Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 4 Solutions – ओस

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‘ओस’ कविता में कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने सुबह की ओस की बूंदों की नाजुक सुंदरता का मनमोहक वर्णन किया है। यह कविता आपको प्रकृति की छोटी-छोटी चीजों में छिपी खूबसूरती और शांति को देखने की प्रेरणा देती है। आप इस कविता से ओस की बूंदों के प्राकृतिक सौंदर्य और जीवन की क्षणभंगुरता के बारे में जानेंगे। कवि की सरल भाषा आपको प्रकृति के करीब लाएगी और इसके महत्व को समझने में मदद करेगी।

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 4 Solutions new

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 4 Solutions

अध्याय4. ओस
लेखकसोहनलाल द्विवेदी
विषयHindi (दूर्वा भाग 3)
कक्षा8वीं
बोर्डबिहार बोर्ड

अभ्यास

कविता से

(क) कविता में रतन किसे कहा गया है और वे कहाँ-कहाँ बिखरे हुए हैं?

उत्तर: कविता में रतन ओस की बूँदों को कहा गया है। ये बूँदें हरी घास, पत्तों और फूलों पर बिखरी हुई हैं।

(ख) ओस कणों को देखकर कवि का मन क्या करना चाहता है?

उत्तर: ओस की बूँदों को देखकर कवि का मन चाहता है कि वह इन्हें अपनी हथेलियों में भर ले आए और इनकी सुंदरता को देखकर एक कविता लिखे।

कविता से आगे

(क) पता करो कि सुबह के समय खुले स्थानों पर ओस की बूँदें कैसे बन जाती हैं? इसे अपने शिक्षक को बताओ।

उत्तर: सुबह के समय ओस की बूँदें इसलिए बनती हैं क्योंकि रात में हवा ठंडी हो जाती है। हवा में मौजूद पानी की नमी ठंडी चीजों जैसे घास, पत्तों या फूलों पर जम जाती है और छोटी-छोटी बूँदों में बदल जाती है। इसे ही ओस कहते हैं।

(ख) क्या ओस, कोहरा और वर्षा में कोई संबंध है? इसके बनने और होने के कारणों का पता लगाओ और उसे अपने ढंग से लिखकर शिक्षक को दिखाओ।

उत्तर: हाँ, ओस, कोहरा और वर्षा का संबंध है क्योंकि ये तीनों पानी से बनते हैं और जलचक्र का हिस्सा हैं।

  • ओस: जब रात में ठंडी सतहों (जैसे घास या पत्तों) पर हवा की नमी जम जाती है, तो ओस बनती है।
  • कोहरा: जब हवा में मौजूद नमी ठंडी होकर छोटे-छोटे पानी के कणों में बदल जाती है और हवा में तैरती रहती है, तो कोहरा बनता है।
  • वर्षा: जब बादलों में पानी के कण भारी हो जाते हैं, तो वे बूँदों के रूप में जमीन पर गिरते हैं, जिसे वर्षा कहते हैं।

(ग) सूरज निकलने के कुछ समय बाद ओस कहाँ चली जाती है? इसका उत्तर तुम अपने मित्रों, बड़ों, पुस्तकों और इंटरनेट की सहायता से प्राप्त करो और शिक्षक को बताओ।

उत्तर: सूरज निकलने के बाद जब गर्मी बढ़ती है, तो ओस की बूँदें गर्म होकर भाप बन जाती हैं और हवा में मिलकर उड़ जाती हैं। इसे वाष्पीकरण कहते हैं। इसलिए ऐसा लगता है कि ओस गायब हो गई है।

तुम्हारी कल्पना

“इनकी शोभा निरख-निरख कर, इन पर कविता एक बनाऊँ।”

कवि ओस की सुंदरता पर एक कविता बनाना चाहता है। यदि तुम कवि के स्थान पर होते, तो कौन-सी कविता बनाते? अपने मनपसंद विषय पर कोई कविता बनाओ।

उत्तर:

ओस की बूँदें चमक रही हैं,
घास पर मोती सज रही हैं।

सूरज की किरण जब पड़ती है,
हर बूँद में इंद्रधनुष बनती है।

मैं इनको देखकर गीत गाऊँ,
प्रकृति की सुंदरता पर कविता बनाऊँ।

मौसम की बात

(क) तुम्हारे विचार से यह किस मौसम की कविता हो सकती है?

उत्तर: यह कविता सर्दी के मौसम की हो सकती है, क्योंकि सर्दियों में सुबह के समय ओस की बूँदें ज्यादा दिखती हैं।

(ख) तुम्हारे प्रदेश में कौन-कौन से मौसम आते हैं? उसकी सूची बनाओ।

उत्तर: मेरे प्रदेश में ये मौसम आते हैं:

  1. सर्दी
  2. गर्मी
  3. बारिश
  4. शरद (हल्की सर्दी)

(ग) तुम्हें कौन सा मौसम सबसे अधिक पसंद है और क्यों?

उत्तर: मुझे बारिश का मौसम सबसे ज्यादा पसंद है। इस मौसम में ठंडी हवा चलती है, मिट्टी की सुगंध आती है और बारिश की बूँदें ताजगी देती हैं। बारिश में गर्म पकौड़े खाने और बारिश की आवाज सुनने का मजा ही अलग है।

अंजलि में

“जी होता इन ओस कणों को अंजलि में भर घर ले आऊँ”

कवि ओस को अपनी अंजलि में भरना चाहता है। तुम नीचे दी गई चीजों में से किन चीजों को अपनी अंजलि में भर सकते हो? सही (✓) का चिह्न लगाओ-

रेत, ओस, धुआँ, हवा, पानी, तेल, लड्डू, गेंद।

रेतओसधुआँहवापानीतेललड्डूगेंद

विश्लेषण: रेत, ओस, पानी, तेल, लड्डू और गेंद को हथेलियों में पकड़ा जा सकता है, लेकिन धुआँ और हवा को नहीं, क्योंकि ये ठोस नहीं हैं।

उलट-फेर

“हरी घास पर बिखेर दी हैं ये किसने मोती की लड़ियाँ?”

ऊपर की पंक्तियों को उलट-फेर कर इस तरह भी लिखा जा सकता है-

“हरी घास पर ये मोती की लड़ियाँ किसने बिखेर दी हैं?”

इसी तरह नीचे लिखी पंक्तियों में उलट-फेर कर तुम भी उसे अपने ढंग से लिखो।

(क) “कौन रात में गूँथ गया है ये उज्ज्वल हीरों की कड़ियाँ?”

उत्तर: “ये उज्ज्वल हीरों की कड़ियाँ कौन रात में गूँथ गया है?”

(ख) “नभ के नन्हें तारों में ये कौन दमकते हैं यों दमदम?”

उत्तर: “ये कौन नभ के नन्हें तारों में यों दमदम दमकते हैं?”

शब्दों की पहेली

“ये उज्ज्वल हीरों की कड़ियाँ” ऊपर की पंक्ति में उज्ज्वल शब्द में ‘ज’ वर्ण दो बार आया है परंतु यह आधा (ज्) है। तुम भी इसी तरह के कुछ और शब्द खोज़ो। ध्यान रहे, उस शब्द में कोई एक वर्ण (अक्षर) दो बार आया हो, मगर आधा-आधा। इस काम में तुम शब्दकोश की सहायता ले सकते हो। देखें, कौन सबसे अधिक शब्द खोज़ पाता है।

उत्तर: कुछ शब्द इस प्रकार हैं:

  1. सज्जन
  2. सम्मान
  3. कट्टा
  4. गट्टा
  5. पक्का

कौन ऐसा

नीचे लिखी चीज़ों जैसी कुछ और चीज़ों के नाम सोचकर लिखो-

(क) जुगनू जैसे चमकीले __________।

उत्तर: जुगनू जैसे चमकीले तारे।

(ख) तारों जैसे झिलमिल __________।

उत्तर: तारों जैसे झिलमिल दीपक।

(ग) हीरों जैसे दमकते __________।

उत्तर: हीरों जैसे दमकते सितारे।

(घ) फूलों जैसे सुंदर __________।

उत्तर: फूलों जैसे सुंदर तितलियाँ।

बूझो मतलब

“जी होता, इन ओस कणों को अंजलि में भर घर ले आऊँ”
‘घर’ शब्द का प्रयोग हम कई तरह से करते हैं। जैसे-

(क) वह घर गया।
(ख) यह बात मेरे मन में घर कर गई।
(ग) यह तो घर-घर की बात है।
(घ) आओ, घर-घर खेलें।

‘बस’ शब्द का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। तुम ‘बस’ शब्द का प्रयोग करते हुए अपने मन से कुछ वाक्य बनाओ।

(संकेत- बस, बस-बस, बस इतना सा)

उत्तर:

  1. मैं रोज सुबह बस से स्कूल जाता हूँ।
  2. ड्राइवर से मैंने कहा, “बस-बस, यहीं गाड़ी रोक दो।”
  3. मुझे बस इतना सा समय चाहिए अपने दोस्तों के साथ खेलने के लिए।

रूप बदलकर

चमक-चमकना चमकाना चमकवाना

‘चमक’ शब्द के कुछ रूप ऊपर लिखे हैं। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों का रूप बदलकर सही जगह पर भरो-

दमक, सरक, बिखर, बन

(क) जरा सा रगड़ते ही हीरे ने __ शुरू कर दिया।

उत्तर: दमकना।

(ख) तुम यह कमीज़ किस दर्ज़ी से __ चाहते हो?

उत्तर: बनवाना।

(ग) साँप ने धीरे-धीरे __ शुरू कर दिया।

उत्तर: सरकना।

(घ) लकी को मूर्ख _ तो बहुत आसान है।

उत्तर: बनाना।

(ङ) तुमने अब खिलौने __ बंद कर दिए?

उत्तर: बनाना।

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