UP Board class 10 Science chapter 8 solutions are available on this page. It is the best guide to clear all your doubts with this chapter. In this guide, you will get all question answer of chapter 8 – “आनुवंशिकता” in hindi medium.
इस अध्याय में आप जीवों में लक्षणों के वंशानुगत स्थानांतरण की रोचक और जटिल प्रक्रिया के बारे में गहराई से सीखेंगे। आनुवंशिकता वह विज्ञान है जो बताता है कि कैसे माता-पिता के गुण उनकी संतान में पहुंचते हैं। आप मेंडल के आनुवंशिकता के नियमों, जीन, क्रोमोसोम और डीएनए की अवधारणाओं को समझेंगे। इस अध्याय में आप यह भी जानेंगे कि कैसे विभिन्न लक्षण जैसे आँखों का रंग, बालों का रंग, या कुछ बीमारियाँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचती हैं। साथ ही, आप लिंग निर्धारण की प्रक्रिया और आनुवंशिक विकारों के बारे में भी अध्ययन करेंगे।

UP Board Class 10 Science Chapter 8 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 10th |
Chapter | 8. आनुवंशिकता |
Board | UP Board |
अध्ययन के बीच वाले प्रश्न
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-142)
प्रश्न 1. यदि एक ‘लक्षण – A’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10 प्रतिशत सदस्यों में पाया जाता है तथा ‘लक्षण – B’ उसी समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उत्पन्न हुआ होगा?
उत्तर- लक्षण B पहले उत्पन्न हुआ होगा। अलैंगिक प्रजनन में, नए लक्षण धीरे-धीरे समष्टि में फैलते हैं। पुराने लक्षण अधिक जीवों में पाए जाते हैं क्योंकि उन्हें फैलने का अधिक समय मिला होता है। इसलिए, 60% जीवों में पाया जाने वाला लक्षण B, 10% में पाए जाने वाले लक्षण A से पहले उत्पन्न हुआ होगा। यह प्रतिशत अंतर लक्षण B के अधिक समय तक मौजूद रहने का संकेत देता है।
प्रश्न 2. विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ का अस्तित्व किस प्रकार बढ़ जाता है ?
उत्तर- विभिन्नताएँ स्पीशीज़ के अस्तित्व को कई तरह से मजबूत करती हैं:-
- अनुकूलन क्षमता: विविधता स्पीशीज़ को बदलते पर्यावरण में अनुकूलन करने में मदद करती है।
- प्राकृतिक चयन: विभिन्न लक्षण वाले जीव अलग-अलग परिस्थितियों में जीवित रहने की बेहतर संभावना रखते हैं।
- रोग प्रतिरोध: विविधता कुछ जीवों को विशिष्ट रोगों से बचने में मदद कर सकती है।
- संसाधन उपयोग: विभिन्न लक्षण वाले जीव विभिन्न प्रकार के संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।
- आनुवंशिक समृद्धि: विविधता जीन पूल को समृद्ध करती है, जो भविष्य में अनुकूलन के लिए महत्वपूर्ण है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-146)
प्रश्न 1. मेंडल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं ?
उत्तर- मेंडल ने विरोधी लक्षणों वाले पौधों का संकरण कराया। F1 पीढ़ी में केवल एक लक्षण दिखाई दिया, जबकि दूसरा छिपा रहा। F2 पीढ़ी में दोनों लक्षण 3:1 के अनुपात में प्रकट हुए। इससे मेंडल ने निष्कर्ष निकाला कि F1 पीढ़ी में दिखने वाला लक्षण प्रभावी था, जबकि छिपा हुआ लक्षण अप्रभावी था। यह प्रभावी-अप्रभावी लक्षणों की अवधारणा का आधार बना।
प्रश्न 2. मेंडल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं?
उत्तर- मेंडल ने दो लक्षणों (जैसे बीज का आकार और पौधे की लंबाई) का एक साथ अध्ययन किया। F2 पीढ़ी में उन्होंने नए संयोजन देखे, जैसे लंबे पौधे झुर्रीदार बीजों के साथ और बौने पौधे गोल बीजों के साथ। इन नए संयोजनों का अनुपात 9:3:3:1 था। यह दर्शाता है कि प्रत्येक लक्षण दूसरे से स्वतंत्र रूप से विरासत में मिलता है, जिसे स्वतंत्र वंशागति का नियम कहा जाता है।
प्रश्न 3. एक ‘A’ – रुधिर वर्ग वाला पुरुष एक स्त्री जिस का रुधिर वर्ग ‘O’ है, से विवाह करता है। उनकी पुत्री का रुधिर वर्ग ‘O’ है। क्या यह सूचना पर्याप्त है यदि आपसे कहा जाए कि कौन सा विकल्प लक्षण रुधिर वर्ग-‘A’ अथवा ‘O’ प्रभावी लक्षण हैं? अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए।
उत्तर- हाँ, यह जानकारी पर्याप्त है। पुत्री का ‘O’ रुधिर वर्ग दर्शाता है कि ‘A’ प्रभावी है और ‘O’ अप्रभावी। पिता का जीनोटाइप AO होना चाहिए, जहां A प्रभावी है। माता OO है। पुत्री ने पिता से O और माता से O प्राप्त किया, जिससे उसका रुधिर वर्ग ‘O’ हुआ। यह सिद्ध करता है कि ‘A’ प्रभावी है, क्योंकि अगर ‘O’ प्रभावी होता, तो पिता का फीनोटाइप ‘O’ होता।
प्रश्न 4. मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है ?
उत्तर- मनुष्य में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं, जिनमें 22 जोड़े ऑटोसोम और एक जोड़ा लिंग गुणसूत्र होता है। महिलाओं में दो X गुणसूत्र (XX) होते हैं, जबकि पुरुषों में एक X और एक Y गुणसूत्र (XY) होता है। अंडे में हमेशा X गुणसूत्र होता है, जबकि शुक्राणु या तो X या Y गुणसूत्र ले जाता है। अगर X शुक्राणु निषेचन करता है, तो बच्ची (XX) होगी, और अगर Y शुक्राणु निषेचन करता है, तो बच्चा (XY) होगा। इस प्रकार, पिता का शुक्राणु बच्चे का लिंग निर्धारित करता है।

UP Board Class 10 Science Chapter 8 अभ्यास – Solutions
प्रश्न 1. मेंडल के एक प्रयोग में लंबे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पष्प थे, का संकरण बौने पौधों जिनके सफ़ेद पुष्प थे, से कराया गया। इनकी संतुति के सभी पौधों में पुष्प बैगनी रंग के थे। परंतु उनमें से लगभग आधे बने थे। इससे कहा जा सकता है कि लंबे जनक पौधों की आनुवंशिक रचना निम्न थी –
(a) TTWWW
(b) TTww
(c) Tt WWW
(d) Tt Ww
उत्तर- (c) Tt WWW
प्रश्न 2. एक अध्ययन से पता चला कि हल्के रंग की आँखों वाले बच्चों के जनक (माता-पिता) की आँखें भी हल्के रंग की होती हैं। इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी ? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- इस जानकारी के आधार पर, हम कह सकते हैं कि आँखों का हल्का रंग अप्रभावी लक्षण है। इसकी व्याख्या इस प्रकार है:-
- यदि हल्का रंग प्रभावी होता, तो गहरे रंग वाले माता-पिता से भी हल्के रंग की आँखों वाले बच्चे पैदा हो सकते थे।
- अप्रभावी लक्षण तभी प्रकट होता है जब दोनों माता-पिता से अप्रभावी जीन मिलते हैं (aa x aa)।
- इसलिए, हल्के रंग की आँखों वाले बच्चे के माता-पिता के पास भी अप्रभावी जीन (aa) होने चाहिए।
- यह निष्कर्ष मेंडल के वंशानुक्रम के नियमों के अनुरूप है, जहाँ अप्रभावी लक्षण केवल समयुग्मजी स्थिति में प्रकट होता है।
- अतः, हल्के रंग की आँखों का लक्षण अप्रभावी है, जबकि गहरे रंग की आँखों का लक्षण प्रभावी होगा।
प्रश्न 3. कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग ज्ञात करने के उद्देश्य से एक प्रोजेक्ट बनाइए ।
उत्तर- कुत्ते की खाल के प्रभावी रंग को ज्ञात करने के लिए एक प्रोजेक्ट का निम्नलिखित रूपरेखा हो सकती है:-
- दो विभिन्न रंग (जैसे काला और सफेद) के शुद्ध नस्ल के कुत्तों का चयन करें।
- इन दोनों कुत्तों का संकरण कराएं और F1 पीढ़ी के पिल्लों का अवलोकन करें।
- यदि F1 पीढ़ी के सभी पिल्ले एक ही रंग के हैं, तो वह रंग प्रभावी माना जाएगा।
- F1 पीढ़ी के दो पिल्लों का आपस में संकरण कराएं और F2 पीढ़ी का अवलोकन करें।
- F2 पीढ़ी में रंगों के अनुपात की गणना करें (सामान्यतः 3:1 का अनुपात प्रभावी:अप्रभावी लक्षण को दर्शाता है)।
- परिणामों का विश्लेषण करके निष्कर्ष निकालें कि कौन सा रंग प्रभावी है और कौन सा अप्रभावी।
यह प्रोजेक्ट मेंडल के आनुवंशिकता के नियमों पर आधारित है और छात्रों को प्रभावी-अप्रभावी लक्षणों की अवधारणा को समझने में मदद करेगा।
प्रश्न 4. संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है?
उत्तर- नर और मादा जनकों का संतति में समान आनुवंशिक योगदान एक जटिल प्रक्रिया द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। मानव कोशिकाओं में 23 जोड़े गुणसूत्र होते हैं, जिनमें 22 जोड़े ऑटोसोम और एक जोड़ा लिंग गुणसूत्र शामिल होता है। युग्मक (शुक्राणु और अंडाणु) बनने की प्रक्रिया में, अर्धसूत्री विभाजन द्वारा इन गुणसूत्रों की संख्या आधी हो जाती है। निषेचन के समय, नर का शुक्राणु (23 गुणसूत्र) और मादा का अंडाणु (23 गुणसूत्र) मिलकर युग्मनज बनाते हैं, जिसमें पूरे 46 गुणसूत्र होते हैं। इस प्रकार, संतति की प्रत्येक कोशिका में 50% DNA नर से और 50% DNA मादा से प्राप्त होता है।
यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि दोनों जनकों का आनुवंशिक योगदान समान रहे, चाहे लक्षण प्रभावी हों या अप्रभावी। यह समान योगदान जैव विविधता और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।