Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 12 Solutions – आषाढ़ का पहला दिन

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‘आषाढ़ का पहला दिन’ भवानी प्रसाद मिश्र जी की एक खूबसूरत कविता है, जो आषाढ़ महीने की बारिश और किसानों की खुशी को दर्शाती है। इस कविता से आप प्रकृति और किसानों के बीच के गहरे रिश्ते को समझेंगे। कवि ने बारिश, बादलों और हरियाली का मनमोहक चित्रण किया है, जो जीवन में आशा जगाता है। यह पाठ आपको प्रकृति की सुंदरता और किसानों की मेहनत के महत्व को सिखाएगा।

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 12 Solutions new

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 12 Solutions

अध्याय12. आषाढ़ का पहला दिन
लेखकभवानी प्रसाद मिश्र
विषयHindi (दूर्वा भाग 3)
कक्षा8वीं
बोर्डबिहार बोर्ड

अभ्यास

पाठ से

(क) किसान को बादलों का इंतज़ार क्यों रहता है?

उत्तर: किसान को बादलों का इंतज़ार इसलिए रहता है क्योंकि बादल बारिश लाते हैं। बारिश से खेतों को पानी मिलता है, जिससे फसलें अच्छे से उगती हैं। अगर बारिश न हो तो गर्मी से खेत सूख जाते हैं और फसलें खराब हो सकती हैं। बारिश होने से किसान की मेहनत सफल होती है और वह अच्छी फसल उगाकर सबके लिए अनाज पैदा करता है।

(ख) कवि को वर्षा होने पर किसान की याद क्यों आती है।

उत्तर: कवि को वर्षा होने पर किसान की याद आती है क्योंकि बारिश किसान के लिए बहुत ज़रूरी है। किसान अपनी मेहनत से खेतों में फसल उगाता है, जो हम सबके लिए भोजन का स्रोत है। बारिश के बिना फसलें नहीं उग सकतीं, इसलिए कवि को बारिश देखकर किसान की मेहनत और महत्व की याद आती है।

(ग) कवि ने किसान की तुलना चातक पक्षी से क्यों की है?

उत्तर: कवि ने किसान की तुलना चातक पक्षी से इसलिए की है क्योंकि चातक पक्षी सिर्फ़ स्वाति नक्षत्र की बूंदों का इंतज़ार करता है और दूसरा पानी नहीं पीता। उसी तरह किसान भी बारिश की बूंदों का इंतज़ार करता है, क्योंकि वही उसके खेतों की प्यास बुझाती है और फसलें उगाने में मदद करती है।

पाठ से आगे

(क) कवि ने कविता में वर्षा ऋतु का वर्णन किया है। वर्षा ऋतु के बाद कौन-सी ऋतु आती है? उसके बारे में अपना अनुभव बताओ।

उत्तर: वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु आती है। यह अक्टूबर से दिसंबर तक रहती है। इस समय मौसम न ज्यादा गर्म होता है और न ही बहुत ठंडा। हल्की ठंडक और ताज़ी हवा बहुत अच्छी लगती है। रात में चाँदनी चमकती है और काशी के सफेद फूल खेतों को सुंदर बनाते हैं। इस मौसम में त्योहार जैसे दशहरा और दीवाली भी आते हैं, जिससे हर तरफ़ खुशी का माहौल रहता है। मुझे शरद ऋतु बहुत पसंद है क्योंकि यह मौसम बहुत सुहाना और आरामदायक होता है।

(ख) वर्षा ऋतु से पहले लोग क्या-क्या तैयारियाँ करते हैं? उनमें से कुछ लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर सूची बनाओ।

उत्तर: वर्षा ऋतु से पहले लोग कई तरह की तैयारियाँ करते हैं। यहाँ कुछ लोगों और उनकी तैयारियों की सूची है:

  • किसान: खेतों को जोतकर बीज बोने की तैयारी करते हैं। खाद और बीज खरीदते हैं।
  • गृहिणी: घर की छत और दीवारों की मरम्मत करवाती हैं ताकि बारिश में रिसाव न हो। अनाज को कीड़ों से बचाने के लिए दवाइयाँ डालती हैं।
  • दुकानदार: छाते, रेनकोट और बरसाती जूते बेचने की तैयारी करते हैं।
  • छात्र: स्कूल के लिए बरसाती कपड़े और बैग कवर खरीदते हैं।
  • नगर पालिका कर्मचारी: नालियों की सफ़ाई करते हैं ताकि बारिश का पानी जमा न हो।

पहला दिन

(क) तुम अपनी कक्षा में जब पहले दिन आए थे तो उस दिन क्या-क्या हुआ था? अपनी याद से अपने अनुभव को दस वाक्यों में लिखकर दिखाओ।

उत्तर: मैं जब अपनी कक्षा में पहले दिन गया, तो मेरा अनुभव कुछ इस तरह था:

  • (i) मैं सुबह जल्दी तैयार होकर स्कूल पहुँचा, लेकिन थोड़ा डर और उत्साह दोनों महसूस हो रहे थे।
  • (ii) कक्षा में नए-नए चेहरे देखकर मुझे थोड़ा अजीब लगा।
  • (iii) शिक्षक ने हमारा स्वागत किया और सभी से उनका नाम और परिचय पूछा।
  • (iv) मैंने भी अपना परिचय दिया, लेकिन शुरू में थोड़ा झिझक हुई।
  • (v) शिक्षक ने स्कूल के नियम और कक्षा की दिनचर्या के बारे में बताया।
  • (vi) कुछ बच्चे पहले से एक-दूसरे को जानते थे और आपस में बात कर रहे थे।
  • (vii) पहले दिन ज्यादा पढ़ाई नहीं हुई, बल्कि परिचय और खेलकूद का समय था।
  • (viii) दोपहर में कुछ बच्चों के साथ बातचीत शुरू हुई और दोस्ती की शुरुआत हुई।
  • (ix) मुझे कक्षा का माहौल धीरे-धीरे अच्छा लगने लगा।
  • (x) दिन के अंत में मैं खुश था और नया स्कूल शुरू करने का उत्साह बढ़ गया।

(ख) तुम चाहो तो ‘पहला दिन’ शीर्षक पर कुछ पंक्तियों की कोई कविता भी लिखकर दिखा सकते हो।

उत्तर:
पहला दिन, नया सवेरा,
स्कूल में कदम रखा, मन थोड़ा डरा।
नए दोस्त, नए चेहरे, नया माहौल,
हँसी-खुशी से भरा था कक्षा का गोल।
शिक्षक की बातें, नियमों का ज्ञान,
धीरे-धीरे बढ़ा मन में उत्साह का सम्मान।
पहला दिन, याद रहेगा हमेशा,
नए सपनों का शुरू हुआ सिलसिला।

सोचो समझो और बताओ

क्या होगा-

(क) अगर वर्षा बिलकुल ही न हो।

उत्तर: अगर वर्षा बिलकुल न हो तो खेत सूख जाएँगे और फसलें नहीं उगेंगी। पानी की कमी से नदियाँ और तालाब सूख जाएँगे। लोगों को पीने के लिए पानी मिलना मुश्किल हो जाएगा। पेड़-पौधे मुरझा जाएँगे और पर्यावरण को नुकसान होगा।

(ख) अगर वर्षा बहुत अधिक हो।

उत्तर: अगर वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ आ सकती है। बाढ़ से खेतों की फसलें खराब हो जाएँगी। घर और सड़कें पानी में डूब सकती हैं। लोगों का जनजीवन मुश्किल हो जाएगा और बीमारियाँ फैलने का डर रहेगा।

(ग) अगर वर्षा बहुत ही कम हो।

उत्तर: अगर वर्षा बहुत कम हो तो खेतों को पर्याप्त पानी नहीं मिलेगा। फसलें पूरी तरह नहीं उग पाएँगी। नदियाँ और तालाब सूखने लगेंगे। पेड़-पौधे कमज़ोर हो जाएँगे और पानी की कमी से लोग परेशान होंगे।

(घ) वर्षा हो मगर आँधी-तूफ़ान के साथ हो।

उत्तर: अगर वर्षा के साथ आँधी-तूफान हो तो बहुत नुकसान हो सकता है। पेड़ गिर सकते हैं, मकानों को क्षति पहुँच सकती है। फसलें खराब हो सकती हैं और बिजली की तारें टूटने से बिजली गुल हो सकती है।

(ङ) वर्षा हो मगर तुम्हारे स्कूल में छुट्टियों हों।

उत्तर: अगर वर्षा हो और स्कूल में छुट्टियाँ हों तो बच्चे घर पर बारिश का मज़ा ले सकते हैं। कुछ बच्चे बारिश में खेल सकते हैं, तो कुछ घर में किताबें पढ़कर या खेलकर समय बिता सकते हैं। लेकिन अगर छुट्टियाँ ज्यादा लंबी हों तो पढ़ाई का नुकसान हो सकता है।

कल्पना की बात

कवि अपनी कल्पना से शब्दों के हेर-फेर द्वारा कुछ चीज़ों के बारे में ऐसी बातें कह देता है, जिसे पढ़कर बहुत अच्छा लगता है। तुम भी अपनी कल्पना से किसी चीज के बारे में जैसी भी बात बताना चाहो, बता सकते हो। हाँ, ध्यान रहे कि उन बातों से किसी को कोई नुकसान न हो। शब्दों के फेर-बदल में तुम पूरी तरह से स्वतंत्र हो।

उत्तर: मैं एक सुंदर जंगल में गया, जहाँ हरे-भरे पेड़ और रंग-बिरंगे फूल थे। ऐसा लग रहा था मानो प्रकृति ने अपनी सबसे सुंदर साड़ी पहन ली हो। पंछी चहचहा रहे थे और उनकी आवाज़ से जंगल में संगीत गूँज रहा था। एक छोटी-सी नदी बह रही थी, जिसका पानी इतना साफ था कि उसमें आसमान की परछाई दिख रही थी। हवा में फूलों की खुशबू थी, जो मन को शांति दे रही थी।

तुम्हारा कवि और सबकी कविता

(क) तुम्हारे प्रदेश और तुम्हारी मातृभाषा में तुम्हारी पसंद के कवि कौन-कौन हैं?

उत्तर: मेरी मातृभाषा हिंदी है और मेरे प्रदेश में मुझे कई कवि पसंद हैं। इनमें कबीरदास, सूरदास, तुलसीदास, मीराबाई, जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, मैथिलीशरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर और गोपालदास नीरज शामिल हैं। इनके काव्य मुझे बहुत प्रेरित करते हैं।

(ख) उनमें से किसी एक कवि की कोई सुंदर-सी कविता, जो तुम्हें पसंद हो, को हिंदी में अनुवाद कर अपने साथियों को दिखाओ।

उत्तर: मुझे कबीरदास की यह दोहा बहुत पसंद है:

दोहा:
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो मन देखा आपना, मुझसे बुरा न कोय।

अनुवाद/अर्थ:
जब मैं बुराई ढूँढने निकला, तो मुझे कोई बुरा इंसान नहीं मिला। लेकिन जब मैंने अपने मन को देखा, तो पाया कि मुझसे बुरा कोई नहीं है।

नमूने के अनुसार

नमूना – गिरना – गिराना – गिरवाना

(i) उठना।
उत्तर: उठना – उठाना – उठवाना।

(ii) पढ़ना।
उत्तर: पढ़ना – पढ़ाना – पढ़वाना।

(iii) करता।
उत्तर: करता – कराता – करवाता।

(iv) फहरना।
उत्तर: फहरना – फहराना – फहरवाना।

(v) सुनना।
उत्तर: सुनना – सुनाना – सुनवाना।

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