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यूपी बोर्ड की कक्षा 9 की अर्थशास्त्र पुस्तक का तीसरा अध्याय “निर्धनता : एक चुनौती” एक गंभीर और जटिल समस्या पर प्रकाश डालता है। यह अध्याय छात्रों को गरीबी के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराता है, जैसे कि गरीबी की परिभाषा, इसके कारण और प्रभाव। इसमें भारत में गरीबी की स्थिति, सरकार द्वारा गरीबी उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों और इस समस्या से निपटने के लिए अपनाए गए विभिन्न उपायों की चर्चा की गई है। यह अध्याय छात्रों को यह समझने में मदद करता है कि गरीबी केवल आर्थिक समस्या नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक और मानवीय पहलू भी है, और इससे निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

UP Board Class 9 Economics Chapter 3 Solutions
| Subject | Economics |
| Class | 9th |
| Chapter | 3. निर्धनता : एक चुनौती |
| Board | UP Board |
निर्धनता : एक चुनौती Question Answer
प्रश्न 1. भारत में निर्धनता रेखा का आकलन कैसे किया जाता है?
उत्तर:- भारत में निर्धनता रेखा का आकलन मुख्यतः व्यक्ति की न्यूनतम कैलोरी आवश्यकता पर आधारित है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह 2400 कैलोरी और शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी प्रतिदिन निर्धारित की गई है। इस कैलोरी आवश्यकता को पूरा करने के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थों की लागत की गणना की जाती है। इसके अतिरिक्त, कपड़े, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यक वस्तुओं पर होने वाले खर्च को भी शामिल किया जाता है। इन सभी खर्चों को जोड़कर एक न्यूनतम मासिक व्यय निर्धारित किया जाता है। जो व्यक्ति इस न्यूनतम व्यय से कम खर्च करता है, उसे गरीबी रेखा से नीचे माना जाता है।
प्रश्न 2. क्या आप समझते हैं कि निर्धनता आकलन का वर्तमान तरीका सही है?
उत्तर:- वर्तमान निर्धनता आकलन पद्धति में कुछ कमियां हैं। यह केवल आय या व्यय पर केंद्रित है और जीवन की गुणवत्ता के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को नजरअंदाज करती है। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, और रोजगार के अवसर जैसे कारक भी गरीबी को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, यह पद्धति क्षेत्रीय असमानताओं और मूल्य स्तर में अंतर को पूरी तरह से नहीं दर्शाती। एक बेहतर आकलन पद्धति में इन सभी कारकों को शामिल किया जाना चाहिए, जिससे गरीबी की एक अधिक व्यापक और यथार्थवादी तस्वीर प्राप्त हो सके।
प्रश्न 3. भारत में 1973 से निर्धनता की प्रवृत्तियों की चर्चा करें।
उत्तर:-

प्रश्न 4. भारत में निर्धनता की अंतर-राज्य असमानताओं का एक विवरण प्रस्तुत करें।
उत्तर:-

भारत के निश्चित क्षेत्रों के गरीबी अनुपात (1999-2000) से यह स्पष्ट होता है कि ओडिशा भारत का सबसे गरीब राज्य है जिसकी 47.2% जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे रहती है। जम्मू-कश्मीर में सबसे कम 3.5% लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं। भारत में कुल 26.1% लोग निर्धनता की रेखा के नीचे हैं।
प्रश्न 5. उन सामाजिक और आर्थिक समूहों की पहचान करें जो भारत में निर्धनता के समक्ष निरुपाय हैं।
उत्तर:- भारत में कुछ समूह निर्धनता के प्रति अधिक असुरक्षित हैं। सामाजिक रूप से, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लोग अक्सर गरीबी का सामना करते हैं। आर्थिक दृष्टि से, ग्रामीण कृषि मजदूर और शहरी अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसके अलावा, महिलाएं, वृद्ध और बच्चे भी गरीबी से अधिक पीड़ित होते हैं, क्योंकि उन्हें अक्सर संसाधनों तक सीमित पहुंच मिलती है। विकलांग व्यक्ति और बेघर लोग भी गरीबी के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं।
प्रश्न 6. भारत में अन्तर्राज्यीय निर्धनता में विभिन्नता के कारण बताइए।
उत्तर:- भारत में राज्यों के बीच निर्धनता में अंतर के कई कारण हैं। प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता और उनका उपयोग राज्यों में भिन्न होता है। औद्योगिक विकास और आधारभूत संरचना में असमानता भी एक प्रमुख कारण है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में अंतर निर्धनता को प्रभावित करता है। कृषि उत्पादकता और भूमि सुधारों में राज्यवार भिन्नता भी महत्वपूर्ण है। केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियां और उनका कार्यान्वयन भी राज्यों में गरीबी के स्तर को प्रभावित करता है। इसके अलावा, कुछ राज्य प्राकृतिक आपदाओं से अधिक प्रभावित होते हैं, जो गरीबी को बढ़ा सकता है।
प्रश्न 7. वैश्विक निर्धनता की प्रवृत्तियों की चर्चा करें।
उत्तर:- वैश्विक निर्धनता में पिछले कुछ दशकों में कमी आई है। विश्व बैंक के अनुसार, अत्यंत गरीबी में रहने वाले लोगों का प्रतिशत 1990 के 36% से घटकर 2015 में 10% हो गया। इस गिरावट में चीन और भारत जैसे देशों की आर्थिक प्रगति का बड़ा योगदान रहा है। हालांकि, उप-सहारा अफ्रीका में गरीबी अभी भी एक बड़ी चुनौती है। कोविड-19 महामारी ने वैश्विक गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को पीछे धकेल दिया है। आज भी, असमानता और गरीबी के बीच गहरा संबंध बना हुआ है, जो वैश्विक निर्धनता को प्रभावित करता है।

प्रश्न 8. निर्धनता उन्मूलन की वर्तमान सरकारी रणनीति की चर्चा करें।
उत्तर:- भारत सरकार निर्धनता उन्मूलन के लिए कई रणनीतियां अपना रही है। आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिकीकरण और कृषि क्षेत्र में सुधार पर ध्यान दिया जा रहा है। रोजगार सृजन के लिए MGNREGA जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों जैसे आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन धन योजना के माध्यम से गरीबों को बुनियादी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा, लक्षित सब्सिडी और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से गरीबों तक सहायता पहुंचाई जा रही है।
प्रश्न 9. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दें
(क) मानव निर्धनता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- मानव निर्धनता केवल आय की कमी नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता से संबंधित है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छ पानी, और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच की कमी को दर्शाता है। इसमें सामाजिक भेदभाव, राजनीतिक भागीदारी की कमी, और आर्थिक अवसरों का अभाव भी शामिल है।
(ख) निर्धनों में भी सबसे निर्धन कौन हैं?
उत्तर:- सबसे निर्धन वे हैं जो संसाधनों और अवसरों से सबसे अधिक वंचित हैं। इनमें अक्सर बेघर लोग, विकलांग व्यक्ति, एकल माताएं, अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, और ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन मजदूर शामिल होते हैं। इन समूहों के पास अक्सर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार के अवसरों तक सीमित पहुंच होती है।
(ग) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:- NREGA ग्रामीण परिवारों को वर्ष में 100 दिनों का गारंटीशुदा रोजगार प्रदान करता है। यह न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करता है और महिलाओं के लिए एक-तिहाई रोजगार आरक्षित करता है। काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान है। यह योजना ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है और पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करने में मदद करती है।
| Other Chapter Solutions |
|---|
| Chapter 1 Solutions – पालमपुर गाँव की कहानी |
| Chapter 2 Solutions – संसाधन के रूप में लोग |
| Chapter 3 Solutions – निर्धनता : एक चुनौती |
| Chapter 4 Solutions – भारत में खाद्य सुरक्षा |