On this page we have shared the written Solutions for Bihar Board Class 8 History Chapter 1 – “प्रारंभिक कथन: कैसे, कब और कहाँ”. These solutions are prepared by the subject experts and follows the new syllabus of Bihar Board. All question-answers are in Hindi medium.
यह अध्याय हमें इतिहास को समझने का एक नया नजरिया देता है। इसमें हम जानेंगे कि इतिहास सिर्फ़ राजा-महाराजाओं की कहानियाँ नहीं, बल्कि आम लोगों की ज़िंदगी, उनके खान-पान, समाज और संस्कृति में आए बदलावों की कहानी भी है। हम यह भी देखेंगे कि अंग्रेज़ों ने भारत में अपने शासन को कैसे स्थापित किया और इसके लिए नक्शे, सर्वेक्षण और दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया। इस अध्याय से आपको समय के साथ बदलते भारत की झलक मिलेगी और इतिहास को अलग-अलग कालखंडों में बाँटने का तरीका समझ आएगा।

Bihar Board Class 8 History Chapter 1 Solutions
Contents
| Subject | History (हमारे अतीत-3) |
| Chapter | 1. प्रारंभिक कथन: कैसे, कब और कहाँ |
| Class | 8th |
| Board | Bihar Board |
फिर से याद करें
1. सही और गलत बताएँ-
(क) जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, तीन काल खंडों में बाँट दिया था।
उत्तर: सही।
विवरण: जेम्स मिल ने अपनी किताब में भारतीय इतिहास को तीन हिस्सों में बाँटा था: हिंदू काल, मुस्लिम काल और ब्रिटिश (ईसाई) काल।
(ख) सरकारी दस्तावेज़ों से हमें ये समझने में मदद मिलती है कि आम लोग क्या सोचते हैं।
उत्तर: गलत।
विवरण: सरकारी दस्तावेज़ ज्यादातर शासन और प्रशासन से जुड़ी जानकारी देते हैं। आम लोगों की सोच को समझने के लिए हमें अखबार, पत्र, या उनकी लिखी डायरियाँ जैसे स्रोत चाहिए।
(ग) अंग्रेज़ों को लगता था कि सही तरह शासन चलाने के लिए सर्वेक्षण महत्त्वपूर्ण होते हैं।
उत्तर: सही।
विवरण: अंग्रेज़ों का मानना था कि सर्वेक्षण से ज़मीन, लोग और संसाधनों की सही जानकारी मिलती है, जो शासन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
आइए विचार करें
2. जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है, उसमें क्या समस्याएँ हैं?
उत्तर: जेम्स मिल ने अपनी किताब ए हिस्ट्री ऑफ़ ब्रिटिश इंडिया में भारतीय इतिहास को तीन हिस्सों में बाँटा: हिंदू काल, मुस्लिम काल और ब्रिटिश काल। लेकिन इस बँटवारे में कई समस्याएँ थीं:
- भारत की विविधता को नज़रअंदाज़ किया: भारत में कई धर्म, संस्कृतियाँ और समुदाय एक साथ रहते थे। मिल ने इसे केवल धर्म के आधार पर बाँटा, जिससे भारत की पूरी तस्वीर नहीं दिखती।
- हिंदू और मुस्लिम काल को अलग करना गलत था: भारत में हिंदू और मुस्लिम एक साथ रहते थे और एक-दूसरे की संस्कृति को प्रभावित करते थे। इसे अलग-अलग करना सही नहीं था।
- ब्रिटिश शासन को बेहतर दिखाया: मिल ने ब्रिटिश शासन को सभ्यता और प्रगति का प्रतीक बताया, जबकि भारत में पहले से ही समृद्ध संस्कृतियाँ थीं।
- भारत की सामाजिक और ऐतिहासिक सच्चाई को अनदेखा किया: मिल ने भारत के इतिहास को यूरोप की नज़र से देखा और भारतीय समाज की खासियतों को नहीं समझा।
ये समस्याएँ बताती हैं कि मिल का बँटवारा सही और पूरा नहीं था।
3. अंग्रेज़ों ने सरकारी दस्तावेज़ों को किस तरह सुरक्षित रखा?
उत्तर: अंग्रेज़ों को लगता था कि ज़रूरी दस्तावेज़ों को सँभालकर रखना बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसलिए, उन्होंने कई कदम उठाए:
- हर सरकारी दफ्तर, जैसे तहसील, कलेक्टरेट, और प्रांतीय सचिवालय, में अभिलेख कक्ष (रिकॉर्ड रूम) बनाए गए, जहाँ दस्तावेज़ सुरक्षित रखे जाते थे।
- महत्त्वपूर्ण कागजात को लंबे समय तक बचाने के लिए अभिलेखागार (आर्काइव) और संग्रहालय बनाए गए।
- इन जगहों पर दस्तावेज़ों को व्यवस्थित और सुरक्षित रखा जाता था ताकि ज़रूरत पड़ने पर आसानी से मिल सकें।
इस तरह अंग्रेज़ों ने सरकारी दस्तावेज़ों को सँभालकर रखा।
4. इतिहासकार पुराने अख़बारों से जो जानकारी जुटाते हैं वह पुलिस की रिपोर्टों में उपलब्ध जानकारी से किस तरह अलग होती है?
उत्तर: पुराने अखबार और पुलिस की रिपोर्टें दोनों इतिहासकारों के लिए ज़रूरी हैं, लेकिन इनमें जानकारी अलग-अलग तरह की होती है:
अखबारों की जानकारी:
- अखबार आम लोगों की सोच, राय और घटनाओं को बताते हैं।
- ये घटनाओं को विस्तार से और अलग-अलग नज़रिए से पेश करते हैं।
- इनमें खबरें, लेख और लोगों के विचार शामिल होते हैं, जो समाज की पूरी तस्वीर दिखाते हैं।
पुलिस की रिपोर्टों की जानकारी:
- पुलिस की रिपोर्टें सरकारी दस्तावेज़ होती हैं और ज्यादातर घटनाओं का आधिकारिक विवरण देती हैं।
- इनमें पक्षपात होने की संभावना होती है क्योंकि ये सरकार या अधिकारियों के दबाव में लिखी जाती हैं।
- ये व्यक्तिगत राय कम और तथ्यों पर ज़्यादा ध्यान देती हैं।
इसलिए, अखबार समाज की व्यापक जानकारी देते हैं, जबकि पुलिस की रिपोर्टें आधिकारिक लेकिन सीमित जानकारी देती हैं।
आइए करके देखें
5. क्या आप आज की दुनिया के कुछ सर्वेक्षणों का उदाहरण दे सकते हैं? सोचकर देखिए कि खिलौना बनाने वाली कंपनियाँ यह पता कैसे चलता है कि बच्चे किन चीज़ों को ज्यादा पसंद करते हैं। या, सरकार को यह कैसे पता चलता है कि स्कूलों में बच्चों की संख्या कितनी है? इतिहासकार ऐसे सर्वेक्षणों से क्या हासिल कर सकते हैं?
उत्तर: आज की दुनिया में कई तरह के सर्वेक्षण होते हैं। कुछ उदाहरण हैं:
- जनगणना: सरकार हर 10 साल में जनगणना करती है, जिसमें देश की आबादी, शिक्षा, और रोज़गार की जानकारी जुटाई जाती है।
- चुनावी सर्वे: चुनाव से पहले लोग यह जानने के लिए सर्वे करते हैं कि कौन-सी पार्टी जीत सकती है।
- बाज़ार सर्वे: कंपनियाँ यह जानने के लिए सर्वे करती हैं कि लोग क्या खरीदना पसंद करते हैं।
खिलौना बनाने वाली कंपनियाँ कैसे पता करती हैं कि बच्चे क्या पसंद करते हैं?
- कंपनियाँ बच्चों और उनके माता-पिता से सवाल पूछती हैं, जैसे कि उन्हें कौन-से खिलौने अच्छे लगते हैं।
- वे दुकानों से बिक्री का डेटा देखती हैं कि कौन-से खिलौने ज़्यादा बिक रहे हैं।
- ऑनलाइन सर्वे या सोशल मीडिया पर बच्चों की पसंद को समझती हैं।
सरकार को स्कूलों में बच्चों की संख्या कैसे पता चलती है?
- सरकार स्कूलों से हर साल बच्चों के दाखिले और उपस्थिति का रिकॉर्ड माँगती है।
- शिक्षा विभाग सर्वे करता है, जिसमें स्कूलों में बच्चों की संख्या, उम्र, और कक्षा की जानकारी जुटाई जाती है।
इतिहासकार इन सर्वेक्षणों से क्या हासिल कर सकते हैं?
- इतिहासकार इन सर्वेक्षणों से उस समय के समाज के बारे में जान सकते हैं, जैसे कि कितने लोग पढ़े-लिखे थे, कितने बच्चे स्कूल जाते थे, या लोग क्या पसंद करते थे।
- वे यह समझ सकते हैं कि समय के साथ समाज में क्या बदलाव आए, जैसे शिक्षा का स्तर या लोगों की रुचियाँ।
- ये जानकारी पुराने समय की तस्वीर को समझने में मदद करती है।