Free Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 5 Solutions are available here. Get all written question answers for chapter 5 – “नाटक में नाटक”. It follows the new syllabus and book of BSEB Class 8 Hindi.
‘नाटक में नाटक’ मंगल सक्सेना जी का एक रोचक नाटक है, जो रोज़का नामक एक साहसी लड़की की कहानी बयान करता है। यह पाठ हंगरी की कठिन परिस्थितियों में रोज़का के साहस और आत्मविश्वास को दर्शाता है। आप इस नाटक से हिम्मत, दृढ़ संकल्प और अपने लक्ष्यों को हासिल करने की प्रेरणा लेंगे। यह कहानी आपको सिखाएगी कि मुश्किलों के बावजूद हार नहीं माननी चाहिए।

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 5 Solutions
Contents
| अध्याय | 5. नाटक में नाटक |
| लेखक | मंगल सक्सेना |
| विषय | Hindi (दूर्वा भाग 3) |
| कक्षा | 8वीं |
| बोर्ड | बिहार बोर्ड |
अभ्यास
पाठ से
(क) बच्चों ने मंच की व्यवस्था किस प्रकार की?
उत्तर: बच्चों ने एक छोटे से सार्वजनिक मैदान को चुना, जो पहले खाली और बेकार पड़ा था। उन्होंने मिलकर वहां घास और फूल-पौधे लगाए। इसके बाद, उसी मैदान में एक सुंदर मंच तैयार किया, जहां नाटक का मंचन हो सके।
(ख) पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन-ही-मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा क्यों कर रहे थे?
उत्तर: राकेश ने अपनी तेज बुद्धि से बिगड़ते हुए नाटक को संभाल लिया था। जब कलाकार अपने संवाद भूल गए और नाटक में गड़बड़ होने लगी, तब राकेश ने तुरंत मंच पर आकर स्थिति को सुधारा। इसलिए पर्दे के पीछे खड़े साथी उसकी तारीफ कर रहे थे।
(ग) नाटक के लिए रिहर्सल की ज़रूरत क्यों होती है?
उत्तर: नाटक के लिए रिहर्सल जरूरी होती है क्योंकि इससे कलाकार अपनी भूमिका को अच्छे से समझ लेते हैं। रिहर्सल में वे अपने संवादों का अभ्यास करते हैं, अभिनय को बेहतर बनाते हैं और गलतियों को सुधारते हैं। इससे मंच पर आत्मविश्वास बढ़ता है और नाटक दर्शकों के लिए रोचक और प्रभावशाली बनता है।
नाटक की बात
“जब नाटक में अभिनय करने वाले कलाकार भी नए हों, मंच पर आकर डर जाते हों, घबरा जाते हों और कुछ-कुछ बुद्धू भी हों, तब तो अधूरी तैयारी से खेलना ही नहीं चाहिए।”
(क) ऊपर के वाक्य में नाटक से जुड़े कई शब्द आए हैं; जैसे-अभिनय, कलाकार और तुम पूरी कहानी को पढ़कर ऐसे ही और शब्दों की सूची बनाओ। तुम इस सूची की तालिका इस प्रकार बना सकते हो-
उत्तर:
| व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम | काम |
|---|---|
| कलाकार | अभिनय |
| मंच | नाटक का मंचन |
| दर्शक | नाटक देखना |
| संगीतकार | संगीत देना |
| शायर | शायरी करना |
| चित्रकार | चित्र बनाना |
| पर्दा | मंच को छिपाना |
शायर और शायरी
“सोहन बना था शायर।”
तुम किसी गज़ल को किसी पुस्तक में पढ़ सकते हो या किसी व्यक्ति द्वारा गाते हुए सुन सकते हो। इसमें से तुम्हें जो भी पसंद हो उसे इकट्ठा करो। उसे तुम समुचित अवसर पर आवश्यकतानुसार गा भी सकते हो।
उत्तर: मैंने एक गज़ल सुनी जो मुझे बहुत पसंद आई। यह गज़ल है:
“ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
काफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।”
— ग़ालिब
यह शायरी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी जीवन में हम अकेले महसूस करते हैं, भले ही हमारे आसपास लोग हों।
तुम्हारे संवाद
“श्याम घबरा गया। वह सहसा चुप हो गया। उसके चुप होने से चित्रकार और शायर महोदय भी चुप हो गए। होना यह चाहिए था कि दोनों कोई बात मन की ही बनाकर बात आगे बढ़ा देते।”
अगर तुम श्याम की जगह पर होते, तो अपने मन से कौन से संवाद जोड़ते। लिखो।
उत्तर: अगर मैं श्याम की जगह होता, तो मैं कहता:
“मैं एक संगीतकार हूँ। मेरी धुनें सुनकर लोग झूम उठते हैं। मेरे संगीत में जादू है, जो हर दिल को छू लेता है। चाहे शायरी हो या चित्रकला, मेरे संगीत के बिना सब अधूरा है!”
सोचो, ऐसा क्यों?
“राकेश को गुस्सा भी आ रहा था और रोना भी।”
(क) तुम्हारे विचार से राकेश को गुस्सा और रोना क्यों आ रहा होगा?
उत्तर: राकेश को गुस्सा और रोना इसलिए आ रहा था क्योंकि नाटक के लिए उसने बहुत मेहनत की थी, लेकिन कलाकार ठीक से अभिनय नहीं कर रहे थे। वे अपने संवाद भूल गए और आपस में लड़ने लगे। इससे नाटक बिगड़ रहा था, जिससे राकेश को गुस्सा और अपनी मेहनत बेकार होने का दुख हो रहा था।
(ख) तुम्हारे विचार से राकेश जब मंच पर पहुँचा, बाकी सब कलाकार क्यों चुप हो गए होंगे?
उत्तर: जब राकेश मंच पर पहुँचा, तो बाकी कलाकार चुप हो गए क्योंकि वे अपनी गलतियों से डर गए थे। दर्शक हँस रहे थे और नाटक बिगड़ रहा था। राकेश के अचानक आने से उन्हें लगा कि अब वह स्थिति को संभालेगा या उन्हें डांटेगा, इसलिए वे चुप हो गए।
(ग) दर्शक भौंचक्के क्यों हो गए थे?
उत्तर: दर्शक भौंचक्के हो गए क्योंकि उन्हें लग रहा था कि नाटक बिगड़ गया है। लेकिन जब राकेश ने मंच पर आकर चतुराई से नाटक को संभाला, तो दर्शकों को समझ नहीं आया कि यह नाटक का हिस्सा है या वाकई में गड़बड़ हुई थी। इसलिए वे हैरान और शांत हो गए।
(घ) राकेश ने ऐसा क्यों कहा होगा?
उत्तर: राकेश ने ऐसा कहा क्योंकि वह चाहता था कि कलाकार अपनी गलतियों को समझें और रिहर्सल को गंभीरता से लें। उसने नाटक के हिस्से की तरह बोलकर स्थिति को संभाला, ताकि दर्शकों को लगे कि यह सब नाटक का हिस्सा है।
चलो अभिनय करें
कहानी में से चुनकर कुछ संवाद नीचे दिए गए हैं। उन संवादों को अभिनय के साथ बोलकर दिखाओ।
(क) चित्रकार महोदय हाथ में कूची पकड़े-आँखें नचा-नचाकर, मटक-मटककर बोल रहे थे, “अरे चमगादड़, तुझे क्या खाक शायरी करना आता है। जबरदस्ती ही तुझे यह पार्ट दे दिया। तूने सारा गड़बड़ कर दिया।”
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
(ख) मोहन बोला, “मेरा तो दिल बहुत जोरों से धड़क रहा है।”
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
(ग) राकेश पहुँचते ही एक कुर्सी पर बैठते हुए बोला, “आज मुझे अस्पताल में हाथ पर पट्टी बंधवाने में देर हो गई, तो तुमने इस तरह ‘रिहर्सल’ की है। ज़ोर-ज़ोर से लड़ने लगे।”
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
(घ) चित्रकार महोदय ने हाथ उठाकर कहा, “देख, मुँह सँभालकर बोल।”
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
शब्दों का फेर
“जब संगीत की स्वर लहरी गूंजती है तो पशु-पक्षी तक मुग्ध हो जाते हैं, शायर साहब! आप क्या समझते हैं संगीत को?”
(क) कहानी में इसके बदले किसने, क्यों और क्या बोला? तुम उसको लिखकर बताओ।
उत्तर: कहानी में संगीतकार ने यह संवाद गलत बोला। उसे यह कहना था, लेकिन वह अपना संवाद भूल गया। इसके बदले उसने कहा, “जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो सभी पशु-पक्षी तक मुँह की खा जाते हैं, गाजर साहब! आप क्या समझते हैं हमें गाजर साहब?” उसने यह गलती इसलिए की क्योंकि वह घबरा गया था और उसे सही शब्द याद नहीं आए।
(ख) कहानी में शायर के बदले गाजर कहने से क्या हुआ? तुम भी अगर किसी शब्द के बदले किसी अन्य शब्द का प्रयोग कर दो तो क्या होगा?
उत्तर: शायर के बदले “गाजर” कहने से दर्शक हँसने लगे क्योंकि यह गलती बहुत मज़ेदार थी। इससे नाटक में हास्य पैदा हुआ, लेकिन कलाकारों के बीच गलतफहमी बढ़ गई।
अगर हम किसी शब्द की जगह गलत शब्द बोल दें, तो बात का अर्थ बदल सकता है। कभी यह हँसी का कारण बन सकता है, तो कभी गलतफहमी या झगड़ा भी हो सकता है। इसलिए सही शब्दों का इस्तेमाल करना बहुत ज़रूरी है।
तुम्हारा शीर्षक
इस कहानी का शीर्षक ‘नाटक में नाटक’ है। कहानी में जो नाटक है तुम उसका शीर्षक बताओ।
उत्तर: कहानी में जो नाटक है, उसका शीर्षक हो सकता है: “तीन कलाकारों का हास्य नाटक”।
समस्या और समाधान
कहानी में चित्रकार बना मोहन, शायर बना सोहन और संगीतकार बना श्याम अपनी-अपनी कला को महान बताने के साथ एक-दूसरे को छोटा-बड़ा बताने वाले संवादों को बोलकर झगड़े की समस्या को बढ़ावा देते दिख रहे हैं। तुम उन संवादों को गौर से पढ़ो और उसे इस तरह बदलकर दिखाओ कि आपसी झगड़े की समस्या का समाधान हो जाए।
(क) संगीतकार को क्या कहना चाहिए?
उत्तर: संगीतकार को कहना चाहिए, “मेरी धुनें दिल को सुकून देती हैं। चित्रकला और शायरी के साथ मिलकर मेरा संगीत और भी सुंदर बन जाता है। हम सबकी कला मिलकर एक खूबसूरत नाटक बनाती है।”
(ख) शायर को क्या कहना चाहिए?
उत्तर: शायर को कहना चाहिए, “मेरी शायरी दिल को छूती है, लेकिन चित्रकला की सुंदरता और संगीत की मधुरता के बिना यह अधूरी है। हम सब मिलकर ही एक शानदार नाटक बना सकते हैं।”
(ग) तुम यह भी बताओ कि इन सभी कलाकारों को तुम्हारे अनुसार वह संवाद क्यों कहना चाहिए?
उत्तर: इन संवादों से कलाकार एक-दूसरे की कला का सम्मान करेंगे। इससे आपसी झगड़ा नहीं होगा और वे मिलकर बेहतर नाटक प्रस्तुत कर पाएंगे। हर कला को महत्व देने से दर्शकों को भी नाटक ज्यादा पसंद आएगा।
वाक्यों की बात
नीचे दिए गए वाक्यों के अंत में उचित विराम चिह्न लगाओ-
(क) शायर साहब बोले उधर जाकर सुन ले न।
उत्तर: शायर साहब बोले, “उधर जाकर सुन ले न!”
(ख) सभी लोग हँसने लगे।
उत्तर: सभी लोग हँसने लगे।
(ग) तुम नाटक में कौन – सा पार्ट कर रहे हो।
उत्तर: तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो?
(घ) मोहन बोला अरे क्या हुआ तुम तो अपना सवाद भूल गए।
उत्तर: मोहन बोला, “अरे! क्या हुआ? तुम तो अपना संवाद भूल गए!”