Free Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 3 Solutions are available here. Get all written question answers for chapter 3 – “चिट्ठियों में यूरोप”. It follows the new syllabus and book of BSEB Class 8 Hindi.
‘चिट्ठियों में यूरोप’ में लेखक सोमदत्त जी अपने परिवार को लिखे पत्रों के जरिए यूरोप की यात्रा का रोचक वर्णन करते हैं। यह पाठ आपको यूरोप के शहरों, गाँवों, वहाँ की संस्कृति और लोगों के स्वभाव की झलक देता है। आप इस अध्याय से विभिन्न संस्कृतियों के बीच के अंतर और मानवता की समानता को समझेंगे। लेखक की सजीव लेखनी आपको ऐसा महसूस कराएगी जैसे आप स्वयं यूरोप की सैर कर रहे हों।

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 3 Solutions
Contents
| अध्याय | 3. चिट्ठियों में यूरोप |
| लेखक | सोमदत्त |
| विषय | Hindi (दूर्वा भाग 3) |
| कक्षा | 8वीं |
| बोर्ड | बिहार बोर्ड |
अभ्यास
पत्र के आधार पर
इस पत्र के आधार पर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो–
(क) इस पत्र का लेखक किस शहर/देश की यात्रा पर गया था?
उत्तर: लेखक यूरोप के देश यूगोस्लाविया के नेविसाद शहर की यात्रा पर गया था।
(ख) उस देश में कौन-कौन से खेल खेले जाते हैं? वहाँ कौन-सा खेल सबसे अधिक लोकप्रिय है?
उत्तर: यूगोस्लाविया में फुटबॉल, टेबल टेनिस और स्केटिंग जैसे खेल खेले जाते हैं। वहाँ स्केटिंग सबसे ज्यादा लोकप्रिय है।
(ग) उस देश के कुछ खाद्य पदार्थों के नाम बताओ।
उत्तर: यूगोस्लाविया में लोग योगर्ट, आइसक्रीम, सूप, सेम, चावल, स्ट्यू, खट्टी बेरी से भरी मिठाई (चिल्ले), उबली सेवइयों का सूप, ब्रेड, बटर और मार्मलेट खाते हैं।
(घ) लेखक ने यह क्यों कहा कि “अच्छे से रहना ताकि माँ को तकलीफ़ न हो?”
उत्तर: लेखक ने यह बात इसलिए कही क्योंकि वह चाहता था कि उसके बच्चे उसकी गैरमौजूदगी में अच्छा व्यवहार करें और माँ को परेशान न करें। इससे माँ को कोई तकलीफ नहीं होगी।
पत्र से आगे
(क) भारतीय खाने की कुछ चीज़ें जैसे-चावल, सेवइयाँ, मिठाइयाँ यूरोप में अलग ढंग से खाई जाती हैं। क्या भारत में ये चीज़ें अलग-अलग ढंग/तरीकों से बनाई और खाई जाती हैं? पता करो और बताओ।
उत्तर: हाँ, भारत में चावल, सेवइयाँ और मिठाइयाँ अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग तरीकों से बनाई और खाई जाती हैं।
- चावल: दक्षिण भारत में चावल से इडली, डोसा और उत्तपम बनता है। उत्तर भारत में बिरयानी, पुलाव और खिचड़ी लोकप्रिय है।
- सेवइयाँ: उत्तर भारत में मीठी सेवइयाँ (खीर) बनती हैं, जबकि दक्षिण भारत में नमकीन सेवइयाँ या उपमा बनाया जाता है।
- मिठाइयाँ: बंगाल में रसगुल्ला, पंजाब में पिन्नी, गुजरात में मोहनथाल और राजस्थान में घेवर अलग-अलग स्वाद और तरीके से बनते हैं। हर जगह का अपना खास स्वाद और बनाने का तरीका है।
(ख) दूना नदी यूरोप के कई देशों में बहती है। भारत में भी अनेक ऐसी नदियाँ हैं जो कई राज्यों के बीच बहती हैं। ऐसी कुछ नदियों के नाम लिखो। यह भी पता करो कि वे कौन-कौन से राज्यों में से होकर बहती हैं।
उत्तर:
| नदी का नाम | राज्यों के नाम |
|---|---|
| गंगा | उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल |
| ब्रह्मपुत्र | अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय |
| गोदावरी | महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा |
| यमुना | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली |
मौसम और ऋतुएँ
पत्र में लिखा गया है कि “मौसम अच्छा चल रहा है। यहाँ बसंत आ रहा है।”
भारत के अलग-अलग भागों में भी अलग-अलग तरह का मौसम रहता है। साल भर अलग-अलग ऋतुएँ अपना प्रभाव दिखाती हैं। अब तुम बताओ कि तुम्हारे प्रदेश में साल भर मौसम कैसा रहता है?
उत्तर (बिहार के लिए):
| ऋतु | मौसम का हाल |
|---|---|
| बसंत | फरवरी-मार्च में मौसम सुहावना रहता है। फूल खिलते हैं और हल्की ठंड रहती है। |
| ग्रीष्म | अप्रैल-जून में बहुत गर्मी पड़ती है। धूप तेज होती है और तापमान 40 डिग्री तक जाता है। |
| वर्षा | जुलाई-सितंबर में बारिश होती है। खेतों में हरियाली छा जाती है, लेकिन बाढ़ भी आ सकती है। |
| शरद | अक्टूबर-नवंबर में मौसम साफ और ठंडा होता है। आसमान नीला और स्वच्छ रहता है। |
| हेमंत | दिसंबर में हल्की ठंड शुरू होती है। सुबह कोहरा छा सकता है। |
| शीत | जनवरी-फरवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। कुछ जगहों पर कोहरा और ठंडी हवाएँ चलती हैं। |
खान-पान
(क) अपने प्रदेश की कुछ खाने-पीने की चीज़ें के नाम बताओ।
उत्तर: बिहार में लोग लिट्टी-चोखा, सत्तू का पराठा, दाल-चावल, घुघनी, खिचड़ी, ठेकुआ, मालपुआ, अनरसा, दही-चूड़ा, मखाना और रसिया (खीर) खाना पसंद करते हैं।
(ख) अपने मनपसंद व्यंजन को बनाने का तरीका पता करो और लिखो।
उत्तर: मेरा मनपसंद व्यंजन लिट्टी-चोखा है।
लिट्टी बनाने की विधि:
- सत्तू में नमक, अजवाइन, कटा प्याज, हरी मिर्च, नींबू का रस और थोड़ा सरसों का तेल मिलाकर भरावन तैयार करें।
- गेहूँ के आटे में पानी डालकर गूंध लें और छोटी-छोटी लोइयाँ बनाएँ।
- लोई में सत्तू का मिश्रण भरें और गोल लिट्टी बनाएँ।
- इन्हें कोयले की आग या ओवन में भून लें।
चोखा बनाने की विधि:
- बैंगन और टमाटर को आग पर भून लें, फिर छीलकर मैश करें।
- इसमें कटा प्याज, हरी मिर्च, धनिया, नमक और सरसों का तेल मिलाएँ।
- लिट्टी को घी के साथ चोखे के साथ परोसें।
इकट्ठा करने का शौक
(i) यदि तुम्हें भी कोई चीज़ इकट्ठा करने का शौक है तो उसके बारे में अपने साथियों को बताओ।
उत्तर: मुझे पुराने सिक्के इकट्ठा करने का शौक है। मैं अलग-अलग डिज़ाइन और सालों के सिक्के इकट्ठा करता हूँ। यह देखना मजेदार होता है कि पहले के सिक्कों पर क्या-क्या बना होता था।
(ii) अपने या अपने किसी परिचित के बारे में लिखो जो इस तरह की चीज़ें इकट्ठा करता हो।
(क) उन्हें कौन-सी चीज़ इकट्ठा करने का शौक है?
उत्तर: मेरे चाचा जी को डाक टिकट इकट्ठा करने का शौक है।
(ख) वे इन्हें कहाँ-कहाँ से इकट्ठा करते हैं?
उत्तर: चाचा जी डाक टिकट डाकघर, पुराने पत्रों और दोस्तों से लेते हैं। कभी-कभी वे टिकटों की प्रदर्शनी से भी खरीदते हैं।
(ग) उनके इस शौक की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: चाचा जी को बचपन में उनके दादाजी ने एक पुराना डाक टिकट दिया था। उस टिकट पर ताजमहल की तस्वीर थी। तभी से उन्हें यह शौक लगा।
(घ) वे इकट्ठी की गई चीज़ों को कैसे सँभालकर रखते हैं?
उत्तर: चाचा जी डाक टिकटों को एक खास एल्बम में रखते हैं। हर टिकट को प्लास्टिक की शीट में सावधानी से रखा जाता है ताकि वह खराब न हो।
(ङ) इन चीज़ों को इकट्ठा करने और रखने में कौन-कौन सी समस्याएँ होती हैं?
उत्तर: डाक टिकट इकट्ठा करने में सबसे बड़ी समस्या है पुराने और दुर्लभ टिकट ढूंढना। इसके अलावा, टिकटों को नमी और धूल से बचाना भी मुश्किल होता है। अगर सावधानी न बरती जाए, तो टिकट खराब हो सकते हैं।
पेड़-पौधों के नाम
इस पत्र में लेखक ने अलग-अलग तरह के पेड़-पौधों का ज़िक्र किया है। पता लगाओ, वे कौन से पेड़-पौधे हो सकते हैं।
(क) जिसे नए साल पर लगाते/सजाते हैं।
उत्तर: क्रिसमस ट्री (पाइन या फर का पेड़)।
(ख) सफ़ेद कुमुदनी जैसा नीला-बैंगनी फूल।
उत्तर: नीला कमल या वॉटर लिली।
(ग) लाल और पीले फूल वाले पौधे।
उत्तर: गुलाब या गेंदा।
मानचित्र में
इस पत्र में अनेक देशों, शहरों और नदियों का ज़िक्र किया गया है। नीचे दिए गए मानचित्र में उन स्थानों के नाम भरो-
उत्तर: विद्यार्थी अपने शिक्षक या किताब की मदद से मानचित्र में यूगोस्लाविया, नेविसाद, और दूना नदी जैसे स्थानों को चिह्नित करें।
पत्रों के माध्यम
(क) “तुम लोग गौतम से एरोग्राम मैगाकर हमको चिट्ठी लिखना।”
ऊपर के वाक्य पर ध्यान दो और किसी डाकघर में जाकर पता करो कि ‘एरोग्राम’ किसे कहते हैं। साथ ही यह भी पता करो कि पत्र भेजने के लिए वहाँ कौन-कौन से साधन उपलब्ध हैं?
उत्तर:
एरोग्राम: यह एक खास तरह का पत्र होता है, जो हल्के कागज से बनता है। इसे हवाई डाक से विदेश भेजा जाता है। यह लिफाफे की तरह मोड़ा जाता है और सस्ता होता है।
डाकघर से पत्र भेजने के साधन:
- साधारण डाक: सामान्य पत्र भेजने के लिए।
- स्पीड पोस्ट: तेजी से पत्र या पार्सल भेजने के लिए।
- रजिस्टर्ड पोस्ट: महत्वपूर्ण पत्रों के लिए, जिसका रिकॉर्ड रखा जाता है।
- कूरियर: निजी कंपनियों की तेज डिलीवरी सेवा।
(ख) आधुनिक तकनीक द्वारा भेजे जाने वाले पत्रों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करो। जैसे-ई-मेल, फैक्स आदि।
उत्तर:
आधुनिक तकनीक से पत्र भेजने के तरीके:
- ई-मेल: इंटरनेट से तुरंत पत्र भेजने का तरीका। यह मुफ्त और तेज है।
- व्हाट्सएप/एसएमएस: मोबाइल से तुरंत संदेश भेजना।
- फैक्स: जरूरी दस्तावेज टेलीफोन लाइन से भेजने की सुविधा।
- वीडियो कॉल: जैसे जूम या गूगल मीट से तुरंत बात करना।