Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 13 Solutions – पेड़ की बात (New Book)

Here we have given free Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 13 Solutions. This provides complete questions and answers of chapter 13 – “पेड़ की बात” for free. It follows the new book of Bihar Board class 6 Hindi मल्हार (Malhar) (NCERT Based).

“पेड़ की बात” जगदीश चंद्र बोस द्वारा लिखित एक रोचक पाठ है जो हमें पेड़-पौधों के जीवन के बारे में बहुत सी दिलचस्प बातें सिखाता है। यह पाठ बताता है कि कैसे एक छोटा सा बीज धीरे-धीरे बड़ा होकर विशाल वृक्ष बनता है और हमारे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करता है। इस पाठ में हम जानेंगे कि पेड़ किस तरह से सांस लेते हैं, कैसे सूरज की रोशनी से अपना भोजन बनाते हैं, और कैसे हमारे लिए जीवनदायिनी ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं। “पेड़ की बात” के प्रश्न उत्तर नीचे दिए गए हैं जो आपको इस रोचक पाठ को बेहतर ढंग से समझने में सहायता करेंगे।

Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 13 Solutions New Edition

Bihar Board Class 6 Hindi Chapter 13 – पेड़ की बात

Class6
SubjectHindi – मल्हार (Malhar)
Chapter13. पेड़ की बात
BoardBihar Board

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है ? उसके सामने तारा (★) बनाइए-

(1) “जैसे पौधे को भी सब भेद मालूम हो गया हो” पौधे को कौन–सा भेद पता लग गया ?

  • उसे उल्टा लटकाया गया है।
  • उसे किसी ने सज़ा दी है।
  • बच्चे को गमला रखना नहीं आया।
  • प्रकाश ऊपर से आ रहा है।

उत्तर – उसे उल्टा लटकाया गया है। (★)

(2) पेड़-पौधे जीव-जंतुओं के मित्र कैसे हैं?

  • हमारे जैसे ही साँस लेते हैं।
  • हमारे जैसे ही भोजन ग्रहण करते हैं।
  • हवा को शुद्ध करके सहायता करते हैं।
  • धरती पर हमारे साथ ही जन्मे हैं।

उत्तर – हवा को शुद्ध करके सहायता करते हैं। (★)

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण सहित बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर – विद्यार्थी इस प्रश्न का उत्तर स्वयं दे।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

(क) “पेड़-पौधों के रेशे- रेशे में सूरज की किरणें आबद्ध हैं।
ईंधन को जलाने पर जो प्रकाश व ताप बाहर प्रकट होता है, वह सूर्य की ही ऊर्जा है।

उत्तर – पेड़-पौधे प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया में सूर्य की ऊर्जा को अपने अंदर संचित करके रखते हैं, इसलिए उनके हर हिस्से में सूर्य की किरणें समाहित होती हैं। जब हम लकड़ी जैसे ईंधन को जलाते हैं, तो वास्तव में वह संचित सौर ऊर्जा ही प्रकाश और ताप के रूप में बाहर निकलती है। यह एक प्रकार से सूर्य की ऊर्जा का भंडारण और फिर उसका मुक्त होना है।

(ख) “मधुमक्खी व तितली के साथ वृक्ष की चिरकाल से घनिष्ठता है। वे दल-बल सहित फूल देखने आती हैं।’

उत्तर – मधुमक्खियों और तितलियों का वृक्षों से प्राचीन काल से एक परस्पर लाभदायक संबंध है, जहाँ वे फूलों से मकरंद (शहद) प्राप्त करती हैं। इस प्रक्रिया में वे एक फूल से दूसरे फूल तक पराग कणों को स्थानांतरित करती हैं, जिससे परागण होता है और पौधे फल-फूल सकते हैं। यह संबंध प्रकृति का एक सुंदर उदाहरण है जहाँ मधुमक्खियाँ और तितलियाँ भोजन पाती हैं और बदले में पौधों को प्रजनन में सहायता करती हैं।

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ वाक्यांश नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।

उत्तर –

वाक्यांशअर्थ या संदर्भ
1. बीज का ढक्कन दरक गया6. बीज के दोनों दलों में दरार आ गई या फट गई।
2. उसे ‘अंगारक’ वायु कहते हैं4. साँस छोड़ने पर निकलने वाली वायु- कार्बन डाईऑक्साइड ।
3. पत्ते सूर्य ऊर्जा के सहारे ‘अंगारक’ वायु से अंगार निःशेष कर डालते हैं5. सूर्य के प्रकाश से पत्ते विषाक्त वायु के प्रभाव को नष्ट कर देते हैं।
4. प्रकाश ही जीवन का मूल-मंत्र है2. जीवन के लिए सूर्य का प्रकाश आधारशक्ति या महत्वपूर्ण है।
5. जैसे फूल फूल के बहाने स्वयं हँस रहा हो3. अपनी संपन्नता और भावी पीढ़ी की उत्पत्ति से प्रसन्न-संतुष्ट।
6. इस अपरूप उपादान से किस तरह ऐसे सुंदर फूल खिलते हैं1. मटमैली माटी और विषाक्त वायु से सुंदर-सुंदर फूलों में परिवर्तित होते हैं।

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) बीज के अंकुरित होने में किस-किस का सहयोग मिलता है?

उत्तर :- बीज के अंकुरित होने में पानी, उचित तापमान, ऑक्सीजन और उपयुक्त मिट्टी का सहयोग मिलता है। बीज को अंकुरित होने के लिए नमी और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।

(ख) पौधे अपना भोजन कैसे प्राप्त करते हैं?

उत्तर :- पौधे प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, जिसमें वे सूरज के प्रकाश, पानी और वायु से कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं। जड़ों के माध्यम से पौधे मिट्टी से पानी और खनिज तत्व अवशोषित करते हैं, जो भोजन बनाने में सहायक होते हैं।

लेख की रचना

इस लेख में एक के बाद एक विचार को लेखक ने सुसंगत रूप से प्रस्तुत किया है। गमले को औंधा लटकाना या मूली काटकर बोना जैसे उदाहरण देकर बात कहना इस लेख का एक तरीका है। अपने तथ्य को वास्तविकता या व्यावहारिकता से जोड़ना भी इस लेख की विशेषता है।

(क) जैसे लेखक ने ‘पेड़ की बात’ कही है वैसे ही अपने आस-पास की चीजें देखिए और किसी एक चीज़ पर लेख लिखिए, जैसे- गेहूँ की बात ।

उत्तर :- गेहूँ हमारे देश की सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से एक है, जो हमारी रोटी का मुख्य स्रोत है। छोटे से गेहूँ के दाने में अद्भुत शक्ति छिपी होती है, जो मिट्टी में पड़ते ही अंकुरित होकर नए पौधे का रूप ले लेती है। गेहूँ के खेतों में लहराती सुनहरी बालियाँ देखकर किसान का मन खुशी से भर जाता है, क्योंकि उसकी मेहनत का फल सामने होता है। रोटी, परांठे, हलवा या दलिया – गेहूँ कितने रूपों में हमारा पेट भरता है और शरीर को ऊर्जा देता है।

(ख) उसे कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर :- विद्यार्थी स्वयं करें।

अनुमान या कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए ।

(क) “इस तरह संतान के लिए अपना जीवन न्योछावर करके वृक्ष समाप्त हो जाता है। ” वृक्ष के समाप्त होने के बाद क्या होता है?

उत्तर :- वृक्ष के समाप्त होने के बाद उसके बीज नए पौधों के रूप में विकसित होते हैं, जिससे पेड़ों की नई पीढ़ी का जन्म होता है। ये नए पौधे बड़े होकर अपने माता-पिता वृक्षों की तरह ही फल, फूल और बीज देने लगते हैं। इस प्रकार प्रकृति में पेड़ों का चक्र निरंतर चलता रहता है। यह प्रक्रिया जीवन के नवीनीकरण का सुंदर उदाहरण है।

(ख) पेड़-पौधों के बारे में लेखक की रुचि कैसे जागृत हुई होगी ?

उत्तर :- लेखक की पेड़-पौधों में रुचि संभवतः बचपन से प्रकृति के साथ बिताए गए समय से जागृत हुई होगी, जहां उन्होंने पेड़ों के विकास और जीवन चक्र को करीब से देखा होगा। शायद उन्होंने अपने घर के बगीचे में पौधे लगाकर और उनकी देखभाल करके उनके प्रति विशेष लगाव महसूस किया होगा। पेड़-पौधों के विभिन्न रूपों, उनके महत्व और मनुष्य के जीवन में उनके योगदान को देखकर उनकी जिज्ञासा बढ़ी होगी। किताबों और शिक्षकों से मिली जानकारी ने भी उनकी इस रुचि को और गहरा किया होगा।

प्रवाह चार्ट

बीज से बीज तक की यात्रा का आरेख पूरा कीजिए ।

उत्तर :-

  • बीज
  • अंकुर
  • पराग
  • फूल
  • काली
  • पत्ता
  • फल
  • बीज

अंकुरण

मिट्टी के किसी भी पात्र में मिट्टी भरकर उसमें राजमा या चने के 4-5 बीज बो दीजिए ।

  • हल्का-सा पानी छिड़क दीजिए ।
  • 3-4 दिन तक थोड़ा-थोड़ा पानी डालिए।
  • अब इसमें आए परिवर्तन लेखन पुस्तिका में लिखिए।

(संकेत – एक दिन में पौधे की लंबाई कितनी बढ़ती है, कितने पत्ते निकले, प्रकाश की तरफ पौधे मुड़े या नहीं आदि।).

उत्तर :- राजमा या चने के बीजों में परिवर्तन

  • पहला दिन: बीज फूलकर मोटे हो गए और बीज के ऊपरी आवरण में दरार दिखाई दी।
  • दूसरे दिन: छोटे-छोटे सफेद अंकुर निकले जो लगभग 0.5 सेंटीमीटर लंबे थे और मिट्टी की ओर बढ़ रहे थे।
  • तीसरे दिन: अंकुर मिट्टी से बाहर निकलकर ऊपर की ओर बढ़ने लगे और पहली दो छोटी पत्तियाँ (बीजपत्र) दिखाई दीं, पौधे की लंबाई लगभग 2 सेंटीमीटर हो गई।
  • चौथे दिन: पौधे प्रकाश की दिशा में मुड़ने लगे और नई पत्तियों के अंकुर दिखाई देने लगे, पौधे की लंबाई 3.5 सेंटीमीटर तक पहुँच गई।

शब्दों के रूप

नीचे दिए गए चित्र को देखिए ।

यहाँ मिट्टी से जुड़े कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं तो उसकी विशेषता बता रहे हैं। अब आप पेड़, सर्दी, सूर्य जैसे शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्द बॉक्स बनाकर लिखिए ।

(i) पेड की विशेषता बताने वाले शब्द-

उत्तर – ऊँचा, हरा, घना, छोटा, फलदायक

(ii) सर्दी की विशेषता बताने वाले शब्द-

उत्तर – ठंडा, शीतल, हिमशीतल, कंपकंपी, ठिठुरन, कोहरा, पाला, शीत, बर्फीली

(iii) सूर्य की विशेषता बताने वाले शब्द –

उत्तर – तेजस्वी, गरम, उष्ण, दीप्तिमान, चमकीला, प्रज्वलित, तपता, धूप, किरणें, प्रकाश, रोशनी

पाठ से आगे

मेरे प्रिय

नीचे दी गई तालिका में प्रत्येक के लिए अपनी पसंद के तीन-तीन नाम लिखिए।

उत्तर – विद्यार्थी अपने पसंद के अनुसार ऊपर दिए गए प्रश्नो का उत्तर दे।

आज की पहेली

इस शब्द सीढ़ी में पाठ में आए शब्द हैं। उन्हें पूरा कीजिए और पाठ में रेखांकित कीजिए ।

उत्तर – विद्यार्थी इस प्रश्न का उत्तर स्वयं दे।

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