Here you will get free Bihar Board Class 8 Geography Chapter 2 Solutions for free. This covers all question answer of chapter 2 – “भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन” in hindi medium. It is based on the new syllabus.
इस अध्याय में आप प्रकृति के खजाने यानी प्राकृतिक संसाधनों के बारे में जानेंगे। भूमि, मिट्टी, पानी, पेड़-पौधे और जानवर हमारे जीवन का आधार हैं। आप सीखेंगे कि ये संसाधन कैसे बनते हैं और इनका उपयोग कहाँ-कहाँ होता है। साथ ही, इनके सामने आने वाली समस्याओं और उनके समाधान के बारे में भी समझ आएगी। यह अध्याय आपको प्रकृति और मानव के रिश्ते को बेहतर समझने में मदद करेगा।

Bihar Board Class 8 Geography Chapter 2 Solutions
Contents
| Chapter | 2. भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन |
| Subject | Geography (संसाधन और विकास) |
| Class | 8th |
| Board | Bihar Board |
अभ्यास
1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) मृदा निर्माण के लिए उत्तरदायी दो मुख्य जलवायु कारक कौन-से हैं?
उत्तर: मृदा निर्माण के लिए दो मुख्य जलवायु कारक हैं तापमान और वर्षा। तापमान मिट्टी के बनने की गति को प्रभावित करता है, और वर्षा मिट्टी में नमी प्रदान करती है, जिससे पौधों और जीवों की गतिविधियाँ बढ़ती हैं।
(ii) भूमि निम्नीकरण के कोई दो कारण लिखिए।
उत्तर: भूमि निम्नीकरण के दो कारण हैं:
- जंगलों की कटाई: पेड़ों को काटने से मिट्टी की ऊपरी सतह खुली रहती है, जिससे वह बह जाती है।
- अधिक खेती: बार-बार खेती करने से मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है।
(iii) भूमि को महत्वपूर्ण संसाधन क्यों माना जाता है?
उत्तर: भूमि को महत्वपूर्ण संसाधन माना जाता है क्योंकि यह मनुष्य, पौधों और जानवरों के लिए आधार प्रदान करती है। इसका उपयोग खेती, जंगल उगाने, खनन, घर बनाने, सड़कें बनाने और उद्योग स्थापित करने के लिए होता है। यह पौधों और जानवरों को रहने की जगह भी देती है।
(iv) किन्हीं दो सोपानों के नाम बताइए जिन्हें सरकार ने पौधों और प्राणियों के संरक्षण के लिए आरंभ किया है।
उत्तर: सरकार ने पौधों और प्राणियों के संरक्षण के लिए दो सोपान शुरू किए हैं:
- राष्ट्रीय उद्यान: जैसे जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, जहाँ पौधों और जानवरों की रक्षा की जाती है।
- वन्यजीव अभयारण्य: जैसे सरिस्का अभयारण्य, जो वन्यजीवों को सुरक्षित रखने में मदद करता है।
(v) जल संरक्षण के तीन तरीके बताइए।
उत्तर: जल संरक्षण के तीन तरीके हैं:
- नहरों को पक्का करना: खेतों में पानी ले जाने वाली नहरों को पक्का करने से पानी का रिसाव कम होता है।
- स्प्रिंकलर सिंचाई: यह विधि पानी को बूंदों के रूप में छिड़कती है, जिससे पानी की बर्बादी कम होती है।
- ड्रिप सिंचाई: इस विधि में पानी को पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद करके पहुँचाया जाता है, जो सूखे क्षेत्रों में बहुत उपयोगी है।
2. सही उत्तर को चिह्नित कीजिए-
(i) निम्नलिखित में से कौन-सा कारक मृदा निर्माण का नहीं है?
(क) समय
(ख) मृदा का गठन
(ग) जैव पदार्थ
उत्तर: (ख) मृदा का गठन
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सी विधि तीव्र ढालों पर मृदा अपरदन को रोकने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है?
(क) रक्षक मेखला
(ख) मलचिग
(ग) वेदिका कृषि
उत्तर: (ग) वेदिका कृषि
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकृति के संरक्षण के अनुकूल नहीं है?
(क) बल्ब को बंद कर देना चाहिए जब आवश्यकता न हो।
(ख) नल को उपयोग के बाद तुरंत बंद कर देना चाहिए।
(ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।
उत्तर: (ग) खरीददारी के बाद पॉली पैक को नष्ट कर देना चाहिए।
3. निम्नलिखित का मिलान कीजिए-
उत्तर:
(क) भूमि उपयोग – (iii) भूमि का उत्पादनकारी उपयोग
(ख) ह्यूमस – (iv) ऊपरी मृदा पर निक्षेपित जैव पदार्थ
(ग) चट्टान बाँध – (i) मृदा अपरदन को रोकना
(घ) जैवमंडल – (ii) स्थलमंडल, जलमंडल और वायुमंडल के बीच जुड़ा एक संकरा क्षेत्र
4. निम्नलिखित कथनों में से सत्य अथवा असत्य बताइए। यदि सत्य है तो उसके कारण लिखिए-
(i) भारत का गंगा, ब्रह्मपुत्र का मैदान अत्यधिक आबाद प्रदेश है।
उत्तर: यह कथन सत्य है।
कारण: गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के मैदानों में उपजाऊ मिट्टी और पानी की अच्छी उपलब्धता होती है। यहाँ समतल भूमि खेती के लिए उपयुक्त है, जिसके कारण यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है।
(ii) भारत में प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता कम हो रही है।
उत्तर: यह कथन सत्य है।
कारण: भारत में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे पानी की माँग बढ़ रही है। साथ ही, जल स्रोतों का प्रदूषण और असमान वितरण भी प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता को कम कर रहा है।
(iii) तटीय क्षेत्रों में पवन गति रोकने के लिए वृक्ष कतार में लगाए जाते हैं, जिसे बीच की फसल उगाना कहते हैं।
उत्तर: यह कथन असत्य है।
कारण: तटीय क्षेत्रों में पवन गति रोकने के लिए वृक्षों की कतार को रक्षक मेखला (शेल्टर बेल्ट) कहते हैं, न कि बीच की फसल उगाना। बीच की फसल उगाना अलग तरह की खेती की विधि है।
(iv) मानवीय हस्तक्षेप और जलवायु परिवर्तन पारितंत्र को व्यवस्थित रख सकते हैं।
उत्तर: यह कथन असत्य है।
कारण: मानवीय हस्तक्षेप जैसे जंगलों की कटाई और प्रदूषण, तथा जलवायु परिवर्तन पारितंत्र को नुकसान पहुँचाते हैं। ये प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ते हैं, न कि व्यवस्थित रखते हैं।
5. क्रियाकलाप
भूमि उपयोग प्रतिरूप के परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कुछ और कारणों की चर्चा कीजिए। पिछले कुछ वर्षों में क्या आपके स्थान पर भूमि उपयोग प्रतिरूप में कोई परिवर्तन हुआ है? अपने माता-पिता और बड़े लोगों से पता कीजिए। आप निम्नलिखित प्रश्नों की पूछकर एक साक्षात्कार ले सकते हैं –

उत्तर:
| स्थान | जब आपके दादा-दादी 30 वर्ष के आयु में थे | जब आपके माता-पिता 30 वर्ष के आयु में थे | आप क्यों सोचते हैं कि ऐसा हो रहा है? | क्या सामान्य क्षेत्र और खुले क्षेत्र विलुप्त हो रहे हैं? |
|---|---|---|---|---|
| ग्रामीण | ||||
| पशु और मुर्गी पालन उद्योग की संख्या | बहुत अधिक | थोड़ी कम | मशीनों और खाद्यान्न उत्पादन पर निर्भरता बढ़ गई है | हाँ, अब खेतों की जगह कम हो रही है |
| गाँव में पेड़ों और तालाबों की संख्या | बहुत अधिक | कम | बस्तियाँ बढ़ रही हैं और पेड़ों की कटाई हो रही है | हाँ |
| परिवार के मुख्य आय का व्यवसाय | खेती | खेती + नौकरी | शिक्षा के प्रसार और नौकरियों की उपलब्धता | नहीं, पर खेती का क्षेत्र घटा है |
| नगरीय | ||||
| कारों की संख्या | बहुत कम | अधिक | जीवनशैली में बदलाव, आय में वृद्धि | हाँ, पार्किंग के लिए खुला क्षेत्र कम |
| घर में कमरों की संख्या | 2-3 | 3-4 | परिवार छोटे हो गए हैं और सुख-सुविधाएं बढ़ी हैं | आंशिक रूप से |
| पक्की सड़कों की संख्या | बहुत कम | बहुत अधिक | शहरीकरण और विकास योजनाएं | हाँ, कच्ची ज़मीन कम |
| पार्क और खेल के मैदानों की संख्या | पर्याप्त | घटती हुई | निर्माण कार्यों में वृद्धि | हाँ, धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं |
अब जो तालिका पूरी की है उसके आधार पर भूमि उपयोग प्रतिरूपों का एक चित्र बनाइए जिन्हें आप 20 वर्षों बाद अपने गाँव/शहर में देखने की कल्पना करते हैं। आप क्यों सोचते हैं कि वर्षों बाद भूमि उपयोग प्रतिरूप बदल जाता है?
उत्तर: स्वयं करने के लिए
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