(New) Bihar Board Class 8 Geography Chapter 1 Solutions – संसाधन

Here you will get free Bihar Board Class 8 Geography Chapter 1 Solutions for free. This covers all question answer of chapter 1 – “संसाधन” in hindi medium. It is based on the new syllabus.

इस अध्याय में आप संसाधनों की दुनिया में कदम रखेंगे। संसाधन वे चीजें हैं जो हमारी जरूरतों को पूरा करती हैं, जैसे पानी, मिट्टी या मानव निर्मित सामान। आप सीखेंगे कि कोई चीज संसाधन कैसे बनती है और इसके कितने प्रकार होते हैं। यह अध्याय आपको यह भी बताएगा कि संसाधनों को बचाना क्यों जरूरी है। साथ ही, टिकाऊ विकास का मतलब समझकर आप जान पाएंगे कि संसाधनों का सही इस्तेमाल कैसे करें।

Bihar Board Class 8 Geography Chapter 1 Solutions new

Bihar Board Class 8 Geography Chapter 1 Solutions

Chapter1. संसाधन
SubjectGeography (संसाधन और विकास)
Class8th
BoardBihar Board

अभ्यास

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

(i) पृथ्वी पर संसाधन असमान रूप से क्यों वितरित हैं?

उत्तर: पृथ्वी पर संसाधन असमान रूप से बंटे हैं क्योंकि हर जगह की प्रकृति अलग होती है। जैसे, कहीं ज्यादा बारिश होती है, तो वहां जंगल और पानी ज्यादा मिलते हैं। कहीं रेगिस्तान है, तो वहां पानी कम होता है। जमीन का प्रकार, मौसम, और ऊंचाई-नीचाई जैसे कारणों से संसाधन अलग-अलग मात्रा में मिलते हैं। इसीलिए कुछ जगहों पर खनिज, पानी या वन ज्यादा हैं, तो कहीं कम।

(ii) संसाधन संरक्षण क्या है?

उत्तर: संसाधन संरक्षण का मतलब है प्राकृतिक चीजों जैसे पानी, जंगल, खनिज और ऊर्जा का सावधानी से उपयोग करना। हमें इन्हें बर्बाद नहीं करना चाहिए ताकि ये भविष्य में भी उपलब्ध रहें। उदाहरण के लिए, पानी को बचाकर, पेड़ लगाकर और बिजली का कम उपयोग करके हम संसाधनों की रक्षा करते हैं। इससे प्रकृति बची रहती है और आने वाली पीढ़ियों को भी ये चीजें मिल पाती हैं।

(iii) मानव संसाधन महत्त्वपूर्ण क्यों हैं?

उत्तर: मानव संसाधन सबसे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इंसान ही प्रकृति के संसाधनों का सही उपयोग करता है। इंसान अपनी बुद्धि, कौशल और मेहनत से नए संसाधन बनाता है, जैसे मशीनें, दवाइयां और तकनीक। शिक्षा और अच्छा स्वास्थ्य इंसानों को और भी उपयोगी बनाते हैं। जब लोग अपने कौशल को बढ़ाते हैं, तो इसे मानव संसाधन विकास कहते हैं। इसीलिए इंसान प्रकृति और समाज के लिए बहुत खास संसाधन है।

(iv) सततपोषणीय विकास क्या है?

उत्तर: सततपोषणीय विकास का मतलब है ऐसा विकास करना जो आज की जरूरतों को पूरा करे, लेकिन भविष्य के लिए संसाधनों को भी बचाए। इसमें हम संसाधनों का समझदारी से उपयोग करते हैं ताकि वे खत्म न हों। जैसे, पेड़ काटने के बाद नए पेड़ लगाना या बिजली बचाने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करना। यह विकास प्रकृति और इंसानों के बीच संतुलन बनाए रखता है ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इनका लाभ उठा सकें।

2. सही उत्तर पर निशान लगाइए:

(i) निम्नलिखित में से कौन संसाधन को निर्धारित नहीं करता?

(क) उपयोगिता।
(ख) मूल्य।
(ग) मात्रा।

उत्तर: (ग) मात्रा।

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा मानव निर्मित संसाधन है?

(क) कैंसर उपचार की औषधियाँ।
(ख) झरने का जल।
(ग) उष्णकटिबंधीय वन।

उत्तर: (क) कैंसर उपचार की औषधियाँ।

(iii) कथन पूरा कीजिए-

अनवीकरणीय संसाधन ………. होते हैं।

(क) सीमित भंडार वाले।
(ख) मनुष्यों द्वारा निर्मित।
(ग) निर्जीव वस्तुओं से व्युत्पन्न।

उत्तर: (क) सीमित भंडार वाले।

3. क्रियाकलाप:

“रहिमन पानी राखिए बिनु पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरे मोती, मानुस, चून…..”

ये पंक्तियाँ अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक, कवि अब्दुर रहीम खानखाना द्वारा लिखी गई थीं। कवि किस प्रकार के संसाधन की ओर संकेत कर रहा है? इस संसाधन के समाप्त हो जाने पर क्या होगा? इसे 100 शब्दों में लिखिए।

उत्तर: कवि रहीम पानी को एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन के रूप में बता रहे हैं। पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। यह पंक्ति कहती है कि पानी के बिना मोती, इंसान और आटा (चून) सब बेकार हैं। अगर पानी खत्म हो गया, तो पेड़-पौधे सूख जाएंगे, खेती नहीं होगी और इंसानों को पीने का पानी नहीं मिलेगा। इससे जीवन रुक जाएगा। पशु-पक्षी भी मर जाएंगे। पानी की कमी से सूखा पड़ सकता है और धरती बंजर हो जाएगी। इसलिए हमें पानी को बचाना चाहिए ताकि प्रकृति और जीवन बचे रहें।

आओ खेलें:

1. सोचिए कि आप प्रागैतिहासिक काल में एक ऊँचे हवादार पठार पर रहते हैं। आप और आपके मित्र तेज पवनों का उपयोग कैसे करेंगे? क्या आप पवन को एक संसाधन कह सकते हैं?

अब कल्पना कीजिए कि आप वर्ष 2138 में उसी स्थान पर रह रहे हैं। क्या आप पवनों का कोई उपयोग कर सकते हैं? कैसे? क्या आप बता सकते हैं कि अब पवन एक महत्त्वपूर्ण संसाधन क्यों है?

उत्तर:

प्रागैतिहासिक काल में: प्रागैतिहासिक काल में, हम तेज पवनों का उपयोग आग जलाने के लिए कर सकते हैं। हवा आग को तेजी से जलाने में मदद करती है। इसके अलावा, पवन का उपयोग बीजों को बिखेरने या हल्की चीजें ले जाने में हो सकता है। हां, पवन को संसाधन कह सकते हैं क्योंकि यह प्रकृति की देन है और उपयोगी है।

वर्ष 2138 में: भविष्य में, हम पवन से बिजली बना सकते हैं। पवन चक्कियों (विंड टर्बाइनों) की मदद से हवा की ऊर्जा को बिजली में बदला जा सकता है। पवन अब महत्वपूर्ण संसाधन है क्योंकि यह साफ और अनवीकरणीय ऊर्जा देती है। कोयला और पेट्रोल जैसे संसाधन खत्म हो रहे हैं, इसलिए पवन से बिजली बनाना पर्यावरण को बचाने और ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी है।

2. एक पत्थर, एक पत्ता, एक गत्ता और एक टहनी लीजिए। सोचिए कि आप इनका उपयोग संसाधन की भाँति किस प्रकार कर सकते हैं? नीचे दिए उदाहरण को देखिए और रचना कीजिए।

उत्तर:

  • पत्थर: पत्थर का उपयोग हथियार या औजार बनाने में हो सकता है। इसे घिसकर चाकू की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं या घर की नींव के लिए उपयोग कर सकते हैं।
  • पत्ता: पत्ते को खाना परोसने के लिए थाली की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे जलाकर आग जलाने में भी उपयोग कर सकते हैं।
  • गत्ता: गत्ते से घर में दीवार या छत का छोटा मॉडल बनाया जा सकता है। इसे जलाकर आग भी जलाई जा सकती है।
  • टहनी: टहनी को जलाने के लिए ईंधन के रूप में या छोटे औजार, जैसे मछली पकड़ने की छड़ी, बनाने में उपयोग कर सकते हैं।
Other Chapters
1. संसाधन
2. भूमि, मृदा, जल, प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन
3. कृषि
4. उद्योग
5. मानव संसाधन

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