UP Board Class 7 Geography chapter 1 solutions are given on this page. With these solutions, you can easily find the question answer of Class 7 Bhugol chapter 1 – “पृथ्वी की आन्तरिक संरचना” in hindi medium.
यह अध्याय पृथ्वी की आंतरिक संरचना के बारे में है। इस अध्याय में हम पृथ्वी के विभिन्न परतों और उनके गुणों को समझेंगे। हम यह जानेंगे कि पृथ्वी के भीतर मुख्य रूप से कितनी परतें हैं और उनकी सामग्री क्या है। हम पृथ्वी के केंद्र और बाहरी ठोस परत के बारे में भी जानेंगे। इस अध्याय में हम पृथ्वी के भूकंप और ज्वालामुखियों के बारे में भी सीखेंगे कि वे कैसे उत्पन्न होते हैं और उनके कारण क्या हैं।
UP Board Class 7 Geography Chapter 1 Solutions
Subject | Geography (भूगोल : पृथ्वी और हमारा जीवन) |
Class | 7th |
Chapter | 1. पृथ्वी की आन्तरिक संरचना |
Board | UP Board |
सोचकर लिखिए –
प्रश्न 1: अगर पृथ्वी ठंडी न होती तो क्या होता?
उत्तर: अगर पृथ्वी ठंडी न होती तो इस पर जल का अस्तित्व संभव नहीं होता। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। अतः पृथ्वी की ठंडक ने ही जीवन को संभव बनाया।
प्रश्न 2: सोचिए, चट्टानें सबसे पहले कैसे बनी होंगी?
उत्तर: पृथ्वी के गठन के समय, भू-गर्भीय गरमी के कारण निकले पिघले मैग्मा के ठंडा होकर जमने से आग्नेय चट्टानें बनी होंगी। ये पृथ्वी की प्रारंभिक चट्टानें थीं।
प्रश्न 3: चर्चा कीजिए कि आग्नेय शैलों में जीवाश्म क्यों नहीं पाए जाते हैं?
उत्तर: आग्नेय शैलें पिघले मैग्मा के ठंडा होकर जमने से बनती हैं। मैग्मा में अत्यधिक तापमान होता है जिससे इसमें मौजूद जैविक अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। इसलिए आग्नेय शैलों में जीवाश्म नहीं पाए जाते।
प्रश्न 4: सोचिए, अगर परतदार शैल न होते तो कोयला एवं खनिज तेल कहां से मिलता?
उत्तर: यदि परतदार शैल न होते तो पौधों और जीव-जंतुओं के अवशेषों का संचयन संभव नहीं होता और उनके दबाव तथा ताप के प्रभाव से कोयला एवं खनिज तेल नहीं बनते। अतः परतदार शैलों के कारण ही हमें कोयला और खनिज तेल प्राप्त होता है।
प्रश्न 5: पता करें कि आपके घरों में लगने वाली ईंट का निर्माण कैसे होता है?
उत्तर: ईंट बनाने के लिए सर्वप्रथम मिट्टी को पानी से गुंधा जाता है। फिर इस गीली मिट्टी को साँचे में डालकर कच्ची ईंटें बनाई जाती हैं। तत्पश्चात् इन कच्ची ईंटों को भट्ठी में लगभग 1000 डिग्री सेल्सियस तापमान पर पकाया जाता है जिससे वे पक्की और मजबूत हो जाती हैं।
प्रश्न 6. नीचे चट्टान का महत्त्व बताया गया है रिक्त खाने में चट्टान का प्रकार लिखिए –
उत्तर :
मद / उपयोग | चट्टानें | ये किस प्रकार की चट्टानें हैं। |
मकान व मूर्ति बनाने के लिए लिखने के लिए जलाने के लिए आभूषण कृषि के लिए | बालू का पत्थर, संगमरमर चॉक, स्लेट, ग्रेफाइट कोयला हीरा चीका मिट्टी, लावा मिट्टी लोयस मिट्टी | रूपान्तरित चट्टान परतदार चट्टान रूपान्तरित चट्टान रूपान्तरित चट्टान आग्नेय चट्टान |
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क): पृथ्वी की आंतरिक परतों के नाम लिखिए?
उत्तर: पृथ्वी के अंदरूनी भाग में तीन मुख्य परतें हैं – भूपर्पटी, मैंटल और निर्मित। भूपर्पटी सबसे बाहरी परत है। मैंटल, भूपर्पटी और निर्मित के बीच की परत है जो ऊपरी और निचली मैंटल में विभाजित है। निर्मित पृथ्वी की केंद्रीय परत है जो आंतरिक और बाह्य निर्मित में बंटी हुई है।
(ख): भूपर्पटी की सबसे अधिक मोटाई कहां होती है?
उत्तर: भूपर्पटी की मोटाई स्थान-विशेष होती है। यह पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतम होती है जहां इसकी मोटाई 70 किमी तक हो सकती है। समुद्र तलों पर भूपर्पटी की मोटाई कम होती है।
(ग): ज्वालामुखी विस्फोट में निकलने वाला लावा कहां एकत्रित रहता है?
उत्तर: ज्वालामुखी विस्फोट में निकलने वाला पिघला हुआ खनिज द्रव्य जिसे लावा कहा जाता है, पृथ्वी की सतह पर ठंडा होकर चट्टानों का रूप ले लेता है और पृथ्वी की सतह पर ही जम जाता है।
(घ): आग्नेय शैलों की विशेषताएं लिखिए?
उत्तर: आग्नेय शैलों की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं –
- ये शैल कठोर होती हैं। अन्न: अपरदन कम होता है।
- ये शैल रवेदार और दानेदार होती है।
- इन शैलों में परत नहीं पाई जाती है।
- इन शैलों में जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं।
- इन शैलों का सम्बन्ध प्रायः ज्वालामुखी क्रिया से होता है।
- इन शैलों में बहुमूल्य खनिज पदार्थ (सोना, चाँदी, अभ्रक आदि) मिलते हैं।
(ङ): रूपांतरित शैलें कैसे बनती हैं?
उत्तर: रूपांतरित शैलें तब बनती हैं जब आग्नेय या परतदार शैलों पर अत्यधिक दबाव और तापमान का प्रभाव पड़ता है। इस प्रक्रिया में शैल के रासायनिक और भौतिक गुणों में परिवर्तन आता है जिससे एक नई चट्टान का निर्माण होता है। इसे रूपांतरण कहा जाता है।
प्रश्न 2: यहां कुछ शैलों के नाम दिए हैं उन्हें सही वर्ग में लिखिए –
ग्रेफाइट, हीरा, चूना पत्थर, संगमरमर, अभ्रक, कोयला, स्लेट, बालू, बेसाल्ट, ग्रेनाइट (आग्नेय, परतदार, रूपान्तरित)
उत्तर:
आग्नेय शैलें: बेसाल्ट, ग्रेनाइट
परतदार शैलें: चूना पत्थर, कोयला, स्लेट, बालू
रूपांतरित शैलें: ग्रेफाइट, हीरा, संगमरमर, अभ्रक
प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यों से गलत शब्द को काटकर वाक्य सही कीजिए (सही करके) –
(क) आग्नेय शैल कठोर और रवेदार होते हैं।
(ख) परतदार शैलों की उत्पत्ति में नदियों का बड़ा हाथ है।
(ग) रूप तथा गुणों के परिवर्तन से बनी शैल को रूपान्तरित शैल कहते हैं।
(घ) चूने के पत्थर से संगमरमर बनता है।
(ङ) हिमालय पर्वत परतदार शैल का उदाहरण है।
प्रश्न 4. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(क) पृथ्वी की ऊपरी परत को सियाल कहते हैं।
(ख) पृथ्वी की सबसे निचली परत को निफे कहते हैं।
(ग) चूना पत्थर रूपांतरण के फलस्वरूप संगमरमर बनता है।
(घ) मैण्टल की ऊपरी परत को दुर्बलतामण्डल कहते हैं।