Free Bihar Board Class 6 Sanskrit Chapter 12 Solutions is available here. You will get complete questions and answers of chapter 12 – “आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः”, from the new Sanskrit Book दीपकम् (Deepakam). This follows the updated syllabus of Bihar Board.
“आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः” नामक यह पाठ एक प्रेरणादायक पाठ है जो आलस्य को मनुष्य का सबसे बड़ा आंतरिक शत्रु बताता है। इस पाठ में एक छोटी कहानी के माध्यम से छात्र यह सीखते हैं कि आलस्य से असफलता मिलती है, जबकि मेहनत से सफलता प्राप्त होती है। यह पाठ नैतिक विचारों को सिखाता है और छात्रों को लक्ष्य निर्धारित करने, मेहनत करने और मानसिक रूप से मजबूत होने के लिए प्रेरित करता है। “आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः” पाठ के प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं।

Bihar Board Class 6 Sanskrit Chapter 12 Solutions
| Class | 6 |
| Subject | Sanskrit (दीपकम्) |
| Chapter | 12. आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः |
| Board | Bihar Board |
वयम् अभ्यासं कुर्मः
१. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् एकपदेन उत्तराणि यच्छन्तु। (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखें।)
(क) भिक्षुकः किं करोति स्म ? (भिक्षुक क्या कर रहा था?)
उत्तरम्: भिक्षाटनं (भिक्षाटन)
(ख) कदाचित् तेन मार्गेण कः आगच्छति ? (कभी-कभी उस मार्ग से कौन आता है?)
उत्तरम्: धनिकः (धनवान)
(ग) भिक्षुकः धनिकात् किम् इच्छति ? (भिक्षुक धनवान से क्या चाहता है?)
उत्तरम्: प्रभूतं धनं (बहुत सारा धन)
(घ) धनिकः भिक्षुकात् किं याचितवान् ? (धनवान ने भिक्षुक से क्या मांगा?)
उत्तरम्: पादौ / हस्तौ / शरीराङ्गानि (पैर / हाथ / शरीर के अंग)
(ङ) सौभाग्येन वयं किं प्राप्तवन्त: ? (सौभाग्य से हमें क्या प्राप्त हुआ?)
उत्तरम्: मानवजन्म (मानव जन्म)
२. अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि ‘आम्’ अथवा ‘न’ इति पदेन लिखन्तु ।
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ‘हाँ’ या ‘ ना ’ में दें।)
ग्रामे कश्चन भिक्षुकः आसीत् । (गाँव में कोई भिक्षुक था।)
आम्
(क) भिक्षुकः उन्नतः दृढकाय: च आसीत् । (भिक्षुक बलवान और मजबूत था।)
उत्तरम्: आम्
(ख) जनाः तस्मै दण्डं यच्छन्ति । (लोग उसे दंड देते हैं।)
उत्तरम्: न
(ग) भिक्षुकः प्रभूतं धनम् इच्छति । (भिक्षुक बहुत सारा धन चाहता है।)
उत्तरम्: आम्
(घ) भिक्षुकः धनिकाय पादौ ददाति । (भिक्षुक धनवान को पैर देता है।)
उत्तरम्: न
(ङ) भिक्षुकः भिक्षाटनं त्यजति । (भिक्षुक भीख माँगना छोड़ देता है।)
उत्तरम्: आम्।
३. अधोलिखितेषु वाक्येषु द्वितीयाविभक्तेः शब्दानां द्विवचने परिवर्तनं कृत्वा वाक्यानि लिखन्तु ।
यथा – चन्द्रशेखरः लेखं लिखति । (चंद्रशेखर लेख लिख रहा है।)
उत्तरम्: चन्द्रशेखरः लेख लिखति । (चंद्रशेखर दो लेख लिख रहा है।)
(क) आपणिकः अड्कनीं ददाति । (दुकानदार पेन दे रहा है।)
उत्तरम्: आपणिक: अकन्यौ ददाति । (दुकानदार दो पेन दे रहा है।)
(ख) मातामही कथां श्रावयति । (दादी कहानी सुनाती है।)
उत्तरम्: मातामही कथे श्रावयति । (दादी दो कहानियाँ सुनाती है।)
(ग) सैनिक: मां रक्षति । (सैनिक मुझे बचा रहा है।)
उत्तरम्: सैनिक : आवाम् रक्षति । (सैनिक हम दोनों को बचा रहा है।)
(घ) कृष्णः कन्दुके गृह्णाति । (कृष्ण गेंद पकड़ रहा है।)
उत्तरम्: कृष्णः कन्दुकं गृह्णाति । (कृष्ण दो गेंद पकड़ रहा है।)
(ङ) छात्रः श्लोकं पठति । (छात्र श्लोक पढ़ता है।)
उत्तरम्: छात्रः श्लोकौ पठति । (छात्र दो श्लोक पढ़ता है।)
४. चित्रं दृष्ट्वा द्वितीयाविभक्तेः वाक्यानि रचयन्तु ।
(चित्र देखकर द्वितीया विभक्ति के वाक्य बनाएं।)
(i) बालिकाः ………… गच्छन्ति । (बालिकाएँ ………… जा रही हैं।)
उत्तरम्: बालिकाः विद्यालयं गच्छन्ति । (बालिकाएँ विद्यालय जा रही हैं।)
(ii) पक्षिणः …….. खादन्ति । (पक्षी ……… खा रहे हैं।)
उत्तरम्: पक्षिणः फलानि खादन्ति । (पक्षी फल खा रहे हैं।)
(iii) शिक्षक: ……… पाठयति । (शिक्षक ……… पढ़ा रहा है।)
उत्तरम्: शिक्षक पाठं पाठयति । (शिक्षक पाठ पढ़ा रहा है।)
(iv) नर्तकी …… धरति । (नर्तकी ……… धारण कर रही है।)
उत्तरम्: नर्तकी मालाम् धरति । (नर्तकी माला धारण कर रही है।)
(v) अहं ……… स्वीकरोमि । (मैं ……… स्वीकार कर रहा हूँ।)
उत्तरम्: अहम् लेखनी/कलमम् स्वीकरोमि । (मैं कलम स्वीकार कर रहा हूँ।)
५. कोष्ठके विद्यमानानां शब्दानां द्वितीयाविभक्तेः एकवचनरूपेण सह वाक्यानि लिखन्तु ।
(दिए गए शब्दों को द्वितीया विभक्ति (संबंध कारक) के एकवचन रूप में वाक्य में लिखें।)
यथा – भक्त: (देव) नमति । भक्तः देवं नमति ।
(क) छात्रा : (ग्रन्थ) पठन्ति । (छात्रा (ग्रन्थ) पढ़ती है।)
उत्तरम्: छात्रः ग्रन्थं पठति । (छात्रा ग्रन्थ को पढ़ती है।)
(ख) बालकाः (कथा) लिखन्ति । (बालक (कथा) लिखते हैं।)
उत्तरम्: बालकः कथाम् लिखति । (बालक कथा को लिखते हैं।)
(ग) रमा (लेखनी) क्रीणाति । (रमा (लेखनी) खरीदती है।)
उत्तरम्: रमा लेखनीं क्रीणाति । (रमा लेखनी को खरीदती है।)
(घ) शिक्षक (अस्मद्) पाठयति । (शिक्षक (अस्मद्) पढ़ाता है।)
उत्तरम्: शिक्षकः माम् पाठयति । (शिक्षक मुझे पढ़ाता है।)
(ङ) अर्जुन : (नदी) पश्यति । (अर्जुन (नदी) देखता है।)
उत्तरम्: अर्जुनः नदीं पश्यति । (अर्जुन नदी को देखता है।)
(च) पितामही (रजनी) आह्वयति । (दादी (रात) बुलाती है।)
उत्तरम्: पितामही रजनीं आह्वयति । (दादी रात को बुलाती है।)
(छ) अहं (युष्मद्) नमस्करोमि । (मैं (युष्मद्) नमस्कार करता हूँ।)
उत्तरम्: अहं त्वाम् नमस्करोमि । (मैं तुम्हें नमस्कार करता हूँ।)
(ज) कृषकः (क्षेत्र) कर्षति । (किसान (खेत) जोतता है।)
उत्तरम्: कृषकः क्षेत्रं कर्षति । (किसान खेत को जोतता है।)
(झ) पर्यटक : (कन्याकुमारी ) गच्छति । (पर्यटक (कन्याकुमारी) जाता है।)
उत्तरम्: पर्यटक: कन्याकुमारीं गच्छति । (पर्यटक कन्याकुमारी को जाता है।)
(ञ) चित्रकार: (चित्र) रचयति । (चित्रकार (चित्र) बनाता है।)
उत्तरम्: चित्रकार: चित्रं रचयति । (चित्रकार चित्र को बनाता है।)
६. द्वितीयाविभक्तेः एकवचनशब्दानां बहुवचने परिवर्तनं कृत्वा वाक्यानि रचयन्तु ।
(द्वितीया विभक्ति के एकवचन शब्दों को बहुवचन में बदलकर वाक्य बनाएं।)
यथा-
वयं सुभाषितं वदामः ।
वयं सुभाषितानि वदामः ।
(क) अरुणः दूरवाणीं नयति ।
उत्तरम्: अरुणः दूरवाणी: नयति ।
(ख) पिता लेखनीम् आनयति ।
उत्तरम्: पिता लेखनीः आनयति ।
(ग) जननी पाकं पचति ।
उत्तरम्: जननी पाकानि पचति ।
(घ) मातामहः मां बोधयति ।
उत्तरम्: मातामहः अस्मान् बोधयति ।
(ङ) अग्रजा त्वाम् आह्वयति ।
उत्तरम्: अग्रजा युष्मान् आह्वयति ।
७. अधः प्रदत्तं चित्रं दृष्ट्वा द्वितीयाविभक्तेः प्रयोगं कृत्वा दश वाक्यानि रचयन्तु ।

उत्तरम्:
(1) शिक्षक: छात्रान् योगासनं शिक्षयति । (शिक्षक छात्रों को योगासन सिखा रहे हैं।)
(2) छात्राः योगासनम् कुर्वन्ति । (छात्र योगासन कर रहे हैं।)
(3) छात्रे भोजनं खादतः । (छात्र खाना खा रहे हैं।)
(4) एका छात्रा जलं यच्छति । (एक छात्रा पानी दे रही है।)
(5) ते मिलित्वा भोजनं खादतः । (वे सभी मिलकर खाना खा रहे हैं।)
(6) एक: बालक: कन्दुकम् क्षिपति । (एक बालक गेंद फेंक रहा है।)
(7) बालकाः कन्दुकक्रीडाम् क्रीडन्ति । (बालक गेंद का खेल खेल रहे हैं।)
(8) बालक: संगणकं पश्यति । (बालक कंप्यूटर देख रहा है।)
(9) विद्यालये विशालं क्रीडाक्षेत्रं अस्ति । (विद्यालय में बड़ा खेल मैदान है।)
(10) विद्यालये उन्नताः वृक्षाः सन्ति । (विद्यालय में ऊंचे पेड़ हैं।)