Free Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 2 Solutions are available here. Get all written question answers for chapter 2 – “दो गौरैया”. It follows the new syllabus and book of BSEB Class 8 Hindi.
‘दो गौरैया’ कहानी, भीष्म साहनी जी द्वारा लिखी गई, प्रकृति और मानव के बीच के सुंदर रिश्ते को दर्शाती है। यह कहानी एक गौरैया जोड़े के इर्द-गिर्द घूमती है, जो लेखक के घर में घोंसला बनाते हैं। आप इस कहानी से गौरैयों की मासूम हरकतों और उनके प्रति लेखक की संवेदनशीलता को जानेंगे। यह पाठ आपको यह सिखाएगा कि कैसे छोटे जीव-जंतुओं के साथ हमारा जुड़ाव हमारे जीवन में खुशी और सुकून ला सकता है।

Bihar Board Class 8 Hindi Durva Chapter 2 Solutions
Contents
| अध्याय | 2. दो गौरैया |
| लेखक | भीष्म साहनी |
| विषय | Hindi (दूर्वा भाग 3) |
| कक्षा | 8वीं |
| बोर्ड | बिहार बोर्ड |
अभ्यास
पाठ से:
(क) दोनों गौरैयों को पिताजी जब घर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे तो माँ क्यों मदद नहीं कर रही थी? बस, वह हँसती क्यों जा रही थी?
उत्तर: माँ इसलिए मदद नहीं कर रही थीं क्योंकि उन्हें पता था कि गौरैयों ने घोंसला बना लिया है और अंडे दे दिए हैं। वे अब आसानी से नहीं जाएँगी। पिताजी ताली बजा रहे थे, बाहें हिला रहे थे, और “श-शू” कर रहे थे, जो माँ को बहुत मज़ेदार लग रहा था। इसलिए वे हँसती जा रही थीं।
(ख) “देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो।” माँ ने पिताजी से गंभीरता से यह क्यों कहा?
उत्तर: माँ ने गंभीरता से यह कहा क्योंकि गौरैयों ने घर में घोंसला बना लिया था और उसमें अंडे दे दिए थे। माँ को लगता था कि अगर चिड़ियों को निकाला गया, तो उनके अंडे या बच्चे नष्ट हो सकते हैं। माँ को चिड़ियों और उनके बच्चों की चिंता थी, क्योंकि माँ का दिल बच्चों के लिए बहुत कोमल होता है।
(ग) “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,” पिताजी ने गुस्से में ऐसा क्यों कहा? क्या पिताजी के इस कथन से माँ सहमत थी? क्या तुम सहमत हो? अगर नहीं तो क्यों?
उत्तर: पिताजी ने गुस्से में ऐसा कहा क्योंकि वे गौरैया के बार-बार घर में आने और तिनके बिखेरने से परेशान हो गए थे। वे चाहते थे कि गौरैया हमेशा के लिए चली जाए। इसके लिए उन्होंने गुस्से में कहा कि उसका घोंसला तोड़ देना चाहिए।
माँ इस बात से सहमत नहीं थीं, क्योंकि वे गौरैया और उसके अंडों की चिंता कर रही थीं।
मैं भी इस बात से सहमत नहीं हूँ। किसी का घर तोड़ना गलत है। गौरैया का घोंसला तोड़ने से उसके अंडे या बच्चे मर सकते हैं, जो बहुत गलत होगा। हमें सभी जीवों का ध्यान रखना चाहिए।
(घ) कमरे में फिर से शोर होने पर भी पिताजी अबकी बार गौरैया की तरफ़ देखकर मुसकुराते क्यों रहे?
उत्तर: जब पिताजी घोंसला तोड़ने गए, तो उन्होंने देखा कि उसमें से चीं-चीं की आवाज़ आ रही थी। घोंसले में गौरैया के बच्चे निकल आए थे। पिताजी को बच्चों पर दया आ गई, इसलिए उन्होंने घोंसला वापस रख दिया। इस बार जब कमरे में शोर हुआ, तो पिताजी गौरैया की तरफ देखकर मुस्कुराए, क्योंकि उन्हें गौरैया के बच्चों की मासूमियत और जीवटता अच्छी लगी।
पशु-पक्षी और हम
इस कहानी के शुरू में कई पशु-पक्षियों की चर्चा की गई है। कहानी में वे ऐसे कुछ काम करते हैं जैसे मनुष्य करते हैं। उनको ढूँढ़कर तालिका पूरी करो-
उत्तर:
(क) पक्षी – घर का पता लिखवाकर लाए हैं।
(ख) बूढ़ा चूहा – अंगीठी के पीछे बैठता है, शायद उसे सर्दी लग रही है।
(ग) बिल्ली – “फिर आऊँगी” कहकर चली जाती है।
(घ) चमगादड़ – पंख फैलाकर छावनी डाले हुए हैं।
(ङ) चीटियाँ – फौज की तरह छावनी डाले हुए हैं।
मल्हार
(क) अब तुम पता करो कि मल्हार क्या होता है? इस काम में तुम बड़ों की सहायता भी ले सकते हो।
उत्तर: मल्हार एक संगीत का राग है। ऐसा माना जाता है कि इसे गाने से बारिश हो सकती है। यह बहुत मधुर और सुकून देने वाला राग है।
(ख) बताओ कि क्या सचमुच चिड़ियाँ ‘मल्हार’ गा सकती हैं?
उत्तर: नहीं, चिड़ियाँ सचमुच मल्हार नहीं गा सकतीं। यह एक संगीत का राग है, जो इंसान गाते हैं। चिड़ियों की चहचहाहट को मल्हार से बस तुलना की गई है।
(ग) बताओ कि कहानी में चिड़ियों द्वारा मल्हार गाने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर: कहानी में चिड़ियों की चहचहाहट को मल्हार गाने से जोड़ा गया है, क्योंकि उनकी आवाज़ बहुत मधुर और सुरीली थी। लेखक ने उनकी चहचहाहट को राग मल्हार की तरह खूबसूरत बताया, ताकि उनकी आवाज़ की सुंदरता को दर्शाया जा सके।
पाठ से आगे
अलग-अलग पक्षी अलग-अलग तरह से घोंसला बनाते हैं। तुम कुछ पक्षियों के घोंसलों के चित्र इकट्ठे करके उसे अपनी कॉपी पर चिपकाकर शिक्षक को दिखाओ।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
अंदर आने के रास्ते
(क) पूरी कहानी में गौरैया, कहाँ-कहाँ से घर के अंदर घुसी थी? सूची बनाओ।
उत्तर: गौरैया निम्नलिखित रास्तों से घर में घुसी थी:
(i) खुला दरवाज़ा।
(ii) बंद दरवाज़े के नीचे का रास्ता।
(iii) रोशनदान के टूटे शीशे से।
(ख) अब अपने घर के बारे में सोचो। तुम्हारे घर में यदि गौरैया आना चाहे तो वह कहाँ-कहाँ से अंदर घुस सकती है? इसे अपने शिक्षक को बताओ।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
कहने का अंदाज
“माँ खिलखिलाकर हँस दीं।” इस वाक्य में ‘खिलखिलाकर’ शब्द बता रहा है कि माँ कैसे हँसी थीं। इसी प्रकार नीचे दिए गए रेखांकित शब्दों पर भी ध्यान दो। इन शब्दों से एक-एक वाक्य बनाओ।
(क) पिताजी ने झिड़ककर कहा, “तू खड़ा क्या देख रहा है?”
उत्तर: माँ ने बच्चे को झिड़ककर कहा, “हाथ क्यों नहीं धोया?”
(ख) “आज दरवाज़े बंद रखो,” उन्होंने हुक्म दिया।
उत्तर: शिक्षक ने बच्चों को हुक्म दिया, “कक्षा में चुप रहो।”
(ग) “देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो,” माँ ने अबकी बार गंभीरता से कहा।
उत्तर: दादी ने गंभीरता से कहा, “बाहर अंधेरा है, घर में रहो।”
(घ) “किसी को सचमुच बाहर निकालना हो, तो उसका घर तोड़ देना चाहिए,” उन्होंने गुस्से में कहा।
उत्तर: भाई ने गुस्से में कहा, “अगर तुम फिर गलती करोगे, तो तुम्हारी शिकायत करूँगा।”
तुम इनसे मिलते-जुलते कुछ और शब्द सोचो और उनका प्रयोग करते हुए कुछ वाक्य बनाओ।
उत्तर:
(i) धीरे से: रीता ने धीरे से अपनी छोटी बहन को कहानी सुनाई।
(ii) जोर से: बच्चे खेलते समय जोर से हँस रहे थे।
(iii) अटकते हुए: डर के कारण उसने अटकते हुए अपनी बात कही।
(iv) हकलाते हुए: नई कक्षा में वह हकलाते हुए अपना परिचय दे रहा था।
(v) फुसफुसाते हुए: बच्चे कक्षा में फुसफुसाते हुए आपस में बात कर रहे थे।
किससे क्यों-कैसे
“पिताजी बोले, क्या मतलब? मैं कालीन बरबाद करवा लूँ?” ऊपर दिए गए वाक्य पर ध्यान दो और बताओ कि-
(क) पिताजी ने यह बात किससे कही?
उत्तर: पिताजी ने यह बात माँ से कही।
(ख) उन्होंने यह बात क्यों कही?
उत्तर: पिताजी ने यह बात इसलिए कही क्योंकि वे गौरैया के बार-बार घर में आने और कालीन पर तिनके बिखेरने से परेशान थे।
(ग) गौरैयों के आने से कालीन कैसे बरबाद होता?
उत्तर: गौरैया अपने घोंसले के लिए तिनके लाती थीं, जो कालीन पर गिरते थे। साथ ही, उनकी बीट से भी कालीन गंदा हो सकता था।
सराय
“पिताजी कहते हैं कि यह घर सराय बना हुआ है।” ऊपर के वाक्य को पढ़ो और बताओ कि-
(क) सराय और घर में क्या अंतर होता है? आपस में इस पर चर्चा करो।
उत्तर: घर वह जगह है जहाँ एक परिवार मिलकर प्यार और अपनापन के साथ रहता है। सराय वह जगह है जहाँ अलग-अलग लोग कुछ समय के लिए रुकते हैं और फिर चले जाते हैं। घर में लोग लंबे समय तक रहते हैं और एक-दूसरे से भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं, जबकि सराय में लोग अस्थायी रूप से रहते हैं और कोई गहरा जुड़ाव नहीं होता।
(ख) पिताजी को अपना घर सराय क्यों लगता है?
उत्तर: पिताजी को अपना घर सराय इसलिए लगता था क्योंकि उनके घर में गौरैया, चूहे, चमगादड़, और चीटियाँ जैसे कई जीव आते-जाते रहते थे। ये सभी अपने-अपने काम में व्यस्त थे, जैसे कोई सराय में लोग आते-जाते हैं।
गौरैयों की चर्चा
मान लो तुम लेखक के घर की एक गौरैया हो। अब अपने साथी गौरैया को बताओ कि तुम्हारे साथ इस घर में क्या-क्या हुआ?
उत्तर: अरे, मेरी प्यारी गौरैया दोस्त! सुन, इस घर में मेरे साथ बहुत कुछ हुआ। मैं और मेरी साथी इस घर में कई बार आए। हमने यहाँ एक सुंदर घोंसला बनाया। पहले-पहल तो यहाँ के पिताजी हमें निकालने की कोशिश करते थे। वे ताली बजाते, बाहें हिलाते, और “श-शू” करते। हमें देखकर माँ हँसती थीं, क्योंकि उन्हें पता था कि हमने घोंसला बना लिया है। एक बार तो पिताजी ने हमारा घोंसला तोड़ने की कोशिश की, लेकिन जब उन्होंने हमारे बच्चों की चीं-चीं सुनी, तो उनका दिल पिघल गया। उन्होंने हमारा घोंसला वापस रख दिया। अब हम खुलकर चहचहाते हैं, और पिताजी हमें देखकर मुस्कुराते हैं। यह घर अब हमारा भी घर है!
कैसे लगे
तुम्हें इस कहानी में कौन सबसे अधिक पसंद आया? तुम्हें उसकी कौन-सी बात सबसे अधिक अच्छी लगी?
उत्तर: मुझे इस कहानी में माँ सबसे ज्यादा पसंद आईं। उनकी यह बात बहुत अच्छी लगी कि उन्होंने गौरैया को निकालने से मना किया और कहा, “देखो जी, चिड़ियों को मत निकालो।” माँ का दिल बहुत दयालु था, और वे गौरैया के बच्चों की चिंता करती थीं। उनका यह प्यार और दया मुझे बहुत अच्छा लगा।
माँ की बात
(क) क्या माँ सचमुच चिड़ियों को घर से निकालना चाहती थीं?
उत्तर: नहीं, माँ चिड़ियों को घर से निकालना नहीं चाहती थीं। वे चिड़ियों और उनके बच्चों की चिंता करती थीं। इसलिए उन्होंने पिताजी को गंभीरता से कहा कि चिड़ियों को न निकालें।
(ख) माँ बार-बार क्यों कह रही थीं कि ये चिड़ियाँ नहीं जाएँगी?
उत्तर: माँ बार-बार कह रही थीं कि चिड़ियाँ नहीं जाएँगी, क्योंकि उन्होंने घर में घोंसला बना लिया था और अंडे दे दिए थे। माँ जानती थीं कि चिड़ियाँ अपने बच्चों को छोड़कर कहीं नहीं जाएँगी।
कहानी की चर्चा
(क) तुम्हारे विचार से इस कहानी को कौन सुना रहा है? तुम्हें यह किन बातों से पता चला?
उत्तर: इस कहानी को लेखक सुना रहा है। यह बात कहानी के विवरण से पता चलता है। लेखक ने घर में होने वाली हर छोटी-बड़ी बात, जैसे पिताजी का गुस्सा, माँ की हँसी, और गौरैया की हरकतें, बहुत बारीकी से बताई हैं। ऐसा लगता है कि लेखक ने यह सब खुद देखा और महसूस किया।
(ख) लेखक ने यह अनुमान कैसे लगाया कि एक चूहा बूढ़ा है और उसको सर्दी लगती है?
उत्तर: लेखक ने देखा कि एक चूहा अंगीठी के पीछे बैठा था। आमतौर पर बूढ़े लोग ठंड से बचने के लिए गर्म जगह पर बैठते हैं। इसलिए लेखक ने अनुमान लगाया कि चूहा बूढ़ा है और उसे सर्दी लग रही है।
शब्द की समझ
चुक – चूक
(क) अब उनकी सहनशीलता चुक गई।
(ख) उनका निशाना चूक गया।
अब तुम भी इन शब्दों को समझो और उनसे वाक्य बनाओ।
(i) सुख – सूख
(क) सुख: परिवार के साथ समय बिताने में मुझे बहुत सुख मिलता है।
(ख) सूख: गर्मी में तालाब का पानी सूख गया।
(ii) धुल – धूल
(क) धुल: बारिश ने सड़क की सारी गंदगी धुल दी।
(ख) धूल: हवा चलने से कमरे में धूल उड़ने लगी।
(iii) सुना – सूना
(क) सुना: मैंने अपनी दादी से एक मजेदार कहानी सुना।
(ख) सूना: मेरे दोस्त के जाने के बाद कमरा सूना हो गया।