Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 13 Solutions – अन्याय के खिलाफ

Free Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 13 Solutions are available here. Get all written question answers for chapter 13 – “अन्याय के खिलाफ”. It follows the new syllabus and book of BSEB Class 8 Hindi.

‘अन्याय के खिलाफ’ चकमक सेन की एक प्रेरणादायक कहानी है, जो आंध्र प्रदेश के आदिवासियों के साहसिक संघर्ष को दर्शाती है। यह पाठ श्रीराम राजू के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ लड़े गए आंदोलन की कहानी बताता है। आप इस अध्याय से साहस, दृढ़ता और अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा लेंगे। यह कहानी आपको सिखाएगी कि अन्याय को चुपचाप सहन नहीं करना चाहिए।

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 13 Solutions new

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 13 Solutions

अध्याय13. अन्याय के खिलाफ
लेखकचकमक से
विषयHindi (दूर्वा भाग 3)
कक्षा8वीं
बोर्डबिहार बोर्ड

अभ्यास

पाठ से

(क) आंध्र के घने जंगलों में रहने वाले आदिवासियों के बीच अपना हक जमाने के लिए अंग्रेजों ने क्या किया?

उत्तर: आंध्र के घने जंगलों में रहने वाले आदिवासियों पर अपना अधिकार जमाने के लिए अंग्रेजों ने सख्त आदेश दिया कि दो दिन के अंदर जंगल में सड़क बनाने का काम शुरू होगा। उन्होंने कहा कि सभी आदिवासियों को इस काम में हिस्सा लेना होगा, और जो नहीं आएगा, उसे सजा दी जाएगी। जब आदिवासियों ने पूछा कि उन्हें इस काम के बदले क्या मिलेगा, तो अंग्रेजों ने कड़क आवाज में जवाब दिया, “नौकर का काम आदेश मानना है, सवाल पूछना नहीं।” इस तरह, अंग्रेजों ने डर और दबाव से आदिवासियों को अपने कब्जे में करने की कोशिश की।

(ख) श्री राम राजू कौन था? उसने अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण क्यों किया?

उत्तर: श्री राम राजू आंध्र प्रदेश के जंगलों में रहने वाला एक बहादुर और क्रांतिकारी साधु था। वह आदिवासियों का नेता था और उनके दुख-दर्द को अच्छे से समझता था। उसने देखा कि अंग्रेज आदिवासियों पर बहुत जुल्म कर रहे हैं। श्री राम राजू को लगा कि अगर वह अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण कर दे, तो शायद अंग्रेज निर्दोष आदिवासियों को सताना बंद कर देंगे। इसलिए, उसने अपनी जान की परवाह न करते हुए खुद को अंग्रेजों के हवाले कर दिया।

(ग) अंग्रेजों से लड़ने के लिए कोया आदिवासी क्या-क्या करते थे?

उत्तर: कोया आदिवासी अंग्रेजों से बहुत चतुराई और बहादुरी से लड़े। जब अंग्रेजी सेना जंगल की तंग पगडंडियों से गुजरती थी, तो कोया आदिवासी जंगल में छिप जाते थे। वे पहले भारतीय सिपाहियों को जाने देते थे, लेकिन जैसे ही अंग्रेज कमांडर या सार्जेंट दिखता, वे उन पर सटीक निशाना लगाकर हमला करते। उनके इस विद्रोह से अंग्रेजी सरकार इतनी डर गई थी कि श्री राम राजू और उसके साथियों के आने की खबर सुनते ही पुलिसवाले अपनी चौकियों को छोड़कर भाग जाते थे।

(घ) कोया आदिवासियों के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम क्यों कहना चाहिए?

उत्तर: कोया आदिवासियों ने अंग्रेजों के जुल्म और गुलामी के खिलाफ डटकर मुकाबला किया। वे अपनी जमीन, जंगल और आजादी को बचाने के लिए लड़े। उनका यह संघर्ष देश को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त करने की लड़ाई का हिस्सा था। इसलिए, उनके इस विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम कहना बिल्कुल ठीक है।

गाँधीजी की बात

“भारत के लोगों को अंग्रेज सरकार का सहयोग नहीं करना चाहिए और उनका काम बंद कर देना चाहिए। अगर कोई अंग्रेज अन्याय करेगा तो हम अन्याय सहने से इंकार करेंगे।”

ऊपर श्रीराम राजू द्वारा आदिवासियों से गाँधी जी की कही हुई बात का उल्लेख हुआ है। गाँधी जी ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए बहुत सारी बातें कही थी। यह सब तुम्हें गाँधी जी पर लिखी गई किताबों, फिल्मों और अन्य जगहों पर मिल सकता है। तुम उनकी कही हुई बातों में जो बहुत महत्वपूर्ण समझो उसको अपने साथियों को बताओ।

उत्तर: गाँधीजी की एक बहुत महत्वपूर्ण बात थी, “सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर हम आजादी हासिल कर सकते हैं।” इसका मतलब है कि हमें सच का साथ देना चाहिए और बिना हिंसा के, शांति से अंग्रेजों के खिलाफ लड़ना चाहिए। गाँधीजी कहते थे कि अगर हम एकजुट होकर अंग्रेजी सामान का बहिष्कार करें और स्वदेशी वस्तुएं अपनाएं, तो हम अंग्रेजों को कमजोर कर सकते हैं। मैं अपने साथियों को यही बताऊंगा कि हमें गलत के खिलाफ साहस और शांति के साथ खड़ा होना चाहिए।

(विद्यार्थी अपनी पसंद की गाँधीजी की कोई और बात भी चुन सकते हैं और उसे अपने शब्दों में समझाकर लिख सकते हैं।)

देशभक्तों के नाम

तुमने इस पाठ में भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले दो व्यक्तियों के नामों को जाना। एक गाँधी जी और दूसरा श्रीराम राजू। पता करो कि भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वालों में तुम्हारे प्रदेश से कौन-कौन व्यक्ति थे। उनमें से किसी एक के बारे में कक्षा में चर्चा करो।

उत्तर: बिहार में भारत की आजादी के लिए कई वीरों ने संघर्ष किया। इनमें से एक थे डॉ. राजेंद्र प्रसाद। वे बिहार के सिवान जिले के जीरादेई गांव के रहने वाले थे। राजेंद्र प्रसाद गाँधीजी के साथ स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए और उन्होंने असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे बहुत पढ़े-लिखे थे और लोगों को एकजुट करने में उनकी बातों का बहुत असर होता था। बाद में वे भारत के पहले राष्ट्रपति बने। मैं कक्षा में उनके बारे में बताऊंगा कि कैसे उन्होंने बिना हिंसा के देश की आजादी के लिए काम किया।

(विद्यार्थी अपने हिसाब से बिहार के किसी अन्य स्वतंत्रता सेनानी, जैसे जयप्रकाश नारायण या बाबू कुंवर सिंह, के बारे में भी लिख सकते हैं।)

क्या ठीक होगा?

(i) “दो दिन में जंगल में सड़क बनाने का काम शुरू होगा। तुम सब लोगों को इस काम पर पहुँचना है। अगर नहीं पहुंचे तो ठीक नहीं होगा।”

(ii) “काम करेंगे तो बदले में क्या मिलेगा।”

ऊपर के कथनों में पहला कथन तहसीलदार वेस्टीयन का है जो आदिवासियों के गाँवों में जाकर चिल्ला-चिल्लाकर बोला था और दूसरा कथन आदिवासियों में से किसी का है जो तहसीलदार से पूछना चाहता था। अब तुम सोचकर बताओ कि-

(क) तुम्हारे विचार से बेस्टियन का कथन ठीक होगा?

उत्तर: मेरे विचार से तहसीलदार बेस्टियन का कथन बिल्कुल ठीक नहीं है। वह आदिवासियों को डराकर और धमकाकर उनसे जबरदस्ती काम करवाना चाहता था। यह गलत और अन्यायपूर्ण है। किसी को डराकर काम करवाना सही नहीं होता।

(ख) आदिवासियों में से किसी के द्वारा कहा गया वह कथन कैसा है? तुम्हारे विचार से क्या ठीक होगा?

उत्तर: आदिवासियों का यह सवाल कि “काम करेंगे तो बदले में क्या मिलेगा?” बिल्कुल सही और जायज है। हर इंसान को अपने काम का उचित मेहनताना मिलना चाहिए। अगर मैं उनकी जगह होता, तो शायद मैं यूं कहता, “हम मेहनत करेंगे, लेकिन हमें इसके बदले उचित मजदूरी और सम्मान चाहिए।” यह सवाल और भी स्पष्ट और सही तरीके से अपनी बात रखता।

पता करो

(i) सड़क बनाने में किन-किन सामानों की जरूरत होती है? पता करके लिखो।

उत्तर: सड़क बनाने के लिए इन चीजों की जरूरत होती है:

  • रेत
  • गिट्टी (रोड़ी)
  • सीमेंट
  • डामर (तारकोल)
  • फावड़ा
  • कुदाल
  • रोड रोलर
  • पानी
  • लोहे की छड़ें (कुछ खास सड़कों के लिए)

(ii) इन प्रदेशों में कौन-कौन से आदिवासी रहते हैं? पता करके लिखो।

(क) झारखंड:

उत्तर: संथाल, मुंडा, उरांव, हो, खड़िया, बिरहोर, असुर।

(ख) छत्तीसगढ़:

उत्तर: गोंड, बैगा, हल्बा, मुरिया, कोरवा, भतरा, कमार।

(ग) उड़ीसा:

उत्तर: संथाल, गोंड, कोंध, सौरा, बोंडा, मुंडा, भूमिज।

(घ) मिजोरम:

उत्तर: मिजो, लुशाई, चकमा, रियांग, पाईते, ह्मार।

(ङ) अंडमान निकोबार द्वीप समूह:

उत्तर: जारवा, ओंगे, सेंटिनली, निकोबारी, शॉम्पेन, ग्रेट अंडमानी।

तुम्हारे विचार से

(क) राजू हाई स्कूल तक पढ़ाई करने के बाद जंगलों में रहने क्यों आया होगा?

उत्तर: मेरे विचार से श्री राम राजू हाई स्कूल तक पढ़ाई करने के बाद जंगलों में इसलिए आए होंगे क्योंकि वे आदिवासियों की तकलीफों को देखकर बहुत दुखी थे। पढ़ाई ने उन्हें अंग्रेजों के जुल्म और अन्याय को समझने में मदद की। वे साधु का भेष धरकर आदिवासियों के बीच गए ताकि उन्हें एकजुट करके अंग्रेजों के खिलाफ लड़ सकें और उनकी आजादी की रक्षा कर सकें।

(ख) राजू के शहीद होने का आदिवासियों के आंदोलन पर क्या असर हुआ होगा?

उत्तर: श्री राम राजू के शहीद होने से आदिवासियों का मनोबल कुछ समय के लिए कमजोर हो गया होगा। वे बहुत दुखी और निराश हुए होंगे क्योंकि राजू उनका नेता और प्रेरणा का स्रोत था। लेकिन उनके बलिदान ने आदिवासियों में आजादी की भावना को और मजबूत किया होगा। उनके शहीद होने की कहानी ने शायद और लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया होगा।

खोजबीन

“लोगों की बंदूकों के कारतूस खत्म हो गए।”

ऊपर का यह वाक्य इसी पाठ का है जिसमें आदिवासियों के द्वारा बंदूकों व कारतूसों के प्रयोग का भी प्रमाण मिलता है। इस पाठ की खोजबीन करो तो पाओगे कि आदिवासी “पुलिस चौकियों या सेना पर हमला कर देते थे और उनके अस्त्र–शस्त्र लूटकर भाग जाते थे। अब तुम ज़रूर समझ गए होंगे कि आदिवासियों में बंदूकों व कारतूसों का प्रयोग कैसे किया। ‘कारतूसों ने सन् 1857 में स्वतंत्रता की चिंगारी को फैलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। समूह बनाकर इसके बारे में खोजबीन करो। कक्षा के प्रत्येक समूह में से एक प्रतिनिधि सबको अपनी खोजबीन के बारे में बताएगा।

उत्तर: 1857 का स्वतंत्रता संग्राम भारत का पहला बड़ा विद्रोह था। इसकी शुरुआत तब हुई जब अंग्रेजों ने सिपाहियों को नई राइफल के लिए कारतूस दिए, जिनके बारे में कहा गया कि वे गाय और सुअर की चर्बी से बने हैं। इससे हिंदू और मुस्लिम सिपाहियों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं, क्योंकि कारतूस को मुंह से काटना पड़ता था। इस बात से गुस्साए सिपाहियों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया। मंगल पांडे जैसे सिपाहियों ने इसकी शुरुआत की, और जल्द ही यह विद्रोह पूरे देश में फैल गया। कोया आदिवासियों ने भी ऐसी रणनीति अपनाई। वे पुलिस चौकियों पर हमला करके बंदूकें और कारतूस लूट लेते थे और फिर जंगल में छिपकर अंग्रेजों पर हमला करते थे।

मेरे समूह ने यह भी पाया कि 1857 के विद्रोह में झांसी की रानी, तात्या टोपे और नाना साहब जैसे लोग भी शामिल थे।

(विद्यार्थी अपनी खोज के आधार पर और जानकारी जोड़ सकते हैं।)

मुहावरे

नीचे लिखे वाक्यों में मुहावरों का प्रयोग किया गया है। इन्हीं मुहावरों का प्रयोग करते हुए तुम कुछ नए वाक्य बनाओ।

(क) एक सिपाही ने उसका काम तमाम कर दिया।

उत्तर: चोर ने रात में दुकान में घुसकर सारा सामान चुराकर दुकानदार का काम तमाम कर दिया।

(ख) आदिवासियों की हिम्मत जवाब देने लगी।

उत्तर: बार-बार हारने के बाद खिलाड़ी की हिम्मत जवाब देने लगी।

(ग) अंग्रेजों ने अपने दांतों तले उंगली दबा ली।

उत्तर: छोटे बच्चे की नाचने की कला देखकर सबने अपने दांतों तले उंगली दबा ली।

(घ) किसी को कानों-कान खबर न हो।

उत्तर: हमने सरप्राइज पार्टी की ऐसी योजना बनाई कि किसी को कानों-कान खबर न हुई।

(ङ) अंग्रेज सरकार के छक्के छूट गए।

उत्तर: स्कूल की फुटबॉल टीम ने इतना शानदार खेल दिखाया कि विपक्षी टीम के छक्के छूट गए।

(च) अंग्रेजों के होश उड़ गए।

उत्तर: भूत की कहानी सुनकर बच्चों के होश उड़ गए।

(छ) भारतीय सैनिकों का बाल बांका न होने पाए।

उत्तर: माँ ने अपने बच्चों की ऐसी देखभाल की कि उनका बाल बांका न होने पाया।

‘मन और मन’

(क) आदिवासियों के साथ मन-मर्जी नहीं की जा सकती।

उसके पास कई मन गेहूं था।

ऊपर के पहले वाक्य में ‘मन’ का मतलब है दिल, हृदय।
दूसरे वाक्य में ‘मन’ नाप-तौल का एक शब्द है। इस तरह मन के दो अर्थ हैं। ऐसे शब्दों को अनेकार्थक शब्द कहते हैं। नीचे दिए गए शब्दों को पढ़ो और वाक्य बनाओ।

उत्तर:

सोना – सो जाना (नींद), स्वर्ण (एक धातु)

  • नींद: रात को थकान के बाद माँ गहरी नींद में सो गई।
  • स्वर्ण: राजू ने मेले में स्वर्ण की अंगूठी खरीदी।

उत्तर – एक दिशा, जवाब

  • दिशा: सूरज हमेशा उत्तर दिशा में नहीं उगता।
  • जवाब: शिक्षक ने सवाल का सही जवाब देने वाले को शाबाशी दी।

हार – पराजय (हार जाना), माला

  • पराजय: क्रिकेट मैच में हमारी टीम को हार का सामना करना पड़ा।
  • माला: पूजा के लिए मंदिर में फूलों की माला लाई गई।

वचन बदलो

(क) सिपाही ने राजू पर गोली चलाई।

उत्तर: सिपाहियों ने राजू पर गोलियां चलाईं।

(ख) उगी हुई फसल को जलाया जाने लगा।

उत्तर: उगी हुई फसलों को जलाया जाने लगा।

(ग) आदिवासी की हिम्मत जवाब दे गई।

उत्तर: आदिवासियों की हिम्मत जवाब दे गई।

(घ) आगे से यह सवाल मत पूछना।

उत्तर: आगे से ये सवाल मत पूछना।

समझाकर रूप बदलो

भाववाचक संज्ञा से विशेषण बनाओ।

घमंड – घमंडी

(i) हिम्मत।

उत्तर: हिम्मत – हिम्मती।

(ii) साहस।

उत्तर: साहस – साहसी।

(iii) स्वार्थ।

उत्तर: स्वार्थ – स्वार्थी।

(iv) अत्याचार।

उत्तर: अत्याचार – अत्याचारी।

(v) विद्रोह।

उत्तर: विद्रोह – विद्रोही।

Leave a Comment

WhatsApp Icon
X Icon