MP Board Class 6 Hindi Sugam Bharti Chapter 14 Solutions – सहनशीलता

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सहनशीलता पर केंद्रित यह पाठ प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित है। इस कविता में सहनशीलता के महत्व और उसकी सीमाओं पर गहन चिंतन किया गया है। कवि ने क्षमा, दया, और विनम्रता जैसे गुणों की महत्ता को स्वीकार करते हुए भी यह संदेश दिया है कि इन गुणों का प्रदर्शन तभी सार्थक होता है जब व्यक्ति के पास शक्ति और साहस भी हो। इस पाठ के माध्यम से विद्यार्थी सहनशीलता के सही अर्थ को समझेंगे और यह सीखेंगे कि किस परिस्थिति में क्षमाशील होना चाहिए और कब अपनी शक्ति का प्रदर्शन आवश्यक है।

MP Board class 6 Hindi Sugam Bharti chapter 14

MP Board Class 6 Hindi Sugam Bharti Chapter 14

SubjectHindi ( Sugam Bharti )
Class6th
Chapter14. सहनशीलता
Authorरामधारी सिंह ‘दिनकर’
BoardMP Board

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. (क) सही जोड़ी बनाइए l

दीप्ति(ख) विनय
सहन (घ) शीलता
नर(क) व्याघ्र
दंत(ग) हीन

प्रश्न (ख) दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त विकल्प चुनकर रिक्त स्थान भरिए-

  1. नर व्याघ्र दुर्योधन को कहा गया है। (युधिष्ठर दुर्योधन)
  2. रामचन्द्र सिंधु के किनारे तीन दिवस तक पथ माँगते रहे। (तीन दिवस/पाँच दिवस)
  3. उठी अधीर धधक पौरुष की आग राम के शर से। (शर/बल)
  4. क्षमा शोमती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो। (अभिय/गरल)

अति लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

(क) कौरवों ने कायर किसको समझा?

उत्तर: कौरवों ने पांडवों को कायर समझा क्योंकि वे शांति और सहनशीलता का पालन कर रहे थे।

(ख) क्षमा किसे शोभती है?

उत्तर: क्षमा उसी को शोभती है जो ताकतवर, साहसी और आत्मविश्वास से भरा होता है।

(ग) सिंधु से रास्ता किसने माँगा?

उत्तर: सिंधु से रास्ता भगवान राम ने अपनी सेना के साथ लंका जाने के लिए माँगा।

(घ) इस कविता में ‘सुयोधन’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?

उत्तर: इस कविता में ‘सुयोधन’ का संबोधन दुर्योधन के लिए किया गया है, जो कौरवों का नेता था।

(ङ) किन गुणों को सारा जग पूजता है?

उत्तर: सहनशीलता, क्षमा, दया, तप और त्याग जैसे गुणों को सारा संसार आदर और सम्मान से पूजता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

(क) ‘नर व्याघ्र’ का प्रयोग कवि ने क्यों किया है?

उत्तर: कवि ने ‘नर व्याघ्र’ का प्रयोग दुर्योधन के लिए किया है क्योंकि वह मनुष्य होते हुए भी हिंसक और क्रूर स्वभाव का था। उसने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और अन्याय का समर्थन किया। उसका आचरण ऐसा था जैसे कोई जंगली जानवर हो, जिसमें मानवता और सहानुभूति का अभाव हो। इसी कारण कवि ने उसे ‘नर व्याघ्र’ कहा।

(ख) सागर किसके चरणों में आ गिरा और क्यों?

उत्तर: सागर राम के चरणों में आ गिरा क्योंकि राम का क्रोध देखकर वह भयभीत हो गया। उसे लगा कि राम अपने बाणों से उसे नष्ट कर देंगे। सागर ने अपनी गलती स्वीकार की और राम से क्षमा मांगते हुए उनका मार्ग प्रशस्त किया। यह घटना सागर के अहंकार का अंत और राम के धैर्य एवं क्रोध की शक्ति को दर्शाती है।

(ग) ‘क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस पंक्ति का अर्थ है कि क्षमा केवल उसी को शोभा देती है जो शक्तिशाली और साहसी है। जैसे विषैला सर्प यदि डसने की क्षमता रखते हुए भी शांत रहता है, तो वह श्रेष्ठ माना जाता है। इसी प्रकार, क्षमा का महत्व तभी है जब क्षमा देने वाला बलवान हो। कमजोर व्यक्ति की क्षमा को लोग उसकी मजबूरी समझते हैं।

(घ) ‘सच पूछो तो शर में ही बसती है दीप्ति विनय की’ पंक्ति के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर: कवि इस पंक्ति के माध्यम से यह कहना चाहता है कि शक्ति और विनय दोनों का संतुलन आवश्यक है। वाण में विनय का तेज और अनुशासन भी छिपा होता है। वह अपनी मर्यादा में रहकर संधि और युद्ध दोनों का माध्यम बन सकता है। इसी गुण के कारण वीर की शक्ति और शील की प्रशंसा की जाती है।

(ङ) कवि इस कविता के माध्यम से क्या सन्देश देना चाहता है?

उत्तर: कवि इस कविता के माध्यम से यह सन्देश देना चाहता है कि क्षमा केवल उन्हीं को शोभा देती है जो सामर्थ्यवान और शक्तिशाली हैं। कमजोर व्यक्ति यदि क्षमा करता है, तो उसे कायरता समझा जाता है। क्षमा का उपयोग तभी करना चाहिए जब वह दूसरों के जीवन और समाज में सुधार लाने का कारण बने। क्षमा का आधार शक्ति और साहस होना चाहिए, न कि कमजोरी।

भाषा की बात

प्रश्न 4. शुद्ध उच्चारण कीजिए l

क्षमा, व्याघ्र, क्षमाशील, समक्ष, पौरुष, दीप्ति, संपूज्य

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5. शुद्ध वर्तनी पर गोला लगाइए l

सहारा, साहरा, साहारा
शोमति, शीमीति, शोमती
वनीत, विनीत, वीनीत
दिपिती, दीप्ति, दीपती

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 6. ‘सहनशील’ शब्द में ‘ता’ प्रत्यय लगाकर ‘सहनशीलता’ शब्द बना है। इसी प्रकार के अन्य शब्द बनाइए

उत्तर –

सफल – सफलता
धीर – धीरता
वीर – वीरता
अधीर – अधीरता
व्याकुल – याकुलता
सरल – मरलता
मधुर – मधुरता

प्रश्न 7. निम्नलिखित शब्दों में से अनुस्वार एवं अनुनासिकता वाले शब्दों को छांटिए l

कहाँ, “भुजंग, दंतहीन, माँगना, सिंधु, बंधा, बंधन, संपूज्य, आँच, प्रशंसा, आँख, चाँद, कलाएँ, तुरंत।

उत्तर-

  • अनुस्वर वाले शब्द- भुजंग, दंतहीन, सिंधु, बंधन, संपूज्य, प्रशंसा, तुरंत
  • अनुनासिकता वाले शब्द- कहाँ, माँगना, बंधा, आँच, आँख, चाँद, कलाएँ ।

प्रश्न 8. दिए गए शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए l

भुजंग, गरल, दर्प, पथ, शर, नर

उत्तर- सांप, विष, घमंड, रास्ता, बाण, पुरुष।

प्रश्न 9. दिए गए शब्दों में से विलोम शब्दों की जोड़ी बनाइए l

सरल, दयालु, चरण, कठिन, दुष्ट, दासता, आजादी, शीश

उत्तर –

सरल- कठिन
दयालु – दुष्ट
चरण – शीश
दासता – आजादी

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