Bihar Board Class 7 Science Chapter 6 Solutions from the new book is available here. You will get complete question-answer of chapter 6 – “जीवों में श्वसन” on this page. This follows the new NCERT-based Science book of Bihar Board Class 7.
अध्याय 6 – जीवों में श्वसन, हमें सभी जीवों की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया, श्वसन, से परिचित कराता है, जिसके माध्यम से वे ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इस अध्याय में हम श्वसन के दो प्रकार – एरोबिक (ऑक्सीजन की उपस्थिति में) और एनेरोबिक (ऑक्सीजन के बिना) – के बारे में सीखते हैं। साथ ही, मानव श्वसन तंत्र के अलावा, विभिन्न जानवरों और पौधों में श्वसन की प्रक्रिया को भी समझाया गया है। यह अध्याय श्वसन और श्वास लेने (सांस लेने) के बीच के अंतर को भी स्पष्ट करता है, जिससे जीवों के जीवन की इस आधारभूत प्रक्रिया को समझना आसान हो जाता है। इस अध्याय के समाधान, “जीवों में श्वसन Question Answer”, यहाँ उपलब्ध हैं।

Bihar Board Class 7 Science Chapter 6 Solutions
| Class | 7 |
| Subject | Science (विज्ञान) |
| Chapter | 6. जीवों में श्वसन |
| Board | Bihar Board |
अभ्यास
1. कोई धावक दौड़ समाप्त होने पर सामान्य से अधिक तेजी से गहरी साँसें क्यों लेता है?
उत्तर:- दौड़ते समय शरीर की मांसपेशियों को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके लिए अधिक ऑक्सीजन चाहिए। दौड़ के दौरान शरीर में ऑक्सीजन का ऋण (oxygen debt) बन जाता है और कोशिकाओं में लैक्टिक अम्ल जमा हो जाता है। दौड़ समाप्त होने पर, शरीर इस ऑक्सीजन ऋण को चुकाने और लैक्टिक अम्ल को हटाने के लिए तेज और गहरी साँसें लेता है। इससे रक्त में अधिक ऑक्सीजन पहुँचती है और शरीर सामान्य स्थिति में लौटता है।
2. वायवीय और अवायवीय श्वसन के बीच समानताएँ और अंतर बताइए।
उत्तर:-
समानताएँ:-
(i) दोनों प्रकार के श्वसन में ग्लूकोज का विखंडन होकर ऊर्जा निकलती है।
(ii) दोनों में ग्लाइकोलिसिस की प्रारंभिक प्रक्रिया समान होती है।
अंतर:-
(i) वायवीय श्वसन ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है और अंतिम उत्पाद CO₂ और पानी होते हैं, जबकि अवायवीय श्वसन ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है और इसमें एथेनॉल या लैक्टिक अम्ल और कम मात्रा में CO₂ बनते हैं।
(ii) वायवीय श्वसन से प्रति ग्लूकोज अणु 38 ATP अणु (अधिक ऊर्जा) प्राप्त होते हैं, जबकि अवायवीय श्वसन से केवल 2 ATP अणु (कम ऊर्जा) मिलते हैं।
3. जब हम अत्यधिक धूल भरी वायु में साँस लेते हैं, तो हमें छींक क्यों आ जाती है?
उत्तर:- हमारी नाक की श्लेष्मा झिल्ली (म्यूकस मेम्ब्रेन) में विशेष रिसेप्टर होते हैं जो धूल के कणों को अजनबी वस्तु के रूप में पहचानते हैं। जब धूल के कण नाक की झिल्ली को उत्तेजित करते हैं, तो मस्तिष्क को संकेत भेजा जाता है। यह एक स्वचालित रक्षात्मक प्रतिक्रिया के रूप में छींक का कारण बनता है। छींकने से हवा तेजी से नाक से बाहर निकलती है, जिससे धूल और अन्य अवांछित कण शरीर से बाहर निकल जाते हैं, जो हमारे श्वसन तंत्र की सुरक्षा करता है।
4. तीन परखनलियाँ लीजिए। प्रत्येक को 3/4 भाग तक जल से भर लीजिए। इन्हें A, B तथा C द्वारा चिह्नित कीजिए। परखनली A में एक घोंघा रखिए। परखनली B में कोई जलीय पादप रखिए और C में एक घोंघा और पादप दोनों को रखिए। किस परखनली में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता सबसे अधिक होगी?
उत्तर:- परखनली A में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता सबसे अधिक होगी। घोंघा श्वसन के दौरान ऑक्सीजन का उपयोग करता है और CO₂ छोड़ता है, जबकि जलीय पादप प्रकाश में CO₂ का उपयोग करके ऑक्सीजन छोड़ते हैं। परखनली B में पादप CO₂ का उपयोग करेगा, इसलिए यहां CO₂ की मात्रा कम होगी। परखनली C में, पादप घोंघे द्वारा उत्पादित कुछ CO₂ का उपयोग करेगा, जिससे यहां मध्यम स्तर की CO₂ सांद्रता होगी।
5. सही उत्तर पर (√) का निशान लगाइए-
(क) तिलचट्टों के शरीर में वायु प्रवेश करती है, उनके-
- (i) फेफड़ों द्वारा।
- (ii) क्लोमों द्वारा।
- (iii) श्वास रंध्रों द्वारा।
- (iv) त्वचा द्वारा।
उत्तर:- (iii) श्वास रंध्रों द्वारा।
(ख) अत्यधिक व्यायाम करते समय हमारी टाँगों में जिस पदार्थ के संचयन के कारण ऐंठन होती है, वह है-
- (i) कार्बन डाइऑक्साइड।
- (ii) लैक्टिक अम्ल।
- (iii) ऐल्कोहॉल।
- (iv) जल।
उत्तर:- (ii) लैक्टिक अम्ल।
(ग) किसी सामान्य वयस्क व्यक्ति की विश्राम-अवस्था में औसत श्वसन दर होती है-
- (i) 9-12 प्रति मिनट।
- (ii) 15-18 प्रति मिनट।
- (iii) 21-24 प्रति मिनट।
- (iv) 30-33 प्रति मिनट।
उत्तर:- (ii) 15-18 प्रति मिनट।
(घ) उच्छ्वसन के समय, पसलियाँ-
- (i) बाहर की ओर गति करती हैं।
- (ii) नीचे की ओर गति करती हैं।
- (iii) ऊपर की ओर गति करती हैं।
- (iv) बिल्कुल गति नहीं करती हैं।
उत्तर:- (ii) नीचे की ओर गति करती हैं।
6. कॉलम A में दिए गए शब्दों का कॉलम B के साथ मिलान कीजिए-
| कॉलम A | कॉलम B |
|---|---|
| (क) यीस्ट | (iii) ऐल्कोहॉल |
| (ख) डायाफ्राम (मध्यपट) | (iv) वक्ष-गुहा |
| (ग) त्वचा | (i) केंचुआ |
| (घ) पत्तियाँ | (v) रंध्र |
| (च) मछली | (ii) क्लोम |
| (छ) मेंढक | (vi) फेफड़े और त्वचा, (vii) श्वासप्रणाल (वातक) |
7. बताइए कि निम्नलिखित वक्तव्य ‘सत्य’ हैं अथवा ‘असत्य’-
(क) अत्यधिक व्यायाम करते समय व्यक्ति की श्वसन दर धीमी हो जाती है।
उत्तर:- असत्य।
(ख) पादपों में प्रकाश संश्लेषण केवल दिन में, जबकि श्वसन केवल रात्रि में होता है।
उत्तर:- सत्य।
(ग) मेंढक अपनी त्वचा के अतिरिक्त अपने फेफड़ों से भी श्वसन करते हैं।
उत्तर:- सत्य।
(घ) मछलियों में श्वसन के लिए फेफड़े होते हैं।
उत्तर:- असत्य।
(च) अंतः श्वसन के समय वक्ष-गुहा का आयतन बढ़ जाता है।
उत्तर:- सत्य।
8. दी गई पहेली के प्रत्येक वर्ग में जीवों के श्वसन से संबंधित हिंदी वर्णाक्षर अथवा संयुक्ताक्षर दिए गए हैं। इनको मिलाकर जीवों तथा उनके श्वसन अंगों से संबंधित शब्द बनाए जा सकते हैं। शब्द वर्गों के जाल में किसी भी दिशा में, ऊपर, नीचे अथवा विकर्ण में पाए जा सकते हैं। श्वसन तंत्र तथा जीवों के नाम खोजिए।

उत्तर:-
- कीटों की वायु नालियाँ – श्वासप्रणाल।
- वक्ष-गुहा को घेरे हुए हड्डियों की संरचना -पसलियाँ।
- वक्ष-गुहा का पेशीय तल – डायाफ्राम।
- पत्ती की सतह पर सूक्ष्म छिद्र – रंध्र।
- कीट के शरीर के पार्श्व भागों के छोटे छिद्र – श्वास रंध्र।
- मनुष्यों के श्वसन अंग – फेफड़े।
- वे छिद्र जिनसे हम साँस भीतर लेते (अंतः श्वसन) करते हैं – नासा द्वार।
- एक अवायवीय जीव – यीस्ट।
- श्वासप्रणाल तंत्र वाला एक जीव – तिलचट्टा।
9. पर्वतारोही अपने साथ ऑक्सीजन सिलिंडर ले जाते हैं, क्योंकि-
- (क) 5 km से अधिक ऊँचाई पर वायु नहीं होती है।
- (ख) वहाँ उपलब्ध वायु की मात्रा भू-तल पर उपलब्ध मात्रा से कम होती है।
- (ग) वहाँ वायु का ताप भू-तल के ताप से अधिक होता है।
- (घ) पर्वत पर वायुदाब भू-तल की अपेक्षा अधिक होता है।
उत्तर:- (ख) वहाँ उपलब्ध वायु की मात्रा भू-तल पर उपलब्ध मात्रा से कम होती है।