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इस अध्याय में विद्यार्थी “पौधों को जानिए” विषय पर गहन ज्ञान प्राप्त करेंगे। यह पाठ पौधों की विविधता, उनकी संरचना और कार्यप्रणाली का रोचक अध्ययन प्रस्तुत करता है। छात्र पौधों के विभिन्न भागों जैसे जड़, तना, पत्तियाँ, फूल और फल के बारे में सीखेंगे और समझेंगे कि ये भाग कैसे एक साथ मिलकर पौधे के जीवन को संचालित करते हैं। इस अध्याय में पौधों के प्रकार, उनके विकास की प्रक्रिया और पर्यावरण में उनके महत्व पर भी प्रकाश डाला जाएगा। यह ज्ञान विद्यार्थियों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाएगा और उन्हें पौधों के संरक्षण के महत्व को समझने में मदद करेगा।

MP Board Class 6 Science Chapter 4 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 6th |
Chapter | 4. पौधो को जानिए |
Board | MP Board |
प्रश्न 1: निम्नलिखित कथनों को ठीक करके लिखिए:–
(क) तना मिट्टी से खनिज और जल अवशोषित करता है।
उत्तर:- जड़ें मिट्टी से खनिज और जल अवशोषित करती हैं।
(ख) पत्तियाँ पौधों को सीधा खड़ा रखती हैं।
उत्तर:- तना पौधों को सीधा खड़ा रखता है और सहारा प्रदान करता है।
(ग) जड़ें जल को पत्तियों तक पहुँचाती है।
उत्तर:- तना जल और खनिजों को जड़ों से पत्तियों तक पहुँचाता है।
(घ) पुष्प में पुंकेसरों और पंखुड़ियों की संख्या सदा समान होती है।
उत्तर:- पुष्प में पुंकेसरों और पंखुड़ियों की संख्या विभिन्न प्रजातियों में भिन्न हो सकती है।
(ङ) यदि किसी पुष्प के बाह्य दल परस्पर में जुड़ें हों तो उसकी पंखुड़ियाँ भी आपस में जुड़ी होंगी।
उत्तर:- किसी पुष्प के बाह्य दल और पंखुड़ियों का जुड़ा होना एक-दूसरे से स्वतंत्र होता है; एक के जुड़े होने का अर्थ यह नहीं कि दूसरा भी जुड़ा होगा।
(च) यदि किसी पुष्प के बाह्य दल परस्पर में जुड़ें हों तो स्त्रीकेसर पंखुड़ियों से जुड़ा होगा।
उत्तर:- पुष्प के बाह्य दलों का जुड़ा होना स्त्रीकेसर के पंखुड़ियों से जुड़े होने को प्रभावित नहीं करता; ये दो स्वतंत्र विशेषताएँ हैं।
प्रश्न 2: निम्न के चित्र बनाइए:-
(क) पत्ती (ख) मूसला जड़ (ग) एक पुष्प जिसका आपने सारणी 7.3 में अध्ययन किया हो।
उत्तर:- (क) पत्ती

(ख) मूसला जड़

(ग) एक पुष्प जिसका आपने सारणी 7.3 में अध्ययन किया हो।

प्रश्न 3: क्या अपने घर के आस-पास ऐसे पौधों को जानते हैं जिसका तना लम्बा परंतु दुर्बल हो?
उत्तर:- हाँ, कई पौधों का तना लंबा परंतु दुर्बल होता है, जैसे कद्दू, लौकी, तोरई और मटर। इन्हें विसर्पी या आरोही लता कहते हैं। ये पौधे अपने तने पर पाए जाने वाले प्रतानों की मदद से किसी सहारे पर चढ़ते हैं, जिससे वे अपने लंबे और कमजोर तने के बावजूद खड़े रह सकते हैं।
प्रश्न 4: पौधे में तने का क्या कार्य है?
उत्तर:- तना पौधे का एक महत्वपूर्ण अंग है जो कई प्रमुख कार्य करता है। यह जड़ों से पत्तियों तक जल और खनिज लवणों का परिवहन करता है, साथ ही पत्तियों द्वारा निर्मित भोजन को पौधे के अन्य भागों तक पहुंचाता है। तना पौधे को सहारा देकर उसे सीधा खड़ा रखता है और पत्ते, फूल, फल तथा बीजों को धारण करता है। कुछ पौधों में तना भोजन का संग्रहण भी करता है।
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से किन पत्तियों में जालिका रूपी शिरा-विन्यास पाया जाता है?
गेहूँ, तुलसी, घास, मक्का, धनिया, गुड़हल
उत्तर:- तुलसी, धनिया और गुड़हल की पत्तियों में जालिका रूपी शिरा-विन्यास पाया जाता है। ये द्विबीजपत्री पौधे हैं जिनकी पत्तियों में शिराएँ जाल के समान फैली होती हैं। इसके विपरीत, गेहूँ, घास और मक्का एकबीजपत्री पौधे हैं जिनकी पत्तियों में समानांतर शिरा-विन्यास होता है।
प्रश्न 6: यदि किसी पौधे की जड़ रेशेदार हो तो उसके पत्ते का शिरा-विन्यास किस प्रकार का होगा।
उत्तर:- यदि किसी पौधे की जड़ रेशेदार (झकड़ा) हो, तो उसके पत्ते का शिरा-विन्यास समानांतर होगा। यह विशेषता एकबीजपत्री पौधों में पाई जाती है, जैसे घास, गेहूँ, और मक्का। इन पौधों में पत्तियों की शिराएँ एक-दूसरे के समानांतर होती हैं और मुख्य शिरा से सीधे निकलती हैं।
प्रश्न 7: यदि किसी पौधे की पत्ती में जालिका रूपी शिरा-विन्यास हो तो उसकी जड़ें किस प्रकार की होंगी।
उत्तर:- यदि किसी पौधे की पत्ती में जालिका रूपी शिरा-विन्यास हो, तो उसकी जड़ें मूसला प्रकार की होंगी। यह विशेषता द्विबीजपत्री पौधों में पाई जाती है। मूसला जड़ प्रणाली में एक मुख्य जड़ होती है जिससे छोटी शाखाएँ निकलती हैं, जबकि पत्तियों में शिराएँ जाल के समान फैली होती हैं।
प्रश्न 8: क्या आप किसी पौधे की पत्ती की छाप को देखकर यह पहचान कर सकते हैं कि उसकी जड़ मूसला जड़ होगी अथवा झकड़ा जड़? कैसे?
उत्तर:- हाँ, पत्ती की छाप से पौधे की जड़ प्रणाली का अनुमान लगाया जा सकता है। यदि पत्ती में जालिका रूपी शिरा-विन्यास (नेट-वेन पैटर्न) दिखाई दे, तो पौधे की जड़ मूसला होगी। यह द्विबीजपत्री पौधों की विशेषता है। वहीं, अगर पत्ती में समानांतर शिरा-विन्यास दिखे, तो पौधे की जड़ रेशेदार या झकड़ा होगी, जो एकबीजपत्री पौधों में पाई जाती है।
प्रश्न 9: पुष्प के विभिन्न भागों के नाम लिखिए।
उत्तर:- पुष्प के मुख्य भाग हैं: बाह्यदल (सेपल), दल या पंखुड़ी (पेटल), पुंकेसर (स्टेमेन), और स्त्रीकेसर (पिस्टिल)। बाह्यदल और दल पुष्प के बाहरी भाग हैं, जबकि पुंकेसर और स्त्रीकेसर प्रजनन अंग हैं। पुंकेसर में परागकोष होता है जो पराग उत्पन्न करता है, और स्त्रीकेसर में अंडाशय, वर्तिका और वर्तिकाग्र होते हैं।
प्रश्न 10: निम्न में से किन पौधों में फूल होता है?
घास, मक्का, गेहूँ, मिर्च, टमाटर, तुलसी, पीपल, शीशम, बरगद, आम, जामुन, अमरूद, अनार, पपीता , केला, नीबू, गन्ना, आलू, मूँगफली।
उत्तर:- घास, मक्का, गेहूँ, मिर्च, टमाटर, तुलसी, पीपल, शीशम, बरगद, आम, जामुन, अमरूद, अनार, पपीता , केला, नीबू, गन्ना, आलू, मूँगफली।
उत्तर: उपरोक्त सभी पौधों में फूल होते हैं, गन्ना सहित। कुछ पौधों जैसे घास, मक्का, गेहूँ और पीपल में फूल छोटे और अस्पष्ट होते हैं, जबकि अन्य में स्पष्ट दिखाई देते हैं। गन्ने में भी फूल होते हैं, लेकिन वे बहुत कम ही दिखाई देते हैं क्योंकि गन्ना आमतौर पर फूल आने से पहले ही काट लिया जाता है।
प्रश्न 11: पौधे के उस भाग का नाम लिखिए जो अपना भोजन बनाता है। इस प्रक्रम को क्या कहते हैं?
उत्तर:- पौधे की पत्तियाँ अपना भोजन स्वयं बनाती हैं। इस प्रक्रिया को प्रकाश-संश्लेषण कहते हैं। इस प्रक्रिया में, पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी का उपयोग करके ग्लूकोज (भोजन) और ऑक्सीजन बनाती हैं। यह प्रक्रिया पत्तियों में मौजूद क्लोरोफिल की मदद से होती है।
प्रश्न 12: पुष्प के किस भाग में अंडाशय मिलता है?
उत्तर:- पुष्प के स्त्रीकेसर (पिस्टिल) में अंडाशय मिलता है। स्त्रीकेसर पुष्प का मादा प्रजनन अंग है, जो आमतौर पर तीन भागों से बना होता है: अंडाशय (ओवरी), वर्तिका (स्टाइल), और वर्तिकाग्र (स्टिग्मा)। अंडाशय स्त्रीकेसर का निचला, फूला हुआ भाग होता है, जिसमें बीजांड (ओव्यूल) होते हैं।
प्रश्न 13: ऐसे दो पुष्पों के नाम लिखिए जिनमें से प्रत्येक में संयुक्त और अलग-अलग बाह्यदल हों।
उत्तर:- धतूरा का फूल संयुक्त बाह्यदल का एक उदाहरण है, जहाँ सभी बाह्यदल आपस में जुड़े होते हैं। गुलाब का फूल अलग-अलग बाह्यदल का उदाहरण है, जहाँ प्रत्येक बाह्यदल स्वतंत्र होता है। अन्य उदाहरण हैं: संयुक्त बाह्यदल के लिए टमाटर का फूल, और अलग-अलग बाह्यदल के लिए सरसों का फूल।