Bihar Board Class 7 Science Chapter 7 Solutions from the new book is available here. You will get complete question-answer of chapter 7 – “जंतुओं और पादप में परिवहन” on this page. This follows the new NCERT-based Science book of Bihar Board Class 7.
अध्याय 7 – जंतुओं और पादप में परिवहन, हमें जीवों के शरीर में पोषक तत्वों, जल और अन्य आवश्यक पदार्थों के एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने की आश्चर्यजनक प्रक्रिया से परिचित कराता है। इस अध्याय में हम मानव शरीर में रक्त, रक्त कोशिकाओं, धमनियों, शिराओं और हृदय की संरचना व कार्यों को समझते हैं। साथ ही, पौधों में जाइलम और फ्लोएम ऊतकों के माध्यम से जल और खनिजों के परिवहन की प्रक्रिया को भी सरलता से समझाया गया है। इसके अतिरिक्त, मूत्र निर्माण और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया (उत्सर्जन) के बारे में भी जानकारी दी गई है। इस अध्याय के समाधान, “जंतुओं और पादप में परिवहन Question Answer”, यहाँ उपलब्ध हैं।

Bihar Board Class 7 Science Chapter 7 Solutions
| Class | 7 |
| Subject | Science (विज्ञान) |
| Chapter | 7. जंतुओं और पादप में परिवहन |
| Board | Bihar Board |
अभ्यास
1. कॉलम A में दी गई संरचनाओं का कॉलम B में दिए गए प्रक्रमों से मिलान कीजिए।
उत्तर:-
| कॉलम A | कॉलम B |
|---|---|
| (क) रंध्र | (ii) वाष्पोत्सर्जन |
| (ख) जाइलम | (iv) जल का परिवहन |
| (ग) मूल रोम | (i) जल का अवशोषण |
| (घ) फ्लोएम | (iii) भोजन का परिवहन |
| (v) कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण |
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) हृदय से रक्त का शरीर के सभी अंगों में परिवहन धमनियों के द्वारा होता है।
(ख) हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है।
(ग) धमनियाँ और शिराएँ कोशिकाओं के जाल द्वारा जुड़ी रहती हैं।
(घ) हृदय का लयबद्ध विस्तार और संकुचन हृदय स्पंदन कहलाता है।
(च) मानव शरीर के प्रमुख उत्सर्जित उत्पाद मूत्र है।
(छ) पसीने में जल और लवण होता है।
(ज) वृक्क अपशिष्ट पदार्थों को द्रव रूप में बाहर निकालते हैं, जिसे हम मूत्र कहते हैं।
(झ) वृक्षों में बहुत अधिक ऊँचाइयों तक जल पहुँचाने के कार्य में वाष्पोत्सर्जन द्वारा उत्पन्न चूषण अभिकर्षण बल सहायता करता है।
3. सही विकल्प का चयन करिए-
(क) पादपों में जल का परिवहन होता है-
- (i) जाइलम के द्वारा।
- (ii) फ्लोएम के द्वारा।
- (iii) रंध्रों के द्वारा।
- (iv) मूलरोमों के द्वारा।
उत्तर:- (i) जाइलम के द्वारा।
(ख) मूलों द्वारा जल के अवशोषण की दर को बढ़ाया जा सकता है, उन्हें-
- (i) छाया में रखकर।
- (ii) मंद प्रकाश में रखकर।
- (iii) पंखे के नीचे रखकर।
- (iv) पॉलीथीन की थैली से ढककर।
उत्तर:- (iii) पंखे के नीचे रखकर।
4. पादपों अथवा जंतुओं में पदार्थों का परिवहन क्यों आवश्यक है? समझाइए।
उत्तर:- पादपों और जंतुओं में पदार्थों का परिवहन इसलिए आवश्यक है क्योंकि प्रत्येक कोशिका को जीवित रहने के लिए पोषक तत्व और ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जबकि कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना होता है। बड़े जीवों में सभी कोशिकाएँ सीधे बाहरी वातावरण से जुड़ी नहीं होती हैं, इसलिए पोषक तत्वों और गैसों के आदान-प्रदान के लिए विशेष परिवहन तंत्र आवश्यक है। जंतुओं में रक्त और पादपों में जाइलम और फ्लोएम इस महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न करते हैं।
5. क्या होगा यदि रक्त में पट्टिकाणु नहीं होंगे?
उत्तर:- यदि रक्त में पट्टिकाणु (प्लेटलेट्स) नहीं होंगे, तो रक्त का थक्का नहीं जमेगा और शरीर में छोटी-सी चोट लगने पर भी रक्तस्राव नहीं रुकेगा। इससे व्यक्ति को हीमोफीलिया जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें निरंतर रक्तस्राव होता रहता है। गंभीर मामलों में, यह रक्त की कमी, शरीर में अन्य अंगों को नुकसान और अंततः मृत्यु का कारण बन सकता है।
6. रंध्र क्या है? रंध्रों के दो कार्य बताइए।
उत्तर:- रंध्र पत्तियों की बाह्यत्वचा (एपिडर्मिस) में पाए जाने वाले छोटे-छोटे द्वार होते हैं जो दो अर्धचंद्राकार रक्षक कोशिकाओं से घिरे होते हैं।
रंध्रों के दो मुख्य कार्य हैं: –
(i) ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड गैसों का आदान-प्रदान करना, जो प्रकाश-संश्लेषण और श्वसन के लिए आवश्यक है,
(ii) वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया द्वारा पौधे से अतिरिक्त जल को बाहर निकालना, जिससे पौधे में जल और खनिजों का सतत प्रवाह बना रहता है।
7. क्या वाष्पोत्सर्जन पादपों में कोई उपयोगी कार्य करता है?
उत्तर:- हाँ, वाष्पोत्सर्जन पादपों में अत्यंत उपयोगी कार्य करता है। यह पत्तियों से जल वाष्प के रूप में निकलने से पौधे में जल-खिंचाव बल उत्पन्न करता है, जिससे जड़ों द्वारा अवशोषित जल और खनिज लवण पौधे के शीर्ष तक पहुँचते हैं। वाष्पोत्सर्जन पौधे के तापमान को नियंत्रित करने में भी सहायक होता है। यह पौधे के अंदर कर्षण (खिंचाव) उत्पन्न करके पौधे के विभिन्न भागों तक जल और पोषक तत्वों के परिवहन में सहायता करता है।
8. रक्त के घटकों के नाम बताइए।
उत्तर:- रक्त के मुख्य घटक हैं:-
(i) प्लाज्मा – रक्त का पीला तरल भाग जिसमें 90% जल और विभिन्न प्रोटीन, खनिज एवं लवण होते हैं
(ii) लाल रक्त कोशिकाएँ (एरिथ्रोसाइट्स) – जो ऑक्सीजन का परिवहन करती हैं
(iii) श्वेत रक्त कोशिकाएँ (ल्यूकोसाइट्स) – जो रोगाणुओं से लड़ती हैं
(iv) प्लेटलेट्स (पट्टिकाणु) – जो रक्त के थक्के बनाने में सहायक होते हैं।
9. शरीर के सभी अंगों को रक्त की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:- शरीर के सभी अंगों को रक्त की आवश्यकता होती है क्योंकि रक्त पाचन तंत्र से पोषक तत्वों और फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर की हर कोशिका तक पहुँचाता है। रक्त कोशिकाओं से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को एकत्र करके उन्हें उत्सर्जन अंगों तक पहुँचाता है। इसके अतिरिक्त, रक्त शरीर का तापमान नियंत्रित करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली के माध्यम से रोगाणुओं से शरीर की रक्षा करता है।
10. रक्त लाल रंग का क्यों दिखाई देता है?
उत्तर:- रक्त का लाल रंग लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन के कारण होता है। हीमोग्लोबिन में लौह युक्त हीम अणु होता है, जो ऑक्सीजन से संयोग करके ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनाता है, जिसका रंग गहरा लाल होता है। धमनियों में ऑक्सीजन युक्त रक्त चमकीला लाल दिखता है, जबकि शिराओं में ऑक्सीजन की कमी वाला रक्त गहरा बैंगनी-लाल दिखता है।
11. हृदय के कार्य बताइए।
उत्तर:- हृदय का मुख्य कार्य रक्त को पंप करना है, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्व शरीर के सभी अंगों तक पहुँचते हैं। हृदय का दाहिना भाग डीऑक्सीजनीकृत रक्त को फेफड़ों में भेजता है, जहाँ यह ऑक्सीजन से समृद्ध होता है। हृदय का बायाँ भाग इस ऑक्सीजन-समृद्ध रक्त को शरीर के सभी अंगों तक पहुँचाता है। हृदय अपने इस निरंतर पंपिंग कार्य से शरीर में रक्त परिसंचरण को बनाए रखता है और शरीर के सभी अंगों को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
12. शरीर द्वारा अपशिष्ट पदार्थों को उत्सर्जित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:- शरीर में होने वाली चयापचय क्रियाओं से कई अपशिष्ट पदार्थ बनते हैं जैसे यूरिया, यूरिक अम्ल और कार्बन डाइऑक्साइड, जो अधिक मात्रा में जमा होने पर विषैले हो सकते हैं। इन अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना आवश्यक है क्योंकि ये रक्त के pH और शरीर के आंतरिक संतुलन (होमियोस्टेसिस) को बिगाड़ सकते हैं। यदि इन विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर नहीं निकाला जाता, तो ये अंगों को नुकसान पहुँचा सकते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकते हैं।
13. मानव उत्सर्जन तंत्र का चित्र बनाइए और उसके विभिन्न भागों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:-
