Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 17 Solutions – वह सुबह कभी तो आएगी

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‘वह सुबह कभी तो आएगी’ रक्कियैया (सलमा) जी का एक मार्मिक निबंध है, जो भोपाल गैस त्रासदी के दर्दनाक अनुभवों को बयान करता है। यह पाठ आपको सलमा और उनके परिवार के संघर्ष, साहस और आशा की कहानी से रूबरू कराएगा। आप इस अध्याय से कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत बनाए रखने और परिवार के समर्थन की अहमियत को समझेंगे। यह कहानी आपको यह सिखाएगी कि विपत्तियों में भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहिए।

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 17 Solutions new

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 17 Solutions

अध्याय17. वह सुबह कभी तो आएगी
लेखकसलमा
विषयHindi (दूर्वा भाग 3)
कक्षा8वीं
बोर्डबिहार बोर्ड

अभ्यास

पाठ से

(क) सलमा का पहला कदम बीमारी में ही क्यों बढ़ा था?

उत्तर: सलमा बहुत छोटी थी जब भोपाल में गैस रिसाव की भयानक घटना हुई थी। इस दुर्घटना की वजह से वह बचपन से ही बीमार रहने लगी थी। उसे कई तरह की समस्याएँ थीं, जैसे गले से खून बहना, पैरों में छाले पड़ना, और शरीर पर लाल दाग। इन बीमारियों के बीच ही वह धीरे-धीरे बड़ी हुई और उसने चलना सीखा। जब सलमा ने पहला कदम उठाया, तब भी वह बीमार थी, इसलिए कहा गया कि उसका पहला कदम बीमारी में ही बढ़ा था।

(ख) सलमा अपनी अम्माँ से क्या कहती थी जिससे उसकी अम्माँ उसे मार देती थी?

उत्तर: सलमा की माँ की मानसिक स्थिति गैस त्रासदी के बाद बहुत खराब हो गई थी। वह हमेशा दरवाजे पर बैठकर सलमा के अब्बू का इंतज़ार करती थीं। वह सलमा से कहती थीं कि अब्बू जल्दी घर आएँगे और उनके लिए चाय तैयार करने को कहती थीं। कभी-कभी वह चिल्लाकर कहती थीं कि अब्बू की आहट सुनाई दी, वे आ गए। लेकिन सलमा अपनी माँ से कहती थी कि अब्बू अब इस दुनिया में नहीं हैं, क्योंकि वे गैस त्रासदी में मर चुके थे। यह सुनकर उसकी माँ गुस्सा हो जाती थीं और सलमा को डाँटती या मारती थीं।

(ग) सलमा ने ऐसा क्यों कहा कि मैं तो अब जीना चाहती हूँ?

उत्तर: सलमा ने आयुर्वेदिक दवाइयाँ लेना शुरू किया था, जिससे उसकी सेहत में बहुत सुधार होने लगा था। उसके पैरों के छाले ठीक हो रहे थे, पसलियों का दर्द कम हो गया था, चेहरे की सूजन, सिरदर्द, बदन दर्द, और गले से खून बहना भी बंद हो गया था। इन सबके कारण सलमा को पहली बार लगा कि वह पूरी तरह ठीक हो सकती है। उसे अब जीने की उम्मीद जागी थी, और वह खुश थी कि उसका जीवन बेहतर हो सकता है। इसलिए उसने कहा कि वह अब जीना चाहती है।

दुर्घटना

“मेरे अब्बू इस दुर्घटना के कारण खत्म हो गए, जब हम बहुत छोटे थे।”

ऊपर के वाक्य से पता चलता है कि सलमा के अब्बू किसी गैस दुर्घटना के कारण मर गए थे। दुर्घटना में कुछ लोगों को अपने शरीर के अंगों को गँवाना भी पड़ जाता है। तुम हवा, आग और पानी से होने वाली दुर्घटनाओं की एक सूची बनाओ। तुम इस सूची के आगे यह भी लिखो कि इसमें क्या-क्या नुकसान होता है।

उत्तर: हवा, आग और पानी से होने वाली दुर्घटनाएँ और उनके नुकसान:

हवा से होने वाली दुर्घटनाएँ:

  • तूफान: घरों का टूटना, पेड़ों का उखड़ना, बिजली के खंभे गिरना, और लोगों का घायल होना।
  • धूल भरी आँधी: सड़कों पर कम दिखाई देना जिससे दुर्घटनाएँ होती हैं, साँस लेने में परेशानी।

आग से होने वाली दुर्घटनाएँ:

  • घर में आग लगना: घर और सामान जलकर राख हो जाना, लोगों का घायल होना या जान का नुकसान।
  • शॉर्ट सर्किट से आग: बिजली के उपकरण खराब होना, आग का तेजी से फैलना, और संपत्ति का नुकसान।

पानी से होने वाली दुर्घटनाएँ:

  • बाढ़: फसलें और मकान नष्ट होना, पानी से होने वाली बीमारियाँ फैलना।
  • डूबने की घटना: लोगों की जान जाना, वाहन और सामान का पानी में बह जाना।

देखभाल

“हम उनसे कहते कि जब हम बड़े हो जाएँगे तो उनकी देखभाल करेंगे।” इस वाक्य को पढ़ो और बताओ कि-

(क) कौन किसकी देखभाल करना चाहता/चाहती है?

उत्तर: सलमा और उसकी जुड़वाँ बहन अपनी माँ की देखभाल करना चाहती हैं।

(ख) वह बड़ा/बड़ी होकर ही देखभाल करना क्यों चाहता/चाहती है?

उत्तर: सलमा और उसकी बहन अभी छोटी हैं और उनकी माँ की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वे चाहती हैं कि जब वे बड़ी हो जाएँगी, तो अपनी माँ को हर तरह का सुख और देखभाल दे सकेंगी।

(ग) क्या वह छोटे होने पर देखभाल नहीं कर सकता/सकती है?

उत्तर: छोटे होने पर सलमा और उसकी बहन पूरी तरह से अपनी माँ की देखभाल नहीं कर सकतीं, क्योंकि वे अभी खुद बीमार हैं और उनकी माँ की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है।

(घ) अगर वह छोटे होने पर भी देखभाल करेगा/करेंगी तो क्या हो सकता है?

उत्तर: अगर सलमा छोटी उम्र में अपनी माँ की देखभाल करने की कोशिश करेगी, तो उसे बहुत मुश्किल होगी। उसकी अपनी बीमारी और छोटी उम्र के कारण वह ठीक से देखभाल नहीं कर पाएगी, और इससे उसकी माँ की हालत और बिगड़ सकती है।

निबंध या संस्मरण

इस पाठ में भोपाल गैस त्रासदी का वर्णन हुआ है, जिसे इस त्रासदी को सहने वाली सलमा ने ‘वह सुबह कभी तो आएगी’ शीर्षक से लिखा है। अब तुम बताओ कि-

(क) तुम इसे निबंध या संस्मरण में से क्या कह सकते हो और क्यों?

उत्तर: यह एक संस्मरण है। इसमें सलमा ने अपनी जिंदगी की सच्ची घटनाओं और अनुभवों को लिखा है, जो भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े हैं। संस्मरण में व्यक्ति अपनी यादों और अनुभवों को बयान करता है, और यही इस पाठ में हुआ है।

(ख) अगर इसे कोई कहानी कहे तो क्या होगा?

उत्तर: इसे कहानी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह सलमा की जिंदगी की सच्ची घटना पर आधारित है। कहानी में काल्पनिक बातें होती हैं, लेकिन यहाँ सब कुछ वास्तविक है।

(ग) मान लो कि अगर तुम इसे लिखते तो इसका क्या शीर्षक देते और क्यों?

उत्तर: अगर मैं इसे लिखता, तो शीर्षक रखता “एक त्रासदी की कहानी”। यह शीर्षक इसलिए क्योंकि यह पाठ भोपाल गैस त्रासदी के दुखद अनुभवों को दर्शाता है, और साथ ही सलमा की हिम्मत और उम्मीद की कहानी भी बताता है।

पंक्ति और शीर्षक

‘वह सुबह कभी तो आएगी’ यह इस पाठ का शीर्षक है। साथ ही यह साहिर लुधयानवी के ‘गीत’ की पंक्ति भी है। इस तरह तुम कुछ अन्य गीतों, कविताओं, लेखों, कहानियों और प्रसिद्ध लोगों के विचारों आदि की किसी पंक्ति का चयन कर उसकी सूची बनाओ जिस पर अपने विचारों को लिख सकते हो और वह तुम्हारे लेख के लिए सही शीर्षक हो सकता है।

उत्तर: यहाँ कुछ गीतों, कविताओं और विचारों की पंक्तियाँ दी गई हैं, जो लेख के शीर्षक के लिए उपयुक्त हो सकती हैं:

  • “आंधियों से जंग लड़ने का हुनर सीख ले” (कविता से) – यह हिम्मत और मुश्किलों से लड़ने की प्रेरणा देता है।
  • “हर पल यहाँ जी भर जियो” (गीत से) – यह जीवन को पूरी तरह जीने की प्रेरणा देता है।
  • “उम्मीद पे दुनिया कायम है” (लोकप्रिय कहावत) – यह आशा और विश्वास का प्रतीक है।
  • “मंजिलें और भी हैं” (कविता से) – यह लक्ष्य की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है।
  • “जो बीत गई सो बात गई” (कविता से) – यह अतीत को भूलकर आगे बढ़ने का संदेश देता है।

भेंट-मुलाकात

तुम्हारी भेंट मुलाकात अक्सर कुछ ऐसे लोगों से भी होती होगी या हो सकती है जिनकी आँखें नहीं होती, जो बोल और सुन नहीं सकते। कुछ वैसे भी लोग होंगे या हो सकते हैं जो हाथ-पैर या अपने किसी अन्य अंग से सामान्य मनुष्य की तरह काम नहीं कर सकते।

(क) यदि तुम्हें किसी गूंगे व्यक्ति से कुछ समझना हो तो क्या करोगे?

उत्तर: अगर मुझे किसी गूंगे व्यक्ति से कुछ समझना हो, तो मैं उनके इशारों को ध्यान से देखूँगा। अगर वे पढ़े-लिखे हैं, तो मैं उन्हें कागज़ पर लिखने को कह सकता हूँ। अगर वे लिख नहीं सकते, तो मैं उनके संकेतों या चित्रों के माध्यम से समझने की कोशिश करूँगा।

(ख) यदि तुम्हें किसी बहरे व्यक्ति को कुछ बताना हो तो क्या करोगे?

उत्तर: किसी बहरे व्यक्ति को कुछ बताने के लिए मैं लिखकर या इशारों से अपनी बात समझाऊँगा। अगर जरूरी हो, तो मैं आसान शब्दों में लिखकर या चित्र बनाकर समझाने की कोशिश करूँगा।

(ग) यदि तुम्हें किसी अंधे व्यक्ति को कुछ बताना हो तो क्या करोगे?

उत्तर: अंधे व्यक्ति सुन सकते हैं, इसलिए मैं अपनी बात को स्पष्ट और आसान शब्दों में बोलकर समझाऊँगा। अगर कुछ दिखाने की जरूरत हो, तो मैं उनके हाथों से चीज़ को छूकर या उसका वर्णन करके समझाऊँगा।

(घ) किसी ऐसे व्यक्ति के साथ खेलने का अवसर मिल जाए जो चल फिर नहीं सकता हो तो क्या करोगे?

उत्तर: अगर मुझे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ खेलना हो जो चल-फिर नहीं सकता, तो मैं ऐसे खेल चुनूँगा जिनमें शारीरिक गतिविधि की जरूरत न हो, जैसे शतरंज, कैरम, या कार्ड गेम। इन खेलों में हम दोनों मज़े से शामिल हो सकते हैं।

उपाय

नीचे कुछ दुर्घटनाओं के बारे में लिखा हुआ है; जैसे-

(क) सड़क दुर्घटना – सड़क पर होती है।
(ख) ट्रेन दुर्घटना – ट्रेन की पटरी पर होती है।
(ग) हवाई दुर्घटना – धरती या आसमान कहीं भी हो सकती है।
(घ) नौका दुर्घटना – जल में हो सकती है।

इनके कारणों में मानवीय भूल, जानबूझकर और प्राकृतिक रूप से संबंधित कोई भी कारण हो सकता है। मान लो कि तुम्हारे आस-पास ऐसी कोई भी दुर्घटना घट जाती है तो तुम क्या-क्या करोगे?

(क) क्या तुम स्वयं को बचाओगे?

उत्तर: हाँ, सबसे पहले मैं अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करूँगा। अगर मैं सुरक्षित रहूँगा, तभी दूसरों की मदद कर पाऊँगा। उदाहरण के लिए, अगर आग लगी हो, तो मैं सुरक्षित जगह पर जाऊँगा।

(ख) किसी और को बचाओगे?

उत्तर: अगर मैं सुरक्षित हूँ और कोई दूसरा व्यक्ति खतरे में है, तो मैं उसकी मदद करूँगा। जैसे, अगर कोई घायल है, तो मैं उसे सुरक्षित जगह ले जाऊँगा या प्राथमिक उपचार दूँगा।

(ग) किसी अन्य को बचने और बचाने का उपाय बताओगे?

उत्तर: मैं लोगों को शांत रहने और सही दिशा में जाने के लिए कहूँगा। जैसे, अगर आग लगी हो, तो मैं निकास मार्ग की ओर इशारा करूँगा और उन्हें जल्दी से बाहर निकलने को कहूँगा।

(घ) किसी अन्य को उस दुर्घटना के बारे में बताओगे और बुलाओगे?

उत्तर: हाँ, मैं तुरंत पुलिस, एंबुलेंस, या दमकल विभाग को फोन करके सूचना दूँगा। साथ ही, आस-पास के लोगों को मदद के लिए बुलाऊँगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बचाए जा सकें।

(ङ) क्या तुम चुपचाप रह जाओगे?

उत्तर: नहीं, मैं चुप नहीं रहूँगा। मैं सक्रिय रूप से मदद करूँगा, क्योंकि किसी की जान बचाना और मुश्किल में मदद करना मेरा कर्तव्य है।
कारण: एक ज़िम्मेदार व्यक्ति के रूप में, मुझे दूसरों की मदद करनी चाहिए। अगर मैं चुप रहूँगा, तो शायद कोई और भी चुप रहे, और इससे नुकसान बढ़ सकता है। मदद करना हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है।

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