UP Board class 9 Civics chapter 1 solutions are available for free here. This solution covers written question and answers of chapter 1 – “लोकतंत्र लोकतन्त्र क्या? लोकतंत्र क्यों?” in hindi medium.
अध्याय 1 – “लोकतंत्र क्या? लोकतंत्र क्यों?” यूपी बोर्ड की कक्षा 9 की नागरिक शास्त्र पुस्तक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अध्याय छात्रों को लोकतंत्र की मूल अवधारणा से परिचित कराता है। इसमें लोकतंत्र की परिभाषा, उसके महत्व और हमारे दैनिक जीवन में इसकी भूमिका पर चर्चा की गई है। यह अध्याय न केवल लोकतंत्र के बारे में जानकारी देता है, बल्कि छात्रों को यह सोचने के लिए भी प्रेरित करता है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था क्यों आवश्यक है।

UP Board Class 9 Civics Chapter 1 Solutions
Subject | Civics |
Class | 9th |
Chapter | 1. लोकतंत्र लोकतन्त्र क्या? लोकतंत्र क्यों? |
Board | UP Board |
प्रश्न 1. इनमें से किससे लोकतंत्र के विस्तार में मदद नहीं मिलती?
(क) लोगों का संघर्ष।
(ख) विदेशी शासन द्वारा आक्रमण।
(ग) उपनिवेशवाद का अंत।।
(घ) लोगों की स्वतन्त्रता की चाह।
उत्तर:- ( ख ) विदेशी शासन द्वारा आक्रमण।
प्रश्न 2. आज की दुनिया के बारे में इनमें से कौन-सा कथन सही है?
(क) राजशाही शासन की वह पद्धति है जो अब समाप्त हो गई है।
(ख) विभिन्न देशों के बीच संबंध पहले के किसी वक्त से अब कहीं ज्यादा लोकतांत्रिक हैं।
(ग) आज पहले के किसी दौर से ज्यादा देशों में शासकों का चुनाव लोगों के द्वारा हो रहा है।
(घ) आज दुनिया में सैनिक तानाशाह नहीं रह गए हैं।
उत्तर:- (ग) आज पहले के किसी दौर से ज्यादा देशों में शासकों का चुनाव लोगों के द्वारा हो रहा है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यांशों में से किसी एक का चुनाव करके इस वाक्य को पूरा कीजिए।
अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में लोकतंत्र की जरूरत है ताकि…..
(क) अमीर देशों की बातों का ज्यादा वजन हो।
(ख) विभिन्न देशों की बात का वजन उनकी सैन्य शक्ति के अनुपात में हो।
(ग) देशों को उनकी आबादी के अनुपात में सम्मान मिले।
(घ) दुनिया के सभी देशों के साथ समान व्यवहार हो।
उत्तर:- (घ) दुनिया के सभी देशों के साथ समान व्यवहार हो।
प्रश्न 4. इन देशों और लोकतंत्र की उनकी राह में मेल बैठाएँ।
उत्तर:-
देश | लोकतंत्र की ओर |
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(क) चिले | सैनिक तानाशाही की समाप्ति । |
(ख) नेपाल | राजा ने अपने अधिकार छोड़ने पर सहमति दी। |
(ग) पोलैण्ड | एक दल के शासन का अन्त। |
(घ) घाना | ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी । |
लोकतंत्र लोकतन्त्र क्या? लोकतंत्र क्यों? Question Answer
प्रश्न 5. गैर-लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के लोगों को किन-किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है? उदाहरणों के आधार पर इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:- गैर-लोकतांत्रिक शासन में नागरिकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सबसे पहले, उन्हें अपने शासकों को चुनने का अधिकार नहीं होता। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित होती है, जिससे लोग खुलकर अपने विचार नहीं रख पाते। राजनीतिक संगठन बनाने और शासन का विरोध करने पर प्रतिबंध होता है। मीडिया पर सरकारी नियंत्रण होने से सूचना का स्वतंत्र प्रवाह बाधित होता है। कानून का शासन कमजोर होता है और मानवाधिकारों का उल्लंघन आम बात होती है। आर्थिक नीतियां जनहित के बजाय शासक वर्ग के हित में बनाई जाती हैं। इन सब कारणों से नागरिकों का समग्र विकास बाधित होता है।
प्रश्न 6. जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः कौन-सी स्वतंत्रताएँ छीन ली जाती हैं?
उत्तर:- सैन्य शासन में अनेक मौलिक स्वतंत्रताएँ छीन ली जाती हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया जाता है। सभा करने और संगठन बनाने के अधिकार को समाप्त कर दिया जाता है। प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया जाता है। नागरिकों के आवागमन पर रोक लगा दी जाती है। संविधान को निलंबित कर दिया जाता है और कानून का शासन समाप्त हो जाता है। चुनाव प्रक्रिया रोक दी जाती है। विरोधियों को गिरफ्तार किया जाता है और मानवाधिकारों का उल्लंघन आम बात हो जाती है। इस प्रकार लोकतांत्रिक मूल्यों का पूर्णतः हनन हो जाता है।
प्रश्न 7. वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र बढ़ाने में इनमें से किन बातों से मदद मिलेगी? प्रत्येक मामले में अपने जवाब के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:- वैश्विक लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए सभी देशों को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए, चाहे वे अमीर हों या गरीब। अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सभी देशों की आवाज को बराबर महत्व दिया जाना चाहिए, क्योंकि वैश्विक निर्णयों का प्रभाव सभी पर पड़ता है। किसी भी देश को विशेष अधिकार नहीं दिए जाने चाहिए, चाहे वह बड़ा हो या छोटा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो पावर जैसी अलोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को समाप्त किया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में निर्णय प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाया जाना चाहिए। इन उपायों से वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती मिलेगी।
प्रश्न 8. नेपाल के संकट पर हुई एक टीवी चर्चा में व्यक्त किए गए तीन विचार कुछ इस प्रकार के थे। इनमें से आप किसे सही मानते हैं और क्यों?
उत्तर:- वक्ता 2 का विचार सबसे उचित प्रतीत होता है। किसी देश में लोकतंत्र की स्थापना वहां के नागरिकों के प्रयासों से ही संभव है, बाहरी हस्तक्षेप से नहीं। भारत को नेपाल के आंतरिक मामलों में सीधे दखल नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे दोनों देशों के संबंध बिगड़ सकते हैं। साथ ही, यह नेपाल की संप्रभुता का उल्लंघन होगा। हालांकि, भारत लोकतांत्रिक मूल्यों के समर्थन में अपना नैतिक समर्थन दे सकता है और कूटनीतिक माध्यमों से नेपाल में शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक परिवर्तन को प्रोत्साहित कर सकता है। व्यावसायिक हितों की तुलना में लोकतांत्रिक मूल्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
प्रश्न 9. एक काल्पनिक देश आनंदलोक में लोग विदेशी शासन को समाप्त करके पुराने राजपरिवार को सत्ता सौंपते हैं। वे कहते हैं, ‘आखिर जब विदेशियों ने हमारे ऊपर राज करना शुरू किया तब इन्हीं के पूर्वज हमारे राजा थे। यह अच्छा है कि हमारा एक मजबूत शासक है जो हमें अमीर और ताकतवर बनने में मदद कर सकता है। जब किसी ने लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की बात की तो वहाँ के सयाने लोगों ने कहा कि यह तो एक विदेशी विचार है। हमारी लड़ाई विदेशियों और उनके विचारों को देश से खदेड़ने की थी। जब किसी ने मीडिया की आजादी की माँग की तो बड़ेबुजुर्गों ने कहा कि शासन की ज्यादा आलोचना करने से नुकसान होगा और इससे अपने जीवन स्तर को सुधारने में कोई मदद नहीं मिलेगी। “आखिर महाराज दयावान हैं और अपनी पूरी प्रजा के कल्याण में बहुत दिलचस्पी लेते हैं। उनके लिए मुश्किलें क्यों पैदा की जाएँ? क्या हम सभी खुशहाल नहीं होना चाहते?”
उपर्युक्त उद्धरण को पढ़ने के बाद चमन, चंपा और चंदू ने कुछ इस तरह के निष्कर्ष निकाले
चमन:आनंदलोक एक लोकतांत्रिक देश है क्योंकि लोगों ने विदेशी शासकों को उखाड़ फेंका और राजा का शासन बहाल किया।
चंपा : आनंद्रलोक लोकतांत्रिक देश नहीं है क्योंकि लोग अपने शासन की आलोचना नहीं कर सकते। राजा अच्छा हो सकता है और आर्थिक समृद्धि भी ला सकता है लेकिन राजा लोकतांत्रिक शासन नहीं ला सकता।
चंदू : लोगों को खुशहाली चाहिए इसलिए वे अपने शासन को अपनी तरफ से फैसले लेने देना चाहते हैं। अगर लोग खुश हैं तो वहाँ का शासन लोकतांत्रिक ही है।
इन तीनों कथनों के बारे में आपकी क्या राय है? इस देश में सरकार के स्वरूप के बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तर:- आनंदलोक एक लोकतांत्रिक देश नहीं है। लोकतंत्र में नागरिकों को अपने शासक चुनने का अधिकार होता है, जबकि यहां वंशानुगत राजतंत्र है। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया की आजादी आवश्यक है, जो यहां नहीं है। केवल आर्थिक समृद्धि या लोगों की खुशी लोकतंत्र का पर्याय नहीं है। लोकतंत्र में नागरिकों के पास सरकार की आलोचना करने और उसे बदलने का अधिकार होता है। राजा के अच्छे होने से शासन लोकतांत्रिक नहीं हो जाता। आनंदलोक में निर्वाचित प्रतिनिधियों की बजाय एक व्यक्ति का शासन है, जो लोकतंत्र के विपरीत है। सच्चा लोकतंत्र नागरिक अधिकारों, स्वतंत्र चुनावों और कानून के शासन पर आधारित होता है।
Other Chapter Solutions |
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Chapter 1 Solutions – लोकतंत्र लोकतन्त्र क्या? लोकतंत्र क्यों? |
Chapter 2 Solutions – संविधान निर्माण |
Chapter 3 Solutions – चुनावी राजनीति |
Chapter 4 Solutions – संस्थाओं का कामकाज |
Chapter 5 Solutions – लोकतांत्रिक अधिकार |