Bihar Board Class 7 Science Chapter 3 Solutions – ऊष्मा (New Book)

Bihar Board Class 7 Science Chapter 3 Solutions from the new book is available here. You will get complete question-answer of chapter 3 – “ऊष्मा” on this page. This follows the new NCERT-based Science book of Bihar Board Class 7.

अध्याय 3 – ऊष्मा, हमें ऊष्मा के गुणों और उसके हमारे जीवन में महत्व को समझने का अवसर देता है। इस अध्याय में हम सीखते हैं कि तापमान को थर्मामीटर के माध्यम से कैसे मापा जाता है और ऊष्मा के संचरण के तीन प्रमुख तरीके – चालन, संवहन और विकिरण – क्या हैं, जिन्हें सरल उदाहरणों के साथ समझाया गया है। साथ ही, यह अध्याय हमें गर्म और ठंडी वस्तुओं के बीच ताप के आदान-प्रदान की प्रक्रिया और ऊष्मा के दैनिक जीवन में प्रभाव को भी स्पष्ट करता है। इस अध्याय के समाधान, “ऊष्मा Question Answer”, यहाँ उपलब्ध हैं।

Bihar Board Class 7 Science Chapter 3 Solutions New

Bihar Board Class 7 Science Chapter 3 Solutions

Class7
SubjectScience (विज्ञान)
Chapter3. ऊष्मा
BoardBihar Board

अभ्यास

1. योगशाला तापमापी तथा डॉक्टरी थर्मामीटर के बीच समानताएँ तथा अंतर लिखिए।

उत्तर:-

समानताएँ:
(i) दोनों थर्मामीटर पारे (मरकरी) के विस्तार और संकुचन के सिद्धांत पर कार्य करते हैं जब तापमान बदलता है।
(ii) दोनों में काँच की नली, पारा और एक पैमाना (स्केल) होता है।
अंतर:
(i) प्रयोगशाला थर्मामीटर का तापमान परास -10°C से 110°C तक होता है, जबकि डॉक्टरी थर्मामीटर का तापमान परास सिर्फ 35°C से 42°C तक सीमित होता है।
(ii) डॉक्टरी थर्मामीटर में एक संकुचन होता है जो पारे को वापस नीचे नहीं जाने देता जब इसे शरीर से हटाया जाता है, जबकि प्रयोगशाला थर्मामीटर में ऐसा कोई संकुचन नहीं होता।
(iii) डॉक्टरी थर्मामीटर को उपयोग के बाद झटकना पड़ता है जबकि प्रयोगशाला थर्मामीटर स्वतः ही रीसेट हो जाता है।

2. ऊष्मा चालक तथा ऊष्मा-रोधी, प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए।

उत्तर:- ऊष्मा चालक: धातुएँ ऊष्मा की अच्छी चालक होती हैं जैसे – एल्युमिनियम (बर्तनों में प्रयुक्त), तांबा (बिजली के तारों में प्रयुक्त), लोहा (प्रेशर कुकर में प्रयुक्त), और चांदी (सभी धातुओं में सर्वोत्तम ऊष्मा चालक)।
ऊष्मा-रोधी: ये पदार्थ ऊष्मा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने से रोकते हैं जैसे – लकड़ी (बर्तनों के हैंडल में प्रयुक्त), प्लास्टिक (थर्मस फ्लास्क के आवरण में), ऊन (गर्म कपड़ों में), और हवा (डबल ग्लेज़िंग खिड़कियों में)।

3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) कोई वस्तु कितनी गरम है इसकी जानकारी तापमान द्वारा प्राप्त होती है।
(ख) उबलते हुए पानी का ताप डॉक्टरी तापमापी से नहीं मापा जा सकता।
(ग) ताप को डिग्री सेल्सियस में मापते हैं।
(घ) बिना किसी माध्यम द्वारा ऊष्मा स्थानांतरण के प्रक्रम को विकरण कहते हैं।
(च) स्टील की एक ठंडी चम्मच गर्म दूध के प्याले में रखी गई है। यह अपने दूसरे सिरे तक ऊष्मा का स्थानांतरण चालन प्रक्रम द्वारा करेगी।
(छ) हल्के रंग के वस्त्रों की अपेक्षा गहरे रंग के वस्त्र ऊष्मा का अधिक अवशोषण करते हैं।

4. कॉलम A में दिए कथनों का कॉलम B के शब्दों से मिलान कीजिए-

कॉलम Aकॉलम B
(क) थल समीर के बहने का समय(iv) रात
(ख) समुद्र समीर के बहने का समय(iii) दिन
(ग) गहरे रंग के कपड़े पसन्द करने का समय(ii) सर्दियाँ
(घ) हल्के रंग के कपड़े पसन्द करने का समय(i) गर्मियाँ

5. सर्दियों में एक मोटा वस्त्र पहनने के तुलना में उसी मोटाई का कई परतों का बना वस्त्र अधिक उष्णता क्यों प्रदान करता है? व्याख्या कीजिए।

उत्तर:- कई परतों वाले वस्त्र अधिक गर्म इसलिए होते हैं क्योंकि प्रत्येक परत के बीच हवा की छोटी-छोटी जेबें फँस जाती हैं, और हवा एक उत्कृष्ट ऊष्मारोधी है। ये हवा की परतें शरीर की गर्मी को बाहर जाने से रोकती हैं और बाहरी ठंड को अंदर आने से रोकती हैं। एक ही मोटाई का एकल वस्त्र इतनी अधिक हवा की परतें नहीं बना पाता, इसलिए वह उतना प्रभावी ऊष्मारोधी नहीं होता। यही कारण है कि पक्षियों और जानवरों के पंख और फर ऊष्मारोधन में बहुत प्रभावी होते हैं, क्योंकि वे हवा को फँसाते हैं।

इसी सिद्धांत का उपयोग डबल ग्लेज़िंग वाली खिड़कियों और थर्मस फ्लास्क में भी किया जाता है, जहां हवा की परतें ऊष्मा के संचरण को रोकती हैं।

6. चित्र 3.13 को देखिए। अंकित कीजिए कि कहाँ-कहाँ चालन, संवहन तथा विकिरण द्वारा ऊष्मा स्थानांतरित हो रही है।

उत्तर:-

7. गरम जलवायु के स्थानों पर यह परामर्श दिया जाता है कि घरों की बाहरी दीवारों पर श्वेत (सफ़ेद) पेन्ट किया जाए। व्याख्या कीजिए।

उत्तर:- गर्म जलवायु वाले स्थानों पर घरों की बाहरी दीवारों पर सफेद रंग का पेंट लगाने की सलाह दी जाती है क्योंकि सफेद रंग एक उत्कृष्ट परावर्तक है जो सूरज की लगभग 80-90% ऊष्मा को परावर्तित कर देता है। काले या गहरे रंग सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करके उसे ऊष्मा में बदल देते हैं, जबकि सफेद रंग इसे वापस परावर्तित कर देता है। इससे दीवारें कम गर्म होती हैं और घर के अंदर का तापमान भी कम रहता है। यह सिद्धांत ‘अल्बेडो प्रभाव’ कहलाता है और इसका उपयोग ग्रीक द्वीपों, राजस्थान और अन्य गर्म क्षेत्रों के पारंपरिक घरों में दिखाई देता है।

इस प्रकार, सफेद पेंट एक प्राकृतिक और ऊर्जा-कुशल तरीका है घरों को ठंडा रखने का, जिससे एयर कंडीशनिंग पर निर्भरता कम होती है।

8. 30°C के एक लिटर जल को 50°C के एक लिटर जल के साथ मिलाया गया। मिश्रण का ताप होगा-

  • (क) 80°C
  • (ख) 50°C से अधिक लेकिन 80° C से कम।
  • (ग) 20° C
  • (घ) 30°C तथा 50°C के बीच।

उत्तर:- (घ) 30°C तथा 50°C के बीच।

9. 40°C ताप की लोहे की किसी गोली को कटोरी में भरे 40°C ताप के जल में डुबाया गया। इस प्रक्रिया में ऊष्मा-

  • (क) लोहे की गोली से जल की ओर स्थानांतरित होगी।
  • (ख) न तो लोहे की गोली से जल की ओर और न ही जल से लोहे की गोली की ओर स्थानांतरित होगी।
  • (ग) जल से लोहे की गोली की ओर स्थानांतरित होगी।
  • (घ) दोनों के ताप में वृद्धि कर देगी।

उत्तर:- (ख) न तो लोहे की गोली से जल कौं ओर और न ही जल से लोहे की गोली की ओर स्थानांतरित होगी।

10. लकड़ी की एक चम्मच को आइसक्रीम के प्याले में डुबोया गया है। इसका दूसरा सिरा-

  • (क) चालन के कारण ठंडा हो जाएगा।
  • (ख) संवहन के कारण ठंडा हो जाएगा।
  • (ग) विकिरण के कारण ठंडा हो जाएगा।
  • (घ) ठंडा नहीं होगा।

उत्तर:- (घ) ठंडा नहीं होगा।

11. स्टेनलेस इस्पात की कड़ाही में प्रायः कॉपर (ताँबे) की तली लगाई जाती है। इसका कारण हो सकता है-

  • (क) ताँबे की तली कड़ाही को अधिक टिकाऊ बना देती है।
  • (ख) ऐसी कड़ाही देखने में सुन्दर लगती है।
  • (ग) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा ताँबा ऊष्मा का अच्छा चालक है।
  • (घ) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा ताँबे को साफ करना अधिक आसान है।

उत्तर:- (ग) स्टेनलेस इस्पात की अपेक्षा ताँबा ऊष्मा का अच्छा चालक है

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