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‘बूढ़ी अम्मा की बात’ एक प्रेरक लोककथा है, जो किसान गोमा मोरी और बूढ़ी अम्मा की सलाह की कहानी बयान करती है। इस पाठ से आप धैर्य, विश्वास और मेहनत के महत्व को समझेंगे। कहानी में गोमा को सूखे के समय में भी खेत जोतने की सलाह मिलती है, जो बाद में बारिश के साथ फलदायी साबित होती है। यह पाठ आपको बुजुर्गों की सलाह की कीमत और प्रकृति पर भरोसा करने की सीख देगा।

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 16 Solutions
Contents
| अध्याय | 16. बूढ़ी अम्मा की बात |
| लेखक | संकलित |
| विषय | Hindi (दूर्वा भाग 3) |
| कक्षा | 8वीं |
| बोर्ड | बिहार बोर्ड |
अभ्यास
पाठ से
(क) लोककथा में गोमा बिना खेत जोते अपने बैलों को हाँककर घर की ओर क्यों चल पड़ा?
उत्तर: गोमा बिना खेत जोते बैलों को हाँककर घर की ओर इसलिए चल पड़ा क्योंकि तीन साल से बारिश बहुत कम हुई थी। न फसल उगी थी, न बैलों के लिए चारा था। इस साल भी आषाढ़ का महीना सूखा बीत गया। उसे बारिश की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी। उसने सोचा कि खेत जोतने का क्या फायदा, इसलिए वह बैलों को लेकर घर लौट गया।
(ख) गोमा को पेड़ के नीचे बैठा देखकर बूढ़ी अम्मा ने उससे क्या कहा?
उत्तर: बूढ़ी अम्मा ने गोमा से कहा, “यह खेत जोतने का समय है और तुम यहाँ पेड़ के नीचे आराम कर रहे हो। बारिश तुम्हारे हाथ में नहीं है, यह प्रकृति का काम है। जब समय आएगा, बारिश जरूर होगी। तुम्हारा काम है खेत को जोतकर तैयार करना। तुम अपना काम करो, प्रकृति अपना काम खुद कर लेगी।”
(ग) गोमा ने अपने खेतों को क्यों जोता?
उत्तर: बूढ़ी अम्मा की बातों से गोमा को थोड़ी उम्मीद जगी। उनकी सलाह ने उसे हिम्मत दी। अगले दिन वह उत्साह के साथ अपने खेत जोतने चला गया।
क्या होता अगर
(क) गोमा खेतों को तैयार न करता?
उत्तर: अगर गोमा खेतों को तैयार न करता, तो तीन साल बाद हुई बारिश का पानी उसके खेतों में नहीं ठहरता। खेत बंजर रह जाते और कोई फसल नहीं उगती।
(ख) गोमा को बूढ़ी अम्मा नहीं मिलती?
उत्तर: अगर गोमा को बूढ़ी अम्मा नहीं मिलती, तो वह निराश रहता और खेत जोतने का हौसला नहीं करता। वह शायद खेती छोड़ देता।
(ग) बूढ़ी अम्मा की बात पर गोमा ध्यान न देता?
उत्तर: अगर गोमा बूढ़ी अम्मा की बात न मानता, तो वह हिम्मत हार जाता। वह खेत नहीं जोतता और बारिश होने पर भी उसके खेत बेकार रहते।
(घ) इस साल भी वर्षा न होती?
उत्तर: अगर इस साल भी बारिश न होती, तो सूखा पड़ता। फसलें नहीं उगतीं, अनाज की कमी हो जाती और गाँव वालों को बहुत परेशानी होती।
वर्षा कैसे हो!
(क) बूढ़ी अम्मा ने वर्षा न होने का क्या कारण बताया था?
उत्तर: बूढ़ी अम्मा ने कहा कि बहुत सारे पेड़ काट दिए गए हैं। इस वजह से हरियाली कम हो गई है। अगर पेड़ ज्यादा होते, तो बारिश समय पर और अच्छी होती।
(ख) क्या तुम बूढ़ी अम्मा की बात से सहमत होते? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
उत्तर: हाँ, मैं बूढ़ी अम्मा की बात से सहमत हूँ। पेड़ बारिश लाने में मदद करते हैं। वे बादल बनाते हैं और जमीन को नम रखते हैं। पेड़ कम होने से बारिश भी कम होती है।
गाँव और पशु
(क) “इस वर्ष भी आषाढ़ सूखा ही रहा।”
लोककथा से जाहिर होता है कि गोमा के गाँव में तीन साल से वर्षा नहीं हुई थी। वर्षा न होने के कारण उनके गाँव के बैलों, खेतों और पेड़ों में क्या बदलाव आए होंगे?
उत्तर: तीन साल तक बारिश न होने से गाँव की हालत खराब हो गई थी। खेत सूखकर बंजर हो गए थे। पेड़-पौधे मुरझा गए थे। बैलों को चारा नहीं मिला, जिससे वे कमजोर और भूखे हो गए थे।
(ख) “सवेरे सवेरे अपने पशुओं की ये आवाज़ें सुनने के लिए उसके कान तरस गए थे।”
गोमा ने बहुत समय बाद अपने पशुओं की वे आवाज़ें सुनी थीं। क्यों?
उत्तर: गोमा ने बहुत समय बाद अपने पशुओं की आवाजें सुनीं क्योंकि बारिश की कमी से जानवर उदास और चुप रहते थे। जब बादल आए और बारिश की उम्मीद जगी, तो गायें खुशी से रंभाने लगीं और बकरियाँ मिमियाने लगीं।
सोचने की बात
बूढ़ी अम्मा ने कहा, “वर्षा अवश्य होगी।”
(क) तुम्हारे विचार से बूढ़ी अम्मा ने गोमा से यह बात क्यों कही?
उत्तर: बूढ़ी अम्मा ने यह बात इसलिए कही ताकि गोमा निराश न हो और मेहनत करता रहे। वे उसे हिम्मत देना चाहती थीं कि वह अपना काम जारी रखे।
(ख) क्या उन्हें मालूम था कि इस साल वर्षा होगी? या उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर केवल अंदाजा लगाया था?
उत्तर: बूढ़ी अम्मा को पक्का नहीं मालूम था कि इस साल बारिश होगी। उन्होंने अपने अनुभव और समझ से यह अंदाजा लगाया था।
(ग) वर्षों और पेड़ों के संबंधों के बारे में सोचो। पाँच-पाँच बच्चों के समूह बताकर इस बारे में बातचीत करो। फिर सबको अपने समूह के विचार बताओ।
उत्तर: पेड़ और बारिश का गहरा रिश्ता है। पेड़ बादल बनाते हैं, जिससे बारिश होती है। बारिश से पेड़ों को पानी मिलता है और वे हरे-भरे रहते हैं। अगर पेड़ कम हों, तो बारिश भी कम होती है। पाँच बच्चों के समूह में इस बारे में बात करें और अपने विचार साझा करें।
कैसा था गोमा
सही शब्दों पर गोला लगाओ-
कामचोर, आलसी, मेहनती, भोला-भाला, मूर्ख, समझदार, गरीब, अमीर, कमजोर, लगन का पक्का
उत्तर: मेहनती, भोला-भाला, समझदार, गरीब, लगन का पक्का
अब अपने उत्तर का कारण नीचे लिखो
उत्तर: मेरे विचार से गोमा मेहनती व्यक्ति था क्योंकि वह मुश्किल हालात में भी हार नहीं माना। बूढ़ी अम्मा की सलाह मानकर उसने खेत जोते और अपने काम को पूरी लगन से किया।
डाँवाडोल
“कई बार उसका मन डाँवाडोल भी हुआ।”
गोमा खेतों में काम करने जा रहा था। कई बार उसने घर लौट जाने की बात भी सोची। तुम्हारा मन भी ज़रूर कभी डाँवाडोल होता होगा? ऐसा कब-कब होता है? अपने ढंग से सोचकर इस सूची को पूरा करो।
(क) जब खूब नींद आ रही हो और दोस्त खेलने को बुलाने लगे।
उत्तर: मन करता है सोने का, लेकिन दोस्तों के साथ खेलने का भी मन होता है।
(ख) जब पढ़ाई करनी हो और टीवी पर अच्छा प्रोग्राम आ रहा हो।
उत्तर: पढ़ाई करने का मन नहीं होता, लेकिन टीवी देखने की इच्छा होती है।
(ग) जब माँ कुछ काम करने को कहे और दोस्त बाहर खेल रहे हों।
उत्तर: काम करने का मन नहीं होता, लेकिन दोस्तों के साथ खेलने का मन करता है।
(घ) जब बारिश हो रही हो और स्कूल जाना पड़े।
उत्तर: घर पर रहने का मन करता है, लेकिन स्कूल जाना जरूरी होता है।
(ङ) जब होमवर्क करना हो और मन खाने का करे।
उत्तर: होमवर्क करने का मन नहीं होता, लेकिन कुछ खाने की इच्छा होती है।
खेती
इस लोककथा में खेती से संबंधित अनेक शब्द आए हैं। उनकी सूची बनाओ। फिर उन्हें वर्णमाला के क्रम से लिखो।
उत्तर:
खेती से संबंधित शब्द:
किसान, खेत, गाय, जोतना, जोड़ी बैल, धरती, फसलें, मेंड, वर्षा, हल
वर्णमाला के क्रम में:
किसान, खेत, गाय, जोड़ी बैल, जोतना, धरती, फसलें, मेंड, वर्षा, हल
तुम्हारी लोककथा
यह मालवा (मध्यप्रदेश) की एक लोककथा है। तुम्हारे प्रांत की भाषा/बोली में भी कुछ लोककथाएँ होंगी जिसे लोग सुनते-सुनाते होंगे। उनमें से तुम अपनी पसंद की किसी लोक कथा को अपनी कॉपी में लिखो और अपने मित्रों को सुनाओ।
उत्तर: विद्यार्थी अपनी पसंद की कोई बिहारी लोककथा, जैसे “राजा भोज और गंगू तेली” या “लोरिक और मंजरी” की कहानी लिखें और दोस्तों को सुनाएँ।
किसका काम
तुम गीत-गाने, किस्सा-कहानी को सुनने के अलावा फ़िल्में भी देखते होगे। अब तुम पता करो कि-
(क) लोकगीतों और लोककथाओं को कौन-कौन लोग बनाते और गाते हैं?
उत्तर: लोकगीत और लोककथाएँ गाँव के लोग, जैसे किसान, बूढ़े-बुजुर्ग, और लोक कलाकार बनाते और गाते हैं। आजकल कुछ शास्त्रीय गायक भी इन्हें गाते हैं।
(ख) क्या लोककथाओं पर भी नाटक या सिनेमा बना है? कुछ के नाम बताओ।
उत्तर: हाँ, लोककथाओं पर नाटक और सिनेमा बने हैं। जैसे, “पहेली” और “पान सिंह तोमर”।
अपनी भाषा
नीचे लिखे वाक्यों को अपने ढंग से सार्थक रूप में तुम जिस तरह भी लिख सकते हो वैसे लिखो।
(क) उसने बादलों को जी भर निहारा।
उत्तर: उसने बादलों को मन भरकर देखा।
(ख) वर्षा की कोई आशा नहीं बँध रही थी।
उत्तर: बारिश की कोई उम्मीद नहीं थी।
(ग) गोमा ने फिर हिम्मत बटोरी।
उत्तर: गोमा ने फिर से हौसला जुटाया।
(घ) उसने घर की राह पकड़ ली।
उत्तर: उसने घर का रास्ता लिया।
(ङ) वर्षा बरसाना तुम्हारे हाथ में नहीं है।
उत्तर: बारिश कराना तुम्हारे बस में नहीं है।
बहुमूल्य सामान
खेती से प्राप्त होने वाले बहुमूल्य सामानों की सूची बनाओ और उस सूची में से जो सामान तुम्हारे प्रदेश की खेती से प्राप्त होता है उसका भी अलग से उल्लेख करो।
उत्तर:
खेती से प्राप्त होने वाले बहुमूल्य सामान:
- अनाज: गेहूँ, चावल, मक्का, जौ, बाजरा
- दालें: चना, मसूर, अरहर, मूंग, उड़द
- मसाले: हल्दी, मिर्च, धनिया, जीरा
- फल: आम, केला, अमरूद, लीची, सेब
- फाइबर फसलें: जूट, कपास
- अन्य: गन्ना, तिलहन, सरसों
बिहार की खेती से प्राप्त होने वाले प्रमुख सामान:
- अनाज: चावल, गेहूँ, मक्का
- दालें: मसूर, अरहर
- फल: लीची, आम, केला
- अन्य: जूट, गन्ना, सरसों, तिलहन