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‘कटुक वचन मत बोल’ मध्य प्रदेश बोर्ड की कक्षा 6 की हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘भाषा भारती’ का दूसरा अध्याय है। रामेश्वरदयाल दुबे द्वारा लिखित यह पाठ वाणी के महत्व पर केंद्रित है। इस अध्याय में छात्र सीखेंगे कि मानव जीवन में वाणी का क्या महत्व है और कैसे मीठी वाणी का प्रयोग करके जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है। लेखक ने स्पष्ट किया है कि वाणी का वरदान केवल मनुष्य को ही मिला है, इसलिए हमें इसका सदुपयोग करना चाहिए।

MP Board Class 6 Hindi Bhasha Bharti Chapter 2
Subject | Hindi ( Bhasha Bharti ) |
Class | 6th |
Chapter | 2. कटुक वचन मत बोल |
Author | रामेश्वर दयाल दुबे |
Board | MP Board |
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए
(क) दाँत जल्दी टूट जाते हैं क्योंकि वे होते हैं
(i) छोटे,
(ii) संख्या में अधिक,
(iii) कठोर,
(iv) कमजोर।
उत्तर – (iii) कठोर
(ख) मधुर वचन है
(i) तीर
(ii) औषधि
(iii) नीर
(iv) क्षार।
उत्तर- (ii) औषधि।
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) शरीर में अगर जीभ अच्छी नहीं है तो सब बुरा-बुरा है।
(ख) वाणी का वरदान मात्र मानव को मिला है।
(ग) वाक्चातुर्य से कटु सत्य को प्रिय और “मधुर” बनाया जा सकता है।
(घ) वाणी के दुरुपयोग से स्वर्ग भी नर्क में परिणत हो सकता है।
प्रश्न 3. एक या दो वाक्यों में उत्तर दीजिए
(क) मालिक ने लुकमान की बुद्धिमानी की परीक्षा किस प्रकार ली?
उत्तर: मालिक ने लुकमान से यह प्रश्न पूछकर उसकी बुद्धिमानी की परीक्षा ली कि शरीर का सबसे अच्छा और सबसे बुरा हिस्सा कौन-सा होता है। इस प्रश्न से मालिक उसकी समझ और सोचने की क्षमता का मूल्यांकन करना चाहता था।
(ख) जिज्ञासु ने कन्फ्यूशस से क्या प्रश्न किया?
उत्तर: जिज्ञासु ने कन्फ्यूशस से यह पूछा कि कौन सबसे दीर्घजीवी होता है। इस प्रश्न का उद्देश्य जीवन के रहस्यों को समझने की जिज्ञासा को दर्शाना था।
(ग) श्रीमती शास्त्री नौकर पर क्रोधित क्यों हुई?
उत्तर: श्रीमती शास्त्री नौकर पर इसलिए क्रोधित हुई क्योंकि उसने कोई काम गलत तरीके से किया था, जिससे उन्हें परेशानी हुई। यह क्रोध उसकी असावधानी पर था।
(घ) राजा ने स्वप्न में क्या देखा?
उत्तर: राजा ने स्वप्न में देखा कि उसके सारे दाँत टूट गए हैं। यह स्वप्न उसके भीतर किसी भय या चिंता का संकेत हो सकता है।
(ङ) बुलबुल और फूल का संवाद लिखिए।
उत्तर: बुलबुल ने फूल से कहा कि वह अभिमान न करे क्योंकि बाग में उसके जैसे कई फूल पहले भी खिले हैं। फूल ने हँसते हुए उत्तर दिया कि सच्ची बात पर वह नाराज नहीं होता, पर प्रियजनों से कटु बातें नहीं कही जातीं।
प्रश्न 4. तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर लिखिए
(क) लुकमान ने अपने मालिक के दोनों प्रश्नों के उत्तर में ‘जीभ’ ही क्यों कहा?
उत्तर: लुकमान ने ‘जीभ’ को सबसे अच्छा और सबसे बुरा अंग कहा क्योंकि जीभ के माध्यम से ही हम अच्छे या बुरे शब्द बोलते हैं। जब जीभ का उपयोग अच्छे कार्यों और मधुर वाणी के लिए होता है, तो सब कुछ अच्छा होता है, लेकिन जब इसका उपयोग कटु वचन बोलने के लिए किया जाता है, तो परिणाम बुरा होता है। जीभ से ही व्यक्ति की प्रतिष्ठा बढ़ती है या घटती है, इसलिए इसका सही उपयोग सबसे महत्वपूर्ण है।
(ख) ‘जो नम्र होता है, वही अधिक समय तक जीता है’, एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर: नम्रता और लचीलापन दीर्घजीवी होने का गुण है, इसे जीभ और दाँतों के उदाहरण से समझा जा सकता है। जीभ, जो कोमल और लचीली होती है, वह दाँतों से पहले पैदा होती है और दाँतों के टूटने के बाद भी रहती है। जबकि दाँत, जो कठोर होते हैं, पहले टूट जाते हैं। यह दिखाता है कि नम्रता और कोमलता जीवन में स्थिरता और लंबी उम्र का प्रतीक हैं।
(ग) ‘जीभ ने दुनिया में बड़े-बड़े कहर ढाए हैं’, उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: जीभ के गलत उपयोग से समाज में अनेक समस्याएं उत्पन्न हुई हैं, इसका सबसे बड़ा उदाहरण महाभारत का युद्ध है, जो द्रौपदी के अपमानजनक वचनों से शुरू हुआ। कटु वचन न केवल व्यक्तिगत झगड़े उत्पन्न करते हैं बल्कि कभी-कभी पूरे समाज या राष्ट्र को संकट में डाल सकते हैं। इसलिए, जीभ का गलत उपयोग संसार में बड़े-बड़े कहर लाने का कारण बनता है।
(घ) ‘वाणी तो सभी को मिली हुई है परन्तु बोलना किसी-किसी को ही आता है’, भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यह पंक्ति यह बताती है कि हर इंसान के पास बोलने की क्षमता है, लेकिन सभी लोग इसका सही उपयोग नहीं जानते। बोलने की कला में प्रेम और मधुरता होनी चाहिए, क्योंकि सही शब्द संबंधों को मजबूत बनाते हैं और गलत शब्द बुराई और झगड़े का कारण बन सकते हैं। अतः, बोलने की कला वही जानता है जो समझदारी से सही समय पर सही शब्दों का चयन करता है।
(ङ) ‘कटुक वचन मत बोल’, पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: इस पाठ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा मधुर और विनम्र भाषा का प्रयोग करना चाहिए। कड़वे वचन लोगों के बीच झगड़े और तनाव का कारण बनते हैं, जबकि मृदु वचन से शांति और प्रेम का वातावरण बनता है। इसलिए, हमें अपने शब्दों में हमेशा शालीनता और स्नेह बनाए रखना चाहिए, ताकि समाज में सुख और शांति बनी रहे।
प्रश्न 5. सोचिए और बताइए
(क) ‘तीन इंच की जीभ, छः फुट के आदमी को मार सकती है’, कैसे?
उत्तर: मनुष्य की जीभ मात्र तीन इंच की होती है, परन्तु इससे बोले गए कटु वचन छः फुट लम्बे व्यक्ति के मन को इतनी गहरी चोट पहुँचाते हैं कि वह आंतरिक रूप से टूट सकता है। कटु वाणी सुनने वाला व्यक्ति दुखी होकर मानसिक आघात महसूस करता है। जीभ से कहे गए बुरे शब्द व्यक्ति के आत्मसम्मान और मन की शांति को नष्ट कर सकते हैं, जिससे उसकी आत्मा घायल हो जाती है।
(ख) ‘किसी का हृदय कटु वाणी से दुःखी नहीं करना चाहिए’, क्यों?
उत्तर: कटु वाणी किसी व्यक्ति के हृदय को बहुत गहरा आघात पहुँचाती है, क्योंकि यह तेज वाण (तीर) के समान होती है। कटु शब्द कानों के माध्यम से मनुष्य के दिल तक पहुँचकर उसे पीड़ा देते हैं। इससे व्यक्ति का आत्मबल और मनोबल क्षीण हो जाता है, इसलिए हमें किसी के प्रति कड़वी बात नहीं कहनी चाहिए।
(ग) ‘बातन हाथी पाइए, बातन हाथी पाँव’ का क्या आशय है?
उत्तर: इसका आशय है कि मृदु वाणी और मधुर व्यवहार से बड़े से बड़े काम आसानी से किए जा सकते हैं। जैसे, नम्रता और अच्छे बोल से एक हाथी को भी वश में किया जा सकता है, उसी प्रकार विनम्रता से मनुष्य असम्भव कार्य को भी सम्भव बना सकता है। मधुर वाणी से व्यक्ति समाज में सम्मान पाता है, जबकि कटु वाणी उसे दूसरों की नजरों में गिरा सकती है।
प्रश्न 6. अनुमान और कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए
(क) यदि लुकमान की जगह आप होते तो मालिक के प्रश्नों का क्या उत्तर देते?
उत्तर: यदि मैं लुकमान की जगह होता, तो मालिक के प्रश्नों का उत्तर यही देता कि जीभ सबसे महत्वपूर्ण अंग है। इसके सदुपयोग से प्रेम और सद्भाव फैलाया जा सकता है, जबकि इसके दुरुपयोग से दुश्मनी और कलह उत्पन्न होते हैं। जीभ से मृदु वचन समाज में शांति ला सकते हैं और कटु वचन अशांति का कारण बनते हैं।
(ख) हमें वाणी का वरदान न मिला होता तो क्या होता?
उत्तर: यदि हमें वाणी का वरदान न मिला होता, तो हम अपने भावों और विचारों को व्यक्त नहीं कर पाते। हमारे जीवन में संवाद का अभाव होता और समाज में आपसी समझ का विकास नहीं हो पाता। इस स्थिति में पूरी दुनिया मूक और अकेली रह जाती, जिससे मनुष्य एक-दूसरे की भावनाओं को नहीं समझ पाता।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए और लिखिए l
व्यक्तित्व, विदीर्ण, प्रशंसा, वाणी, बुद्धिमान।
उत्तर – कक्षा में अपने अध्यापक की सहायता से शुद्ध उच्चारण करके अभ्यास करें और लिखें।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए l
जिग्यासु, दाशनिक, हिरदय, प्रसनशा, हंसकर।
उत्तर – जिज्ञासु, दार्शनिक, हृदय, प्रशंसा, हँसकर।
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए l
उत्तर –
स्वप्न: महात्मा गांधी ने स्वतंत्र और समृद्ध भारत का स्वप्न देखा था।
लोकप्रिय: सचिन तेंदुलकर अपनी खेल प्रतिभा के कारण पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं।
ऐश्वर्य: राजा अपने ऐश्वर्य और वैभव के लिए पूरे राज्य में प्रसिद्ध था।
कारावास: स्वतंत्रता संग्राम के समय कई वीरों को ब्रिटिश सरकार ने कारावास में डाल दिया था।
अभिमानी: अभिमानी व्यक्ति दूसरों की सलाह को कभी भी महत्व नहीं देता है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों में से विकारी और अविकारी शब्द छाँटकर लिखिए l
लड़की, तालाब, गाँव, ही, भी, नगर, तथा, इधर ।
उत्तर –
(क) विकारी शब्द-लड़की, तालाब, गाँव, नगर।
(ख) अविकारी शब्द-ही, भी, तथा, इधर ।