Free Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 6 Solutions are available here. Get all written question answers for chapter 6 – “सागर यात्रा”. It follows the new syllabus and book of BSEB Class 8 Hindi.
‘सागर यात्रा’ कर्नल टी.सी.एस. चौधरी द्वारा लिखा गया एक रोमांचक यात्रा वृत्तांत है, जो भारतीय नौका ‘मैना’ की विश्व यात्रा की कहानी बयान करता है। यह पाठ आपको समुद्री यात्रा की चुनौतियों, साहस और टीम वर्क के बारे में बताएगा। आप इस अध्याय से यह सीखेंगे कि दृढ़ संकल्प और सहयोग से बड़ी से बड़ी मुश्किलों को पार किया जा सकता है। यह कहानी भारतीय नौसेना के साहस और रोमांच को दर्शाती है।

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 6 Solutions
Contents
| अध्याय | 6. सागर यात्रा |
| लेखक | कर्नल टी.सी.एस. चौधरी |
| विषय | Hindi (दूर्वा भाग 3) |
| कक्षा | 8वीं |
| बोर्ड | बिहार बोर्ड |
अभ्यास
पाठ से
(क) सागर यात्रा में नौका को संभालने के लिए हर समय एक व्यक्ति की ज़रूरत थी। क्यों?
उत्तर: सागर यात्रा में नौका को संभालने के लिए हर समय एक व्यक्ति की ज़रूरत थी क्योंकि नौका को सही दिशा में चलाने के लिए चक्के पर नज़र रखनी पड़ती थी। इसके अलावा, समुद्र में द्वीपों, चट्टानों, और व्हेल मछलियों जैसे खतरों से बचने के लिए भी लगातार चौकसी ज़रूरी थी।
(ख) वे लोग समुद्र की यात्रा कर रहे थे। समुद्र यात्रा में भी उन्हें पानी की समस्या क्यों हुई?
उत्तर: समुद्र का पानी खारा होता है, जो न तो पीने के लिए इस्तेमाल हो सकता है और न ही नहाने के लिए। खारे पानी में साबुन भी अच्छे से काम नहीं करता, जिससे नहाने के बाद शरीर चिपचिपा हो जाता है। इसलिए, यात्रियों को पीने और नहाने के लिए पर्याप्त ताज़ा पानी साथ रखना पड़ता था, और इसकी कमी से उन्हें परेशानी हुई।
खतरे
“हम सब इस अभियान के खतरों को जानते थे।”
समुद्री यात्रा में उन यात्रियों को कौन-कौन से खतरों और परेशानियों का सामना करना पड़ा था?
उत्तर: समुद्री यात्रा में यात्रियों को कई खतरों और परेशानियों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी समस्या थी ताज़े पानी की कमी। इसके अलावा, व्हेल मछलियों का खतरा था, जो नौका को नुकसान पहुँचा सकती थीं। तेज़ तूफान और हवाएँ भी बड़ा खतरा थीं। केप ऑफ गुड होप के पास एक तूफान में उनकी नौका चट्टानों की ओर बह गई, जिससे नौका टूटने का डर था। उनके रक्षा उपकरण खो गए और 15 दिनों तक रेडियो संपर्क टूट गया, जिससे लोग समझने लगे कि नौका ‘तृष्णा’ लापता हो गई। कई बार उनके साथी समुद्र में गिर गए, लेकिन उन्हें नौका में वापस खींच लिया गया। इन सभी मुश्किलों के बावजूद, वे अपनी यात्रा पूरी करने में सफल रहे।
माँ के काम
“एक सदस्य माँ की भूमिका निभाता”
(i) नौका पर ‘माँ’ की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति कौन-कौन से काम करता था?
उत्तर: नौका पर ‘माँ’ की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति खाना पकाता था, बर्तन साफ करता था, शौचालय की सफाई करता था, और नौका को स्वच्छ रखने के लिए अन्य ज़रूरी काम करता था।
(ii) तुम्हारे विचार से उन कामों को माँ के कामों की उपमा क्यों दी गई होगी?
उत्तर: इन कामों को माँ के कामों की उपमा इसलिए दी गई होगी क्योंकि माँ की तरह ये व्यक्ति सभी यात्रियों की ज़रूरतों का ध्यान रखता था। जैसे माँ घर में खाना बनाती है, सफाई करती है, और सबका ख्याल रखती है, वैसे ही नौका पर यह व्यक्ति सभी के लिए ये काम करता था।
(iii) क्या तुमने कभी किसी के लिए ‘माँ की भूमिका’ निभाई है? यदि हाँ, तो बताओ।
(क) तब तुमने कौन-कौन से काम किए थे?
उत्तर: हाँ, जब मेरी माँ बीमार थीं, तब मैंने उनके कुछ कामों में मदद की थी। मैंने ये काम किए:
- घर की सफाई की।
- कपड़े धोए और सुखाए।
- सबके लिए नाश्ता और खाना बनाया।
- पापा और दादी को समय पर चाय दी।
- रात को खाना परोसकर बर्तन धोए।
(ख) वे काम क्यों और किसलिए किए थे?
उत्तर: मैंने ये काम इसलिए किए क्योंकि माँ बीमार थीं और वह ये काम नहीं कर सकती थीं। मैं चाहता था कि घर का काम सुचारू रूप से चले और परिवार के सभी लोगों की ज़रूरतें पूरी हों। इन कामों को करके मुझे एहसास हुआ कि माँ रोज़ कितनी मेहनत करती हैं।
(iv) तुम्हारी माँ या घर का अन्य कोई सदस्य सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक कौन-कौन से काम करता है? सूची बनाओ।
उत्तर: मेरी माँ सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक ये काम करती हैं:
- सुबह जल्दी उठकर चाय बनाना।
- नाश्ता तैयार करना।
- घर की सफाई करना।
- कपड़े धोना और सुखाना।
- बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना।
- दोपहर का खाना बनाना।
- बाज़ार से सब्जियाँ और राशन लाना।
- बच्चों के होमवर्क में मदद करना।
- शाम की चाय और नाश्ता बनाना।
- रात का खाना बनाना और परोसना।
पानी की परेशानी
सागर के यात्रियों को पानी के कारण बहुत परेशानी होती थी। बताओ-
(क) उन्हें पानी के कारण क्या-क्या परेशानियाँ हुई?
उत्तर: सागर के यात्रियों को पानी की कमी के कारण कई परेशानियाँ हुईं। समुद्र का पानी खारा होने की वजह से वह न तो पीने के लिए उपयुक्त था और न ही नहाने के लिए। खारे पानी में साबुन भी ठीक से काम नहीं करता था, जिससे नहाने के बाद शरीर चिपचिपा रहता था। ताज़ा पानी कम होने की वजह से उन्हें पीने और नहाने में बहुत दिक्कत हुई।
(ख) क्या तुम्हारे आसपास भी पानी की समस्या होती है, उसके बारे में बताओ।
उत्तर: हाँ, मेरे आसपास गर्मियों में पानी की समस्या होती है। गर्मी में पानी का स्तर नीचे चला जाता है, जिससे नल और कुएँ सूख जाते हैं। कुछ मोहल्लों में पानी की सप्लाई बहुत कम होती है, इसलिए लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है। कई बार गंदा पानी आने की भी समस्या होती है।
(ग) उस समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है?
उत्तर: पानी की समस्या को हल करने के लिए ये कदम उठाए जा सकते हैं:
- वर्षा जल संचयन: बारिश के पानी को टैंकों या गड्ढों में इकट्ठा करके उसका उपयोग किया जा सकता है।
- पानी बचाना: नहाते या बर्तन धोते समय पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए।
- आधुनिक तकनीक: खेती में टपक सिंचाई जैसी तकनीकों का उपयोग करना चाहिए।
- साफ-सफाई: नदियों, तालाबों और कुओं को साफ रखना चाहिए।
- जागरूकता: लोगों को पानी बचाने के लिए जागरूक करना चाहिए और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
अपनी-अपनी यात्रा
तुमने अभी दस भारतीय यात्रियों की एक अनूठी यात्रा की कहानी पढ़ी, तुम भी अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की एक यात्रा के बारे में बताओ।
(क) वह यात्रा कहाँ की थी? कितने दिनों की थी? यात्रा कैसे की?
उत्तर: मैंने पिछले साल अपने परिवार के साथ शिमला की यात्रा की थी। यह यात्रा पाँच दिनों की थी। हम दिल्ली से ट्रेन से चंडीगढ़ गए, और वहाँ से बस लेकर शिमला पहुँचे।
(ख) उसमें कौन-कौन सी समस्याएँ आईं?
उत्तर: यात्रा के दौरान कुछ समस्याएँ आईं। शिमला में मौसम बहुत ठंडा था और अचानक बारिश शुरू हो गई, जिससे बाहर घूमना मुश्किल हो गया। साथ ही, कुछ जगहों पर मोबाइल नेटवर्क नहीं था, जिससे परिवार से संपर्क करने में दिक्कत हुई।
(ग) उन समस्याओं को कैसे दूर किया गया?
उत्तर: हमने ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहने और बारिश रुकने का इंतज़ार किया। नेटवर्क की समस्या को हल करने के लिए हमने होटल के वाई-फाई का उपयोग किया। गाइड की मदद से हमने सही समय पर घूमने की योजना बनाई।
(घ) उस यात्रा में किन-किन लोगों से मिले?
उत्तर: हमारी यात्रा में हम कई पर्यटकों से मिले। इसके अलावा, हमें एक स्थानीय गाइड और होटल के कर्मचारियों से बात करने का मौका मिला। कुछ दुकानदारों ने हमें शिमला की खास चीज़ों के बारे में बताया।
(ङ) कौन-कौन सी चीज़ें, पेड़-पौधे आदि पहली बार देखे?
उत्तर: मैंने शिमला में पहली बार देवदार के पेड़ और हरे-भरे जंगल देखे। मॉल रोड पर रंग-बिरंगे फूलों की क्यारियाँ और पहाड़ों का सुंदर नज़ारा भी पहली बार देखा। इसके अलावा, वहाँ की सेब की बागानों ने मुझे बहुत आकर्षित किया।
विशेष जगहों के नाम
‘बंदरगाह’ समुद्र के किनारे की वह जगह होती है जहाँ पानी के जहाज़, नौकाएँ आदि ठहरते हैं। पता लगाओ इन जगहों पर क्या होता है-
(क) अस्तबल।
उत्तर: अस्तबल वह जगह है जहाँ घोड़े और अन्य पालतू जानवरों को रखा जाता है और उनकी देखभाल की जाती है।
(ख) हवाई अड्डा।
उत्तर: हवाई अड्डा वह जगह है जहाँ हवाई जहाज़ उतरते हैं, उड़ान भरते हैं, और यात्रियों का सामान चेक किया जाता है।
(ग) पोस्ट-ऑफिस।
उत्तर: पोस्ट-ऑफिस वह जगह है जहाँ चिट्ठियाँ, पार्सल भेजे और प्राप्त किए जाते हैं। यहाँ डाक टिकटें भी बिकती हैं।
(घ) अस्पताल।
उत्तर: अस्पताल वह जगह है जहाँ बीमार लोगों का इलाज होता है और दवाइयाँ दी जाती हैं।
(ङ) न्यायालय।
उत्तर: न्यायालय वह जगह है जहाँ कानूनी मामलों की सुनवाई होती है और न्याय दिया जाता है।
(च) बाज़ार।
उत्तर: बाज़ार वह जगह है जहाँ लोग खाने-पीने की चीज़ें, कपड़े, और अन्य सामान खरीदते और बेचते हैं।
गणतंत्र दिवस
‘तृष्णा’ को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया गया था। आपस में चर्चा करके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर खोज़ो-
(क) गणतंत्र दिवस किसे कहते हैं? यह किस दिन मनाया जाता है?
उत्तर: गणतंत्र दिवस वह दिन है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। यह हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है।
(ख) गणतंत्र दिवस के दिन क्या-क्या कार्यक्रम होते हैं?
उत्तर: गणतंत्र दिवस पर कई कार्यक्रम होते हैं, जैसे:
- तिरंगा फहराना।
- दिल्ली में राजपथ पर परेड का आयोजन।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम और नृत्य प्रदर्शन।
- स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में भाषण और समारोह।
(ग) दूरदर्शन या आकाशवाणी पर गणतंत्र दिवस परेड देखकर/सुनकर उसके बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखो।
उत्तर: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में राजपथ पर होने वाली परेड बहुत शानदार होती है। इसमें सेना के जवान, टैंक, और हथियारों का प्रदर्शन होता है। अलग-अलग राज्यों की झाँकियाँ भारत की संस्कृति और विविधता दिखाती हैं। परेड में स्कूली बच्चे और सांस्कृतिक दल भी हिस्सा लेते हैं। यह दृश्य देखकर देशभक्ति की भावना जागती है।
खेल
“इस कठिन दिनचर्या के कारण शतरंज खेलने के लिए समय ही नहीं मिलता था।” यदि उन नाविकों के पास समय होता तो वे नौका पर कौन-कौन से खेल खेल सकते थे? सूची बनाओ-
उत्तर:
(क) शतरंज
(ख) लूडो
(ग) ताश
(घ) कैरम
खुशी का घंटा
‘दिन में एक बार हम नौका पर ‘खुशी का घंटा’ बिताते’
यदि तुम्हें स्कूल में ‘खुशी का घंटा’ बिताने का मौका मिले, तो तुम उस एक घंटे में कौन-कौन से काम करना चाहोगे?
उत्तर: अगर मुझे स्कूल में ‘खुशी का घंटा’ बिताने का मौका मिले, तो मैं ये काम करना चाहूँगा:
- दोस्तों के साथ फुटबॉल या कबड्डी खेलना।
- गाना सुनना या डांस करना।
- कहानियाँ सुनाना या चुटकुले सुनना।
- ड्राइंग या पेंटिंग करना।
- बागवानी करना या पौधों की देखभाल करना।
हिम्मतवाले
“हम सब इस अभियान के खतरों को जानते थे, हमें यह भी ज्ञात था कि शायद हम कभी वापस न लौट सकें।”
वे दस नाविक इतनी खतरनाक यात्रा के लिए क्यों निकले होंगे? आपस में चर्चा करो।
उत्तर: दस नाविक इतनी खतरनाक यात्रा पर इसलिए निकले होंगे क्योंकि वे अपने देश का नाम दुनिया में रोशन करना चाहते थे। ‘तृष्णा’ नौका के साथ विश्व की परिक्रमा करके उन्होंने भारत की ताकत और साहस को दिखाया। उनकी देशभक्ति और कुछ कर गुजरने की इच्छा ने उन्हें इस जोखिम भरे अभियान के लिए प्रेरित किया। वे चाहते थे कि दुनिया भारत की इस उपलब्धि को याद रखे।
खोए हुए मोजे की कहानी
तेज़ हवाओं के कारण कभी-कभी उन नाविकों के कपड़े उड़/खो जाते थे। मान लो, ऐसा ही एक मोज़ा तुम्हें अपने कहानी सुनाना चाहता है। वह क्या-क्या बातें बताएगा कल्पना से उसकी कहानी पूरी करो- मैं एक मोज़ा हूँ। वैसे तो मैं हमेशा अपने भाई के साथ रहता हूँ।
उत्तर: मैं एक मोज़ा हूँ। वैसे तो मैं हमेशा अपने भाई के साथ रहता हूँ, लेकिन एक दिन तेज़ हवा ने मुझे उससे अलग कर दिया। मैं नौका पर एक नाविक के पैर में था। उस दिन समुद्र में तूफान आया और हवा इतनी तेज़ थी कि मैं नाविक के पैर से उड़कर समुद्र में जा गिरा। मैं लहरों के साथ बहता रहा। एक मछली ने मुझे देखा और सोचा कि मैं कोई खाने की चीज़ हूँ, लेकिन उसने मुझे छोड़ दिया। फिर मैं एक छोटे से द्वीप पर जा पहुँचा। वहाँ मैं रेत पर पड़ा रहा। एक दिन एक बच्चे ने मुझे उठाया और अपने घर ले गया।
अब मैं उसके खिलौनों के साथ रहता हूँ, लेकिन मुझे अपने भाई और नौका की बहुत याद आती है।
छोटे-छोटे
“जो लोग चौकसी से हटते, वे अपने कपड़े बदलते, खाना खाते, पढ़ते, रेडियो सुनते और अपनी ड्यूटी के अन्य कार्य जैसे रेडियो की जाँच, इंजन की जाँच तथा व्यंजन सूची के अनुसार भोजन बनाने के लिए राशन देने का काम निबटाते।”
इस वाक्य को कई छोटे-छोटे वाक्यों के रूप में भी लिखा जा सकता है जैसे-
जो लोग चौकसी से हटते, वे अपने कपड़े बदलते। वे खाना खाते, पढ़ते और रेडियो सुनते। वे अपनी ड्यूटी के अन्य कार्य करते जैसे रेडियो की जाँच और इंजन की जाँच। वे व्यंजन सूची के अनुसार भोजन बनाने के लिए राशन देने का काम निबटाते।
तुम इसी प्रकार नीचे लिखे वाक्य को छोट-छोटे वाक्यों में बदलो- प्रथम भारतीय नौका अभियान दल विश्व की परिक्रमा करके 54,000 किलोमीटर की दूरी मापकर 470 दिन की ऐतिहासिक यात्रा के बाद 10 जनवरी, 1987 को 6.00 बजे मुंबई बंदरगाह पहुँचा।
उत्तर:
- प्रथम भारतीय नौका अभियान दल ने विश्व की परिक्रमा की।
- उन्होंने 54,000 किलोमीटर की दूरी मापी।
- उनकी यात्रा 470 दिनों तक चली।
- यह एक ऐतिहासिक यात्रा थी।
- वे 10 जनवरी, 1987 को सुबह 6.00 बजे मुंबई बंदरगाह पहुँचे।
सही उपसर्ग लगाओ–
अ, सु
ऊपर बॉक्स में दिए गए उपसर्ग लगाकर सार्थक शब्द बनाओ।
उत्तर:
(क) सफल + अ = असफल।
(ख) स्वागत + अ = अस्वागत।
(ग) विश्वास + सु = सुविश्वास।
(घ) कन्या + सु = सुकन्या।
(ङ) पुत्र + सु = सुपुत्र।
सही वाक्य
में, ने, को, का, के लिए, से, पर
तालिका में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों में भरो।
उत्तर:
(क) सीमा ने फल खाए।
(ख) रोहित का पेन नया है।
(ग) माँ-बच्चों के लिए मिठाई लाई।
(घ) हमने रस्सी पर कपड़े सुखाए।
(ङ) मैंने बैग में किताबें रखीं।
(च) पौधों को गमलों में रखो।
(छ) केरल जम्मू से बहुत दूर है।