालत जानते हुए भी उसमें यात्रा कर रहे थे। यह देखकर लेखक को लगा कि वे अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। लेकिन लेखक ने व्यंग्य के साथ कहा कि अगर बस दुर्घटना का शिकार हो जाए, तो हिस्सेदार का टायर न बदलने का साहस स्वर्ग में भी सराहा जाएगा। यह व्यंग्यात्मक श्रद्धा थी, जो उनकी लापरवाही पर कटाक्ष करती थी।
2. “लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।”
लोगों ने यह सलाह क्यों दी?
उत्तर: लोगों ने यह सलाह इसलिए दी क्योंकि बस की हालत बहुत खराब थी। यह पुरानी और जर्जर थी, जिसके कभी भी रुक जाने या खराब होने का डर था। ब्रेक फेल हो सकता था या स्टीयरिंग टूट सकता था। रात में जंगल में फँसने का भी खतरा था। इसलिए समझदार लोग इस बस से यात्रा करने से बचते थे।
3. “ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।”
लेखक को ऐसा क्यों लगा?
उत्तर: लेखक को ऐसा इसलिए लगा क्योंकि बस का इंजन बहुत तेज शोर कर रहा था। उसकी आवाज़ पूरी बस में गूंज रही थी। बस के काँच टूटे हुए थे, और सीटों के नीचे से भी इंजन की आवाज़ आ रही थी। इस वजह से ऐसा लग रहा था कि वे बस में नहीं, बल्कि इंजन के अंदर बैठे हैं।
4. “गजब हो गया। ऐसी बस अपने आप चलती है।”
लेखक को यह सुनकर हैरानी क्यों हुई?
उत्तर: लेखक को हैरानी इसलिए हुई क्योंकि बस की हालत इतनी खराब थी कि उसे चलते देखना मुश्किल था। टायर पुराने थे, काँच टूटे थे, और पूरी बस जर्जर थी। जब हिस्सेदार ने कहा कि यह बस अपने आप चलती है, तो लेखक को आश्चर्य हुआ कि इतनी खराब बस कैसे चल सकती है।
5. “मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।”
लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था?
उत्तर: लेखक पेड़ों को दुश्मन इसलिए समझ रहा था क्योंकि बस की हालत बहुत खराब थी। उसे डर था कि बस का ब्रेक फेल हो सकता है या स्टीयरिंग टूट सकता है, और बस किसी पेड़ से टकरा सकती है। हर पेड़ को देखकर उसे लगता था कि बस उससे टकराने वाली है, इसलिए वह डर रहा था।
पाठ से आगे
1. ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों के आधार पर लिखिए।
उत्तर: सविनय अवज्ञा आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में 12 मार्च 1930 को शुरू हुआ। इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के नमक कानून जैसे अन्यायपूर्ण नियमों का शांतिपूर्ण विरोध करना था। गांधीजी ने डांडी मार्च करके नमक बनाया और कानून तोड़ा। इस आंदोलन का लक्ष्य भारत को आजादी दिलाना और ब्रिटिश शासन के गलत नियमों का विरोध करना था। यह स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा था।
2. सविनय अवज्ञा का उपयोग व्यंग्यकार ने किस रूप में किया है? लिखिए।
उत्तर: व्यंग्यकार ने “सविनय अवज्ञा” का उपयोग मजाकिया और कटाक्ष भरे अंदाज में किया है। इसका मतलब है कि लोग बाहर से नियमों का पालन करते दिखते हैं, लेकिन अंदर से उनका विरोध करते हैं। लेखक ने इसे बस की खराब हालत और हिस्सेदार की लापरवाही से जोड़ा, जहाँ लोग सतही तौर पर नियम मानते हैं, लेकिन वास्तव में व्यवस्था की कमियों को उजागर करते हैं।
3. आप अपनी किसी यात्रा के खट्टे-मीठे अनुभवों को याद करते हुए एक लेख लिखिए।
उत्तर: पिछले साल मैं अपने परिवार के साथ नैनीताल गया था। हम बस से यात्रा कर रहे थे। सुबह का समय था, और बाहर का नजारा बहुत सुंदर था। पहाड़, हरे-भरे पेड़, और ठंडी हवा ने मन को तरोताजा कर दिया। लेकिन रास्ते में हमारी बस खराब हो गई। ड्राइवर ने बताया कि इंजन में कुछ दिक्कत है। हम सब घंटों इंतजार करते रहे। कुछ लोग परेशान थे, लेकिन बच्चे बाहर खेलने लगे। पास की दुकान से हमने चाय और समोसे लिए, जो बहुत स्वादिष्ट थे। आखिरकार, दूसरी बस आई और हम नैनीताल पहुँचे। वहाँ झील और बोटिंग का मजा लिया।
इस यात्रा में परेशानी भी हुई, लेकिन परिवार के साथ बिताए पल और प्रकृति की सुंदरता ने इसे यादगार बना दिया।
मन-बहलाना
(i) अनुमान कीजिए यदि बस जीवित प्राणी होती, बोल सकती तो वह अपनी बुरी हालत और भारी बोझ के कष्ट को किन शब्दों में व्यक्त करती? लिखिए।
उत्तर: अगर बस बोल सकती, तो शायद वह कहती:
“अरे यात्रियों, मेरी हालत देखो! मेरे टायर घिस गए हैं, और मेरा इंजन हर कदम पर हाँफ रहा है। भारी बोझ से मेरी कमर टूट रही है। मैं दिन-रात दौड़ती हूँ, लेकिन कोई मेरी मरम्मत नहीं करता। कृपया मुझ पर थोड़ा रहम करो, मुझे आराम दो, ताकि मैं तुम्हें सुरक्षित ले जा सकूँ।”
भाषा की बात
1. बस, वश, बस तीन शब्द हैं-इनमें बस सवारी के अर्थ में, वश अधीनता के अर्थ में, और बस पर्याप्त (काफी) के अर्थ में प्रयुक्त होता है, जैसे-बस से चलना होगा। मेरे वश में नहीं है। अब बस करो।
उपर्युक्त वाक्यों के समान वश और बस शब्द से दो-दो वाक्य बनाइए।
उत्तर:
वश:
(i) यह फैसला मेरे वश में नहीं है।
(ii) अपनी भावनाओं को वश में करना सीखो।
बस:
(i) हम सुबह की बस से गाँव जाएँगे।
(ii) अब बस करो, ज्यादा शोर मत मचाओ।
2. “हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर बाद मिलती है।”
ऊपर दिए गए वाक्यों में ने, की, से आदि वाक्य के दो शब्दों के बीच संबंध स्थापित कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को कारक कहते हैं। इसी तरह दो वाक्यों को एक साथ जोड़ने के लिए ‘कि’ का प्रयोग होता है।
कहानी में से दोनों प्रकार के चार वाक्यों को चुनिए।
उत्तर:
(i) जो भी पेड़ आता, डर लगता कि बस इससे टकराएगी। (कि – वाक्य जोड़ने वाला)
(ii) यह बस पूजा के योग्य है। (के – कारक)
(iii) हमें लग रहा था कि हमारी सीट के नीचे इंजन है। (कि – वाक्य जोड़ने वाला)
(iv) बस से यात्रा करना जोखिम भरा था। (से – कारक)
3. “हम फ़ौरन खिड़की से दूर सरक गए। चाँदनी में रास्ता टटोलकर वह रेंग रही थी।”
दिए गए वाक्यों में आई ‘सरकना’ और ‘रेंगना’ जैसी क्रियाएँ दो प्रकार की गतियाँ दर्शाती हैं। ऐसी कुछ और क्रियाएँ एकत्र कीजिए जो गति के लिए प्रयुक्त होती हैं. जैसे घूमना इत्यादि। उन्हें वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(i) दौड़ना: बच्चे स्कूल के मैदान में दौड़ रहे थे।
(ii) चलना: वह सुबह-सुबह पार्क में चलने जाता है।
(iii) भागना: चोर को देखकर वह तेजी से भाग गया।
(iv) कूदना: मेंढक तालाब में कूद गया।
(v) उड़ना: चिड़िया आसमान में उड़ रही थी।
(vi) घूमना: हम बगीचे में घूम रहे थे।
(vii) लुढ़कना: गेंद पहाड़ी से लुढ़क गई।
(viii) फिसलना: बर्फ पर वह फिसल गया।
4. “काँच बहुत कम बचे थे। जो बचे थे, उनसे हमें बचना था।”
इस वाक्य में ‘बच’ शब्द को दो तरह से प्रयोग किया गया है। एक ‘शेष’ के अर्थ में और दूसरा ‘सुरक्षा’ के अर्थ में।
नीचे दिए गए शब्दों को वाक्यों में प्रयोग करके देखिए। ध्यान रहे, एक ही शब्द वाक्य में दो बार आना चाहिए और शब्दों के अर्थ में कुछ बदलाव होना चाहिए।
(क) जल।
उत्तर:
जल: बगीचे में जल का फव्वारा चल रहा था, लेकिन गर्मी में जल पीने की जरूरत ज्यादा थी।
(ख) हार।
उत्तर:
हार: खेल में हार के बावजूद उसने हार नहीं मानी और मेहनत जारी रखी।
5. बोलचाल में प्रचलित अंग्रेजी शब्द ‘फर्स्ट क्लास’ में दो शब्द हैं- फर्स्ट और क्लास। यहाँ क्लास का विशेषण है फर्स्ट। चूँकि फर्स्ट संख्या है, फर्स्ट क्लास संख्यावाचक विशेषण का उदाहरण है। ‘महान आदमी’ में किसी आदमी की विशेषता है महान। यह गुणवाचक विशेषण है। संख्यावाचक विशेषण और गुणवाचक विशेषण के दो-दो उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर:
संख्यावाचक विशेषण:
(i) चार किताबें
(ii) सात पेड़
गुणवाचक विशेषण:
(i) चतुर लड़का
(ii) सुंदर फूल