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इस अध्याय में आप जीवों की एक अत्यंत महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रिया – जनन के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे। जनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव अपनी प्रजाति को आगे बढ़ाते हैं। आप सीखेंगे कि जीवों में जनन के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं – अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन। इस अध्याय में आप विभिन्न जीवों में इन दोनों प्रकार के जनन की विधियों का अध्ययन करेंगे। आप पौधों में होने वाले विभिन्न प्रकार के जनन, जैसे कायिक प्रवर्धन, बीजाणु जनन और लैंगिक जनन के बारे में जानेंगे। साथ ही, जंतुओं में होने वाले जनन प्रकारों, विशेषकर मनुष्यों में लैंगिक जनन की प्रक्रिया के बारे में गहराई से अध्ययन करेंगे।

UP Board Class 10 Science Chapter 7 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 10th |
Chapter | 7. जीव जनन कैसे करते हैं? |
Board | UP Board |
अध्ययन के बीच वाले प्रश्न
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-126)
प्रश्न 1. डी. एन. ए. प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्व है?
उत्तर- डी.एन.ए. प्रतिकृति प्रजनन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह प्रक्रिया माता-पिता के आनुवंशिक गुणों को संतान में हस्तांतरित करती है। डी.एन.ए. प्रतिकृति द्वारा, प्रत्येक नई कोशिका में सटीक आनुवंशिक जानकारी की प्रति बनाई जाती है। यह जीव की विशिष्ट शारीरिक संरचना और लक्षणों को निर्धारित करता है। प्रजनन के दौरान, यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि संतान में माता-पिता के गुण उचित अनुपात में मौजूद हों। इस तरह, डी.एन.ए. प्रतिकृति वंशानुगत विविधता और प्रजातियों के विकास में योगदान देती है।
प्रश्न 2. जीवों में विभिन्नता स्पीशीज़ के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं क्यों ?
उत्तर- जैविक विविधता प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें बदलते पर्यावरण में जीवित रहने में सहायता करती है। विभिन्न आनुवंशिक गुण वाले व्यक्तियों में से कुछ नई परिस्थितियों में बेहतर अनुकूलन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जलवायु परिवर्तन या नए रोगों के प्रति कुछ व्यक्ति अधिक प्रतिरोधी हो सकते हैं। हालांकि, एक व्यक्ति के लिए, उसके विशिष्ट गुण लाभदायक या हानिकारक हो सकते हैं। विविधता व्यक्ति को नहीं, बल्कि समूह को लाभ पहुंचाती है। इस प्रकार, विविधता प्रजातियों के दीर्घकालिक अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-131)
प्रश्न 1. द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर- द्विखंडन और बहुखंडन दोनों अलैंगिक प्रजनन के रूप हैं, लेकिन उनमें महत्वपूर्ण अंतर है। द्विखंडन में, एक कोशिका दो समान भागों में विभाजित होती है, जैसे अमीबा में। प्रत्येक भाग एक नया जीव बनता है। बहुखंडन में, एक कोशिका एक साथ कई संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है, जैसे प्लास्मोडियम में। इसमें एक माता कोशिका से कई संतान एक साथ उत्पन्न होती हैं। द्विखंडन में दो संतान बनती हैं, जबकि बहुखंडन में कई संतान बनती हैं। द्विखंडन आमतौर पर एककोशिक जीवों में होता है, जबकि बहुखंडन कुछ बहुकोशिक जीवों में भी देखा जा सकता है।
प्रश्न 2. बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है?
उत्तर- बीजाणु द्वारा जनन जीवों को कई तरह से लाभान्वित करता है। बीजाणुओं की मोटी भित्ति उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जीवित रहने में मदद करती है। यह जीवों को विषम परिस्थितियों में भी प्रजनन करने की क्षमता प्रदान करता है। एक बीजाणुधानी में अनेक बीजाणु उत्पन्न होते हैं, जो एक ही समय में कई नए जीवों को जन्म दे सकते हैं। यह प्रजाति की संख्या को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है। बीजाणु हवा या पानी के माध्यम से दूर तक फैल सकते हैं, जो जीवों को नए क्षेत्रों में फैलने में मदद करता है।
प्रश्न 3. क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुदभवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते?
उत्तर- जटिल संरचना वाले जीव पुनरुदभवन द्वारा नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते क्योंकि उनके शरीर में विशेषीकृत ऊतक और अंग होते हैं। इन जीवों में, सभी कोशिकाएँ समान क्षमता नहीं रखतीं और केवल कुछ विशिष्ट कोशिकाएँ ही नए जीव बनाने में सक्षम होती हैं। जटिल जीवों में, अधिकांश कोशिकाएँ अपनी विभाजन क्षमता खो चुकी होती हैं। इनके शरीर के अलग-अलग भाग अलग-अलग कार्य करते हैं और स्वतंत्र रूप से जीवित नहीं रह सकते। इसके अलावा, इन जीवों में जटिल अंग प्रणालियाँ होती हैं जो पूरे शरीर के एकीकृत कार्य पर निर्भर करती हैं।
प्रश्न 4. कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर- कायिक प्रवर्धन का उपयोग कई कारणों से किया जाता है। यह उन पौधों के लिए उपयोगी है जो बीज उत्पन्न करने की क्षमता खो चुके हैं या जिनके बीज बांझ होते हैं। यह विधि जनक पौधे के समान आनुवंशिक गुणों वाले पौधे उत्पन्न करने में मदद करती है, जो फसल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। कायिक प्रवर्धन द्वारा पौधों को तेजी से और बड़ी संख्या में उगाया जा सकता है। यह विधि कुछ फलों और सजावटी पौधों की विशेष किस्मों को संरक्षित करने में भी मदद करती है। उदाहरण के लिए, केला, गन्ना और गुलाब जैसे पौधों को इस विधि से उगाया जाता है।
प्रश्न 5. डी.एन.ए. की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है
उत्तर- डी.एन.ए. की प्रतिकृति जनन के लिए आवश्यक है क्योंकि यह आनुवंशिक सूचना को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाती है। डी.एन.ए. अणु में जीव के सभी लक्षणों और कार्यों के लिए निर्देश होते हैं। प्रतिकृति प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि नई कोशिकाओं या संतान को सटीक आनुवंशिक जानकारी मिले। यह जीवों की विशिष्ट शारीरिक संरचना और कार्यों को बनाए रखने में मदद करता है। डी.एन.ए. प्रतिकृति के बिना, नई पीढ़ी में आवश्यक प्रोटीन और अन्य जैव अणुओं का निर्माण संभव नहीं होगा। यह प्रक्रिया प्रजातियों की निरंतरता और विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-139)
प्रश्न 1. परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर- परागण और निषेचन पौधों के प्रजनन के दो अलग चरण हैं। परागण पराग कणों का पुंकेसर से स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण है। यह प्रक्रिया हवा, कीट या अन्य माध्यमों द्वारा होती है। निषेचन परागण के बाद होता है, जब पराग नलिका बनकर अंडाशय तक पहुंचती है। इस प्रक्रिया में नर युग्मक और मादा युग्मक का संलयन होता है। परागण बाहरी प्रक्रिया है, जबकि निषेचन आंतरिक। परागण निषेचन की पूर्व आवश्यकता है, लेकिन सभी परागण निषेचन में नहीं बदलते।
प्रश्न 2. शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है?
उत्तर- शुक्राशय और प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुष प्रजनन तंत्र के महत्वपूर्ण अंग हैं। शुक्राशय शुक्राणुओं को संग्रहित करता है और उन्हें पोषण प्रदान करता है। प्रोस्टेट ग्रंथि एक क्षारीय तरल पदार्थ स्रावित करती है जो शुक्राणुओं को सक्रिय करता है। यह तरल शुक्राणुओं को गतिशीलता प्रदान करता है और उन्हें मादा प्रजनन मार्ग में जीवित रहने में मदद करता है। दोनों ग्रंथियाँ मिलकर वीर्य का निर्माण करती हैं, जो शुक्राणुओं के लिए एक सुरक्षात्मक और पोषक माध्यम है। इस प्रकार, ये ग्रंथियाँ शुक्राणुओं के उत्पादन, संरक्षण और स्थानांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
प्रश्न 3. यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-से परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर- यौवनारंभ के समय लड़कियों में कई शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं। स्तनों का विकास होता है और उनका आकार बढ़ता है। मासिक धर्म (रजोधर्म) शुरू होता है। शरीर के विभिन्न भागों जैसे बगल और जननांगों के आसपास बाल उगने लगते हैं। कूल्हों का आकार बढ़ता है और शरीर का आकार अधिक स्त्रैण हो जाता है। त्वचा अधिक तैलीय हो सकती है, जिससे मुँहासे हो सकते हैं। आवाज में भी थोड़ा परिवर्तन आ सकता है। इन शारीरिक परिवर्तनों के साथ-साथ भावनात्मक परिवर्तन भी होते हैं।
प्रश्न 4. माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है?
उत्तर- गर्भस्थ भ्रूण को पोषण प्लेसेंटा (अपरा) के माध्यम से प्राप्त होता है। प्लेसेंटा माँ और भ्रूण के बीच एक संपर्क अंग है जो गर्भाशय की दीवार से जुड़ा होता है। यह नाभिनाल (गर्भनाल) द्वारा भ्रूण से जुड़ा होता है। प्लेसेंटा माँ के रक्त से ऑक्सीजन, पोषक तत्व और एंटीबॉडी लेकर भ्रूण तक पहुंचाता है। यह भ्रूण के अपशिष्ट पदार्थों को भी माँ के रक्त में वापस भेजता है। प्लेसेंटा हानिकारक पदार्थों को छानने का काम भी करता है। यह हार्मोन भी स्रावित करता है जो गर्भावस्था को बनाए रखने में मदद करते हैं।
प्रश्न 5. यदि कोई महिला कॉपर-टी का प्रयोग कर रही है तो क्या यह उसकी यौन संचरित रोगों से रक्षा करेगा?
उत्तर- नहीं, कॉपर-टी यौन संचरित रोगों (एसटीडी) से रक्षा नहीं करती। कॉपर-टी एक गर्भनिरोधक उपकरण है जो केवल अनचाहे गर्भधारण को रोकने में प्रभावी है। यह गर्भाशय में लगाया जाता है और शुक्राणुओं को अंडे तक पहुंचने से रोकता है। हालांकि, यह बैक्टीरिया, वायरस या अन्य सूक्ष्मजीवों के प्रवेश को नहीं रोकता जो एसटीडी का कारण बनते हैं। एसटीडी से बचाव के लिए कंडोम जैसे बाधा विधियों का उपयोग करना चाहिए। यदि एसटीडी से सुरक्षा की आवश्यकता है, तो कॉपर-टी के साथ कंडोम का उपयोग करना चाहिए।
UP Board Class 10 Science Chapter 7 अभ्यास – Solutions
प्रश्न 1. अलैंगिक जनन मुकुलन द्वारा होता है।
(a) अमीबा
(b) यीस्ट
(c) प्लैज्मोडियम
(d) लेस्मानिया
उत्तर- (b) यीस्ट
प्रश्न 2. निम्न में से कौन मानव में मादा जनन तंत्र का भाग नहीं है?
(a) अंडाशय
(b) गर्भाशय
(c) शुक्रवाहिका
(d) डिंबवाहिनी
उत्तर- (c) शुक्रवाहिका
प्रश्न 3. परागकोश में होते हैं-
(a) बाह्यदल
(b) अंडाशय
(c) अंडप
(d) परागकण
उत्तर- (d) परागकण
प्रश्न 4. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ है?
उत्तर- लैंगिक जनन अलैंगिक जनन की तुलना में कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है। सबसे प्रमुख लाभ आनुवंशिक विविधता है, जो दो अलग जनकों के जीन के संयोजन से उत्पन्न होती है। यह विविधता प्रजाति को बदलते पर्यावरण में बेहतर अनुकूलन और उत्तरजीविता प्रदान करती है। लैंगिक जनन दोषपूर्ण जीन के प्रभाव को कम करने में भी मदद करता है, क्योंकि एक जनक के हानिकारक उत्परिवर्तन दूसरे के सामान्य जीन द्वारा संतुलित किए जा सकते हैं। इसके अलावा, यह प्रक्रिया रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने में सहायक होती है, क्योंकि विभिन्न जीन संयोजन रोगजनकों के खिलाफ विविध प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकते हैं।
लैंगिक जनन विकास की प्रक्रिया को भी बढ़ावा देता है, क्योंकि यह नए लक्षणों के उभरने की संभावना बढ़ाता है। हालांकि, यह प्रक्रिया अलैंगिक जनन की तुलना में अधिक जटिल और ऊर्जा की खपत वाली है।
प्रश्न 5. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं ?
उत्तर- मानव शरीर में वृषण (टेस्टिस) कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। इनका प्राथमिक कार्य शुक्राणु उत्पादन है, जो पुरुष प्रजनन कोशिकाएं हैं। वृषण टेस्टोस्टेरोन नामक पुरुष यौन हार्मोन का भी उत्पादन करते हैं, जो पुरुषों में द्वितीयक यौन लक्षणों के विकास और नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हार्मोन यौवनारंभ के दौरान आवाज में परिवर्तन, मांसपेशियों का विकास, और शरीर पर बालों के विकास जैसे परिवर्तनों को नियंत्रित करता है। टेस्टोस्टेरोन यौन इच्छा (लिबिडो) को भी प्रभावित करता है और अस्थि घनत्व तथा मांसपेशी शक्ति को बनाए रखने में मदद करता है। वृषण का स्क्रोटम (अंडकोष) में स्थित होना शुक्राणु उत्पादन के लिए आवश्यक निम्न तापमान बनाए रखने में सहायक होता है।
प्रश्न 6. ऋतुस्राव क्यों होता है?
उत्तर- ऋतुस्राव (मासिक धर्म) एक जटिल हार्मोनल प्रक्रिया का परिणाम है जो महिलाओं के प्रजनन चक्र का हिस्सा है। यह प्रक्रिया तब शुरू होती है जब प्रत्येक माह एक परिपक्व अंडाणु अंडाशय से निकलता है, जिसे अंडोत्सर्ग कहते हैं। इस दौरान, गर्भाशय की अंतः परत (एंडोमेट्रियम) मोटी हो जाती है, संभावित गर्भधारण के लिए तैयार होकर। यदि अंडाणु निषेचित नहीं होता, तो शरीर में हार्मोन स्तर में परिवर्तन होता है। इस परिवर्तन के कारण, मोटी हुई अंतः परत टूटने लगती है और रक्त तथा ऊतक के रूप में योनि मार्ग से बाहर निकलती है।
यह प्रक्रिया ऋतुस्राव कहलाती है। यह चक्र लगभग 28 दिनों में दोहराता है, जिसमें ऋतुस्राव सामान्यतः 2-7 दिनों तक रहता है। यह प्रक्रिया शरीर को हर महीने नए संभावित गर्भधारण के लिए तैयार करती है।
प्रश्न 7. पुष्प की अनुदैर्ध्य काट का नामांकित चित्र बनाइए ।
उत्तर-

प्रश्न 8. गर्भनिरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन सी हैं ?
उत्तर- गर्भनिरोधन की कई विधियाँ हैं, जो अलग-अलग सिद्धांतों पर काम करती हैं। यांत्रिक विधियों में कंडोम शामिल है, जो शुक्राणुओं को अंडाणु तक पहुंचने से रोकता है। हार्मोनल विधियाँ, जैसे गर्भनिरोधक गोलियाँ, शरीर के हार्मोन संतुलन को बदलकर गर्भधारण रोकती हैं। अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आईयूडी) जैसे कॉपर-टी, गर्भाशय में लगाए जाते हैं और निषेचन को रोकते हैं। शल्यक्रिया विधियों में पुरुषों में वैसेक्टोमी और महिलाओं में ट्यूबेक्टोमी शामिल हैं, जो क्रमशः शुक्राणुओं और अंडाणुओं के मार्ग को स्थायी रूप से अवरुद्ध कर देती हैं। प्रत्येक विधि के अपने फायदे और नुकसान हैं, और चुनाव व्यक्तिगत परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
प्रश्न 9. एक कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है?
उत्तर- एककोशिक और बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धतियों में महत्वपूर्ण अंतर हैं। एककोशिक जीव जैसे अमीबा मुख्यतः कोशिका विभाजन या विखंडन जैसी सरल अलैंगिक विधियों द्वारा प्रजनन करते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर तेज और कम ऊर्जा खपत वाली होती है। दूसरी ओर, बहुकोशिक जीवों में जनन अधिक जटिल होता है। वे लैंगिक और अलैंगिक दोनों तरह के जनन कर सकते हैं। लैंगिक जनन में विशेष प्रजनन अंगों और जनन कोशिकाओं (युग्मकों) का उत्पादन शामिल है।
बहुकोशिक जीवों में अलैंगिक जनन भी हो सकता है, जैसे मुकुलन या खंडन, लेकिन यह एककोशिक जीवों की तुलना में अधिक जटिल होता है। बहुकोशिक जीवों में जनन अक्सर विशेष कोशिकाओं या ऊतकों तक सीमित होता है, जबकि एककोशिक जीवों में पूरी कोशिका जनन में शामिल होती है।
प्रश्न 10. जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर- जनन किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह प्रक्रिया प्रजाति के निरंतर अस्तित्व को सुनिश्चित करती है, क्योंकि इसके द्वारा नए व्यष्टि (व्यक्ति) उत्पन्न होते हैं जो मृत या वृद्ध जीवों की जगह लेते हैं। जनन आनुवंशिक विविधता उत्पन्न करता है, जो प्रजाति को बदलते पर्यावरण में अनुकूलन करने और जीवित रहने में मदद करती है। यह प्रक्रिया प्राकृतिक चयन के लिए आधार प्रदान करती है, जिससे अधिक अनुकूलित व्यष्टि जीवित रहते और अपने जीन को अगली पीढ़ी में पास करते हैं।
इसके अलावा, जनन प्रजाति को नए पर्यावासों में फैलने और अपनी आबादी को बढ़ाने का अवसर देता है। इस प्रकार, जनन न केवल प्रजाति के अस्तित्व को बनाए रखता है, बल्कि उसके विकास और विस्तार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रश्न 11. गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर- गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के कई महत्वपूर्ण कारण हो सकते हैं:-
- जनसंख्या नियंत्रण: बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- स्वास्थ्य संरक्षण: महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करता है।
- परिवार नियोजन: परिवार के आकार और बच्चों के जन्म के बीच अंतर को नियंत्रित करने में सहायक।
- आर्थिक सुरक्षा: परिवार की आर्थिक स्थिति के अनुसार बच्चों की संख्या निर्धारित करने में मदद करता है।
- यौन रोग सुरक्षा: कुछ गर्भनिरोधक युक्तियाँ यौन संचारित रोगों से बचाव में सहायक होती हैं।
- शिक्षा और करियर: युवाओं को शिक्षा पूरी करने और करियर बनाने का अवसर देता है।