Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 13 Solutions – बाज और साँप

Here you will get complete Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 13 Solutions. This covers all question answer of chapter 13 – “बाज और साँप”, from the new book. It follows the updated syllabus of BSEB.

“बाज और साँप” एक बोधकथा है, जो दो अलग-अलग स्वभाव वाले जीवों की कहानी कहती है। इस पाठ से आप सीखेंगे कि हर प्राणी अपने स्वभाव के अनुसार व्यवहार करता है, जैसे बाज की स्वतंत्रता और साँप की कायरता। लेखक बताते हैं कि साहस और जोखिम लेने से ही जीवन सार्थक बनता है। यह कहानी सिखाती है कि अपने डर को छोड़कर आगे बढ़ना कितना जरूरी है।

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Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 13 Solutions

अध्याय13. बाज और साँप
लेखकनिर्मल वर्मा
विषयHindi (वसंत भाग 3)
कक्षा8वीं
बोर्डबिहार बोर्ड

प्रश्न-अभ्यास

शीर्षक और नायक

1. लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा है। लेखक ने बाज और साँप को ही क्यों चुना? आपस में चर्चा कीजिए।

उत्तर: लेखक ने कहानी का शीर्षक “बाज और साँप” इसलिए रखा क्योंकि ये दोनों पात्र कहानी के केंद्र में हैं और एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। बाज आकाश में उड़ता है और स्वतंत्रता का प्रतीक है, जबकि साँप जमीन पर रेंगता है और सीमाओं में बंधा रहता है। कहानी में बाज की स्वतंत्रता और साँप की जिज्ञासा के बीच का अंतर दिखाया गया है। बाज की साहसी जिंदगी और साँप का उससे प्रेरित होना कहानी का मुख्य संदेश है। इसलिए, ये शीर्षक कहानी के विचार को अच्छे से दर्शाता है।

कहानी से

1. घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, “मुझे कोई शिकायत नहीं है।” विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर: घायल होने के बाद भी बाज ने कहा, “मुझे कोई शिकायत नहीं है” क्योंकि उसने अपनी जिंदगी को पूरे जोश और स्वतंत्रता के साथ जिया था। उसने आकाश में ऊँचा उड़कर, हर सुख का आनंद लिया और कोई मौका नहीं छोड़ा। उसे इस बात का गर्व था कि उसने हमेशा हिम्मत और साहस के साथ जीवन जिया। इसलिए, अपने अंतिम पलों में भी उसे कोई पछतावा नहीं था, बल्कि वह संतुष्ट और खुश था।

2. बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?

उत्तर: बाज का जीवन आकाश में उड़ने और स्वतंत्र रहने में था। वह कभी हार मानने वाला या डरने वाला नहीं था। घायल होने के बाद भी वह उड़ना चाहता था क्योंकि उड़ना उसकी पहचान और जिंदगी का मकसद था। वह आखिरी साँस तक अपनी स्वतंत्रता और साहस को बनाए रखना चाहता था, न कि डरकर जमीन पर पड़ा रहे।

3. साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?

उत्तर: साँप शुरू में उड़ने की इच्छा को मूर्खता समझता था क्योंकि वह जमीन पर रेंगने का आदी था। लेकिन जब उसने बाज को आकाश में उड़ते और उसकी स्वतंत्रता को देखा, तो उसके मन में जिज्ञासा जागी। बाज की हिम्मत और आकाश के प्रति प्रेम ने उसे प्रभावित किया। वह यह जानना चाहता था कि आकाश में उड़ने का सुख कैसा होता है। इसीलिए उसने उड़ने की कोशिश की, हालाँकि वह इसमें असफल रहा क्योंकि उसका शरीर इसके लिए बना ही नहीं था।

4. बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?

उत्तर: बाज ने अपनी जिंदगी साहस और स्वतंत्रता के साथ जी। वह आकाश में ऊँचा उड़ा और कभी हार नहीं मानी। उसकी मृत्यु के बाद लहरों ने उसके साहस और स्वतंत्रता को सम्मान देने के लिए गीत गाया। यह प्रकृति का तरीका था बाज की बहादुरी को याद करने और उसे श्रद्धांजलि देने का।

5. घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?

उत्तर: साँप और बाज एक-दूसरे के दुश्मन थे। बाज साँप को अपना शिकार बनाता था। जब बाज घायल होकर असहाय हो गया, तो साँप को लगा कि अब वह सुरक्षित है और बाज उसे नुकसान नहीं पहुँचा सकता। इसीलिए साँप को बाज की ऐसी हालत देखकर खुशी हुई होगी।

कहानी से आगे

1. कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो।

उत्तर: कहानी से स्वतंत्रता की प्रेरणा देने वाली पंक्तियाँ:

  1. “जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ।”
  2. “आह! काश, मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता।”
  3. “पर वह समय दूर नहीं है, जब तुम्हारे खून की एक-एक बूँद जिंदगी के अँधेरे में प्रकाश फैलाएगी और साहसी, बहादुर दिलों में स्वतंत्रता और प्रकाश के लिए प्रेम पैदा करेगी।”
  4. “हमारा यह गीत उन साहसी लोगों के लिए है जो अपने प्राणों को हथेली पर लिए घूमते हैं।”

2. लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए।

उत्तर: लहरों का गीत सुनकर साँप के मन में कई विचार आए। उसने सोचा कि बाज की जिंदगी कितनी साहसी और प्रेरणादायक थी। बाज ने अपनी स्वतंत्रता के लिए सब कुछ दाँव पर लगा दिया, जो साँप कभी नहीं कर सका। गीत सुनकर साँप को अपनी सीमाओं पर पछतावा हुआ और उसने सोचा कि शायद उसे भी अपने डर को छोड़कर कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए।

हालाँकि साँप ने फिर से उड़ने की कोशिश नहीं की क्योंकि वह जान गया था कि उसका शरीर उड़ने के लिए नहीं बना है। लेकिन उसने फैसला किया कि वह अब अपनी जिंदगी को और साहसी और खुले दिल से जिएगा। उसने ऊँचे पहाड़ों पर चढ़ने और नई जगहों को देखने का मन बनाया ताकि वह भी बाज की तरह स्वतंत्रता का कुछ अंश महसूस कर सके। इस तरह, साँप ने अपनी जिंदगी को नई दिशा दी और डर को पीछे छोड़ दिया।

3. क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं? विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर: पक्षियों के लिए उड़ना एक स्वाभाविक क्रिया है, लेकिन यह उनके लिए आनंददायक भी हो सकता है। जब पक्षी खुले आकाश में अपने पंख फैलाकर उड़ते हैं, ऊँचाइयों को छूते हैं और हवा के साथ तालमेल बिठाते हैं, तो यह उनके लिए खुशी का अनुभव हो सकता है। उनकी चहचहाहट और उड़ान में दिखने वाला उत्साह यह बताता है कि वे इसमें आनंद महसूस करते हैं। जैसे इंसानों को दौड़ने, नाचने या खेलने में मजा आता है, वैसे ही पक्षियों को भी उड़ने में आनंद मिलता होगा। यह उनकी स्वतंत्रता और जीवंतता का हिस्सा है।

4. मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है।

उत्तर: मनुष्य ने हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने का सपना देखा और आज विज्ञान ने इसे सच कर दिया है। अब मनुष्य हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, पैराग्लाइडिंग, ग्लाइडर और हॉट एयर बैलून जैसे साधनों से उड़ता है। हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर से लंबी यात्राएँ की जाती हैं। पैराग्लाइडिंग और हॉट एयर बैलून से लोग रोमांच और मनोरंजन के लिए उड़ते हैं। इसके अलावा, रॉकेट की मदद से मनुष्य अंतरिक्ष में भी उड़ान भर रहा है। इस तरह, मनुष्य ने अपने उड़ने के सपने को कई तरीकों से पूरा किया है।

अनु‌मान और कल्पना

1. यदि इस कहानी के पात्र बाज और साँप न होकर कोई और होते तब कहानी कैसी होती? अपनी कल्पना से लिखिए।

उत्तर: अगर इस कहानी में बाज और साँप की जगह एक साहसी लड़का और एक डरपोक गाँववाला होता, तो कहानी कुछ ऐसी होती: साहसी लड़का हमेशा नई चीजें आजमाने और ऊँचे सपने देखने में विश्वास रखता। वह पहाड़ों पर चढ़ना, नदियाँ पार करना और नए रास्ते तलाशना चाहता था। वहीं, गाँववाला हमेशा अपने गाँव में सुरक्षित रहना चाहता और जोखिम लेने से डरता था।

लड़के के साहस और सपनों को देखकर गाँववाले के मन में भी कुछ नया करने की इच्छा जागी। उसने लड़के से प्रेरणा लेकर एक दिन गाँव के बाहर की दुनिया देखने की कोशिश की। हालाँकि वह पूरी तरह सफल नहीं हुआ, लेकिन उसने अपने डर को थोड़ा कम किया और नई चीजों को समझने की शुरुआत की। इस तरह, कहानी साहस और डर के बीच की जंग को दर्शाती।

भाषा की बात

1. कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर:

  1. मन में आशा जागना – जब उसने अपने दोस्त की मेहनत को देखा, तो उसके मन में आशा जागी कि वह भी कुछ बड़ा कर सकता है।
  2. पंख फैलाना – उसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए पंख फैलाए और नई राह पर चल पड़ा।
  3. नाक काटना – उसकी हार से उसके परिवार की नाक कट गई।
  4. हिम्मत बाँधना – मुश्किल समय में उसने हिम्मत बाँधी और आगे बढ़ने का फैसला किया।
  5. अंतिम साँस गिनना – बीमारी के कारण वह अब अंतिम साँस गिन रहा था, लेकिन उसने हार नहीं मानी।

2. ‘आरामदेह’ शब्द में ‘देह’ प्रत्यय है। यहाँ ‘देह’ ‘देनेवाला’ के अर्थ में प्रयुक्त है। देनेवाला के अर्थ में ‘द’, ‘प्रद’, ‘दाता’, ‘दाई’ आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे-सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।

उत्तर:

  • (i) ‘द’ प्रत्यय – सुखद, शांतिद।
  • (ii) ‘प्रद’ प्रत्यय – आनंदप्रद, हितप्रद।
  • (iii) ‘दाता’ प्रत्यय – सुखदाता, शक्तिदाता।
  • (iv) ‘दाई’ प्रत्यय – सुखदाई, शांतिदाई।

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