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इस अध्याय में विद्यार्थी “पदार्थों का पृथक्करण” की महत्वपूर्ण अवधारणा से अवगत होंगे। यह पाठ छात्रों को सिखाएगा कि कैसे विभिन्न पदार्थों को उनके मिश्रण से अलग किया जा सकता है। इसमें वे पृथक्करण की विभिन्न विधियों जैसे छानना, थ्रेशिंग, विलयन और वाष्पीकरण के बारे में जानेंगे। अध्याय यह भी समझाएगा कि ये तकनीकें हमारे दैनिक जीवन में कहाँ और कैसे उपयोग की जाती हैं। इस ज्ञान से विद्यार्थी न केवल वैज्ञानिक प्रक्रियाओं को समझेंगे, बल्कि यह भी सीखेंगे कि कैसे ये सिद्धांत घर, कृषि और उद्योग में लागू होते हैं।

MP Board Class 6 Science Chapter 3 Solutions
| Subject | Science (विज्ञान) |
| Class | 6th |
| Chapter | 3. पदार्थो का पृथक्करण |
| Board | MP Board |
प्रश्न 1: हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता क्यों होती है? दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:- मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता मुख्यतः तीन कारणों से होती है: उपयोगी घटकों को प्राप्त करने के लिए, अनावश्यक या हानिकारक घटकों को हटाने के लिए, और एक ही मिश्रण से कई उपयोगी पदार्थों को अलग करने के लिए।
उदाहरण के लिए, चाय बनाते समय चाय की पत्तियों को छलनी से अलग करना, जिससे पीने योग्य तरल प्राप्त हो। दूसरा उदाहरण है खनिज अयस्क से शुद्ध धातु का निष्कर्षण, जिससे उद्योगों में उपयोग के लिए शुद्ध धातु मिलती है।
प्रश्न 2: निष्पावन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग किया जाता है?
उत्तर:- निष्पावन एक ऐसी विधि है जिसमें हवा के झोंकों का उपयोग करके मिश्रण से हल्के और भारी अवयवों को अलग किया जाता है। इस प्रक्रिया में, मिश्रण को हवा में फेंका जाता है, जिससे हल्के कण हवा के साथ उड़ जाते हैं और भारी कण नीचे गिर जाते हैं। यह विधि मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र में प्रयोग की जाती है, जैसे अनाज से भूसे को अलग करने में। इसके अलावा, खनन उद्योग में भी अयस्क से गैर-धात्विक अशुद्धियों को हटाने के लिए इस विधि का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 3: पकाने से पहले दालों के किसी नमूने से आप भूसे और धूल के कण कैसे पृथक करेंगे?
उत्तर:- दालों से भूसे और धूल के कण पृथक करने के लिए हम निष्पावन विधि का उपयोग कर सकते हैं। इस विधि में, दालों को हवा में फेंका जाता है, जिससे हल्के भूसे और धूल के कण उड़ जाते हैं, जबकि भारी दाल नीचे गिर जाती है।
प्रश्न 4: छालन से क्या अभिप्राय है? यह कहाँ उपयोग होता है?
उत्तर:- छालन एक ऐसी विधि है जिसमें छलनी का उपयोग करके बड़े कणों को छोटे कणों से अलग किया जाता है। इसका उपयोग आटे से चोकर अलग करने, निर्माण कार्य में रेत छानने, और चाय की पत्तियों को अलग करने जैसे कार्यों में किया जाता है।
प्रश्न 5: रेत और जल के मिश्रण से आप रेत और जल को कैसे पृथक करेंगे?
उत्तर:- रेत और जल के मिश्रण को पृथक करने के लिए हम निस्तारण और निस्यंदन विधि का उपयोग कर सकते हैं। पहले मिश्रण को स्थिर रखकर रेत को नीचे बैठने देते हैं (निस्तारण), फिर ऊपर के पानी को छानकर (निस्यंदन) अलग कर लेते हैं।
प्रश्न 6: आटे और चीनी के मिश्रण से क्या चीनी को पृथक करना सम्भव है? अगर हां तो आप इसे कैसे करेंगे?
उत्तर:- हाँ, आटे और चीनी के मिश्रण से चीनी को पृथक करना संभव है। इसके लिए हम मिश्रण में पानी मिलाकर घोल बना सकते हैं, जिससे चीनी घुल जाएगी और आटा अलग हो जाएगा, फिर इस घोल को छानकर और वाष्पीकरण द्वारा चीनी प्राप्त की जा सकती है।
प्रश्न 7: पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे?
उत्तर:- पंकिल जल से स्वच्छ जल प्राप्त करने के लिए हम अवसादन, निस्तारण और निस्यंदन की क्रमिक विधियों का उपयोग कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में पहले गंदगी को नीचे बैठने दिया जाता है, फिर ऊपर के साफ पानी को अलग किया जाता है, और अंत में इसे फिल्टर पेपर से छाना जाता है।
प्रश्न 8: रिक्त स्थानों को भरिए।
(क) धान के दानों को डंडियों से पृथक करने की विधि को थ्रेसिंग कहते हैं।
(ख) किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है। पृथक्करण की यह प्रक्रिया निस्यंदन कहलाती है।
(ग) समुद्र के जल से नमक वाष्पन प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है।
(घ) जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली में बैठ जाती है। इसके पश्चात स्वच्छ जल को उपर से पृथक कर लेते हैं। इसमें प्रयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को अवसादन कहते हैं।
प्रश्न 9: सत्य अथवा असत्य?
(क) दूध और जल के मिश्रण को निस्यंदन द्वारा पृथक किया जा सकता है। – असत्य
(ख) नमक और चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक कर सकते हैं। – असत्य
(ग) चाय की पत्तियों को चाय से पृथक्करण निस्यंदन द्वारा किया जा सकता है। – सत्य
(घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है। – असत्य
प्रश्न 10: जल में चीनी और नीम्बू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है। आप बर्फ़ डालकर इसे ठंडा करना चाहते हैं, इसके लिए शिकंजी में बर्फ़ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद में? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना सम्भव होगा?
उत्तर:- शिकंजी में चीनी को बर्फ़ डालने से पहले घोलना चाहिए, क्योंकि गर्म पानी में चीनी अधिक मात्रा में घुलती है। बर्फ़ डालने के बाद शिकंजी ठंडी हो जाएगी, जिससे चीनी की घुलनशीलता कम हो जाएगी, इसलिए बर्फ़ डालने से पहले वाली शिकंजी में अधिक चीनी घोलना संभव होगा।