Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 6 Solutions – मेरी माँ (New Book)

Here we have given free Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 6 Solutions. This provides complete questions and answers of chapter 6 – “मेरी माँ” for free. It follows the new book of Bihar Board class 6 Hindi मल्हार (Malhar) (NCERT Based).

“मेरी माँ” एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी है जो हमें क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल की माँ के असाधारण चरित्र से परिचित कराती है। यह पाठ दिखाता है कि कैसे एक साधारण ग्रामीण महिला ने अपने बेटे को साहस, ईमानदारी और देशभक्ति के संस्कार दिए। इस कहानी में आप देखेंगे कि कैसे बिस्मिल की माँ ने: अनपढ़ होते हुए भी हिंदी सीखी, हमेशा सच्चाई का साथ दिया, और अपने बेटे को स्वतंत्रता संग्राम में जाने का हौसला दिया। “मेरी माँ” के प्रश्न उत्तर नीचे दिए गए हैं जो आपको इस प्रेरक कहानी को बेहतर समझने में मदद करेंगे।

Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 6 Solutions New Edition

Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 6 – मेरी माँ

Class6
SubjectHindi – मल्हार (Malhar)
Chapter6. मेरी माँ
BoardBihar Board

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए-

1 . ‘किंतु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती।’
बिस्मिल को अपनी किस इच्छा के पूर्ण न होने की आशंका थी?

  • भारत माता के साथ रहने की
  • अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहने की
  • अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की
  • भोग विलास तथा ऐश्वर्य भोगने की

उत्तर – अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने (★)

2 . रामप्रसाद बिस्मिल की माँ का सबसे बड़ा आदेश क्या था?

  • देश की सेवा करें
  • कभी किसी के प्राण न लेना
  • कभी किसी से छल न करना
  • सदा सच बोलना

उत्तर – कभी किसी के प्राण न लेना (★)

(ख) अब अपने मित्रों के साथ तर्कपूर्ण चर्चा कीजिए कि आपने ये ही उत्तर क्यों चुने?

उत्तर – विद्यार्थी इस प्रश्न का उत्तर स्वयं दे।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए । आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और लिखिए।

(क) “यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।”

उत्तर – इस कथन से बिस्मिल अपनी माँ के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। उनकी माँ ने उन्हें क्रांतिकारी बनने की प्रेरणा दी और देश सेवा के मार्ग पर चलने में सहयोग किया। माँ के मार्गदर्शन के कारण ही वे एक साधारण जीवन की जगह देश के लिए कुछ महान करने में सफल हुए। बिस्मिल मानते हैं कि माँ के आशीर्वाद के बिना वे भी सांसारिक चिंताओं में उलझकर रह जाते।

(ख) “उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मज़बूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग भी करनी पड़ी थी।”

उत्तर – बिस्मिल की माँ ने उन्हें शिक्षा दी थी कि किसी की जान नहीं लेनी चाहिए। माँ ने आदेश दिया था कि चाहे शत्रु ही क्यों न हो, उसे प्राणदंड नहीं देना चाहिए। बिस्मिल ने पहले कुछ लोगों को दंडित करने का संकल्प लिया था, लेकिन माँ की आज्ञा का पालन करने के लिए उन्हें अपनी प्रतिज्ञा तोड़नी पड़ी। यह घटना दर्शाती है कि बिस्मिल अपनी माँ के आदेश को सर्वोपरि मानते थे।

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट, पुस्तकालय या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

शब्दअर्थ या संदर्भ
1. देवनागरी4. भारत की एक भाषा लिपि जिसमें हिंदी, संस्कृत, मराठी आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं।
2. आर्यसमाज3. महर्षि दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था ।
3. मेजिनी2. इटली के गुप्त राष्ट्रवादी दल का सेनापति इटली का मसीहा था जिसने लोगों को एक सूत्र में बाँधा ।
4. गोबिंद सिंह1. सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की।

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

1 . बिस्मिल की माता जी जब ब्याह कर आईं तो उनकी ‘आयु काफ़ी कम थी।

(क) फिर भी उन्होंने स्वयं को अपने परिवार के अनुकूल कैसे ढाला?

उत्तर – बिस्मिल की माता जी ने अपनी दादी जी से घर संभालने की कला सीखी। उन्होंने रसोई और दैनिक कार्यों का प्रबंधन करना सीखा। कम उम्र होने के बावजूद, उन्होंने जल्दी ही पारिवारिक जिम्मेदारियों को समझ लिया और सफलतापूर्वक निभाया।

(ख) उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को कैसे शिक्षित किया?

उत्तर – वे अपने मोहल्ले की पढ़ी-लिखी सहेलियों से अक्षर-ज्ञान सीखने लगीं। घर के काम निपटाने के बाद वे पढ़ने-लिखने का समय निकालती थीं। उनकी लगन से जल्द ही वे देवनागरी पुस्तकें पढ़ने में सक्षम हो गईं।

2 . बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माता जी ने कैसे सहयोग दिया?

उत्तर – बिस्मिल की माता जी ने जीवन के हर मोड़ पर उन्हें प्रेरित किया। बचपन से ही उन्होंने बिस्मिल में वीरता और देशप्रेम के बीज बोए। जब बिस्मिल को मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, तब उनकी माँ ने उन्हें हौसला दिया। वे अपने पुत्र के क्रांतिकारी कार्यों का समर्थन करती थीं और उनकी देशभक्ति पर गर्व करती थीं।

3. आज से कई दशक पहले बिस्मिल की माँ शिक्षा के महत्व को समझती थीं, बताइए कैसे?

उत्तर – बिस्मिल की माँ ने न केवल स्वयं को शिक्षित किया बल्कि अपनी बेटियों को भी पढ़ाया। वे बिस्मिल के विवाह के लिए दबाव नहीं बनातीं थीं ताकि वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकें। उन्होंने बिस्मिल के व्यक्तित्व विकास में शिक्षा को प्राथमिक समझा। उनका मानना था कि शिक्षा ही व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन दे सकती है।

4. हम कैसे कह सकते हैं कि बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली थीं?

उत्तर – बिस्मिल की माँ ने अपने बेटे को क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने से नहीं रोका। वे स्वयं भी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहीं जबकि उस समय महिलाओं की शिक्षा का महत्व कम था। वे बिस्मिल के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ने का समर्थन करती थीं, भले ही परिवार के अन्य सदस्य इसके खिलाफ थे। उनका यह व्यवहार उनके प्रगतिशील और स्वतंत्र विचारों को दर्शाता है।

आत्मकथा की रचना

यह पाठ रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा का एक अंश है। आत्मकथा यानी अपनी कथा। दुनिया में अनेक लोग अपनी आत्मकथा लिखते हैं, कभी अपने लिए, तो कभी दूसरों के पढ़ने के लिए।

(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की ऐसी पंक्तियों की सूची बनाइए जिनसे पता लगे कि लेखक अपने बारे में कह रहा है।

उत्तर – बिस्मिल की आत्मकथा से कुछ प्रमुख पंक्तियाँ ये हैं:

  • “मेरी माताजी देवी हैं।”
  • “मुझमें जो कुछ जीवन तथा साहस आया, वह मेरी माताजी तथा गुरुदेव श्री सोमदेव जी की कृपाओं का ही परिणाम है।”
  • “अपने जीवन में हमेशा सत्य का आचरण करता था, चाहे कुछ हो जाए, सत्य बात कह देता था।”
  • “लखनऊ कांग्रेस में जाने के लिए मेरी बड़ी इच्छा थी।”

ये पंक्तियाँ स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि बिस्मिल अपने जीवन के अनुभवों और विचारों को बता रहे हैं।

(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर – यह एक समूह गतिविधि है जिसमें विद्यार्थी अपने समूह में चुनी गई पंक्तियों को कक्षा में प्रस्तुत करेंगे। अध्यापक इस प्रक्रिया में मार्गदर्शन करेंगे और विभिन्न समूहों द्वारा चुनी गई पंक्तियों की तुलना करने में सहायता करेंगे। यह गतिविधि विद्यार्थियों को पाठ की गहरी समझ विकसित करने में मदद करेगी।

शब्द-प्रयोग तरह-तरह के

(क) “माता जी उनसे अक्षर-बोध करतीं।” इस वाक्य में अक्षर-बोध का अर्थ है- अक्षर का बोध या ज्ञान।
एक अन्य वाक्य देखिए— “जो कुछ समय मिल जाता, उसमें पढ़ना-लिखना करतीं।” इस वाक्य में पढ़ना-लिखना अर्थात पढ़ना और लिखना।

प्रश्न: हम लेखन में शब्दों को मिलाकर छोटा बना लेते हैं जिससे समय, स्याही, कागज़ आदि की बचत होती है। संक्षेपीकरण मानव का स्वभाव भी हैं। इस पाठ से ऐसे शब्द खोजकर सूची बनाइए।

उत्तर – पाठ से संक्षिप्त रूप में प्रयुक्त शब्द हैं:

  • डाँट-फटकार (डाँटना और फटकारना)
  • काम-काज (काम और काज)
  • उठना-बैठना (उठना और बैठना)
  • अंदर-बाहर (अंदर और बाहर)
  • देश-सेवा (देश की सेवा)
  • पालन-पोषण (पालन और पोषण)
  • ये संयुक्त शब्द भाषा को संक्षिप्त और प्रभावी बनाते हैं।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के मित्रों के नाम खोजिए और स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भागीदारी पर कक्षा में चर्चा कीजिए।

उत्तर – रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के प्रमुख क्रांतिकारी साथी थे:-

  • अशफाकउल्ला खान – काकोरी षड्यंत्र में भागीदार, बिस्मिल के घनिष्ठ मित्र
  • चंद्रशेखर आजाद – एच.एस.आर.ए. के सदस्य, क्रांतिकारी गतिविधियों के नेता
  • राजेंद्र लाहिड़ी – काकोरी कांड में साझेदार
  • ठाकुर रोशन सिंह – काकोरी कांड में सक्रिय भागीदार
  • ये सभी मिलकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ गुप्त क्रांतिकारी गतिविधियाँ चलाते थे और सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से स्वतंत्रता प्राप्त करना चाहते थे।

(ख) नीचे लिखे बिंदुओं को आधार बनाते हुए अपनी माँ या अपने अभिभावक से बातचीत कीजिए और उनके बारे में गहराई से जानिए कि उनका प्रिय रंग, भोज्य पदार्थ, गीत, बचपन की यादें, प्रिय स्थान आदि कौन-कौन से थे?

उत्तर – यह एक व्यक्तिगत गतिविधि है जिसमें विद्यार्थी अपने माता-पिता से बातचीत करेंगे। बातचीत के लिए कुछ उदाहरण प्रश्न हैं:-

  • आपका बचपन कहाँ बीता?
  • आपकी पसंदीदा मिठाई क्या है?
  • आपको कौन सा गाना सबसे ज्यादा पसंद है?
  • आपका प्रिय रंग कौन सा है?
  • बचपन की कोई विशेष याद?
  • इन प्रश्नों के माध्यम से विद्यार्थी अपने माता-पिता को बेहतर तरीके से समझ सकेंगे और पारिवारिक संबंध मजबूत हो सकेंगे।

पुस्तकालय या इंटरनेट से

आप पुस्तकालय से रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा खोजकर पढ़िए।
देशभक्तों से संबंधित अन्य पुस्तकें, जैसे— उनके पत्र, आत्मकथा, जीवनी आदि पढ़िए और अपने मित्रों से साझा कीजिए।

उत्तर – रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा “निज जीवन की एक छटा” पुस्तकालय से लेकर पढ़ें। इससे आपको उनके जीवन की संघर्ष यात्रा और क्रांतिकारी गतिविधियों की जानकारी मिलेगी। अन्य महत्वपूर्ण पुस्तकें पढ़ें जैसे भगत सिंह द्वारा लिखित ‘जेल डायरी’, जवाहरलाल नेहरू की ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ और सुभाष चंद्र बोस की ‘द इंडियन स्ट्रगल’। इन पुस्तकों को पढ़कर आप भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को बेहतर समझ सकेंगे।

शब्दों की बात

आप अपनी माँ को क्या कहकर संबोधित करते हैं? अन्य भाषाओं में माँ के लिए प्रयुक्त संबोधन और माँ के लिए शब्द ढूँढ़िए।
क्या उनमें कुछ समानता दिखती है? हाँ, तो क्या?

उत्तर – अलग-अलग भाषाओं में माँ के लिए प्रयुक्त शब्द हैं:-

  • हिंदी: माँ, मैया, माता जी, अम्मा
  • अंग्रेजी: Mother, Mom, Mummy
  • बंगाली: मा
  • तमिल: अम्मा
  • मराठी: आई
  • गुजराती: बा

आज की पहेली

यहाँ दी गई वर्ग पहेली में पाठ से बारह विशेषण दिए गए हैं। उन्हें छाँटकर पाठ में रेखांकित कीजिए।

उत्तर –

  1. मंगलमयी
  2. प्रत्येक
  3. मनोहर
  4. धार्मिक
  5. खूब
  6. बड़ा
  7. साधारण
  8. महान
  9. स्वाधीन
  10. दुखभरी
  11. छोटी
  12. ग्यारह

झरोखे से

ऐ मातृभूमि !
ऐ मातृभूमि! तेरी जय हो, सदा विजय हो ।
प्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शांति-कांतिमय हो।
अज्ञान की निशा में, दुख भरी दिशा में;
संसार के हृदय में, तेरी प्रभा उदय हो।
तेरा प्रकोप सारे जग का महाप्रलय हो।
तेरी प्रसन्नता ही आनंद का विषय हो।
वह भक्ति दे कि ‘बिस्मिल’ सुख में तुझे न भूले,
वह शक्ति दे कि दुख में कायर न यह हृदय हो।
– रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

खोजबीन के लिए

माँ से संबंधित पाँच रचनाएँ पुस्तकालय से खोजें और अपनी पत्रिका बनाएँ।

उत्तर – माँ पर लिखी गई कुछ प्रसिद्ध रचनाएँ हैं:

  • ‘माँ’ – महादेवी वर्मा की कविता
  • ‘माँ का आँचल’ – शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की रचना
  • ‘मेरी माँ’ – सुमित्रानंदन पंत की कविता
  • ‘माँ कह एक कहानी’ – सुभद्रा कुमारी चौहान की श्रेष्ठ कविता
  • ‘माँ’ – मुंशी प्रेमचंद की मार्मिक कहानी
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