UP Board Class 10 History Chapter 1 Solutions – यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

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इस अध्याय में हम यूरोप में राष्ट्रवाद के उदय के बारे में सीखेंगे। 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान, यूरोप में एक नई विचारधारा का जन्म हुआ जिसे राष्ट्रवाद कहा जाता है। यह विचार लोगों को एक साझा पहचान, संस्कृति और इतिहास के आधार पर एकजुट करने का था। हम देखेंगे कि कैसे फ्रांसीसी क्रांति ने इस विचार को जन्म दिया और फिर यह पूरे यूरोप में फैल गया। इसके अलावा, हम इटली और जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया का अध्ययन करेंगे, जो राष्ट्रवाद के प्रभाव के सबसे महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।

UP Board Class 10 History chapter 1

UP Board Class 10 History Chapter 1 Solutions

SubjectHistory
Class10th
Chapter1. यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
BoardUP Board

संक्षेप में लिखें

1. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें-

(क) ज्युसेपे मेजिनी:

उत्तर- ज्युसेपे मेजिनी इटली के महान क्रांतिकारी और राष्ट्रवादी नेता थे। उन्होंने ‘यंग इटली’ और ‘यंग यूरोप’ जैसे संगठनों की स्थापना करके इटली के एकीकरण के लिए अथक प्रयास किए। मेजिनी ने लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना का सपना देखा और इसके लिए जीवनभर संघर्ष किया। उनके विचारों ने न केवल इटली बल्कि पूरे यूरोप में राष्ट्रवादी भावनाओं को जगाया। मेजिनी की विचारधारा ने युवाओं को प्रेरित किया और उन्हें देश की आजादी के लिए संघर्ष करने को प्रोत्साहित किया।

(ख) काउंट कैमिलो दे कावूर:

उत्तर- काउंट कैमिलो दे कावूर सार्डिनिया-पीडमॉन्ट के प्रधानमंत्री थे जिन्होंने कूटनीति और युद्ध दोनों का सहारा लेकर इटली के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने फ्रांस के साथ गठबंधन करके ऑस्ट्रिया को हराया और उत्तरी इटली को मुक्त कराया। कावूर ने अपनी चतुर राजनीति से इटली के विभिन्न राज्यों को एक करने में सफलता पाई। उनकी नीतियों ने इटली को एक शक्तिशाली और एकीकृत राष्ट्र बनाने का मार्ग प्रशस्त किया।

(ग) यूनानी स्वतंत्रता युद्ध:

उत्तर- यूनानी स्वतंत्रता युद्ध 1821 में शुरू हुआ जब यूनानियों ने ओटोमन साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह किया। इस संघर्ष को पश्चिमी यूरोप के देशों का समर्थन मिला, जो प्राचीन यूनानी संस्कृति से प्रभावित थे। यूनानी राष्ट्रवादियों ने अपनी स्वतंत्रता के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। अंततः 1832 में कुस्तुन्तुनिया की संधि के द्वारा यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता मिली। यह युद्ध यूरोप में राष्ट्रवादी आंदोलनों का एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया।

(घ) फ्रैंकफर्ट संसद:

उत्तर- फ्रैंकफर्ट संसद 1848 में जर्मन राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा गठित की गई थी। इसका उद्देश्य एक संयुक्त जर्मनी के लिए संविधान बनाना था। संसद ने एक राजतंत्रात्मक संवैधानिक व्यवस्था का प्रस्ताव रखा, जिसमें राजा को संसद के प्रति उत्तरदायी होना था। हालांकि, प्रशा के राजा ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। मध्यम वर्ग और श्रमिक वर्ग के बीच मतभेद के कारण संसद का सामाजिक आधार कमजोर हो गया। अंततः सैनिक बल का प्रयोग करके संसद को भंग कर दिया गया। यह घटना जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।

(ङ) राष्ट्रवादी संघर्षों में महिलाओं की भूमिका:

उत्तर- 19वीं सदी के राष्ट्रवादी आंदोलनों में महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने राजनीतिक संगठनों की स्थापना की, अखबार निकाले और प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। हालांकि, उन्हें मताधिकार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया। फ्रैंकफर्ट संसद में भी महिलाओं को केवल दर्शक के रूप में ही उपस्थित रहने की अनुमति थी। इन बाधाओं के बावजूद, महिलाओं ने राष्ट्रवादी विचारों के प्रसार और समाज में जागरूकता फैलाने में अहम योगदान दिया।

2. फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान का भाव पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने क्या कदम उठाये?

उत्तर: फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने ‘पितृभूमि’ और ‘नागरिक’ जैसे विचारों को प्रोत्साहित किया, जिससे लोगों में समान अधिकारों वाले एक संयुक्त समुदाय की भावना जागृत हुई। तिरंगा झंडा अपनाकर उन्होंने एक नया राष्ट्रीय प्रतीक स्थापित किया। राष्ट्रीय सभा का गठन और केंद्रीय प्रशासन की स्थापना ने शासन में एकरूपता लाई। नई राष्ट्रीय स्तुतियों और शहीदों के सम्मान ने देशभक्ति की भावना को बढ़ावा दिया। फ्रेंच भाषा को राष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रोत्साहित करके भाषाई एकता पर बल दिया गया।

3. मारीआन और जर्मेनिया कौन थे? जिस तरह उन्हें चित्रित किया गया उसका क्या महत्व था?

उत्तर: मारीआन और जर्मेनिया क्रमशः फ्रांस और जर्मनी के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में चित्रित की गई महिला आकृतियाँ थीं। मारीआन को स्वतंत्रता, न्याय और गणतंत्र का प्रतीक माना जाता था, जिसे लाल टोपी, तिरंगा और कलगी जैसे चिह्नों के साथ दर्शाया जाता था। जर्मेनिया को बलूत के पत्तों का मुकुट पहने हुए दिखाया जाता था, जो जर्मन वीरता का प्रतीक था। इन प्रतीकों का उपयोग राष्ट्रीय भावनाओं को जगाने और लोगों में एकता की भावना पैदा करने के लिए किया गया। ये आकृतियाँ अपने-अपने देशों के लिए गौरव, शक्ति और एकता का प्रतिनिधित्व करती थीं।

4. जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया का संक्षेप में पता लगाएँ।

उत्तर: जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया 19वीं सदी के मध्य में शुरू हुई। 1848 में, मध्यवर्गीय उदारवादियों ने फ्रैंकफर्ट संसद के माध्यम से एकीकृत जर्मनी बनाने का प्रयास किया, लेकिन यह असफल रहा। बाद में, प्रशा के प्रधानमंत्री ऑटो वॉन बिस्मार्क ने इस प्रक्रिया का नेतृत्व किया। उन्होंने ‘रक्त और लोहे की नीति’ अपनाते हुए तीन युद्धों – डेनमार्क (1864), ऑस्ट्रिया (1866), और फ्रांस (1870-71) के खिलाफ – के माध्यम से जर्मन राज्यों को एकजुट किया। अंततः, 18 जनवरी 1871 को वर्साय के महल में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को एकीकृत जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया, जिससे जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया पूरी हुई।

5. अपने शासन वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को ज्यादा कुशल बनाने के लिए नेपोलियन ने क्या बदलाव किए?

उत्तर: नेपोलियन ने अपने शासन को अधिक कुशल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए। उन्होंने 1804 में ‘नेपोलियन संहिता’ लागू की, जिसने कानून के समक्ष समानता स्थापित की और जन्म पर आधारित विशेषाधिकारों को समाप्त किया। उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था को सरल बनाया और सामंती प्रथा को समाप्त किया। किसानों को भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से मुक्त किया गया। शहरों में कारीगरों के श्रेणी-संघों पर लगे प्रतिबंधों को हटा दिया गया। नेपोलियन ने यातायात और संचार व्यवस्था में सुधार किए, जिससे व्यापार और प्रशासन दोनों में गति आई। इन सुधारों ने आधुनिक और केंद्रीकृत शासन प्रणाली की नींव रखी।

चर्चा करें

1. उदारवादियों की 1848 की क्रांति का क्या अर्थ लगाया जाता है? उदारवादियों ने किन राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक विचारों को बढ़ावा दिया?

उत्तर: 1848 की क्रांति यूरोप में उदारवादी और राष्ट्रवादी विचारों के उदय का प्रतीक थी। उदारवादियों ने संवैधानिक शासन, व्यक्तिगत अधिकार, और राष्ट्रीय एकता के लिए आवाज उठाई। उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता, संगठन बनाने की आजादी, और निष्पक्ष चुनाव जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बढ़ावा दिया। आर्थिक क्षेत्र में, उन्होंने मुक्त व्यापार और उद्योगों पर सरकारी नियंत्रण कम करने की मांग की। सामाजिक सुधारों में, उन्होंने शिक्षा के अधिकार और महिलाओं के राजनीतिक अधिकारों का समर्थन किया। यह क्रांति यूरोप में आधुनिक राष्ट्र-राज्यों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी।

2. यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति के योगदान को दर्शाने के लिए तीन उदहारण दें।

उत्तर: यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पोलैंड में, पोलिश भाषा रूसी प्रभुत्व के खिलाफ राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक बन गई। जर्मनी में, भाई ग्रिम ने लोक कथाओं को एकत्र कर राष्ट्रीय संस्कृति को बढ़ावा दिया। फ्रांस में, एक समान भाषा नीति ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया। इटली में, जोसेफ मैजिनी ने साहित्य और कला के माध्यम से राष्ट्रवादी भावनाओं को जगाया। इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि भाषा, लोक साहित्य, और कला ने राष्ट्रीय पहचान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

3. किन्हीं दो देशों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए बताएँ कि उन्नीसवीं सदी में राष्ट्र किस प्रकार विकसित हुए?

उत्तर: 19वीं सदी में यूनान और जर्मनी के उदाहरण राष्ट्र-निर्माण की प्रक्रिया को समझने में मदद करते हैं। यूनान में, 1821 से शुरू हुआ स्वतंत्रता संग्राम प्राचीन यूनानी संस्कृति के पुनरुत्थान और ओटोमन साम्राज्य से मुक्ति पर केंद्रित था। पश्चिमी देशों के समर्थन और आंतरिक संघर्ष के बाद, 1832 में यूनान एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। जर्मनी में, ऑटो वॉन बिस्मार्क के नेतृत्व में ‘रक्त और लोहे की नीति’ के माध्यम से एकीकरण हुआ। उन्होंने 1864 से 1871 के बीच तीन युद्धों – डेनमार्क, ऑस्ट्रिया और फ्रांस के खिलाफ – के द्वारा जर्मन राज्यों को एकजुट किया। 1871 में विलियम प्रथम के जर्मन सम्राट बनने के साथ जर्मन एकीकरण पूरा हुआ।

4. ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास शेष यूरोप की तुलना में किस प्रकार भिन्न था?

उत्तर: ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का विकास अन्य यूरोपीय देशों से अलग था। 18वीं सदी से पहले, ब्रिटिश द्वीप अंग्रेज, वेल्श, स्कॉट और आयरिश जैसे विभिन्न समुदायों में बंटा था। इंग्लैंड की बढ़ती शक्ति ने धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों पर प्रभुत्व स्थापित किया। 1688 में, संसद ने राजशाही की शक्तियों को सीमित कर एक नए प्रकार के राष्ट्र-राज्य की नींव रखी। 1707 में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच एक्ट ऑफ यूनियन ने ‘यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन’ का गठन किया। इस प्रकार, ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का विकास क्रमिक और शांतिपूर्ण तरीके से हुआ, जबकि अन्य यूरोपीय देशों में यह अक्सर क्रांतिकारी आंदोलनों और युद्धों के माध्यम से हुआ।

5. बाल्कन प्रदेशों में राष्ट्रवादी तनाव क्यों पनपा?

उत्तर: बाल्कन क्षेत्र में राष्ट्रवादी तनाव कई कारणों से पनपा। यह क्षेत्र विभिन्न जातीय, धार्मिक और भाषाई समूहों का मिश्रण था, जो लंबे समय तक ओटोमन साम्राज्य के अधीन रहा था। 19वीं सदी में ओटोमन साम्राज्य के कमजोर होने के साथ, विभिन्न स्लाव समुदायों ने अपनी स्वतंत्र राष्ट्रीय पहचान स्थापित करने की कोशिश शुरू की। रूमानिया जैसे देशों में राष्ट्रवादी विचारों का प्रसार हुआ। बड़ी यूरोपीय शक्तियों जैसे रूस और ऑस्ट्रिया-हंगरी ने इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश की, जिससे तनाव और बढ़ गया। इन सभी कारकों ने मिलकर बाल्कन को 20वीं सदी की शुरुआत में यूरोप के ‘पावर केग’ (विस्फोटक क्षेत्र) में बदल दिया।

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