Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 4 Solutions – भगवान के डाकिये

Here you will get complete Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 4 Solutions. This covers all question answer of chapter 4 – “भगवान के डाकिये”, from the new book. It follows the updated syllabus of BSEB.

“भगवान के डाकिए” एक सुंदर कविता है, जो प्रकृति के माध्यम से एकता और प्रेम का संदेश देती है। इस पाठ से आप जानेंगे कि कैसे बादल और पक्षी भगवान के डाकिए बनकर एक देश से दूसरे देश तक संदेश पहुँचाते हैं। कवि बताते हैं कि प्रकृति में कोई भेदभाव नहीं, और हमें भी इसे अपनाना चाहिए। यह कविता सिखाती है कि पूरी दुनिया एक है, और हमें प्रेम और मानवता को बढ़ावा देना चाहिए।

Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 4 Solutions new

Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 4 Solutions

अध्याय4. भगवान के डाकिये
लेखकरामधारी सिंह दिनकर
विषयHindi (वसंत भाग 3)
कक्षा8वीं
बोर्डबिहार बोर्ड

प्रश्न-अभ्यास

कविता से

1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए कहा है क्योंकि वे प्रकृति के संदेश एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं। पक्षी उड़ते हुए मौसम और पर्यावरण की खबरें लाते हैं, जैसे कि ठंड आ रही है या गर्मी। बादल बारिश और जलवायु के संदेश देते हैं। ये संदेश पेड़, पौधे, नदियाँ और पहाड़ समझ लेते हैं, भले ही हम इंसान इन्हें पूरी तरह न समझ पाएँ।

2. पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।

उत्तर: पक्षी और बादल की चिट्ठियों को प्रकृति के हिस्से जैसे पेड़, पौधे, पानी, और पहाड़ पढ़ पाते हैं। ये प्राकृतिक चीजें इन संदेशों को समझकर उनके अनुसार काम करती हैं। मसलन, पेड़-पौधे बारिश का इंतज़ार करते हैं, और पानी बादल के संदेश से धरती पर बरसता है। लेकिन इंसान इन संदेशों को समझ नहीं पाते।

3. किन पंक्तियों का भाव है-

(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।

उत्तर:

पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ते हैं।

भाव: इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि पक्षी और बादल प्रेम और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश तक ले जाते हैं। ये प्रकृति के डाकिए हैं जो बिना रुके संदेश पहुँचाते हैं, जिन्हें प्रकृति की चीजें समझ लेती हैं।

(ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।

उत्तर:

और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।

भाव: इन पंक्तियों का मतलब है कि प्रकृति देशों में कोई भेदभाव नहीं करती। एक देश में बना बादल दूसरे देश में जाकर बारिश करता है। यह प्रकृति की एकता और समानता को दर्शाता है।

4. पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

उत्तर: पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ मौसम और प्रकृति से जुड़े संदेश पढ़ते हैं। जैसे, पेड़-पौधे हवा से आने वाली सुगंध और मौसम के बदलाव को समझते हैं। पानी बादल के संदेश से बारिश के रूप में धरती पर आता है। पहाड़ मौसम और जलवायु के संकेतों को समझकर प्रकृति के संतुलन में मदद करते हैं। ये सभी एक-दूसरे से जुड़े रहकर प्रकृति के संदेशों को समझते हैं।

5. “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” – कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस कथन का मतलब है कि प्रकृति की चीजें, जैसे मिट्टी, फूल, और हवा, अपनी खासियत एक देश से दूसरे देश तक भेजती हैं। उदाहरण के लिए, एक देश के फूलों की सुगंध हवा के साथ दूसरे देश तक जाती है। यह दिखाता है कि प्रकृति सभी जगह एक जैसी है और देशों के बीच कोई दीवार नहीं बनाती। यह प्रकृति की एकता और आपसी जुड़ाव को बताता है।

पाठ से आगे

1. पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

उत्तर: पक्षी और बादल की चिट्ठियों को हम प्रेम, एकता, और प्रकृति के संदेश की दृष्टि से देख सकते हैं। ये चिट्ठियाँ बताती हैं कि प्रकृति सभी को जोड़ती है। जैसे पक्षी और बादल बिना रुके एक देश से दूसरे देश तक संदेश ले जाते हैं, वैसे ही ये हमें सिखाते हैं कि हमें भी आपस में प्रेम और भाईचारे के साथ रहना चाहिए। यह प्रकृति का तरीका है जिससे दुनिया में संतुलन बना रहता है।

2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।

उत्तर:

  1. इंटरनेट आज संदेश भेजने और पाने का सबसे तेज़ तरीका है।
  2. पक्षी और बादल प्रकृति के डाकिए हैं, जो मौसम और पर्यावरण के संदेश ले जाते हैं।
  3. जैसे इंटरनेट से हम पल भर में संदेश भेज सकते हैं, वैसे ही पक्षी और बादल तेजी से संदेश पहुँचाते हैं।
  4. इंटरनेट डिजिटल दुनिया का डाकिया है, जो जानकारी को दुनिया के हर कोने में ले जाता है।
  5. पक्षी और बादल के संदेश प्रकृति को जोड़ते हैं, और इंटरनेट इंसानों को जोड़ता है।
  6. पक्षी-बादल प्राकृतिक तरीके से काम करते हैं, जबकि इंटरनेट तकनीक से चलता है।
  7. दोनों ही समय और दूरी की सीमाओं को तोड़ते हैं।
  8. पक्षी और बादल की चिट्ठियाँ प्रकृति को समझने में मदद करती हैं, और इंटरनेट हमें दुनिया से जोड़ता है।
  9. दोनों का मकसद संदेश पहुँचाना और एक-दूसरे को करीब लाना है।
  10. पक्षी-बादल हमें प्रकृति से जोड़ते हैं, और इंटरनेट हमें आधुनिक दुनिया से।

3. ‘हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका’ क्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।

उत्तर:

  1. डाकिया हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  2. वह हमारे पत्र, शुभकामनाएँ और जरूरी कागजात एक जगह से दूसरी जगह ले जाता है।
  3. डाकिया हमारे परिवार और दोस्तों की खबरें हम तक पहुँचाता है।
  4. वह सरकारी दस्तावेज़, जैसे वोटर कार्ड या बैंक के कागज, हमें देता है।
  5. डाकिया पार्सल और पैकेज भी हमारे घर तक लाता है।
  6. वह दूरी को कम करता है और हमें अपनों से जोड़े रखता है।
  7. भले ही आज इंटरनेट का ज़माना है, डाकिए की भूमिका अब भी खास है।
  8. वह गाँव-गाँव, शहर-शहर जाकर लोगों तक संदेश पहुँचाता है।
  9. डाकिया समाज को जोड़ने में मदद करता है।
  10. उसका काम हमारे जीवन को आसान और खुशहाल बनाता है।

अनुमान और कल्पना

1. डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू. डब्ल्यू. डब्ल्यू. W W W.) तथा पक्षी और बादल – इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। लेख लिखने के लिए आप ‘चिट्ठियों की अनूठी दुनिया’ पाठ का सहयोग ले सकते हैं।

उत्तर:

चिट्ठियों की अनूठी दुनिया

संदेश भेजना और पाना हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। पुराने समय में डाकिया हमारा सबसे बड़ा संवादवाहक था। वह सुदूर गाँवों और शहरों तक हमारे पत्र, शुभकामनाएँ और जरूरी दस्तावेज़ ले जाता था। डाकिया आज भी हमारे लिए परिवार और दोस्तों की खबरें लाता है और हमें जोड़े रखता है।

आज के ज़माने में इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) ने संवाद को बहुत आसान और तेज़ कर दिया है। अब हम एक क्लिक में दुनिया के किसी भी कोने में संदेश भेज सकते हैं। इंटरनेट ने न केवल व्यक्तिगत संवाद को सरल किया, बल्कि पढ़ाई, व्यापार और दोस्ती को भी नया रूप दिया है। यह एक डिजिटल डाकिया है जो पलक झपकते सूचनाएँ पहुँचाता है।

वहीं, प्रकृति में पक्षी और बादल अपने आप में अनोखे डाकिए हैं। वे मौसम और पर्यावरण के संदेश एक देश से दूसरे देश तक ले जाते हैं। पक्षी उड़कर मौसम की खबरें लाते हैं, और बादल बारिश बनकर धरती को संदेश देते हैं। ये संदेश पेड़, पौधे, नदियाँ और पहाड़ समझ लेते हैं, जो प्रकृति को एकजुट रखते हैं।

डाकिया, इंटरनेट, और पक्षी-बादल, ये तीनों हमें एक-दूसरे से जोड़ते हैं। डाकिया परंपरा को, इंटरनेट आधुनिकता को, और पक्षी-बादल प्रकृति को दर्शाते हैं। ये सभी हमें सिखाते हैं कि संवाद के बिना जीवन अधूरा है। चाहे वह पत्र हो, ईमेल हो, या प्रकृति का संदेश, सभी का मकसद एक ही है – दुनिया को करीब लाना।

केवल पढ़ने के लिए – कदम मिलाकर चलना होगा

कविता से

1. इस कविता से आप अपने को जोड़कर कैसे देखते हैं?

उत्तर: यह कविता मुझे सिखाती है कि जीवन में मुश्किलें आएँगी, लेकिन हमें हिम्मत और एकजुटता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जैसे कविता में कहा गया है कि कदम मिलाकर चलना होगा, वैसे ही मुझे लगता है कि दोस्तों, परिवार और समाज के साथ मिलकर काम करने से हर मुश्किल आसान हो जाती है। यह कविता मुझे प्रेरित करती है कि मैं कभी हार न मानूँ और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता रहूँ।

2. आपकी दृष्टि में कदम मिलाकर चलने के लिए कवि क्यों प्रेरित करता है?

उत्तर: कवि “कदम मिलाकर चलने” के लिए इसलिए प्रेरित करता है क्योंकि एकता में बहुत ताकत होती है। जब हम सब मिलकर एक साथ चलते हैं, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं लगती। कवि कहते हैं कि जीवन में कई चुनौतियाँ आती हैं, लेकिन अगर हम एक-दूसरे का साथ दें, तो हर मुश्किल को पार कर सकते हैं। यह कविता हमें सिखाती है कि सहयोग और एकजुटता से ही हम अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते हैं।

3. इस कविता की लयात्मकता पर चर्चा कीजिए।

उत्तर: इस कविता की लयात्मकता बहुत सुंदर है। “कदम मिलाकर चलना होगा” जैसे शब्द बार-बार आते हैं, जो कविता को एक गीत की तरह बनाते हैं। यह पंक्ति कविता को एक खास लय देती है, जो सुनने और पढ़ने में मजेदार लगती है। यह लय हमें प्रेरित करती है और कविता के संदेश को और गहरा बनाती है। कविता की साधारण भाषा और बार-बार दोहराए जाने वाले शब्द इसे और आकर्षक बनाते हैं।

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