UP Board Class 10 Economics Chapter 4 Solutions – वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

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इस अध्याय में हम वैश्वीकरण की अवधारणा और भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभावों का विस्तृत अध्ययन करेंगे। वैश्वीकरण, जो विश्व की अर्थव्यवस्थाओं को एक-दूसरे से जोड़ता है, उसकी प्रकृति, कारण और परिणामों को समझेंगे। हम यह जानेंगे कि कैसे 1991 में भारत ने आर्थिक सुधारों की शुरुआत की और वैश्वीकरण की प्रक्रिया में शामिल हुआ। इसके साथ ही, वैश्वीकरण के विभिन्न आयामों जैसे व्यापार उदारीकरण, विदेशी निवेश, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रवेश और तकनीकी प्रगति पर चर्चा करेंगे। हम भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर वैश्वीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों का विश्लेषण करेंगे और यह भी देखेंगे कि वैश्वीकरण ने रोजगार, आय वितरण और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कैसे प्रभावित किया है।

UP Board Class 10 Economics chapter 4

UP Board Class 10 Economics Chapter 4 Solutions

SubjectEconomics
Class10th
Chapter4. वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
BoardUP Board

Question Answer

1. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- वैश्वीकरण का अर्थ है विभिन्न देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक संबंधों का घनिष्ठ और व्यापक विस्तार। यह प्रक्रिया देशों के बीच व्यापार, तकनीक, जानकारी और श्रम के आदान-प्रदान को बढ़ावा देती है। वैश्वीकरण से एक देश की सीमाएं खुल जाती हैं, जिससे विदेशी कंपनियों का निवेश बढ़ता है और स्थानीय उत्पादों का अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रसार होता है। इसके परिणामस्वरूप, सभी देशों को आपसी सहयोग से आर्थिक और तकनीकी लाभ मिलता है।

2. भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाने के क्या कारण थे? इन अवरोधकों को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?

उत्तर- स्वतंत्रता के बाद भारत ने अपनी नवोदित उद्योगों की सुरक्षा के लिए विदेशी व्यापार और निवेश पर अवरोधक लगाए थे। इसका उद्देश्य था कि देश की नवजात अर्थव्यवस्था विदेशी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय खुद को सुदृढ़ कर सके। लेकिन 1991 में, वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए, भारत ने इन अवरोधकों को हटाने का निर्णय लिया। इससे भारतीय उत्पादक वैश्विक मानकों के अनुसार अपने उत्पादों में सुधार कर सकें और देश में आर्थिक सुधार एवं विकास की गति बढ़ाई जा सके।

3. श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा?

उत्तर- श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को श्रमिकों की नियुक्ति और बर्खास्तगी में अधिक स्वतंत्रता प्रदान करता है। इससे कंपनियाँ अपनी उत्पादन क्षमता को मांग के अनुसार समायोजित कर सकती हैं। यदि काम की माँग कम होती है, तो वे श्रमिकों की संख्या को घटा सकती हैं, जिससे उनके खर्चों में कटौती होगी। मौसमी काम के दौरान भी कंपनियों को लाभ होगा, क्योंकि वे आवश्यकतानुसार श्रमिकों को अस्थायी रूप से काम पर रख सकती हैं और बाद में बिना कठिनाई के उन्हें हटाकर लागत को नियंत्रित कर सकती हैं।

4. दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन या उत्पाद पर नियंत्रण स्थापित करती हैं?

उत्तर- दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ (MNC) उत्पादन और उत्पाद पर नियंत्रण विभिन्न तरीकों से स्थापित करती हैं। वे अक्सर स्थानीय कंपनियों के साथ साझेदारी करके काम शुरू करती हैं, जिससे उन्हें स्थानीय बाजार और परिस्थितियों को समझने में मदद मिलती है। एक बार जब MNC का व्यवसाय स्थिर हो जाता है, तो वे साझेदारी खत्म कर स्वतंत्र रूप से काम करती हैं। कई MNC स्वतंत्र रूप से उत्पादन करती हैं और अपने उत्पादों का निर्यात भी करती हैं, जिससे वे अपने उत्पादों की गुणवत्ता और लागत पर बेहतर नियंत्रण बना पाती हैं।

5. विकसित देश, विकासशील देशों से उनके व्यापार और निवेश का उदारीकरण क्यों चाहते हैं? क्या आप मानते हैं कि विकासशील देशों को भी बदले में ऐसी माँग करनी चाहिए?

उत्तर- विकसित देश चाहते हैं कि विकासशील देश अपने व्यापार और निवेश की नीतियों को उदार बनाएं ताकि उनकी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ सस्ते श्रम और संसाधनों का फायदा उठा सकें। इसके अलावा, विश्व व्यापार संगठन के नियम भी विकसित देशों को व्यापार उदारीकरण का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। विकासशील देशों को भी विकसित देशों से समान माँग करनी चाहिए कि वे अपने कृषि उत्पादकों को दी जाने वाली सब्सिडी बंद करें और व्यापार में अवरोधकों को हटाएं। इससे व्यापार दोनों दिशाओं में स्वतंत्र रूप से हो सकेगा और दोनों देशों को समान लाभ मिल सकेगा।

6. ‘वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है’। इस कथन की अपने शब्दों में व्याख्या कीजिए।

उत्तर- वैश्वीकरण का प्रभाव सभी पर समान नहीं पड़ा है। शहरी क्षेत्रों में धनी वर्ग और बड़ी कंपनियों को इससे अत्यधिक लाभ हुआ है, क्योंकि उनके पास संसाधन और अवसर अधिक हैं। वहीं, ग्रामीण और गरीब वर्ग के लोग इससे अपेक्षाकृत कम लाभान्वित हुए हैं। उदाहरण के लिए, बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपने मुनाफे के लिए सस्ते श्रम का लाभ उठाती हैं, लेकिन इससे श्रमिकों के अधिकार कमजोर हो जाते हैं। इसके अलावा, छोटे उत्पादकों और किसानों को वैश्विक बाजार की प्रतिस्पर्धा में संघर्ष करना पड़ता है। इस प्रकार, वैश्वीकरण से लाभ का वितरण असमान रूप से हुआ है।

7. व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुँचाती है?

उत्तर- व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण को गति प्रदान करता है, क्योंकि इससे देशों के बीच व्यापारिक अवरोधकों को कम किया जाता है। जब व्यापार और निवेश के नियम सरल होते हैं, तो बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अन्य देशों में निवेश करने और व्यापारिक गतिविधियाँ संचालित करने में सुविधा होती है। उदारीकरण से वस्तुओं, सेवाओं और पूँजी का आदान-प्रदान तेजी से होता है, जिससे विभिन्न देशों के बाजार आपस में जुड़ते हैं। यह प्रक्रिया न केवल व्यापार को बढ़ावा देती है, बल्कि देशों की अर्थव्यवस्थाओं को भी आपस में जोड़ती है, जिससे वैश्विक एकीकरण संभव होता है।

8. विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार मदद करता है? यहाँ दिए गए उदाहरण से भिन्न उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।

उत्तर- विदेश व्यापार देशों के बाजारों को आपस में जोड़कर उनके एकीकरण में मदद करता है। उदाहरण के तौर पर, आज के समय में ऑटोमोबाइल उद्योग को देखें। जापान और जर्मनी में कारों की डिजाइनिंग और विकास होता है, जबकि इसके पुर्जे चीन और भारत जैसे देशों में बनाए जाते हैं। फिर अंतिम उत्पाद को विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है। इस प्रकार, एक ही उत्पाद विभिन्न देशों की संयुक्त भागीदारी से तैयार होता है, जिससे उनके बाजारों का एकीकरण होता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती है।

9. वैश्वीकरण भविष्य में जारी रहेगा। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आज से बीस वर्ष बाद विश्व कैसा होगा? अपने उत्तर का कारण दीजिए।

उत्तर- आने वाले बीस वर्षों में वैश्वीकरण के जारी रहने से दुनिया और भी अधिक जुड़ी हुई होगी। देशों के बीच तकनीक, सेवाओं और उत्पादों का आदान-प्रदान और तेजी से होगा। डिजिटल प्रौद्योगिकी और ई-कॉमर्स के विकास के कारण उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प और सुविधाएँ मिलेंगी। उत्पादन के तरीके और भी उन्नत और स्वचालित हो जाएंगे, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होगी। यातायात और संचार के साधनों में सुधार से व्यापार और भी सुगम हो जाएगा। इसके परिणामस्वरूप, दुनिया एक वैश्विक बाजार के रूप में कार्य करेगी, जहाँ हर देश एक-दूसरे पर निर्भर रहेगा।

10. मान लीजिए कि आप दो लोगों को तर्क करते हुए पाते हैं – एक कह रहा है कि वैश्वीकरण ने हमारे देश के विकास को क्षति पहुँचाई है, दूसरा कह रहा है कि वैश्वीकरण ने भारत के विकास में सहायता की है। इन लोगों को आप कैसे जवाब दोगे?

उत्तर- वैश्वीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं। सकारात्मक पक्ष पर देखें तो इससे देश में विदेशी निवेश बढ़ा है, तकनीकी प्रगति हुई है और रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। दूसरी ओर, छोटे उद्योग और श्रमिक इससे प्रभावित हुए हैं, क्योंकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना नहीं कर पाते। मेरा मानना है कि वैश्वीकरण को संतुलित तरीके से अपनाया जाना चाहिए, जिससे सभी वर्गों को इसका लाभ मिल सके। सरकार को नीतियों के माध्यम से कमजोर वर्गों की सुरक्षा और समर्थन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि वैश्वीकरण के लाभ सभी तक पहुँच सकें।

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें

11. दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प हैं। यह …………….की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को भारत के बाजारों में बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ ………………बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं क्योंकि ……………..। जबकि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते ………….और ………………..के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम ……………।

उत्तर-

दो दशक पहले की तुलना में भारतीय खरीददारों के पास वस्तुओं के अधिक विकल्प हैं। यह वैश्वीकरण की प्रक्रिया से नजदीक से जुड़ा हुआ है। अनेक दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं को भारत के बाजारों में बेचा जा रहा है। इसका अर्थ है कि अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ रहा है। इससे भी आगे भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा उत्पादित ब्रांडों की बढ़ती संख्या हम बाजारों में देखते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में निवेश कर रही हैं क्योंकि यह उनके लिये फायदेमंद है। जबकि बाजार में उपभोक्ताओं के लिए अधिक विकल्प इसलिए बढ़ते माँग और उम्मीदों के प्रभाव का अर्थ है उत्पादकों के बीच अधिकतम प्रतिस्पर्धा

12. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए

उत्तर-

बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों से सस्ते दरों पर खरीदती हैं।कपड़ा, जूते-चप्पल, खेल के सामान
आयात पर कर और कोटा का उपयोग, व्यापार नियमन के लिये किया जाता है।व्यापार अवरोधक
विदेशों में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियाँटाटा मोटर्स, इंफोसिस, रैनबैक्सी
आई.टी. ने सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में सहायता की है।कॉल सेंटर
अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उत्पादन करने के लिए निवेश किया है।मोटर गाड़ियाँ

13. सही उत्तर का चयन करें

(अ) वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में द्रुत आवागमन देखा गया है

(क) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और लोगों का
(ख) देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और निवेशों का
(ग) देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का

उत्तर- देशों के बीच वस्तुओं, निवेशों और लोगों का

(आ) विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग है

(क) नये कारखानों की स्थापना
(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना
(ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना

उत्तर- स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना

(इ) वैश्वीकरण ने जीवन स्तर के सुधार में सहायता पहुँचाई है।

(क) सभी लोगों के
(ख) विकसित देशों के लोगों के
(ग) विकासशील देशों के श्रमिकों के
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर- उपर्युक्त में से कोई नहीं

Other Chapter Solutions
Chapter 1 Solutions – विकास
Chapter 2 Solutions – भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक
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Chapter 4 Solutions – वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
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