Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 11 Solutions – सूरदास के पद

Here you will get complete Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 11 Solutions. This covers all question answer of chapter 11 – “सूरदास के पद”, from the new book. It follows the updated syllabus of BSEB.

“सूरदास के पद” भक्ति और वात्सल्य रस से भरी रचनाएँ हैं, जो बालकृष्ण की लीलाओं को दर्शाती हैं। इस पाठ से आप जानेंगे कि कैसे सूरदास ने यशोदा और गोपियों के साथ कृष्ण की शरारतों और प्रेम को खूबसूरती से चित्रित किया है। यह रचना सिखाती है कि प्रेम और भक्ति कितने अनमोल हैं। कृष्ण की शैतानियाँ और गोपियों का उनके प्रति स्नेह आपको भावुक करेगा

Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 11 Solutions new

Bihar Board Class 8 Hindi Vasant Chapter 11 Solutions

अध्याय11. सूरदास के पद
लेखकसूरदास
विषयHindi (वसंत भाग 3)
कक्षा8वीं
बोर्डबिहार बोर्ड

प्रश्न-अभ्यास

पदों से

1. बालक श्रीकृष्ण किस लोभ के कारण दूध पीने के लिए तैयार हुए?

उत्तर: बालक श्रीकृष्ण अपनी चोटी को बलराम भैया की तरह लंबी और मोटी करने के लोभ में दूध पीने के लिए तैयार हुए। उनकी माँ यशोदा ने कहा था कि दूध पीने से उनकी चोटी बड़ी हो जाएगी। इसलिए वह बार-बार दूध पीते थे। लेकिन चोटी छोटी ही रही, जिसके कारण वह माँ से शिकायत करते थे कि उन्हें माखन-रोटी नहीं दी जाती, केवल दूध दिया जाता है।

2. श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में क्या-क्या सोच रहे थे?

उत्तर: श्रीकृष्ण सोच रहे थे कि उनकी चोटी बलराम भैया की तरह लंबी और मोटी हो जाएगी। वह चाहते थे कि उनकी चोटी नागिन की तरह लहराए और सुंदर दिखे। उन्हें इस बात की उत्सुकता थी कि उनकी चोटी कब लंबी होगी, ताकि वह भी बलराम की तरह दिख सकें।

3. दूध की तुलना में श्रीकृष्ण कौन-से खाद्य पदार्थ को अधिक पसंद करते हैं?

उत्तर: श्रीकृष्ण दूध की तुलना में माखन और रोटी ज्यादा पसंद करते थे। वह माखन-रोटी खाने के लिए हमेशा उत्सुक रहते थे।

4. ‘तें ही पूत अनोखौ जायौ’– पंक्तियों में ग्वालन के मन के कौन-से भाव मुखरित हो रहे हैं?

उत्तर: इस पंक्ति में ग्वालन के मन में श्रीकृष्ण के माखन चुराने की शरारत के लिए गुस्सा और यशोदा के लिए थोड़ी जलन के भाव हैं। वह यशोदा को ताना मारते हुए कहती है कि तुम्हारा बेटा बहुत अनोखा है, जो हमारा माखन चुराता है।

5. मक्खन चुराते और खाते समय श्रीकृष्ण थोड़ा-सा मक्खन बिखरा क्यों देते हैं?

उत्तर: श्रीकृष्ण माखन चुराने के लिए ऊखल पर चढ़ते थे और मटकी से माखन निकालते थे। इस दौरान उनके छोटे-छोटे हाथों से माखन गिर जाता था और बिखर जाता था। वह चुराया हुआ माखन आधा खुद खाते थे और आधा अपने दोस्तों को खिलाते थे।

6. दोनों पदों में से आपको कौन-सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?

उत्तर: मुझे पहला पद “मैया, कबहिं बढ़ेगी चोटी?” ज्यादा अच्छा लगा। इस पद में श्रीकृष्ण की मासूमियत और उनकी छोटी-सी इच्छा बहुत प्यारी लगती है। वह अपनी माँ से चोटी बढ़ने के बारे में बार-बार पूछते हैं, जो उनकी नटखट और भोली बातों को दिखाता है। यह पद बहुत सरल और दिल को छूने वाला है। दूसरा पद “तेरा लाल मेरो माखन खायौ” भी मजेदार है, लेकिन पहला पद श्रीकृष्ण की मासूमियत के कारण ज्यादा पसंद आया।

अनुमान और कल्पना

1. दूसरे पद को पढ़कर बताइए कि आपके अनुसार उस समय श्रीकृष्ण की उम्र क्या रही होगी?

उत्तर: दूसरे पद को पढ़कर लगता है कि श्रीकृष्ण की उम्र उस समय चार से छह साल के बीच रही होगी। इस उम्र में वह नटखट थे और माखन चुराने की शरारत करते थे। उनके छोटे हाथों से माखन बिखर जाता था, जो दिखाता है कि वह अभी बहुत छोटे थे।

2. ऐसा हुआ हो कभी कि माँ के मना करने पर भी घर में उपलब्ध किसी स्वादिष्ट वस्तु को आपने चुपके-चुपके थोड़ा-बहुत खा लिया हो और चोरी पकड़े जाने पर कोई बहाना भी बनाया हो। अपनी आपबीती की तुलना श्रीकृष्ण की बाल लीला से कीजिए।

उत्तर: एक बार मेरी माँ ने मुझे मिठाई खाने से मना किया था क्योंकि रात हो चुकी थी। लेकिन मुझे बहुत लालच हुआ और मैंने चुपके से एक लड्डू खा लिया। जब माँ ने देख लिया, तो मैंने बहाना बनाया कि मैंने सिर्फ़ चखा था क्योंकि मुझे लगा कि मिठाई खराब हो गई है। यह श्रीकृष्ण की माखन चोरी की शरारत से मिलता-जुलता है। जैसे श्रीकृष्ण माखन चुराकर खाते थे और पकड़े जाने पर मासूम बहाने बनाते थे, वैसे ही मैंने भी अपनी शरारत छिपाने की कोशिश की। दोनों में बच्चों की नटखट और मासूम हरकतें दिखती हैं।

3. किसी ऐसी घटना के विषय में लिखिए जब किसी ने आपकी शिकायत की हो और फिर आपके किसी अभिभावक (माता-पिता, बड़ा भाई-बहिन इत्यादि) ने आपसे उत्तर माँगा हो।

उत्तर: एक बार मेरे दोस्त ने मेरी शिकायत मेरी बड़ी बहन से की कि मैंने उसका पेन बिना पूछे लिया और खो दिया। जब बहन ने मुझसे पूछा, तो मैंने बताया कि मैंने पेन लिया था, लेकिन गलती से वह कहीं गिर गया। मैंने माफी माँगी और वादा किया कि मैं उसे नया पेन लाकर दूँगा। बहन ने मुझे समझाया कि बिना पूछे किसी की चीज़ नहीं लेनी चाहिए। उस दिन मुझे अपनी गलती सुधारने और ईमानदारी का महत्व समझ आया।

भाषा की बात

1. श्रीकृष्ण गोपियों का माखन चुरा चुराकर खाते थे इसलिए उन्हें माखन चुरानेवाला भी कहा गया है। इसके लिए एक शब्द दीजिए।

उत्तर: श्रीकृष्ण को माखन चुराने के कारण “माखनचोर” कहा जाता है।

2. श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द लिखिए।

उत्तर: श्रीकृष्ण के लिए पाँच पर्यायवाची शब्द हैं:

  • गोविंद
  • कन्हैया
  • मुरलीधर
  • वासुदेव
  • माधव

6. कुछ शब्द परस्पर मिलते-जुलते अर्थवाले होते हैं, उन्हें पर्यायवाची कहते हैं। और कुछ विपरीत अर्थवाले भी। समानार्थी शब्द पर्यायवाची कहे जाते हैं और विपरीतार्थक शब्द विलोम, जैसे-

पर्यायवाची-

चंद्रमा-शशि, इंदु, राका
मधुकर-भ्रमर, भौंरा, मधुप
सूर्य-रवि, भानु, दिनकर

विपरीतार्थक-

दिन-रात
श्वेत-श्याम
शीत-उष्ण

पाठों से दोनों प्रकार के शब्दों को खोजकर लिखिए।

उत्तर:

पर्यायवाची शब्द-

  • बेनी – चोटी, शिखा
  • मैया – माँ, माता
  • दूध – दुग्ध, गोरस, पय
  • बलराम – दाऊ, हलधर
  • ढोटा – पुत्र, बेटा, सुत

विपरीतार्थक शब्द-

  • लंबी – छोटी
  • स्याम – श्वेत
  • संग्रह – विग्रह
  • रात – दिन
  • प्रकट – ओझल

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