Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 Solutions – यह सबसे कठिन समय नहीं

Here you will get complete Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 Solutions. This covers all question answer of chapter 6 – “यह सबसे कठिन समय नहीं”, from the new book. It follows the updated syllabus of BSEB.

“यह सबसे कठिन समय नहीं” एक आशावादी कविता है, जो जीवन में साहस और उम्मीद की बात करती है। इस पाठ से आप जानेंगे कि जब तक छोटी-छोटी चीजें, जैसे चिड़िया का घोंसला बनाना या नानी की कहानियाँ, चलती रहेंगी, तब तक कठिन समय नहीं आएगा। कवयित्री सिखाती हैं कि साधारण कार्यों में भी जीवन की सुंदरता है। यह कविता आपको हौसला बनाए रखने और हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने की प्रेरणा देगी।

Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 Solutions new

Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 Solutions

अध्याय6. यह सबसे कठिन समय नहीं
लेखकजया जादवानी
विषयHindi (वसंत भाग 3)
कक्षा8वीं
बोर्डबिहार बोर्ड

प्रश्न-अभ्यास

पाठ से

1. “यह कठिन समय नहीं है?” यह बताने के लिए कविता में कौन-कौन से तर्क प्रस्तुत किए गए हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:

कविता में यह बताने के लिए कि यह समय कठिन नहीं है, कई सुंदर और प्रेरणादायक तर्क दिए गए हैं। ये तर्क हमें यह समझाते हैं कि जीवन में आशा और मेहनत हमेशा बनी रहती है:

  • चिड़िया की मेहनत: चिड़िया अपनी चोंच में तिनका लिए उड़ने की तैयारी कर रही है। यह दर्शाता है कि वह अपने घोंसले के लिए मेहनत कर रही है।
  • दूसरों की मदद: झरती हुई पत्ती को थामने के लिए कोई हाथ आगे बढ़ा है। यह दिखाता है कि लोग एक-दूसरे का सहारा दे रहे हैं।
  • जीवन की रफ्तार: स्टेशन पर भीड़ है और रेलगाड़ी अपने गंतव्य की ओर जा रही है। यह बताता है कि जीवन रुका नहीं है, बल्कि चल रहा है।
  • प्रतीक्षा और प्यार: कोई अपने प्रियजन का इंतज़ार कर रहा है। यह प्यार और उम्मीद का प्रतीक है।
  • रोज़मर्रा की ज़िंदगी: सूरज डूबने पर लोग जल्दी घर लौटने का संदेश दे रहे हैं। यह दिखाता है कि जीवन की दिनचर्या चल रही है।
  • परंपराओं का साथ: बूढ़ी नानी बच्चों को कहानियाँ सुना रही है। यह हमारी परंपराओं और संस्कृति के जीवित रहने का संदेश देता है।
  • भविष्य की आशा: अंतरिक्ष से बस खबर लेकर आ रही है। यह भविष्य में नई संभावनाओं की ओर इशारा करता है।

2. चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में क्यों है? वह तिनकों का क्या करती होगी? लिखिए।

उत्तर:

चिड़िया चोंच में तिनका इसलिए लिए है क्योंकि वह अपने घोंसले को बनाने की तैयारी कर रही है। वह इन तिनकों को इकट्ठा करके घोंसला बनाती है, जो उसके बच्चों के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक घर होता है। यह चिड़िया की मेहनत और अपने परिवार की देखभाल करने की भावना को दिखाता है। जैसे हम अपने घर को सजाते हैं, वैसे ही चिड़िया तिनकों से अपना घर बनाती है।

3. कविता में कई बार ‘अभी भी’ का प्रयोग करके बातें रखी गई हैं, अभी भी का प्रयोग करते हुए तीन वाक्य बनाइए और देखिए उनमें लगातार, निरंतर, बिना रुके चलनेवाले किसी कार्य का भाव निकल रहा है या नहीं?

उत्तर:

  • अभी भी नदी का पानी तेज़ी से बह रहा है। (लगातार चलने का भाव)
  • अभी भी बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। (निरंतरता का भाव)
  • अभी भी सूरज हर सुबह उगता है। (बिना रुके होने का भाव)

इन वाक्यों से यह पता चलता है कि कुछ चीजें लगातार और बिना रुके चल रही हैं, जैसे प्रकृति और जीवन का क्रम।

4. “नहीं” और “अभी भी” को एक साथ प्रयोग करके तीन वाक्य लिखिए और देखिए ‘नहीं’ ‘अभी भी’ के पीछे कौन-कौन से भाव छिपे हो सकते हैं?

उत्तर:

  • नहीं, अभी भी बारिश नहीं रुकी है। (आशा और इंतज़ार का भाव)
  • नहीं, अभी भी मैं हार नहीं मानूंगा। (दृढ़ संकल्प और मेहनत का भाव)
  • नहीं, अभी भी सब कुछ खोया नहीं है। (उम्मीद और नई शुरुआत का भाव)

इन वाक्यों में “नहीं” और “अभी भी” मिलकर यह बताते हैं कि अभी भी समय और संभावनाएँ बाकी हैं।

कविता से आगे

1. घर के बड़े-बूढ़ों द्वारा बच्चों को सुनाई जानेवाली किसी ऐसी कथा की जानकारी प्राप्त कीजिए जिसके आखिरी हिस्से में कठिन परिस्थितियों से जीतने का संदेश हो।

उत्तर:

एक ऐसी कहानी है “राजा हरिश्चंद्र” की, जो बड़े-बूढ़े अक्सर सुनाते हैं।

इस कहानी में राजा हरिश्चंद्र को सच्चाई और धर्म के रास्ते पर चलने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्हें अपना राज-पाट, धन, और यहाँ तक कि परिवार भी छोड़ना पड़ता है। वह एक श्मशान में नौकर की तरह काम करते हैं और बहुत दुख झेलते हैं। लेकिन वह कभी सच्चाई का रास्ता नहीं छोड़ते।

अंत में, उनकी सच्चाई और धैर्य की वजह से देवता प्रसन्न होते हैं और उन्हें उनका सब कुछ वापस मिल जाता है। यह कहानी सिखाती है कि अगर हम मुश्किल समय में भी सच्चाई और धैर्य से काम लें, तो हम जीत हासिल कर सकते हैं।

2. आप जब भी घर से स्कूल जाते हैं कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा होता है। सूरज डूबने का समय भी आपको खेल के मैदान से घर लौट चलने की सूचना देता है कि घर में कोई आपकी प्रतीक्षा कर रहा है-प्रतीक्षा करनेवाले व्यक्ति के विषय में आप क्या सोचते हैं? अपने विचार लिखिए।

उत्तर:

जब मैं स्कूल या खेल के मैदान से घर लौटता हूँ, तो मेरे माता-पिता या परिवार के लोग मेरा इंतज़ार कर रहे होते हैं। उनकी प्रतीक्षा मुझे यह एहसास दिलाती है कि मैं उनके लिए कितना खास हूँ। वे मेरी चिंता करते हैं और मेरे लौटने का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। यह मुझे प्यार और सुरक्षा का अहसास देता है। मैं सोचता हूँ कि उनकी यह प्रतीक्षा मुझे समय पर घर लौटने और अपनी ज़िम्मेदारियों को समझने की प्रेरणा देती है। मैं उनके इस प्यार और देखभाल के लिए हमेशा आभारी रहता हूँ।

अनुमान और कल्पना

1. अंतरिक्ष के पार की दुनिया से क्या सचमुच कोई बस आती है जिससे खतरों के बाद भी बचे हुए लोगों की खबर मिलती है? आपकी राय में यह झूठ है या सच? यदि झूठ है तो कविता में ऐसा क्यों लिखा गया? अनुमान लगाइए यदि सच लगता है तो किसी अंतरिक्ष संबंधी विज्ञान कथा के आधार पर कल्पना कीजिए कि वह बस कैसी होगी, वे बचे हुए लोग खतरों से क्यों घिर गए होंगे? इस संदर्भ को लेकर कोई कथा बना सकें तो बनाइए।

उत्तर:

मेरी राय में, अंतरिक्ष से आने वाली बस एक काल्पनिक बात है, यह सच नहीं है। कविता में इसे इसलिए लिखा गया है ताकि यह दिखाया जाए कि भविष्य में भी आशा और नई संभावनाएँ बनी रहती हैं। यह एक प्रतीक है जो हमें बताता है कि मुश्किल समय में भी अच्छी खबरें और उम्मीदें आ सकती हैं।

विज्ञान कथा:

कल्पना करें कि एक चमकदार, सुनहरे रंग की अंतरिक्ष बस है, जो बहुत तेज़ी से उड़ सकती है। यह बस उन्नत तकनीक से बनी है, जिसमें ऑक्सीजन की आपूर्ति, खाने-पीने का सामान, और खतरों से बचाने वाले ढाल हैं। यह बस एक दूर के ग्रह “नवजीवन” से आ रही है, जहाँ लोग एक भयानक अंतरिक्ष तूफान में फंस गए थे। यह तूफान इतना खतरनाक था कि उसने उनके ग्रह के जंगल और पानी को नष्ट कर दिया। कुछ लोग इस तूफान से बच गए और इस बस में सवार होकर पृथ्वी की ओर आ रहे हैं।

कहानी:

नवजीवन ग्रह पर रहने वाले लोग बहुत खुशहाल थे, लेकिन एक दिन अचानक अंतरिक्ष से एक विशाल तूफान आया। इस तूफान ने उनके घर और खेत नष्ट कर दिए। लोग डर गए, लेकिन उनके वैज्ञानिकों ने एक खास अंतरिक्ष बस बनाई, जो उन्हें सुरक्षित पृथ्वी तक ले जा सकती थी। इस बस में सवार होकर कुछ लोग पृथ्वी पर आए और उन्होंने यहाँ के लोगों को बताया कि अगर हम मेहनत और एकजुटता से काम करें, तो किसी भी खतरे से बच सकते हैं। यह कहानी हमें सिखाती है कि मुश्किल समय में भी हिम्मत और आशा से नई शुरुआत हो सकती है।

केवल पढ़ने के लिए – पहाड़ से ऊँचा आदमी

कहानी से

1. दशरथ माँझी ने पहाड़ को काटने का संकल्प क्यों लिया?

उत्तर: दशरथ माँझी की पत्नी फाल्गुनी देवी बीमार पड़ गई थीं। उनके गाँव गेलौर से सबसे नज़दीकी अस्पताल वजीरगंज 80 किलोमीटर दूर था। पहाड़ के कारण रास्ता इतना लंबा था कि समय पर अस्पताल नहीं पहुँच सके और उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई। इस दुख ने दशरथ माँझी को इतना झकझोर दिया कि उन्होंने ठान लिया कि वह पहाड़ को काटकर गाँव के लिए छोटा रास्ता बनाएंगे, ताकि भविष्य में कोई और इस दुख को न झेले।

2. दशरथ माँझी ने पहाड़ काटने में कितने साल लगाए?

उत्तर: दशरथ माँझी ने सिर्फ़ छेनी और हथौड़े की मदद से 22 साल तक मेहनत करके पहाड़ को काटा और रास्ता बनाया।

3. गेलौर गाँव से वजीरगंज की दूरी कितनी थी, और पहाड़ काटने के बाद यह कितनी हो गई?

उत्तर: पहले गेलौर गाँव से वजीरगंज की दूरी 80 किलोमीटर थी। दशरथ माँझी के पहाड़ काटने के बाद यह दूरी घटकर सिर्फ़ 13 किलोमीटर रह गई।

4. दशरथ माँझी को किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर: दशरथ माँझी को ‘माउंटेन मैन’ के नाम से जाना जाता है।

5. दशरथ माँझी का जन्म और मृत्यु कब और कहाँ हुई?

उत्तर: दशरथ माँझी का जन्म 1934 में बिहार के गया जिले के गेलौर गाँव में हुआ था। उनकी मृत्यु 2007 में दिल्ली में हुई थी।

6. दशरथ माँझी के प्रयास को किस प्रसिद्ध स्मारक से तुलना की गई?

उत्तर: दशरथ माँझी के प्रयास को एक अंग्रेज पत्रकार ने ‘गरीबों का ताजमहल’ कहा, क्योंकि यह उनके प्यार और मेहनत का प्रतीक था।

7. पहाड़ काटते समय गाँव वालों की शुरू में क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर: शुरू में गाँव वाले और राहगीर दशरथ माँझी का मज़ाक उड़ाते थे। वे उन्हें पागल समझते थे और कहते थे कि अकेला आदमी पहाड़ नहीं काट सकता।

8. दशरथ माँझी की सोच कबीरपंथी विचारधारा से कैसे जुड़ी थी?

उत्तर: दशरथ माँझी गरीबों और मेहनतकश लोगों की मुश्किलों को समझते थे। वे अंधविश्वास और फिजूलखर्ची, जैसे मृत्यु भोज, के खिलाफ थे। यह सोच कबीरपंथी विचारधारा से मिलती थी, जो सादगी और सच्चाई पर जोर देती है।

9. दशरथ माँझी को किस पौराणिक पात्र से जोड़ा गया है?

उत्तर: दशरथ माँझी को भगीरथ और प्रोमेथियस जैसे पौराणिक पात्रों से जोड़ा गया है, क्योंकि ये दोनों अपनी ज़िद और मेहनत के लिए मशहूर थे।

10. दशरथ माँझी ने अपने जीवन का कौन-सा फलसफा बताया?

उत्तर: दशरथ माँझी ने कहा, “पहाड़ मुझे कभी उतना ऊँचा नहीं लगा, जितना लोग कहते हैं। मनुष्य से बड़ा और ऊँचा कुछ भी नहीं है।” यह उनकी मेहनत और हिम्मत का फलसफा था।

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